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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं (Ambitious projects) में से एक, ‘उज्ज्वला योजना’ की एक रिपोर्ट ने हवा निकाल दी है। लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के दौरान बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने इस योजना के बारे में बात करते हुए बताया था कि कैसे देश के आठ करोड़ से ज्यादा घरों में, गैस सिलेंडर और चूल्हा (Gas cylinders and stove) पहुंचा के महिलाओं को घरेलू वायु प्रदूषण से बचाया और उनको एक नई जिंदगी प्रदान की। कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक दावा किया था कि 2020 तक हर घर में गैस और चूल्हा होगा। विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर कोलैबोरेटिव क्लीन एयर पॉलिसी सेंटर (Collaborative Clean Air Policy Center) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसने इन सभी दावों की पोल खोल दी है।
रिपोर्ट में बताया गया ही कि करीब 16 करोड़ भारतीय घरों (लगभग 58 लाख व्यक्ति) में आज भी लकड़ी, सूखी पत्तियां या उपला जला कर खाना बनता है। इतना ही नहीं, भारत में घरेलू वायु प्रदूषण (Domestic air pollution) की वजह से, विश्व के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा मृत्यु हो रही है। बता दें कि कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन (Carbon monoxide and methane) जैसी जहरीली गैस की वजह से 2018 में करीब 8 लाख मौतें हुई थीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसकी वजह से इस वर्ष करीब 2 लाख से ज्यादा लंग कैंसर (Lung Cancer) के केस सामने आए हैं। पोर्ट के मुताबिक घरेलू वायु प्रदूषण ट्रैफिक वाहन (Traffic Vehicles) और इंडस्ट्रियल प्रदूषण (Industrial Pollution) से कई गुना ज्यादा है। वायु प्रदूषण में इसका योगदान करीब 52 फीसदी है। वैसे तो रिपोर्ट में मोदी की उज्ज्वला योजना की तारीफ की गई है मगर साथ ही साथ और कड़े कदम उठाने की भी हिदायत दी गई है।
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