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हिमाचल प्रदेश में वैसे तो देश के लिए कुर्बान हुए लोगों को सम्मानित करने की बात कही जाती है लेकिन असलियत कुछ और ही है…. हिमाचल सरकार मणिपुर में शहीद हुए हिमाचल के सपूत शहादत को भूल चुकी है …और उनके परिजन आज तक उनके हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मणिपुर में 2002 में आंतकवादी हमले में शहीद हुए ज्वाली उपमंडल के राजोल पंचायत के लटेर गांव के शहीद राइफलमैन भीम सेन को मणिपुर सरकार ने तो सम्मान दे दिया लेकिन गृह राज्य हिमाचल शहीद की शहादत को ही भूल गया। शहीद के गांव लटेर में शहीद के घर तक ना तो पक्की सड़क बन पाई है और ना ही उसकी शहादत में गेट का निर्माण हो पाया है यही नहीं शहीद के गांव के लोग आज भी खड्ड पार कर अपनी रोजमर्रा की जरूरत की खरीदारी के लिए आवाजाही करने को मजबूर हैं।
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