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नई दिल्ली। देश राजधानी के सरोजनी नगर इलाके में 12 साल पहले हुए बम ब्लास्ट पर दिल्ली की पटियाला हाउस ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में तारिक अहमद डार को दोषी करार दिया है और रफीक शाह और मोहम्मद फ़ाज़ली को बरी कर दिया। डार को दस साल की सजा सुनाई गई लेकिन वह पहले ही 11 साल जेल में काट चुका है। इसलिए वह जल्द ही जेल से रिहा हो जाएगा। अन्य दो आरोपी रफीक और फाजली को इस अपराध का दोषी नहीं माना है और उनको बरी कर दिया है। इस फैसले के चलते पटियाला हाउस कोर्ट और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट में इस मामले में पहले 13 फरवरी को फैसला आना था, लेकिन बाद में अदालत ने इसके लिए 16 फरवरी की तारीख तय कर दी थी।
बता दें कि 29 अक्टूबर, 2005 को धनतेरस के मौके पर दिल्ली में हुए इस सीरियल ब्लास्ट में 60 लोगों की जानें गईं थी। जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा का हाथ था। दिल्ली को दहलाने वाले इस आतंकी हमले में लोग 11 साल से इंसाफ पाने के इंतजार में है। इस मामले में लश्कर ए तैयब्बा के कथित आतंकी तारिक अहमद डार सहित 3 लोगों पर देशद्रोह, हत्या जैसे संगीन वारदात में मुकदमा चलाया गया।
कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने तारिक के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी। इन सीरियल धमाकों में पहाड़गंज में 9 लोगों की मौत हुई जबकि 60 लोग घायल हुए। वहीं गोविंद पुरी में चार लोग घायल हुए थे. भीड़भाड़ वाले सरोजनी नगर में धमाके की वजह से 50 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 130 लोग घायल हुए थे।
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