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मंदी की मारः Himachal में दो साल में 45 उद्योग हुए बंद
Last Updated on March 13, 2020 by Deepak
शिमला। मंदी की मार से हिमाचल (Himachal) भी अछूता नहीं है। दो वर्ष में राज्य में छोटे-बड़े कई उद्योग बंद हुए हैं। सोलन, सिरमौर और बिलासपुर जिलों में 45 उद्योगों में ताला लग गया है। सिरमौर जिला के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में सर्वाधिक 20 उद्योग बंद हुए हैं। अहम बात यह है कि बंद हुए नालागढ़ व कालाअंब के 4 उद्योग सरकार से 44 लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ उठा चुके हैं। पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) में उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने आज यह जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि सिरमौर के कालांअब में 20, सोलन के परवाणू में 18 तथा बद्दी व नालागढ़ में 2-2 उद्योग तथा बिलासपुर में 3 बंद हुए हैं। एक उद्योग 23 साल तक क्रियाशील रहने के बाद बंद हुआ। मंत्री ने कहा कि बंद हुए इन सभी 45 उद्योगों पर कोई भी जुर्माना नहीं लगाया गया है, क्योंकि ये उद्योग स्थापित होने के एक साल तक राज्य में क्रियाशील रहे। उन्होंने कहा कि एक दर्जन से अधिक उद्योग गठन के 10 साल तक भी क्रियाशील नहीं रह पाए। बिलासपुर का एक उद्योग महज 2 साल में बंद हो गया।
उन्होंने कहा कि बंद हुए उद्योगों में नालागढ़ स्थित मैसर्स जैन टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने 8.68 लाख, मैसर्स ओंकार इंजीनियरर्स व जनरेटर प्राइवेट लिमिटेड ने 16.43 लाख, कालाअंब स्थित मैसर्स ग्रैंड इंटरनेशनल ने 3.77 लाख और मैसर्स नवकार पॉली पलास्ट कंपनी ने 14.42 लाख रुपए की सब्सिडी प्राप्त की है।