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वसंत उत्सव पर निकली भगवान रघुनाथ की शोभायात्रा 40 दिन भगवान के चरणों में चढ़ेगा गुलाल, होली का आगाज
कुल्लू के ढालपुर में रथ मैदान में शनिवार को बसंत पंचमी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुलतानपुर से अधिष्ठाता रघुनाथ की पालकी वाद्ययंत्रों की थाप के सैंकड़ो श्रद्वालुओं साथ रथ मैदान में पहुंची। जहां पर भगवान रघुनाथ को रथ में बैठाने के बाद विधिवत पूजा-अर्चना आरती की। राज परिवार के सदस्यों ने रथ के चारों और 9 बार परिक्रमा की। इसके बाद जय श्रीराम के नारों से श्रद्धालुओं ने रघुनाथ के रथ को खींच कर उनके अस्थायी शिविर तक पहुंचाया। भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में हजारों श्रद्वालुओं ने भाग लिया और भगवान के दर्शन किया। प्रतीक रूप में राम, लक्ष्मण, भरत और हनुमान भी इस मौके पर उपस्थित थे। हनुमान की भूमिका बैरागी समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा निभाई जाती है। रंग-बिरंगे व अधिकतर पीले वस्त्रों से सजे हुए लोगों ने बसंत पंचमी की इस बेला को करीबी से निहारा। भगवान रघुनाथ की एक झलक पाने के लिए भक्त लंबी कतारों में देर तक खड़े रहे। कुल्लू में बसंत पंचमी का आगाज होने के साथ ही रघुनाथपुर की होली भी शुरू हो गई है। कुल्लू में 40 दिनतक प्रतिदिन रघुनाथपुर में होली के गीत गाए जाएंगे और भगवान रघुनाथ के चरणों में गुलाल चढ़ाया जाएगा क्योंकि महंत राजा के गुरु थे। इसलिए पूरे आयोजन में आज तक महंत समुदाय के लोग इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। गुरु वशिष्ठ की भूमिका भी महंत निभाते हैं तथा हनुमान जी का रूप भी महंत ही धारण करते हैं। उत्सव में हनुमान द्वारा लगाए गए सिंदूर को शुभ माना जता है।