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देखने से पहले दिल थाम लेना आप भी बन सकते हैं शिकार
Last Updated on September 7, 2021 by Sintu Kumar
राजगढ़ । हिमाचल प्रदेश को पूरी दुनिया मे देव भूमि के नाम से जाना जाता है प्रदेश में अनेक ऐसी परंपरा, रीति रिवाज प्रथा व त्यौहार है जो बडी आस्था के साथ मनाए जाते है इन्ही मे से डगैली पर्व भी एक है । जो शायद हिमाचल प्रदेश के सिरमौर शिमला मंडी सोलन कुल्लू आदि के ग्रामीण क्षेत्रों को छोड कर शायद कही और नही मनाया जाता। डगैली का अर्थ है डायनो का पर्व इसे यहा डर के कारण या आस्था के कारण क्यों मनाया जाता है इसका कोई स्पष्ट प्रमाण देखने को नहीं मिलता कुछ क्षेत्रों मे यह डरवना पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को तथा कुछ क्षेत्रों में इसके ठीक छह दिनो के बाद भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी व अमावस्या के दिन मनाया जाता है। डगैली का हिंदी अर्थ है डायनो का पर्व। ऐसा माना जाता है इन दोनों रात्रि को डायने भूत पिशाच खुला आवागमन तथा नृत्य करते है। इस दृश्य को कोई आम आदमी नहीं देख सकता इसे केवल तांत्रिक तथा देवताओं के गुरु ही देख सकते है इस दिनो डायनो व भूत प्रेत को खुली छूट होती है वह किसी भी आदमी व पशु आदि को अपना शिकार बना सकती है। हम जये आपको वीडियो दिखाने जा रहे हैं वह इस पर्व पर एक शोध कार्य के मंचन के है। राजगढ़ के ऊपरी इलाकों में बीती रात व आज रात मनाया जा रहा है डरवना पर्व डगैली।