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एचआरटीसी की 40 फीसदी बसें खराब, वर्कशॉप में ना मैकेनिक, ना ही स्पेयर पार्ट्स
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) में बसों की हालत खस्ता है, जिस वजह से आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। मंडी-पड़ोह हादसा (Mandi-Padoh accident) भी बस में तकनीकी खराबी के कारण हुआ, जिसमें चालक (Driver) की होशियारी ने सवारियों को तो बचा लिया लेकिन खुद की जान गवां बैठा। एचआरटीसी चालक यूनियन (HRTC Drivers Union) ने हादसे में शिकार चालक के परिवार को एक महीने के भीतर नौकरी (Job) और 50 लाख मुआवजे की मांग की है। एचआरटीसी चालक यूनियन के अध्यक्ष ठाकुर मान सिंह ने पथ परिवहन निगम पर आरोप लगाया कि निगम में 40 फीसदी बसें खराब चल रही है। चालक के साथ-साथ सवारियों को भी निगम खतरे में डाल रहा है।
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एचआरटीसी की वर्कशॉप (HRTC workshop) में न तो मैकेनिक है और न ही पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध हैं। निजी बस चालक की गुंडागर्दी हर रोज बढ़ रही है। सरकार बसों का टाइम टेबल (Time Table) जारी करें, अन्यथा चालक बसें रूट पर नहीं ले जाएंगे। महीने की सात तारीख हो चुकी है, लेकिन तनख्वाह नहीं मिली है। चालक चाह कर भी पड़ोह हादसे (Padoh Accident) के शिकार चालक के परिवार की मदद नहीं कर पा रहे हैं। परिवहन निगम ने अगर समय पर सुध नहीं ली तो चालक यूनियन (Drivers Union) आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर होगा।