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महंगाई के इस दौर में संतरे के छिलके से बना दिया डीजल
Last Updated on February 23, 2022 by Deepak
मंडी : आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने संतरे के सूखे छिलकों को वैज्ञानिक तकनीक से उबालकर उससे बायो डीजल बनाने में सफलता हासिल की है। शोध करने वालों में आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. वेंकट कृष्णन, उनकी छात्रा तृप्ति छाबड़ा और प्राची द्विवेदी शामिल हैं। इनके द्वारा किया गया यह शोध “ग्रीन केमिस्ट्रिी” जर्नल में प्रकाशित हो गया है। शोध के बारे में डा. वेंकट कृष्णन का कहना है कि पानी के साथ बायोमास, संतरे के छिलकों को गर्म करके प्राप्त होता है। इसे हाइड्रो थर्मल कार्बोनाइजेशन प्रक्रिया कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने बायोमास से प्राप्त रसायनों को बायोफ्यूल प्रीकर्सर में बदलने के लिए बतौर उत्प्रेरित संतरे के छिलके से प्राप्त हाइड्रोचार का उपयोग किया है। इसमें सूखे संतरे के छिलके के पाउडर को साइट्रिक एसिड के साथ हाइड्रोथर्मल रिएक्टर (लैब ‘प्रेशरकुकर’) में कई घंटों तक गर्म किया। इससे उत्पन्न हाइड्रोचार को अन्य रसायनों के साथ ट्रीट किया गया ताकि इसमें एसिडिक सल्फोनिक, फॉस्फेट और नाइट्रेट फंक्शनल ग्रुप आ जाएं। इसी प्रकार से इन्होंने बायो डीजल का निर्माण किया है जो कि ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।