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आपने दबंग फिल्म देखी होगी तो आपको फिल्म के हीरो सलमान खान को वो डाॅयलाग याद होना चाहिए, मोटे वाले इस तरफ,पतले वाले इस तरफ, फिट वाले मेरे पीछे,लेकिन जब सलमान पीछे मुडकर देखते हैं तो पीछे कोई नजर ही नहीं आता है। ये डायलाॅग हिमाचल में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर पर फिट बैठता है,सब दाएं-बाएं हैं,पीछे तो कोई है ही नहीं। अकेले ही चले हुए हैं साहब! चलो ये विषय हमारा नहीं है,उनकी वो ही जाने,हमें तो इस पालिटिकल तपसरे की भूमिका बांधनी थी,इसलिए हमने शुरूआत कुछ ऐसी की। अब पते की बात पर आते हैं,उपचुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेसी उत्साहित हो गए तो धडों में बंट गए,ये किस्सा हमने आपको बीते कल भी सुनाया था। आज इसे कडीबद्व करते हुए आपको ये बताने की कोशिश करेंगे कि कांग्रेसी विधायकों में कौन किसके साथ खडा दिख रहा है। सीधी-सीधी लकीर पटी हुई है। उपचुनाव के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 21 से बढकर 22 हो गई है। कोटखाई कांग्रेस ने बीजेपी से छीन ली है। अर्की व फतेहपुर पहले भी कांग्रेस की थीं,उपचुनाव में भी बरकरार रही हैं। चलों अब आपको बताते हैं कि इन 22 विधायकों में से इस वक्त पार्टी के पूव्र प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू नौ विधायकों को अपने साथ लेकर चल रहे हैं। खुद को मिलाकर सुक्खू के पाले में दस विधायक हैं,यानी सुक्खू नंबर वन पर हैं। सुक्खू के साथ खडे विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा,कांगडा से पवन काजल,कुल्लू से सुंदर ठाकुर,उना से सतपाल रायजादा,अर्की से संजय अवस्थी,नालागढ से लखविंद्र राणा,कुसुम्पटी से अनिरूद्व सिंह,कोटखाई से रोहित ठाकुर व किन्नौर से जगत सिंह नेगी शामिल हैं। अब दूसरे नंबर पर इसके बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री हैं जिनके पाले में उन्हें खुद को मिलाकर पांच विधायक हैं। इनमें डलहौजी से आशा कुमारी, पालमपुर से आशीष बुटेल,श्री रेणुकाजी से विनय कुमार,फतेहपुर से भवानी पठानिया शामिल हैं। इसके बाद तीसरे नंबर पर शिमला ग्रामीण से विक्रमादित्य सिंह आते हैं,जिनके खाते में तीन विधायक गिने जा रहे हैं,उन्हें खुद को मिलाकर ये संख्या चार हो जाती है। विक्रमादित्य सिंह के पाले में आने वालों में रामपुर से नंदलाल,रोहडू से मोहन लाल ब्राक्टा व बडसर से इंद्रदत्त लखनपाल गिने जाते हैं। इस तरह ये संख्या 19 हो जाती है। जबकि तीन विधायक ऐसे हैं जो अकेले ही चले हुए हैं,इनमें श्रीनयना देवी से रामलाल ठाकुर,सोलन से कर्नल धनीराम शांडिल व शिलाई से हर्षवर्धन चैहान के नाम आते हैं। इनमें भी कर्नल धनीराम शांडिल अंदरखाते सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बताए जा रहे हैं,जबकि हर्षवर्धन चैहान का झुकाव भी सुक्खू के प्रति हो सकता है। कहा तो ये भी जा रहा है कि बडसर से इंद्रदत लखनपाल भी सुक्खू की तरफ गलबाहियां डाल रहे हैं। अब एक परेड तो पिछले दिनों दिल्ली में हो चुकी है,दूसरी होते-होते हो सकता है ये तीन विधायक भी ओपन होकर आ जाए। इसमें देखने वाली बात तो ये है कि इन सबमें सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले नंबर पर उभरकर सामने आए हैं,जो अपने साथ विधायकों का सबसे बडा नंबर जोडने में सफल हो पाए हैं। मुकेश अग्निहोत्री के साथ एक दिक्तत इस बात की है कि उनके साथ आशा कुमारी जुडी हुई हैं,वो स्वयं सीएम पद की कैंडिडेट हैं। लेकिन सुक्खू के साथ इस तरह की कोई दिक्कत नहीं है,वह अकेले ही अपनी टीम मेें सीएम पद के कैंडिडेट हैं। रही बात विक्रमादित्य सिंह की तो उनके साथ जो तीन विधायक हैं,वो दिवंगत वीरभद्र सिंह के वक्त से साथ हैं। उनमें रामपुर से नंदलाल व रोहडू से मोहन लाल ब्राक्टा को वीरभद्र सिंह का नाम साथ जोडकर रखना चुनावी मजबूरी हो सकती है। चूंकि दोनों के क्षेत्र में राजा परिवार का नाम चलता है। ऐसे में बडसर से इंद्रदत लखनपाल के साथ ऐसी कोई मजबूरी नहीं दिख रही है। तो ये कांग्रेस के विधायकों की स्थिति है। यानी अगली परेड में सुक्खू खुद को जोडकर ये संख्या दस से 13 ना कर लें,इसमें कोई संशय नहीं दिख रहा है। लेकिन इस सबके बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कहां है,कोई देख ही नहीं रहा। हमने जो दबंग फिल्म का डाॅयलाग आपको सुनाया था,वो ही इस सारी पालिटिकल कहानी का सार है।
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