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शिमला। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत पीपल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (Register) तैयार करने के लिए दो महीने की अवधि का कोर्स एचपी एनविस हब, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद, शिमला में आज संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम पर्यावरण और वन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक पहल है, जिससे राज्य के युवाओं को अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से लाभकारी रोजगार या स्वरोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। इस कार्यक्रम में 14 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। चंडीगढ़ से 1, जम्मू और कश्मीर से 1, लद्दाख से 1 और हिमाचल प्रदेश से 11 शामिल है।
मुख्य अतिथि डॉ. एसएस सामंत निदेशक हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण पर दुनिया भर में ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में जहां वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। उन्होंने स्थानीय जैव विविधता की सराहना करने जैसे छोटे कदमों पर जोर दिया। औषधीय पौधों के नाम सीखने और पारंपरिक उपयोग की जानकारी लोगों को संरक्षण प्रयासों के बारे में जागरूक करने में बहुत मदद करेंगे।
कोर्स के दौरान फील्ड और लैब विजिट के लिए छात्रों को एचपी और उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में ले जाया गया। जिसमें एचएफआरआई और पॉटर हिल्स, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, वाटर कैचमेंट एरिया, कुफरी वन अनुसंधान संस्थान उत्तराखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, वन्यजीव भारतीय संस्थान, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और राजाजी नेशनल पार्क आहद शामिल हैं।
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