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पंचायत पुनर्गठनः विभाग के पास पहुंचे 100 प्रस्ताव, Cabinet में लगेगी मुहर
Last Updated on January 6, 2020 by Deepak
लेखराज धरटा/ शिमला। हिमाचल में पंचायतों के पुनर्गठन का रास्ता लगभग साफ हो गया है। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 31 दिसंबर तक प्रस्ताव मांगे थे। विभाग के पास सौ से अधिक पंचायतों से पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव आए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस महीने होने वाली कैबिनेट (Cabinet) बैठक में नई पंचायतों पर मुहर लगेगी। सौ प्रस्तावों में से 50 नई पंचायतें बनाई जा सकती हैं। अगर 50 पंचायतों का गठन होता है तो हिमाचल में पंचायतों की संख्या 3226 से बढ़ कर 3276 हो सकती हैं। नई पंचायतों का पुनर्गठन जनसंख्या के आधार पर नहीं, बल्कि भौगोलिक आधार पर होगा। पंचायतों के पुनर्गठन के लिए डाटा तैयार किया गया है, जिन पंचायतों में सात से अधिक वार्ड हैं और पंचायत के लिए 15 किलोमीटर दूरी होने की स्थिति में पंचायतों का पुनर्गठन होगा। जिन पंचायतों के वार्ड दो से तीन विधानसभा (Vidhan Sabha) क्षेत्रों में आ रहे हैं, के पुनर्गठन की भी योजना है। इसके लिए पंचायतों के लोगों से राय भी ले ली गई है।
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सूत्रों के अनुसार ऐसी पंचायतों की संख्या सैकड़ों में है और लोगों द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही है। प्रदेश में कुछ पंचायतें ऐसी हैं जिनके वार्ड 12 और इससे भी अधिक हैं। वार्ड की संख्या अधिक होने से विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में 1952 में केवल 280 ग्राम पंचायतें थी। 1952 में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के लागू होने के बाद संख्या में बढ़ौतरी हुई। वर्ष 2010 में प्रदेश में 3243 ग्राम पंचायतें थी। वर्ष 2015 में 17 पंचायतों का विलय नगर पालिकाओं में होने के कारण ग्राम पंचायतों की संख्या 3226 हो गई।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में पंचायतों का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों से सुझाव लेने के साथ पूरी स्थिति को खंगाला जा रहा है। भौगोलिक आधार पर बदलाव किया जाएगा। इसकी जांच ग्रामीण स्तर पर की जाएगी। कैबिनेट में मंजूरी के बाद 50 नई पंचायतें बनेगी।
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