- Advertisement -
लेखराज धरटा/ शिमला। कहते हैं सफाई की शुरुआत अपने घर से होती है। जिसका घर और अपने आसपास ही सफाई न हो उससे आगे क्या उम्मीद की जा सकती है। जाहिर है कि देश में संपूर्ण स्वच्छता का नारा बुलंद है, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रदेश के मंत्रियों का दूर-दूर तक इससे कोई लेना-देना नहीं है। शिमला स्थित कैबिनेट मंत्रियों के आवासों के बाहर बिखरी गंदगी आने जाने वालों का तो मुंह चिढ़ा रही है, लेकिन जो नेता यहां रहते है उन्हें तो पता भी नहीं है कि उनके आवास के आसपास गंदगी भी फैली हुई है।
सचिवालय से मात्र 500 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित सरकारी आवासों के सामने वो मालाएं बिखरीं पड़ी है, जो उनके सम्मान या भेंट स्वरुप उन्हें जनता ने दी है। यह भेंट जनता की उम्मीदें तो दूर देश के प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत के कार्यक्रम के लिए भी एक मज़ाक बन गई है। तस्वीरे सच्चाई को साफ बयां कर रही हैं कि यह नेता सफाई अभियान से तभी जुड़ते है… जब उन्हें अपनी फोटो अखबारों में छपवानी हो। पर्यावरण विशेज्ञषों का कहना है कि ये फूलमालाएं पर्यावरण के लिए कितनी खतरनाक है। यहीं नहीं जब प्रदेश में सफाई अभियान की शुरूआत की बात हो तो नेता सिर्फ झाड़ू हाथों में लेकर फोटो खिंचवा लेते है, लेकिन उसके बाद सफाई का क्या हाल है इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं होता।
बहरहाल सरकारी आवासों के बाहर पड़ी फूल मालाओं को उठाने वाला अभी तक कोई नहीं है। विभागीय अधिकारी भी मंत्रियों के खिलाफ कुछ भी कहने से बचते ही फिर रहे हैं। बहरहाल, नेता एवं अधिकारी यदि इस तरह का उदाहरण पेश करेंगे तो अपने भाषणों में स्कूली बच्चों, युवाओं तथा समाज के दूसरे वर्गों से जो सफाई एवं पर्यावरण की दुहाई दी जाती है… क्या उन पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। शायद इस खबर के बाद नेतागण स्वच्छता की शुरूआत एक बार फिर से अपने सरकारी आवासों के आंगन से कर दें।
- Advertisement -