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धर्मशाला। पुलिस थाना मैक्लोडगंज के तहत पिछले हफ्ते घायलावस्था में मिले अज्ञात व्यक्ति, जिसकी पीजीआई चंडीगढ़ में मौत हो गई थी, की शिनाख्त हो गई है। उसकी पहचान प्रमोद आर्य पुत्र स्वर्गीय वेद प्रकाश आर्य निवासी जी-81एमजीएम फरीदाबाद के रूप में हुई है। पुलिस द्वारा इस अज्ञात व्यक्ति की पहचान के लिए देशभर के पुलिस थानों में फोटो भेजी थी। उसी फोटो को देखकर प्रमोद आर्य के परिजनों ने उसकी शिनाख्त की है। शनिवार को प्रमोद आर्य का छोटा भाई अजय कुमार मैक्लोडगंज पहुंचा और शव की शिनाख्त की। उसने बताया कि प्रमोद आर्य एलआईसी एजेंट था और कुछ दिन पहले ही फरीदाबाद से मैक्लोडगंज आया था। इस बात की उन्हें जानकारी नही थी और प्रमोद के घर नही लौटने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी न्यू इंडस्ट्री टाउन फरीदाबाद में दर्ज करवाई थी। प्रमोद के परिजनों का कहना है कि उसके पास अपनी पहचान के सभी दस्तावेज थे तो फिर जब वह पुलिस को अचेतावस्था में मिला तो वह दस्तावेज पुलिस को क्यों नहीं मिले। उन्होंने प्रमोद के गिरने से हुई मौत को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
वहीं इस बारे में एसपी कांगड़ा संजीव गांधी का कहना है कि शिनाख्त होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। सनद रहे कि विगत शुक्रवार को मैक्लोडगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि धर्मकोट-गलू टैंपल सड़क पर एक व्यक्ति खाई में गिरा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने उस व्यक्ति को खाई से निकाला और सड़क तक पहुंचाया।
फिर उसे उपचार के लिए जोनल अस्पताल धर्मशाला ले गई। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा रेफर कर दिया गया। टांडा में भी उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया। मंगलवार को पीजीआई में उस व्यक्ति की मौत हो गई थी। उस व्यक्ति के पास से भी पुलिस को एक भी ऐसा दस्तावेज नहीं मिला था जिससे कि पुलिस उसके बारे में कुछ पता लगा सके।
धर्मशाला। पुलिस थाना मैक्लोडगंज के तहत मुख्य बाजार के पास शनिवार को एक तिब्बती मूल का 23 वर्ष युवक घर में खाना बनाते समय झुलस गया। गंभीर रूप से झुलसे हुए युवक को धर्मशाला से डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज (टांडा) रैफर कर दिया है। युवक की पहचान दोरजे घापेला (23) के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोरजे मैक्लोडगंज में अपनी बहन की घर में रह रहा था, शनिवार को दोहपर बाद घर में रसोईघर से जलने की बदबू आई।
जब परिजन व आसपास के लोग जब रसोईघर में पहुंचे तो देखा कि दोरजे आग की चपेट में आ चुका है। परिजनों उसे तत्काल धर्मशाला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे टांडा रैफर कर दिया। पुलिस टीम धर्मशाला में पीडि़त की बयान कलमबद्ध नहीं कर पाए, क्योंकि दोरजे की बहनों ने बताया कि वह न तो बोल सकता है और न ही सुन सकता है। इस बारे में एसपी कांगड़ा संजीव गांधी ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आगामी छानबीन की जा रही है।
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