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हिमाचल के 64 अधिकारी ODI लिस्ट में शामिल, 20 अधिकारियों को मिला सेवा विस्तार
Last Updated on February 28, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल में विभिन्न विभागों के 64 अधिकारी ऑफिसर्ज विद डाउटफुल इंटेग्रिटी लिस्ट (ODI) में शामिल हैं। इनमें गृह विभाग के चार अधिकारी शामिल हैं। कोटखाई प्रकरण में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार हुए आईजी जहूर जैदी, पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी, पूर्व डीएसपी मनोज जोशी और मदन लाल संदिग्ध अधिकारियों की लिस्ट में शामिल हैं।
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इसके अलावा पशुपालन विभाग के 12, आयुर्वेद विभाग के पांच, कृषि विभाग के दो, शिक्षा विभाग के 10 और स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग के 18, जल शक्ति में तीन, पीडब्ल्यूडी में एक, कार्मिक में एक, राजस्व में एक, टैक्नीकल एजुकेशन में दो, आबकारी में दो, मुद्रण एवं लेखन में एक और परिवहन विभाग में एक अधिकारी ओडीआई लिस्ट में हैं। ऐसे में राज्य के 64 अधिकारी संदिग्ध सूची में शामिल हैं। विधायक राजेंद्र राणा द्वारा पूछ गए एक सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी है।
दो साल में 20 अधिकारियों को दिया सेवा विस्तार
प्रदेश सरकार ने बीते दो साल के अंदर 20 अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया गया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक एक फरवरी 2018 से 15 नवबंर 2019 तक 20 कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया गया।
इनमें शिक्षा विभाग के तीन, मेडिकल एजुकेशन में एक, वरिष्ठ सहायक के तीन, बायोकेमिस्ट के एक कार्मिक विभाग में दो, पीडब्ल्यूडी में चार, टेक्नीकल एजुकेशन में एक, गृह विभाग के दो और जनजातीय विभाग विभाग में एक अधिकारी को सेवाविस्तार दिया गया, जबकि बोर्ड एवं निगमों में चार अधिकारियों को भी सेवा विस्तार दिया गया। खाद्व आपूर्ति में तीन, बिजली बोर्ड में एक कर्मचारी को एक्सटेंशन दी गई।
हिमाचल के विभागों में 63 हजार 126 पद खाली
प्रदेश के विभिन्न विभागों में 63 हजार 126 पद खाली चल रहे हैं। विधायक रमेश धवाला द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी है। बताया गया कि सबसे अधिक तृत्तीय श्रेणी के 43 हजार 412 पद खाली हैं। जबकि ग्रेड वन के 4208, ग्रेड टू के 749 और चतुर्थ श्रेणी के 14 हजार 757 पद खाली चल रहे है। रमेश धवाला के इस सवाल पर लिखित जवाब में कहा गया है कि खाली पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने की प्रक्रिया जारी है।
राज्य में पिछले साल हुई पुलिस भर्ती के दौरान सरकार के खजाने में 71 लाख 74 हजार 319 की धनराशि प्राप्त हुई। वर्ष 2019 में हुई भर्ती प्रक्रिया के दौरान 86 हजार 99 आवेदन मिले थे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ने यह जानकारी दी। सीएम ने यह भी कहा कि प्रत्याशियों से फीस के रूप में प्राप्त राशि माफ नहीं की जाएगी।