- Advertisement -
चंडीगढ़। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों के न्यूनतम अध्ययन स्तर का मूल्यांकन करने और इसे बढ़ाने के उद्देश्य से हर पखवाड़े में लगभग 250 स्कूलों के पर्यवेक्षण का निर्णय लिया गया है। इसके तहत पहले चरण में विषम तथा दूसरे चरण में सम स्कूलों को लिया जाएगा, जिसके अन्तर्गत दूसरे स्कूलों के अध्यापकों द्वारा परीक्षा ली जाएगी जिसमें, पांच प्रश्न शामिल किए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि दिसम्बर माह के दौरान लगभग 200 स्कूलों का शैक्षणिक पर्यवेक्षण किया गया जिसके दौरान लगभग 25000 विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया गया। इस पर्यवेक्षण के आधार पर कहा जा सकता है कि न्यूनतम अध्ययन स्तर के मामले में स्थिति निराशाजनक नहीं है और यह धारणा भी सही नहीं है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को कुछ नहीं आता।
दास ने बताया कि इस पर्यवेक्षण के दौरान प्रत्येक विद्यालय में प्रत्येक अध्यापक के अध्यापन कार्यों, विद्यार्थियों के अध्ययन स्तर, कक्षा में पढ़ाए गए विषयों या उपविषयों तथा कक्षा अनुरूप शिक्षण स्तर ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों का पर्यवेक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षण से पहले विद्यालयों को एक सप्ताह से अधिक का समय दिया गया था और पर्यवेक्षण के लिए एक टूल बनाया गया था, जिसमें नवम्बर, 2016 में आयोजित मासिक परीक्षा में से प्रत्येक विषय के पांच प्रश्न लिए गए थे। उसी के आधार पर कक्षा व विषयानुसार औसत प्रदर्शन निकालकर विद्यालयों को अवगत करवाया गया। उन्होंने बताया कि जो विद्यालय मानक स्तर को प्राप्त नहीं कर सके उन्हें आगाह करते हुए तीन माह बाद पुन:पर्यवेक्षण का समय दिया गया है।
- Advertisement -