-
Advertisement
कागजों में सिमट गई रेहड़ी-फड़ी मार्किट
Last Updated on October 14, 2020 by Sintu Kumar
सोलन। हिमाचल की राजनीति में जिला सोलन अहम योगदान रखता है। इसीके चलते जिला में कई बार राजनीतिक कारणों से कुछ काम अधूरे रह जाते हैं। इन्हीं में से एक है सोलन में नगर परिषद की ओर से रेहड़ी फड़ी वालों के लिए बनाई जानी वाली मार्केट। वर्ष 2015 में रेहड़ी फड़ी वालों के लिए मार्किट के काम की शुरुआत की गई थी लेकिन आज तक यह सिरे नहीं चढ़ पाया है। हर बार रेहड़ी-फड़ी वालों को सड़कों से उठाने के लिए नगर परिषद उनके चालान करती है लेकिन जब वे मांग करते हैं कि उन्हें कोई उचित स्थान दिया जाए तो नगर परिषद के पास जवाब सिर्फ यह होता है कि मार्किट तैयार की जा रही है।
नगर परिषद सोलन के पास 148 के करीब रेहड़ी-फहड़ी वाले पंजीकृत हैं। वहीं 100 के करीब रेहड़ी-फड़ी वाले अवैध रूप से सोलन शहर में काम कर रहे हैं। नगर परिषद की ओर से लगातार रेहड़ी-फड़ी धारकों को हटाया जाता है लेकिन ये लोग फिर से आ जाते हैं। 2 साल पहले नगर परिषद ने रेहड़ी-फड़ी वालों को हाईवे से हटाकर बाईपास पर स्थापित करने के लिए रैड लाइट के नजदीक वैंडर मार्किट बनाने की योजना तैयार की थी लेकिन अभी तक काम अधर में ही लटका है।
2 साल पहले विधायक कर्नल धनीराम शांडिल और नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष पवन गुप्ता ने वैंडर मार्किट की आधारशिला रखी थी लेकिन आज दिन तक कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई के चलते वैंडर मार्किट बन नहीं पाई है। कई बार कांग्रेस शहर में विकास के कार्यों के पूरा न होने पर बीजेपी को घेर चुकी है, वहीं भाजपा भी कांग्रेस के विधायक को कई बार कटघरे में उतार चुकी है लेकिन राजनीति के चलते अभी तक वेंडर जोन पूरा नहीं हो पाया है।