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करोड़ों खर्च करने पर भी Smart City के नहीं सुधरे हालात, लगे कूड़े के ढेर
Last Updated on January 20, 2020 by Vishal Rana
धर्मशाला। स्मार्ट सिटी धर्मशाला (Smart City Dharamshala) में नगर निगम ने 14 करोड़ रुपए खर्च करके शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और अंडरग्राउंड डस्टबिन प्रोजेक्ट (Solid waste management and underground dustbin project) शुरू किए। बावजूद इन दोनों प्रोजेक्टों के धर्मशाला शहर में गंदगी की भरमार और कूड़े के बड़े-बड़े ढेरों से आज तक निजात नहीं मिल सकी है। स्वच्छता अभियान (Cleanliness Campaign) के नाम पर सरकारी बजट पानी की तरह बहाया जा रहा हैं, इसके बाद भी धर्मशाला स्मार्ट सिटी की तस्वीर नहीं बदल पा रही है। इसके लिए जहां धर्मशाला नगर निगम जिम्मेदार हैं वहीं आम लोग भी इस अभियान के प्रति संवेदनशील नहीं बन पाए हैं। शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करने की योजना शुरू तो हुई, लेकिन यह भी सफल नहीं हो पा रही है।
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धर्मशाला नगर निगम ने वार्ड नंबर 7 को पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत मॉडल वार्ड के रूप में चिन्हित किया है, लेकिन इस वार्ड की गलियां कूड़े से भरी पड़ी हैं। वेस्ट वारियर्स एनजीओ के वालंटियर सुबह कूड़ा एकत्रित करने वाली गाड़ी के साथ.साथ चल कर लोगों को गीला व् सूखा कूड़ा अलग-अलग डस्टबिन में देने का आग्रह करते हैं। बावजूद इसके स्थानीय लोग कूड़े को गलियों में खुले में फेंक रहे हैं। पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर खूबसूरती को बिगाड़ रहे हैं। मैक्लोडगंज के अधिकतर क्षेत्रों में सीवेज लीकेज होने से दुर्गंध फैली रहती है, जिससे यहां रोजाना आने वाले सैकड़ों पर्यटकों को पहले कूड़े के ढेरों का दीदार करना पड़ता है। आलम यह है कि कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से स्थानीय निवासी और पर्यटक परेशान हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि शिकायत करने के बाद भी समस्या का निवारण नहीं किया जा रहा है।