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75 फीसदी दिव्यांग ये बच्चा सरकारी योजनाओं के लाभ से अभी तक वंचित
Last Updated on September 25, 2020 by Deepak
करसोग/मंडी। सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में एक दिव्यांग बच्चे तक सरकार की योजना नहीं पहुंच पा रही है। यह बच्चा मंडी जिला (Mandi district) के उपमंडल करसोग के पांगणा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मशोग का रहने वाला है। 8 वर्षीय बच्चा मनीष दूसरी कक्षा में पढ़ता है और इसकी 3 बहनें हैं। यह परिवार अनूसूचित जाति और आईआरडीपी से संबंधित है। पैदा होने के बाद से ही मनीष चलने फिरने पूरी तरह से असमर्थ है। अपने दिव्यांग बच्चे को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए माता-पिता दुर्गम क्षेत्र मशोग से वेलफेयर कार्यालय करसोग (Welfare Office Karsog) पहुंच कर सैंकड़ों चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन आज दिन तक उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। परिवार ने अपनी जमापूंजी और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर दिव्यांग के ईलाज के लिए खर्च कर दिए हैं। अब हाल यह है कि इनके पास कुछ भी नहीं बचा है।
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मनीष के पिता नरेश कुमार ने कहा कि उनका बेटा पिछले 5 वर्षों से बीमार है। बच्चे का इलाज नागरिक चिकित्सालय करसोग, सुंदरनगर, आईजीएमसी शिमला और पीजीआई चंडीगढ़ में पिछले 10 महीनों से चल रहा है। उनके पास और रिश्तेदारों से उधार लिए गए पैसे भी अब खत्म हो गए हैं। नरेश कुमार ने कहा कि उन्हें पंचायत मशोग या अन्य किसी भी सरकारी संस्थान से कोई भी सुविधा नहीं मिल पाई है। बेटे मनीष की 6 माह की उम्र से टांगें काम नहीं करती हैं और वह बिल्कुल चलने फिरने में असमर्थ है।
स्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिले तो बात बने
दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने कहा कि जिला मंडी के पांगणा क्षेत्र का रहने वाला मनीष 75 प्रतिशत दिव्यांग है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जन्म से ही चलने फिरने में असमर्थ होने के बावजूद मनीष सरकार के द्वारा जाने वाली सभी सुविधाओं से वंचित है। सकलानी ने जिला चिकित्सा बोर्ड मंडी से मांग की है कि इस दिव्यांग बच्चे को स्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान कर सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने के लिए योग्य किया जाए। मामले को लेकर जब तहसील वेलफेयर आफिसर करसोग भोपाल भारत से दूरभाष के माध्यम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार अस्थाई दिव्यांगता में बस पास के अलावा कोई और सुविधा दिव्यांगजन को नहीं मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मेडिकल बोर्ड के द्वारा मनीष को स्थाई दिव्यांग प्रमाण पत्र देने पर योजनाओं की सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएगी।