- Advertisement -
नाहन। मरीजों को नया जीवन देने वाली 108 एंबुलेंस ने 15 किलोमीटर का सफर तय करने में 5 घंटे का समय लगा दिया। एक मरीज को अस्पताल पहुंचाने में न केवल पायलेट को भारी परेशानी झेलनी पड़ी, बल्कि लेटलतीफी के कारण मरीज के परिजनों के भी पसीने छूट गए।
हालांकि, जिला सिरमौर में इस तरह का पहला मामला है। 108 एंबुलेंस मरीजों को बेहतरीन सेवाएं देने के लिए जानी जाती है। लेकिन, वीरवार की शाम को जो कुछ पच्छाद इलाके के सराहां में हुआ। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए। घटना पच्छाद के सराहां इलाके में वीरवार शाम को उस समय पेश आई, जब रास्ते में गिरे एक मरीज को बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
जानकारी के अनुसार पच्छाद के कोट धड़ोल निवासी महेंद्र सिंह खच्चर पर सामान लाते समय रास्ते में गिरकर बेहोश हो गया। जब स्थानीय निवासी देवेंद्र सिंह, गोरख राम व कुलदीप ने उन्हें इस हालत में देखा तो उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन, जब जगासी की सैर से गंभीर रूप से घायल महेंद्र सिंह को बेहोशी की हालत में एंबुलेंस में रखा तो कुछ ही दूरी तय करने के बाद एंबुलेंस में तकनीकी खराबी आ गई। इंजन में खराबी के चलते घायल के परिजन भी घबरा गए। उन्होंने बताया कि 108 जैसे ही जगाजी की सेर से निकली। लेकिन, कुछ ही देर बाद एंबुलेंस से धुआं निकलना शुरू हो गया।
उन्होंने बताया कि 108 एंबुलेंस के दरवाजे को भी एक रस्सी के सहारे बंद किया गया था। अस्पताल आते समय कई बार एबुलेंस का दरवाजा भी खुल रहा था। उन्होंने बताया कि रात के समय में घने जंगल में और किसी वाहन की व्यवस्था न होने के कारण 108 के ड्राइवर ने लगभग 4-5 घंटों में गाड़ी को सराहां अस्पताल पहुंचाया। उधर, बीएमओ पच्छाद डॉ. यशवंत ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है। इस मामले में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही 108 एंबुलेंस के प्रभारी के साथ होने वाली बैठक में इस विषय को रखा जाएगा।
- Advertisement -