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करछम वांगतू प्रोजेक्ट से जारी रहेगी हिमाचल को 18% फ्री बिजली: हाईकोर्ट के आदेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने किन्नौर जिले के करछम वांगतू बिजली प्रोजेक्ट (Karcham Wangtu Power Project in Kinnaur) से हिमाचल राज्य को दी जारी रही 18 फीसदी मुफ्त बिजली को यथास्थिति में जारी रखने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ऊर्जा सचिव व ऊर्जा निदेशालय को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ताओं से राज्य सरकार को दी जा रही 18% मुफ्त बिजली (18% Free Power) का हिसाब-किताब बनाए रखें। मुफ्त बिजली दर में बदलाव याचिका पर होने वाले आगामी आदेशों पर निर्भर करेगा। मामले की सुनवाई 6 दिसंबर को निर्धारित की है।
नियामक आयोग के आदेशों का पालन कराने की गुहार
याचिकाकर्ता कंपनी जेएसडब्ल्यू हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड (JSW Hydro Energy Ltd) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार के साथ हुए अनुबंध (Contract) के अनुसार प्रथम 12 वर्षों तक कुल बिजली उत्पादन की 13 फीसदी बिजली हिमाचल प्रदेश को मुफ्त में देना तय हुआ था। बाकी बचे 28 वर्षों तक 18 फीसदी मुफ्त बिजली देना था। कोर्ट को बताया गया कि प्रोजेक्ट ने हिमाचल को 18 फीसदी की दर से मुफ्त बिजली देना शुरू कर दिया है। कंपनी का कहना है कि वह 18 फीसदी मुफ्त बिजली अपनी आपत्ति के साथ हिमाचल को दे रही है, ताकि याचिकाकर्ता प्रोजेक्ट के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो। कंपनी ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि राज्य सरकार को आदेश दिए जाएं कि वह 18 नवंबर 1999 के अनुबंध को केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission) विनियमन अधिनियम 2019 के अनुसार लागू करे, न कि करार में दर्शाई गई शर्तो के अनुसार। प्रार्थी ने मुफ्त बिजली देने के लिए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के नियमों का पालन करने के आदेशों की गुहार लगाई है।