-
Advertisement
Pong Lake में प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद विभाग अलर्ट, अब तक 421 मिले मृत
Last Updated on December 30, 2020 by Vishal Rana
शिमला/कांगड़ा। वन मंत्री राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) ने कहा है कि पौंग झील (Pong Lake) में सैकड़ों प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) की मौत के मामले में वन्य प्राणी प्रभाग जांच कर रहा है और विभिन्न संस्थानों को भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वन मंत्री ने कहा कि सैकड़ों प्रवासी पक्षियों की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसके कारणों का शीघ्र पता लगाने के लिए उन्होंने वन्य प्राणी प्रभाग (Wildlife Division) के उच्च अधिकारियों से ब्यौरा मांगा है। अधिकारियों को घटना स्थल पर जाकर पक्षियों की मौत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: #CMJairamthakur बोले- पौंग बांध में प्रवासी पक्षियों को निहारने के लिए बनें वॉच टावर
उप-अरण्यपाल, वन्य प्राणी हमीरपुर ने कहा है कि धमेटा वन परिक्षेत्र के फतेहपुर क्षेत्र में चार बार हैडिड बतखों और एक कॉमन टील की मौत की जानकारी फील्ड स्टाफ से मिलने के बाद फतेहपुर के पशु चिकित्सक ने इनका पोस्टमार्टम (Post mortem) किया और प्रारंभिक रिपोर्ट में पक्षियों के शरीर में किसी भी प्रकार के जहर की पुष्टि नहीं हुई है। इन पक्षियों की आंत के नमूने दोबारा पशु चिकित्सालय शाहपुर को जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों की मौत की सूचना के उपरांत वन्य प्राणी मंडल हमीरपुर के स्टाफ ने समूचे पक्षी शरण्यस्थल पौंग झील का निरीक्षण किया और विभिन्न स्थानों पर प्रवासी पक्षियों को मृत पाया गया। वन्य प्राणी परिक्षेत्र धमेटा के मझार, बथाड़ी, सिहाल, जगनोली, चट्टा, धमेटा और कुठेड़ा में पक्षी मृत पाए गए। इसके अतिरिक्त, वन्य प्राणी परिक्षेत्र नगरोटा के गुगलाड़ा में भी मृत पक्षी पाए गए। 29 दिसंबर तक पौंग झील में 421 प्रवासी पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई और नियमानुसार इन पक्षियों के शरीर को निपटाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: Rajasthan में भू माफिया फर्जी दस्तावेजों से हड़प रहा पौंग बांध विस्थापितों की जमीन
उन्होंने कहा कि बार हैडिड बतखों का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सालय शाहपुर की लेबोरेटरी में किया गया और उनकी आंत के नमूने आरडीडीएल जालंधर (RDDL Jalandhar) और पशु चिकित्सालय कॉलेज पालमपुर भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त कांगड़ा से पशु चिकित्सकों का एक दल आज पौंग झील का दौरा कर रहा है, ताकि प्रवासी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। आगामी जांच के लिए इन पक्षियों के नमूने आरवीआरआई बरेली और भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून को भी भेजे जाएंगे।