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जज्बे को सलाम : 70 साल के लौंगी भुईयां ने पहाड़ काट कर बना डाली 5 KM लंबी नहर
Last Updated on September 14, 2020 by saroj patrwal
गया। बिहार के माउंटेनमैन दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi) का नाम तो आपने सुना ही होगा। उनके ऊपर एक फिल्म भी बन चुकी है। मांझी ने एक हथौड़ा और छैनी से अकेले ही 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट कर 22 साल की कड़ी मेहनत के बाद सड़क बना डाली थी। ऐसे ही एक 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां (Laungi Bhuiyan) ने अपनी मेहनत से गांवों के सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दीं। लौंगी ने तीस साल की कड़ी मेहनत से पहाड़ काट कर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली। अब पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में जा रहा है। जिससे तीन गांव के लोगों को फायदा हो रहा है।
बिहार (Bihar) के गया के रहने वाले लौंगी भुईयां ने 30 साल तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को इकट्ठा कर गांव तक लाने की ठान ली और वो रोज घर से जंगल में पहुंच कर नहर बनाने लगे। कोठीलवा गांव निवासी लौंगी भुईयां अपने बेटे, बहू और पत्नी के साथ रहते हैं। इस इलाके में पानी की कमी की वजह से लोग केवल मक्का और चना की खेती किया करते थे। ऐसे में गांव के सारे नौजवान अच्छी नौकरी की तलाश में गांव से पलायन कर चुके थे। ज्यादातर लोग गांव से दूर काम की तलाश में चले गए। ऐसे में उनके मन में ख्याल आया कि अगर यहां पर पानी की व्यवस्था हो जाए तो लोगों के पलायन को रोका जा सकता है।
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भुईयां ने बताया कि परिवार के लोगों ने उन्हें खूब मना किया, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और नहर खोदने में जुट गए। कड़ी मेहनत के बाद आज नहर (Canal) बनकर तैयार है और इस इलाके के तीन गांव के तीन हजार लोगों को फायदा हो रहा है। लौंगी भुईयां के काम से हर कोई प्रभावित है। आज उनका नाम देश के हर कोने में लिया जा रहा है। हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। गांव वालों का कहना है कि जब से होश संभाला है तब से लौंगी भुईयां को घर में कम, जंगल में ज्यादा देखा। वहीं, भुईयां का कहना है कि अगर सरकार कुछ मदद कर दे हमें खेती के ट्रैक्टर जैसी सुविधा मिल जाए तो हम बंजर पड़ी जमीन को खेती के लिए उपजाऊ बना सकते हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी।