-
Advertisement
नौकरी के तलाश में गांव से निकल कर आया दिल्ली, पहले बना कांस्टेबल फिर बना IPS
Last Updated on January 17, 2020 by saroj patrwal
राजस्थान । गांव में सरकारी नौकरी का बहुत ज़्यादा क्रेज है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए गांव से निकल कर लड़के-लड़कियां शहरों की तरफ जाते हैं । माता-पिता की चाहत होती है की उनका बच्चा अफसर (Officer)बने। इंसान चाहे तो अपने हौसलों से अपनी किस्मत लिख सकता हैं । ऐसा ही काम राजस्थान के एक पिछड़े गांव के किसान परिवार में पैदा हुए आईपीएस अफसर विजय सिंह गुर्जर (IPS Officer Vijay Singh Gujjar)ने किया हैं । बचपन से पैसों के अभाव में वे अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ पाए, लेकिन विजय सिंह ने अपना हौसला नहीं हारा और वो जो पाना चाहते थे उन्हें मिल ही गया । उनके पिता ने उन्हें संस्कृत विषय में शास्त्री की पढ़ाई करावाई ताकि वे सरकारी स्कूल में टीचर बन जाए । लेकिन, वो टीचर नहीं बनना चाहते थे, तो कांस्टेबल भर्ती के लिए दिल्ली आ गए । दिल्ली में काफी मशक्कत की और उन्हें कांस्टेबल की नौकरी मिली। लेकिन वो इसके अधिक हासिल करना चाहते थे। इसके बाद वे आईपीएस अफसर बनने के लिए तैयारी में जुट गए। सात साल नौकरी के साथ पढ़ाई करके कड़ी मेहनत से वे आखिरकार IPS बन ही गए।
यह भी पढ़ें- Renault Duster पर पाएं अब तक की सबसे बड़ी छूट, 1.5 लाख कम हुई कीमत
विजय सिंह बताते है कि उन्होंने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह किसान और मां गृहिणी हैं। पांच भाई-बहनों में वो तीसरे नंबर पर हैं। वे घर पर पढ़ाई के साथ पिता के पशुपालन और खेतीबाड़ी में मदद करते थे। उन्होंने अपने पिता के साथ मिल कर खेतों में हल भी चलाया हैं। घर की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वो बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर सके। बहुत काम ऐसे लोग हैं, जो संस्कृत से अपनी पढाई करके IPS अफसर बन जाए । विजय सिंह गुज्जर अपनी जिंदगी में जो चाहते थे उन्होंने कर दिखाया।