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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित नालागढ़ उपमंडल के जगतपुर के जोगो गांव के 41 वर्षीय बटालियन हवलदार मेजर कुलदीप सिंह ने दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे इलाके द्रास में शहादत पाई थी। तीन दिन बाद अब जाकर उनकी पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची। पार्थिव देह को देखते ही शहीद का परिवार बिलख पड़ा। 41 वर्षीय कुलदीप सिंह 79 मीडियम आर्टिलरी रेजिमेंट में बतौर बटालियन हवलदार मेजर (टीए) के पद पर तैनात थे।
शहीद कुलदीप सिंह ने ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ के तहत शहादत पाई है।पैतृक गांव में शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्वतंत्रता सेनानी दोला सिंह के पोते कुलदीप सिंह का जन्म 6 अप्रैल 1979 को हुआ था और 10 जुलाई 1999 को वह सेना में भर्ती हुए थे। कुलदीप सिंह को बचपन से ही देश रक्षा का जज्बा था। शहीद हवलदार मेजर कुलदीप सिंह के भाई सुरिंदर सिंह भी बीएसएफ से रिटायर हुए हैं। इसके इलावा उनके चचरे भाई भी सेना में सेवाएं दे रहे है।
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