- Advertisement -
नई दिल्ली। सिख विरोधी दंगों में सजा पाने वाले 2 दोषी महेंद्र यादव और किशन खोकर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में समर्पण कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। वही सिख विरोधी दंगों में उम्रकैद की सजा पाए कांग्रेस के पूर्व नेता सांसद सज्जन कुमार ने अभी तक कोर्ट में सरेंडर नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि वे सोमवार को कोर्ट में समर्पण करेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद उनके पास सरेंडर करने के लिए आज तक का ही वक्त बचा है।
ये भी पढ़ें: 1984 सिख दंगा: 34 साल बाद आया फैसला, एक को फांसी
सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर विंटर वेकेशन के दौरान 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट एक जनवरी तक बंद है और दो जनवरी से वहां सामान्य कामकाज शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘हम हाईकोर्ट के फैसले का अनुपालन करेंगे।’बता दें कि हाईकोर्ट ने 1984 के दंगों से जुड़े एक मामले में 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बाकी बची जिंदगी के लिए उम्र कैद और पांच अन्य दोषियों को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था।
ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला पलटा, सिख दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद
कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से ज्यादा सिख मारे गए थे, जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार’ था। अदालत ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेंसियां मदद कर रही थीं। बता दें कि तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे, जिसमें सैकड़ों सिखों की हत्या कर दी गई थी।
- Advertisement -