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जयराम खेल गए चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक
Last Updated on January 26, 2022 by Deepak
जब सत्ता में बैठे लोग जनता के बारे में सोचने लगे ……………..उनकी मांगें पूरी करने लगे…………….. उनकी दिक्कतों को समझने लगे…………..तो समझो चुनाव आने वाले हैं। हिमाचल में भी यही हो रहा है इस साल चुनाव जो आने वाले हैं। सोलन से पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सीएम जयराम ने तोबड़तोड़ घोषणाएं कर हर वर्ग को छूने की कोशिश की। चुनावी साल में सोलन के ठोडो मैदान से प्रदेश के लिए कई सौगात की बौछार कर उन्होंने राजनीतिक संतुलन साधा। खास तौर पर पुलिस कांस्टेबल की मांग को मानकर उनके आंदोलन की धार को कुंद करने की सफल कोशिश भी की सीएम का फोकस गरीब, बुजुर्ग, बेसहारा और बीमार लोगों पर रहा। एक साथ कई घोषणाएं कर विपक्षी दलों से बड़े मुद्दे छीन लिए हैं। महंगी बिजली और कर्मचारियों के मुद्दे पर सीएम कांग्रेस सहित दूसरे राजनीतिक दलों के निशाने पर रहे हैं।
पड़ोसी राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्त बिजली और अन्य घोषणाएं कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। हिमाचल में भी यही अहम मुद्दे रहने वाले थे, लेकिन सीएम ने समय पर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। वहीं, इससे विपक्ष सकते में है कि इसका विरोध करे तो किस तरह से करे। विधानसभा चुनाव को अभी लगभग 11 माह का समय है। प्रदेश में पहले ही एक बड़े वर्ग को मुफ्त बिजली का तोहफा मिल चुका है। इसके साथ कर्मचारियों को भी आकर्षित करने के लिए उनकी हर मांग को करीब-करीब मान लिया है। हालांकि कर्मचारी यह मानकर चल रहे हैं कि पूरी स्थिति अधिसूचना के बाद ही साफ होगी। इसके बाद ही पता चलेगा कि किसे कितना लाभ होगा। प्रदेश में कोरोना काल के दौरान बिजली सब्सिडी पर सरकार ने कट लगाया था। इसके बाद से बिजली की दरों को लेकर राज्य सरकार अमूमन विपक्ष के निशाने पर रहती थी। दूसरी तरफ प्रदेश में बिजली के मीटर बदलने के बाद लोगों को भारी भरकम बिल जारी किए जा रहे थे। यह सभी मामले अब सीएम की इस घोषणा के नीचे दब जाएंगे। लेकिन चुनावी वर्ष होने के चलते इसे राजनीतिक लाभ की मंशा से भी देखा जा रहा है। सीएम ने अपने भाषण में चार साल के कार्यकाल में गरीब, बुजुर्ग, महिलाओं और बीमार लोगों के लिए सहारा, हिमकेयर व वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं का खास तौर पर जिक्र किया।