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धर्मशाला। विद्युत विभाग धर्मशाला में वर्ष 2004 में सामने आए पेंट घोटाले के आरोपियों का दोष साबित होने पर, अदालत ने दो साल की कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश धर्मशाला राजीव बाली की अदालत ने पेंट घोटाले के 4 आरोपी अधिकारियों को दो साल की सजा व 5 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। साथ ही एचपीएससीपी एक्ट के तहत 1 साल की सजा व 5 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है।
इसके अतिरिक्त मामले में संलिप्त 2 ठेकेदारों को 2 साल की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2004 में विद्युत विभाग ने धर्मशाला से नगरोटा बगवां तक बिजली के खंभों को पेंट करने का ठेका संजीव कुमार व यशपाल को सौंपा था। दोनों ठेकेदारों ने आबंटित ठेके के तहत कोई कार्य नहीं किया। वहीं विद्युत विभाग के चार अधिकारियों, संतोष, मनोज, नरेश व बिहारी लाल ने उक्त ठेकेदारों को बिना कार्य की पेमेंट करने में सहायता की और लाखों रुपये डकार गए। इस कथित घोटाले की भनक विद्युत विभाग के ऑडिट ऑफिसर केके कुठियाल को लगी तो उन्होंने इस संबंध में मामला विजिलेंस में दर्ज करवाया। मामले की पैरवी जिला न्यायवादी आरडी चौधरी ने की।
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