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कुल्लू। हिमाचल के कुल्लू जिला में वर्ष 2020 में 2039 सड़क दुर्घटनाएं (Road Accident) हुई हैं, जिनमें 892 लोगों ने अपनी जान गवां दी। 3224 लोग इन हादसों में घायल हुए। हालांकि लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। यह बात शिक्षा, कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Minister Govind Singh Thakur) ने शनिवार को कुल्लू के ऐतिहासिक रथ मैदान में सड़क सुरक्षाए जीवन रक्षा थीम पर जिला स्तरीय राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान (National Road Safety Campaign) की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा अभियान को जन-आन्दोलन बनाना समय की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को सड़क सुरक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और इसे अपने स्वभाव में ढालना चाहिए। ऐसा करने से सड़कों में जान गवाने वालों की संख्या में अप्रत्याशित कमी आएगी। सड़क दुर्घटनाएं नाममात्र रह जाएंगी।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हर रोज 1214 लोग सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बन जाते हैं। हिमाचल के परिपेक्ष्य में उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में 2039 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 892 लोगों ने अपनी जान गवां दी। 3224 घायल हुए। यह बहुत चिंताजनक है कि हमें यातायात के नियमों (Traffic Rules) का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए आज भी ऐसे जागरूकता अभियानों का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोग अपने आप नियमों का पालन करने में हिचकिचाते हैं। इसलिए अधिनियम का सहारा लेकर कानून का भय होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को हर साल चार लाख करोड़ की आर्थिक क्षति हो जाती है। बता दें कि हिमाचल में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हिमाचल सरकार ने राज्यी स्तरीय सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया है। जिसका शुभारंभ सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने 18 जनवरी को शिमला के रिज से किया था। यह सड़क सुरक्षा अभियान पूरा एक माह तक चलाया जाएगा। इस दौरान रैलियों सलोगनों नुक्कड़ नाटकों द्वारा लोगों को सड़क जागरूक किया जाएगा।
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