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नई दिल्ली। केंद्रीय बलों के 10,000 जवानों को भेजने के 5 दिन बाद ही केंद्र सरकार ने 28,000 अतिरिक्त जवानों (28000 additional soldiers) को कश्मीर (Kashmir) भेजा है। खबर है कि श्रीनगर में प्रवेश/निकासी के सभी रास्तों पर जवान (soldiers) तैनात किए गए हैं। बतौर रिपोर्ट्स, गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह तैनाती वहां की सुरक्षा स्थिति और फेरबदल की ज़रूरत पर आधारित है। अमरनाथ यात्रा (Pilgrimage to Amarnaath) की वजह से पहले ही 40 हजार अतिरिक्त जवान वहां तैनात हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर में खलबली मच गई है। वहां के राजनीतिक नेता कश्मीर में कुछ बड़ा होने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने Article 35A को हटाने की तैयारी कर ली है। इसलिए इतना सैनिक बल वहां पर तैनात किया जा रहा है।
वहीं जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अलर्ट के चलते अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। जिस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का कहना है कि यह आदेश दर्शाता है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका है। हालांकि इससे घाटी में मौजूद डर को कम नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों द्वारा बताया गया कि इस तरह अचानक 280 से अधिक कंपनियों (28,000 सुरक्षा कर्मियों) को देर शाम तैनात किये जाने का कोई कारण नहीं दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि कुछ छिटपुट धर्मस्थलों से सुरक्षा हटा ली गई है क्योंकि खुफिया जानकारी मिली थी कि विदेशी आतंकवादी वहां पुलिस कर्मियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में पहले ही ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है और वे बृहस्पतिवार से दस दिन तक के लिये बंद रहेंगे। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अमरनाथ यात्रा के लिये कुछ लंगरों को भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय निवासी घबराए हुए हैं और उन्होंने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर जरूरी सामान खरीदना शुरू कर दिया है।
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