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‘त्रिपुरा जल रहा है’ लिख देने पर लग गया UAPA, अब तक कुल 102 लोगों पर मामला दर्ज, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली। श्याम मीरा सिंह। पेशे से पत्रकार हैं। और इस हैसियत से सत्ता के आलोचक भी। वर्तमान में न्यूजलॉन्ड्री के लिए काम करते हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया हैंडल से त्रिपुरा में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर एक पोस्ट किया। उन्होंने अंग्रेजी में लिखा Tripura is burning। आसानी के लिए हम इसका हिंदी तर्जुमा कर देते हैं। त्रिपुरा जल रहा है। बस यही बात बिलप्व कुमार देव की सरकार को बहुत बुरी लगी। उन्होंने श्याम मीरा सिंह के ऊपर यूएपीए लगा दिया। बता दें कि श्याम मीरा अकेले ऐसे शख्स नहीं है, बल्कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर त्रिपुरा के उत्तरी जिलों में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ, यहां तक कि इसका केवल उल्लेख करने के लिए त्रिपुरा पुलिस ने 102 लोगों पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।
For writing only these 3 words “Tripura is burning”, BJP Government of Tripura has imposed UAPA on me. I want to reiterate once again, I will never hesitate to stand up for justice. PM of my country might be a coward, We journalists are not.
मैं आपकी जेलों से नहीं डरता. pic.twitter.com/pw5OrZlDRp
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) November 6, 2021
यूएपीए के तहत मामला दर्ज
मिली जानकारी के अनुसार, ट्विटर के 68, फेसबुक के 32 और यूट्यूब के दो एकाउंट होल्डर के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा पहले पश्चिम अगरतला थाने द्वारा दर्ज किए गए मामलों को अब राज्य की अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, त्रिपुरा पुलिस ने दिल्ली के दो वकीलों अंसार इंदौरी और मुकेश पर बीते महीने की सांप्रदायिक हिंसा, जिसमें हिंदुत्व समूहों द्वारा अधिकतर मुस्लिम घरों और मस्जिदों को निशाना बनाने के आरोप लगे थे, की एक स्वतंत्र फैक्ट-फाइंडिंग जांच में भाग लेने के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था।
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अधिकर पेशे से पत्रकार और वकील हैं
पुलिस ने इन लोगों के ऊपर आरोप लगाया है कि इनके सोशल मीडिया पोस्ट्स के चलते त्रिपुरा में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की क्षमता है, जिसके परिणामस्वरूप दंगे हो सकते हैं। पुलिस का कहना है कि इन खाताधारकों ने राज्य में हाल ही में हुई झड़प और मुस्लिम समुदायों की मस्जिदों पर कथित हमले से जुड़े भ्रामक और आपत्तिजनक समाचार व बयान पोस्ट किए हैं। जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ा है। बता दें कि इन लोगों पर लगी कानूनी धाराएं उकसाने से संबंधित हैं, जिसमें सात साल तक की कैद की सजा है। बता दें कि 68 ट्विटर अकाउंट में से कई कई अकाउंट पत्रकारों और वकीलों व ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट के हैं।
वहीं, इस मामले में जिन प्रमुख ट्विटर खातों का नाम लिया गया है, उनमें इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर के प्रोफेसर सलीम इंजीनियर, ब्रिटिश अखबार बायलाइन टाइम्स के वैश्विक संवाददाता सीजे वेरलेमैन, जफरुल इस्लाम खान, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग, छात्र कार्यकर्ता शरजील उस्मानी और भारतीय पत्रकार श्याम मीरा सिंह, जहांगीर अली और सरताज आलम सहित कई अन्य शामिल हैं।
त्रिपुरा में पुलिस द्वारा पत्रकारों सहित 102 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने विरोध दर्ज किया है। ईजीआई ने लिखा की त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के बारे में लिखने पर और रिपोर्टिंग करने पर उनके खिलाफ ऐक्शन लिए जाने से गहरा धक्का लगा है।
माकपा ने बताया असंवैधानिक
बहरहाल, त्रिपुरा पुलिस का इस मामले में कहना है कि अब तक किसी भी व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है। हमने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लिया है और मामला दर्ज किया गया है। त्रिपुरा पुलिस की इस हरकत पर विपक्ष ने केंद्र और त्रिपुरा की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी ने पुलिसिया कार्रवाई ‘असंवैधानिक और अनैतिक’ बतााय। उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों के सिद्धांत के खिलाफ है। वहीं, घटना को लेकर इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल एलायंस के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह पुलिसिया कार्रवाई ब्रितानिया हुकूमत की याद दिलाती है। यह लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है।
क्यों हुआ सांप्रदायिक हिंसा
दरअसल, त्रिपुरा में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं और अधिकतर आबादी हिंदुओं की है। इनमें बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए हिंदू भी हैं। बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दिनों में हिंदुओं पर कई हमले हुए। जिसकी आग भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित त्रिपुरा में भड़क उठी। चरमपंथी हिंदू संगठनों ने मस्जिदों और मुस्लिम आबादी वाले इलाकों पर हमला कर दिया। जिसमें कई लोगों के हताहत होने की सूचना है।
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