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शिमला। प्रदेश की कांग्रेस सरकार एवं नगर निगम की वामपंथी सरकार स्थानीय जनता को दोनों हाथों से लूट रही है तथा जनता को सुविधा के नाम पर कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है। यह शब्द बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त शर्मा ने जारी ब्यान में कहे। पार्टी उपाध्यक्ष ने कहा कि इस बार जनता इस लूट वाली सरकार व व्यवस्था को नगर निगम चुनाव में सबक सिखाएगी। दत्त ने कहा है कि शिमला नगर निगम में सभी घरों में पानी के मीटर लगे हुए हैं लेकिन जनता को लूटने के लिए एवरेज रेट पर पानी के बिल दिए जा रहे हैं। यही नहीं महीने में 10-12 दिन भी पानी नहीं आता लेकिन पैसे पूरे 30 दिन के एवरेज रेट के आधार पर लिए जा रहे हैं। 30 प्रतिशत सीवरेज सैस लगा कर जनता की जेबें काटी जा रही हैं। कई स्थानों पर अभी तक सीवरेज लाइनें नहीं बिछी हैं लेकिन पानी के बिलों के साथ 30 प्रतिशत सीवरेज सैस लिया जा रहा है, जोकि सरासर गलत है और जनता पर भारी बोझ है। बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगर निगम शिमला की वार्ड बंदी व्यवहारिकता के आधार पर एवं समजन संख्या के आधार पर न कर अपनी सुविधा के अनुसार शिमला शहर की वार्डबंदी की है जिससे जनता में भारी रोष व्याप्त है। इसलिए सरकार को वार्डबंदी सम आबादी एवं व्यवहारिकता के आधार पर करनी चाहिए। उन्होनें कहा कि केंद्र से मिले शिमला के सौंदर्यीकरण के पैसे का दुरूपयोग हो रहा है तथा उस पैसे को नालियों में बहाया जा रहा है और सौंदर्यीकरण के नाम से भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद इस भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलायी जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगर निगम व सरकार को केवल माल रोड़ ही शिमला नजर आता है और जो स्कीमें आती हैं वे केवल माल रोड़ तक ही सीमित रहती हैं जबकि पैसा सारे शिमला के लिए आता है। आज शिमला के बाहरी एवं माल रोड़ के अतिरिक्त सारे शिमला के रास्ते टूटे-फूटे हैं तथा आम नागरिकों को नगर निगम से कोई सुविधा नहीं मिल रही है और नगर निगम केवल टैक्स उगाही का ही केंद्र बन गया है। गणेश दत्त ने आरोप लगाया कि कांग्रेस व वामपंथियों को शिमला शहर को स्मार्ट सिटी से बाहर करने में अपनी भूमिका निभाई है। यदि कांग्रेस सरकार व नगर निगम शिमला मिल कर अपना पक्ष मजबूती से रखते तो कोई कारण नहीं था कि शिमला स्मार्ट सिटी से बाहर हो जाता। उन्होंने कहा कि आजकल स्मार्ट सिटी के लिए की जा रही बैठकें मात्र दिखावा हैं और नगर निगम चुनाव से पूर्व जनता को गुमराह करने का एक माध्यम है। उन्होनें कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने स्मार्ट सिटी के लिए अपना पक्ष मजबूती से केंद्र के समक्ष रखा है और उम्मीद करनी चाहिए कि 200 वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक शिमला शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा अवश्य मिलेगा।
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