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16वें बच्चे को जन्म देने के बाद 45-वर्षीय महिला की मौत, बच्चे की भी गई जान
Last Updated on October 12, 2020 by
दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह (Damoh) जिले से एक बड़ा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 45-वर्षीय महिला ने शनिवार को 16वें बच्चे को जन्म दिया लेकिन दोनों की मौत (Death) हो गई। एक आशा कार्यकर्ता ने बताया कि महिला की घर पर ही डिलीवरी हुई थी और हालत बिगड़ने पर दोनों को स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। आशा कार्यकर्ता के मुताबिक, उसके 15 में से 7 बच्चों की मौत हो गई थी। आशा कार्यकर्ता कल्लो बाई विश्वकर्मा ने रविवार को बताया कि पाड़ाझिर निवासी सुखरानी अहिरवार ने शनिवार को अपने 16वें बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के दौरान गंभीर हालत के चलते परिजन उसे और उसके नवजात बच्चे को तत्काल हटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये, लेकिन रास्ते में ही मां-बेटा दोनों की मौत हो गई।
इतनी योजनाओं के बाद भी महिला का परिवार नियोजन ना होना जांच का विषय
उन्होंने कहा कि महिला सोलहवीं बार मां बनी थी। महिला की पहले की 15 संतानों में से मात्र 4 लड़के और 4 लड़कियां जीवित हैं, जबकि 7 बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी है। पाड़ाझिर गांव दमोह जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है। इसी बीच, दमोह जिले की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। संगीता त्रिवेदी ने कहा कि शासन की इतनी योजनाओं के बाद भी अभी तक इस महिला का परिवार नियोजन ना होना जांच का विषय है। इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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बता दें भारत सरकार द्वारा ‘हम 2 हमारे 2’ नाम से एक जागरूकता कैंपेन चलाई जाती है। इसमें लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है कि दो बच्चों से अधिक बच्चों को जन्म न दिया जाए। इससे मातृत्व/मां और शिशु दोनों पर ही खतरा होता है। इस कारण सरकार इस कैंपेन पर हर साल करोड़ों खर्च करती है।