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मोहिंदर भारती/रेवाड़ी। दहेज हटाओ, बेटी बचाओ के नारे के साथ महाराष्ट्र का 30 वर्षीय युवक श्रीधर पिछले वर्ष से देश की यात्रा पर निकला हुआ है। इस युवक का कहना है कि सरकार ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना को चलाया, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं लेकिन देश में अनेकों रूढ़िवादी विचारधारा के लोग हैं जिनकी वजह से बेटियों को अपने जीवन की बलि देनी पड़ रही है।
लगातार बेटियों को दहेज के दानव अनपे स्वार्थ के लिए मार रहे हैं। उन्ही की आवाज को बुलंद करने के लिए यह युवक निकला है ताकि लोगों तक दहेज हटाओ, बेटी बचाओ का संदेश पहुंचा सके। महाराष्ट्र के नागपुर महानगर के गांव यवतमाल का रहने वाला 30 वर्षीय युवक श्रीधर एक एथलीट है। श्रीधर ने नागपुर में आजाद हिंद (एथलीट) रजि. एक कोचिंग सेंटर भी खोला हुआ है, जिसमें 1500 से ज्यादा खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। श्रीधर ने अपनी दहेज हटाओ बेटी बचाओ साइकिल यात्रा सितंबर 2016 से शुरू की थी।
अब इस यात्रा के दूसरे चरण में 4 जून, 2017 से फिर यात्रा को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को हरियाणा के जिला रेवाड़ी में प्रवेश किया है, जहां लोगों ने उसकी इस मुहिम का दिल से स्वागत किया। विजयाताई राजतकर, चेयर पर्सन, महिला आयोग महाराष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे इस युवक को एक लेटर जारी कर पुलिस सहायता दिलाई। अब युवक जिस राज्य में प्रवेश करता है वहां की पुलिस उसकी सुरक्षा में इस यात्रा में उसके साथ-साथ चलती है। श्रीधर के अनुसार इस यात्रा में उसे अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, लेकिन समाज में यह संदेश देना बहुत जरूरी है कि दहेज हटाओ, बेटी बचाओ आज समाज और किसी भी देश के लिए कितना जरूरी है। यदि बेटियों सुरक्षित नहीं रहेंगी तो कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता।
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