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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में आंतरिक कलह को खत्म करने के लिए दिनभर चली कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही हैं। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। समाजवादी पार्टी में अहम भूमिका निभा रहे रामगोपाल यादव एक बार फिर चुनाव आयोग के पास पहुंचे। रामगोपाल ने 205 विधायकों के समर्थन का हलफनामा चुनाव आयोग में दिया, और साथ ही रामगोपाल ने फिर दावा ठोंका कि असली समाजवादी पार्टी अखिलेश की अगुवाई वाली है। इसके साथ ही उन्होंने साइकिल चुनाव चिह्न अखिलेश की अगुवाई वाली पार्टी को देने की मांग की। रामगोपाल यादव ने दावा किया कि सपा में 90 फीसदी से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता अखिलेश के समर्थन में हैं।
उन्होंने कहा कि कुल 5731 में 4716 प्रतिनिधियों के हलफनामे भी हम चुनाव आयोग में दायर करेंगे। वहीं सुलह की आखिरी कोशिशों के बीच लगातार बैठकों और मुलाकातों का दौर जारी है। ऐसे में यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान आज एक बार फिर मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर सुलह की कोशिश करेंगे। समाजवादी पार्टी में अखिलेश गुट का दावा है कि अब अखिलेश ही राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे। अखिलेश समर्थकों के मुताबिक पार्टी राष्ट्रीय अधिवेशन के जरिए अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। ऐसे में पार्टी के 90 फीसदी लोगों ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है, समर्थकों का कहना है कि परिवार के निजी रिश्तों का हवाला देकर अखिलेश यादव को इमोशनल ब्लैक मेल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव चुनाव में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अखिलेश ने पार्टी का घोषणापत्र तैयार कर लिया है, और वह अगली 10 जनवरी के बाद कभी भी अपना घोषणापत्र जारी कर सकते हैं, साथ ही 10 जनवरी को अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात में गठबंधन पर आखिरी मुहर लग सकती है और सीटों के बंटवारे पर भी समझौता हो सकता है।
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