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मंडीः 50 लाख से चकाचक होगी 27 साल पुरानी इंदिरा मार्किट
Last Updated on January 13, 2020 by Sintu Kumar
मंडी। 27 साल पुरानी मंडी शहर की इंदिरा मार्किट( Indira market of mandi) अब लोगों को नए स्वरूप में नजर आएगी। मंडी जिला प्रशासन( Mandi District Administration) के निर्देशों पर नगर परिषद मंडी ने इसके लिए 50 लाख का एस्टीमेट (Estimate) तैयार कर दिया है और अब नए स्वरूप वाले डिजाइन की तैयारी की जा रही है। नगर परिषद ने इसके लिए लोक निर्माण विभाग के आर्किटेक्ट विंग और आईआईटी से मदद मांगी है। बता दें कि 1993 में मंडी शहर के बीचों बीच स्थित संकन गार्डन के इर्द-गिर्द इंदिरा मार्किट का निर्माण करवाया गया था। धीरे-धीरे यह मार्किट शहर के मुख्य व्यवसायिक केंद्र के रूप में उभर कर सामने आई।
इस मार्किट के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक घंटाघर से इसकी सुंदरता और ज्यादा उभर कर सामने आई। मार्किट के बीच लोगों के बैठने की काफी ज्यादा व्यवस्था है जिस कारण लोग दिन भर यहां आते-जाते रहते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ यह मार्किट अब बूढ़ी होती जा रही है। ऐसे में इस मार्किट की शान को बचाए रखने के लिए इंदिरा मार्किट व्यापारी यूनियन और नगर परिषद ने जिला प्रशासन के पास इसे नया स्वरूप देने का सुझाव रखा था। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि मार्किट को नया स्वरूप देने की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मार्किट के जीर्णोद्धार पर जीतना भी पैसा खर्च होगा उसे सीएम और सांसद के हवाले से प्राप्त किया जाएगा।
वहीं इंदिरा मार्किट के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक घंटाघर के दिन भी बहुरने वाले हैं। क्योंकि मार्किट को नया स्वरूप देने के साथ-साथ इस ऐतिहासिक घंटाघर को सुधारने को प्रयास भी किया जा रहा है। बता दें कि घंटाघर के अंदर लगी मशीनरी काफी पुरानी है और अब यह खराब हो चुकी है, जिस कारण घंटाघर की घडि़यां रूकी पड़ी हैं। इन घड़ियों की मरम्मत के लिए कोई उचित कारीगर नहीं मिल रहा। ऐसे में इसके अंदर की सारी मशीनरी को बदलने का निर्णय लिया गया है ताकि आधुनिक तकनीक वाली मशीनरी लगाई जा सके। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि इसके लिए नई मशीनरी की तलाश की जा रही है और इंदिरा मार्किट के साथ-साथ इसका जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
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