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शिमला। सरकारी क्षेत्र में 45 हजार व निजी क्षेत्र में 60 हजार को रोजगार देने के सीएम वीरभद्र सिंह के बयान पर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने पलटवार किया है। उन्होंने बकायदा इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स डिपार्टमेंट जो सीएम के अधीन है ने वर्ष 2015-16 के लिए जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें रोजगार शीर्षक के अनुसार वर्ष 2014-15 में सरकारी क्षेत्र में 891 पद नोटिफाई किए गए थे, जिसमें से सरकारी क्षेत्र में 584 लोगों को नौकरियां मिलीं।
वहीं वर्ष 2015-16 में सरकारी क्षेत्र में 1647 पद नोटिफाई किए गए, जिसमें से 31 मार्च 2016 तक मात्र 566 लोगों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार मिला है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों मात्र 1150 लोगों को सरकारी क्षेत्र व 15286 लोगों निजी क्षेत्र में अब तक रोजगार मिला है, जबकि सीएम दावा कर रहे हैं कि सरकारी क्षेत्र में 45000 लोगों को और निजी क्षेत्र में 60 हजार लोगों को रोजगार मिला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्ष 2012-13 में प्रदेश में नियमित कर्मचारियों की संख्या 184761 थी जो वर्ष 2014-15 में घटकर 182049 रह गई है। एक तरफ तो सरकारी कर्मचारियों की संख्या घट रही हैं, दूसरी तरफ सरकार 45 हजार लोगों को रोजगार देने के झूठे आंकड़े जारी कर रही है। धूमल ने कहा कि सरकार के दावों में जरा भी सत्यता है तो वह पिछले 4 वर्षों के कांग्रेस के शासनकाल के दौरान रोजगार सम्बन्धी आंकड़ों के बारे श्वेत पत्र जारी करें, जिसमें स्पष्ट करें कि प्रदेश के किन-किन विभागों में कितने लोगों को रोजगार दिया गया है।
श्वेत पत्र जारी होते ही सरकार के झूठे दावों की सत्यता की पोल खुद व खुद खुल जाएगी। धूमल ने कहा कि इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों का ध्यानपूर्वक विश्लेषण किया जाए, उससे यह भी स्पष्ट होता है कि युवाओं को गुमराह करने के लिए प्रदेश कांग्रेस सरकार ने पद तो ज्यादा विज्ञापित किए, परन्तु वास्तविकता में भरे गए पदों की संख्या नोटिफाई किए गए पदों से बहुत कम है। पिछले दो वर्षों में प्रदेश सरकार ने 2338 पद नोटिफाई किए थे, जबकि भरे गए पदों की संख्या मात्र 1150 है। ऐसे में सरकार भले ही प्रेसवार्ताओं और रैलियों में जनता को गुमराह करने के लिए बड़े-बड़े दावे कर ले, परन्तु सत्यता यही है कि रोजगार देने में वर्तमान कांग्रेस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड भी 2003-07 की कांग्रेस सरकार जैसा ही है जब उन्होंने लाखों लोगों को रोजगार देने का दावा किया था और विधानसभा सत्र में स्वयं स्वीकारा था कि उन्होंने मात्र 3386 लोगों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया है।
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