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नई दिल्ली। अलगाववादी (separatists) नेता याम्बेन बिरेन और नरेंगबाम समरजीत ने मंगलवार को लंदन (यूके) (UK) में कहा कि वह ‘मणिपुर के महाराजा’ के हवाले से राज्य की ‘आज़ादी’ और ‘निर्वासित सरकार’ की घोषणा कर रहे हैं। मणिपुर सरकार एनआईए (NIA) से इन अलगाववदियों के खिलाफ जांच कराएगी। इस दौरान याम्बेन बिरेन ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का सीएम और नरेंगबाम समरजीत ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि वे मणिपुर के महाराजा की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में मणिपुर स्टेट काउंसिल की सरकार शुरू कर रहे हैं।
बिरेन और समरजीत ने इस दौरान दस्तावेज भी पेश किए जिनमें यह दिखाया गया कि इस साल अगस्त में उन्हें राजनीतिक रूप से ब्रिटेन में शरण मिली है। हालांकि, मणिपुर के पूर्व महाराजा लीशेंबा सनाजाउबा ने इसमें अपना नाम लिए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। ये बहुत हैरान करने वाला है कि उन्होंने मेरा नाम इसमें घसीटा। इससे समाज में नकारात्मकता फैलेगी। अलगाववादियों ने दावा किया कि उनके भारत सरकार के साथ जुड़ने के प्रयासों को घृणा और शत्रुता के साथ जवाब मिला और आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में असाधारण हत्या के 1528 से अधिक मामले लंबित हैं।
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