-
Advertisement
हिमाचल के स्कूलों में लौटी रौनक, आज पहले दिन 57 फीसदी रही उपस्थिति
शिमला। हिमाचल में कोरोना (Corona) के चलते पिछले दो साल से बंद छोटी कक्षाओं के बच्चों के स्कूल गुरुवार से खुल गए। लंबे समय से बच्चों की अनुपस्थिति से वीरान से नजर आने वाले प्राथमिक विद्यालयों में नौनिहालों के आने से रौनक लौटी है। हालांकि आज पहले दिन स्कूलों (School) में छात्रों (Student) की संख्या ज्यादा नहीं रही। आज पहले दिन सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा में 57 फीसदी विद्यार्थी स्कूलों में आए। नौवीं से बारहवीं कक्षा में 60 फीसदी विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
यह भी पढ़ें:हिमाचल के स्कूलों में लौट आई रौनक, एसओपी के तहत लगी पहली से 12वीं तक की कक्षाएं
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए एसओपी के तहत सभी स्कूलों में छात्रों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। सभी छात्र-छात्राएं मास्क पहनकर स्कूल पहुंचे। स्कूल के मुख्य द्वार पर स्कूल प्रशासन की ओर से उनके हाथ सेनेटाइज करने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया। स्कूलों में प्रार्थना सभा और खेलकूद गतिविधियां नहीं हुईं। स्कूल खुलने के पहले दिन शिक्षकों ने पहली से 5वीं तक की कक्षाओं में बच्चों को स्वास्थ्य जागरूकता का पाठ पढ़ाया। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि पहले दिन स्कूलों में संतोषजनक हाजिरी पाई गई। आने वाले दिनों में स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। सभी स्कूलों में एसओपी (SOP) का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। विभागीय अधिकारियों को औचक निरीक्षण के निर्देश भी दिए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर की दिन में एक बार और शौचालयों की दो बार सैनिटाइजेशन होगी।
इन जिलों में सबसे कम बच्चे आए स्कूल
पहली से आठवीं कक्षा तक किन्नौर और शिमला जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी अपेक्षाकृत कम रही। किन्नौर में पहली से पांचवीं कक्षा 25 फीसदी, शिमला में 33 फीसदी और छठी से आठवीं तक किन्नौर में 25 और शिमला में 17 फीसदी विद्यार्थी आए। पहली से पांचवीं कक्षा तक बिलासपुर में 76, चंबा में 66, हमीरपुर में 71, कांगड़ा में 52, कुल्लू में 76, लाहुल स्पीति में 54, मंडी में 85, सिरमौर में 26, सोलन में 54 और ऊना जिला में 65 फीसदी हाजिरी रही। छठी से आठवीं तक बिलासपुर में 89, चंबा में 56, हमीरपुर में 78, कांगड़ा में 49, कुल्लू में 72, लाहौल स्पीति में 89, मंडी में 83, सिरमौर में 46, सोलन में 58 और ऊना में 65 फीसदी विद्यार्थी कक्षाएं लगाने आए।