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केलंग। जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति (lahaul spiti) में एक ऐसा गांव है जहां पर जंगल में पेड़ काटने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यहां पेड़ काटने पर पांच से 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाता है। इस गांव का नाम है मूलिंग। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी मिसाल बने इस गांव में आज अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर 3000 पौधे रोप गए। लला मेमे फाउंडेशन, महिला व युवा मंडल मूलिंग, डाइट तांदी, वन विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम केलंग के संयुक्त तत्वावधान में मूलिंग गांव के साथ लगते जंगल में पौधरोपण किया गया।
यंग ड्रूकपा एसोसिएशन की ओर से केलंग (Keylong) में गरशा ईको फेस्टिवल आठ जून तक मनाया जाएगा। इसमें पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साइकिल रेस का आयोजन होगा। ड्रूकपा एसोसिएशन ने वन विभाग, नेहरू युवा केंद्र व हिमालयन परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में ग्रामीणों के सहयोग से विभिन्न बौद्ध मठों के साथ लगते वन भूमि में देवदार और कायल के करीब तीन हजार पौधे रोपे।
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