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दयाराम कश्यप/सोलन। जिला के गांधीग्राम में रात के समय मरीज को लेने गई 108 एंबुलेंस (108 Ambulances) के दोनों टायर फट गए। यही नहीं स्टेफनी की हालत भी दयनीय थी। मरीज व उसके परिजनों को एक घंटे तक दूसरी एबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। वहीं, सोलन जिला के कंडाघाट व चायल में भी एबुलेंस की स्थिति दयनीय है, उनके टायर भी जर्जर हालत में हैं। हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है। चालक भी एंबुलेंस चलाते डरते हैं।बता दें कि सोलन जिला के धर्मपुर में 108 राष्ट्रीय एबुलेंस सेवा का मुख्य कार्यालय स्थापित है। बावजूद इसके सोलन जिला में 108 एबुलेंस की स्थिति दयनीय है। बीते दिन सोलन के गांधीग्राम में 108 खड़ी हो गई। करीब एक घंटे बाद दूसरी एबुलेंस में मरीज को अस्पताल (Hospital) लाया गया, जिस से सहज समझा जा सकता है कि 108 की स्थिति कैसी है। हालांकि चालकों ने कई बार संबंधित कंपनी को बताया, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। वहीं, कंडाघाट की एक एंबुलेंस का तो सायरन भी बंद है, जिसके चलते जाम से निकलना इस एबुलेंस के लिए मुश्किल हो जाता है।
कंडाघाट क्षेत्र की एबुलेंस के चालक ने बताया कि एंबुलेंस के टायर बदहाल हैं, जोकि कभी भी धोखा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गाड़ी चलाते भी डर बना रहता है। उन्होंने कहा कि एबुलेंस का सायरन भी नहीं बजता, जिससे की उन्हे कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजन उप्पल ने बताया कि एक कमेटी बनी है, जोकि इसकी निगरानी करती है। हर माह सरकार को रिपोर्ट जाती है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी।
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