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आस्थाः राजस्थान से दंडवत होकर मां #Chintpurni के दर पहुंचे 17 श्रद्धालु, 4 माह में 800 किमी तय किया सफर
Last Updated on December 26, 2020 by Sintu Kumar
चिंतपूर्णी। मां के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास का आज एक ताजा उदाहरण चिंतपूर्णी मंदिर में देखने को मिला। यहां राजस्थान (Rajasthan) से पैदल चला 17 श्रद्धालुओं का दल दंडवत (Dandavat) होते हुए चार माह बाद शनिवार सुबह हिमाचल (Himachal) के ऊना (Una) जिला में स्थित मां चिंतपूर्णी के दरबार में पहुंचा। इस दल ने करीब 800 किलोमीटर की यह यात्रा दंडवंत होकर की, जिसके लिए उन्हें चार माह का समय लग गया। ये श्रद्धालु चिंतपूर्णी के बाद ज्वालाजी और बज्रेश्वरी मंदिर में भी मां के दर्शन करने जाएंगे। राजस्थान के टोडा भीम के गांव हैदलपुर से आए 17 सदस्यीय दल में चार महिलाएं भी हैं। यह सभी श्रद्धालु बुजुर्ग हैं। इनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है।
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इन श्रद्धालुओं ने 24 अगस्त को अपनी यात्रा शुरू की थी। एक दिन में यह दल लगभग आठ किलोमीटर सफर तय करता था। दल के सदस्य रामस्वरूप ने बताया कि वह हिमाचल के शक्तिपीठों की यात्रा पर निकले हैं। वे पहली बार दंडवत यात्रा कर हिमाचल आए हैं। रात के समय किसी सराय या मंदिर में रुकते हैं। अगले दिन सुबह फिर यात्रा शुरू करते हैं। ये श्रद्धालु राजस्थान के हैदलपुर स्थित अपने गांव से 24 अगस्त से यात्रा पर निकले थे। चिंतपूर्णी मंदिर (Chintpurni temple) पहुंचने पर इन श्रद्धालुओं को प्रिंस कालिया ने दर्शन करवाए व माता की चुनरी भी मंदिर प्रशासन की ओर से भेंट की। बता दें कि पंजाब के कई शहरों से श्रद्धालु दंडवत होकर हिमाचल के शक्तिपीठों में पहुंचते हैं, लेकिन इतना लंबा सफर तय कर पहली बार श्रद्धालुओं का कोई जत्था यहां पहुंचा है।