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स्वस्थ शरीर में ही ईश्वर का निवास होता है। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ ही नहीं है तो ऐसे में वह ईश्वर की बनाई इतनी प्यारी मानव शरीर रचना का आनंद ही नहीं उठा सकता है। बेशक आप करोड़पति हों या अरबपति हों, अब अगर व्यक्ति स्वस्थ ही नहीं है तो वह भला धन का क्या आनंद ले सकता है? इसलिए ही धर्म शास्त्रों में भी स्वास्थ्य का विशेष महत्त्व बताया गया है। अब आप अगर वास्तु शास्त्र को मानते हैं तो वास्तु के इन सरल उपायों को करने से भी आप खुद को काफी बीमारियों से दूर रख सकते हैं।
कई बार हम ऐसा महसूस करते हैं कि अपने शयनकक्ष में हमें अच्छी नींद नहीं या सुबह उठने पर भी हमारी नींद पूरी नहीं हो रही होती है तो इसका अर्थ साफ़ है कि शयनकक्ष में नकारात्मक ऊर्जा हावी हो रही है जो जल्द ही आपको बीमार कर सकती है इसलिए शयनकक्ष कभी भी पूरी तरह से बंद नहीं होना चाहिए। सुबह की ताज़ी हवा आने के लिए कमरे में उपयुक्त खिड़की होनी चाहिए। शयनकक्ष में जूठे बर्तन बहुत अधिक समय तक नहीं रखने चाहिए, साथ ही साथ और महत्वपूर्ण बात कि अगर आप शयनकक्ष में कोई तस्वीर लगा रहे हैं तो नकारात्मक तस्वीर का तो प्रयोग बिलकुल भी न करें।
रात को सोते समय अच्छी नींद यदि नहीं हो पाती है तो इससे आप खुद को बीमार बना रहे हैं। वास्तु के अनुसार अच्छी नींद व्यक्ति को काफी बीमारियों से दूर रखती है। रात को सोते समय ध्यान दें कि आपका सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में सोते समय न रहें। इन दिशाओं में इस प्रकार सोने से सर दर्द और अनिद्रा की बीमारियां, व्यक्ति को परेशान करती हैं।
वास्तु के अनुसार तुलसी का पौधा अपने आप में एक अचूक दवा है। यदि घर में तुलसी जी का कोई पौधा है तो यह छोटा सा उपाय ही कई छोटी या मौसमी बीमारियों को व्यक्ति से दूर कर देता है, साथ ही सूर्य की पेंटिंग या क्रिस्टल भी नकारात्मक ऊर्जा को व्यक्ति से दूर करती हैं।
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