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विज्ञान विषयः अध्याय-4… कार्बन और इसके घटक
Last Updated on February 1, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?
(H.P. 2011 Set-B, 2015 Set II, 2016 Set II)
उत्तर-कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन परमाणु के साथ ऑक्सीजन के दो परमाणु जुड़े होते हैं। कार्बन की परमाणु संख्या 6 होती है और इसके बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अष्टक बनाने की लिए चार इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन को केवल 2 इलेक्ट्रॉनों की बाहरी कक्ष में आवश्यकता होती है। इसलिए उसक इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना होगी-
प्रत्येक ऑक्सीजन का परमाणु कार्बन परमाणु से दोहरे बंध में जुड़ता है।
प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी? (संकेत : सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर-सल्फर का परमाणु क्रमांक 16 है।
K L M
2 8 6
सल्फर के बाहरी कक्ष में 6 इलेक्ट्रॉन हैं और इसे अष्टक पूरा करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है।
प्रत्येक सल्फर परमाणु दो इलेक्ट्रॉनों की सहभागिता करेगा।
... सल्फर की S8 संरचना मुकुट (Crown) के आकार की होती है।
प्रश्न-
प्रश्न 1. पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं ?
(H.P. 2011 Set-C 2013 Set C)
उत्तर-पेन्टेन के तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण किया जा सकता है।
Η Η Η Η Η
| | | | |
H- C – C – C – C – C – H नॉरमल-पेन्टेन
| | | | |
H H H H H
H H H H
| | | |
H- C – C – C – C – H आइसोपेन्टेन
| | | |
H | H H
H- C- H
|
H
H
H – C- H
H | H
| | |
H- C- C- C- H नियो पेन्टेन
| | |
H- C- H
|
H
प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं, जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर-(1) कार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ बंध बनाने की अद्भुत क्षमता होती है। इस गुण को श्रृंखलन कहते हैं। इन यौगिकों में कार्बन की लंबी श्रृंखला कार्बन की विभिन्न शाखाओं वाली श्रृंखला या अंगूठी के आकार में व्यवस्थित कार्बन पाए जाते हैं। कार्बन के परमाणु एकल, युगल या तिहरे बंध में जुड़ सकते हैं।
(2) कार्बन में चार संयोजकता होती है। इसलिए इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं या कुछ अन्य संयोजक तत्वों के परमाणुओं के साथ बंधन बनाने की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्व के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं। इससे ऐसे विशेष गुण करने वाले यौगिक बनते हैं, जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।
प्रश्न 3. साइक्लोपेनटेन का सत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंद संरचना क्या होंगे?
उत्तर-साइक्लोपेनटेन का सामान्य सूत्र C5H2×5 = C5H10 है। इसका इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना है-
प्रश्न 4. निम्नलिखित यौगिकों की संरचना चित्रित कीजिए-
(i) इथेनायक अम्ल (H.P. 2009, Set A) (ii) ब्रोमोपेंटेन
(iii) बूटानोन (H.P. 2009, Set B) (iv) हेक्सानल (H.P. 2009, Set C)
उत्तर–
(i) इथेनायक अम्ल
H O
| |
H- C C- O- H
|
C
(ii) क्रोमोपेंटेन
Η Η Η Η Η
| | | | |
H- C – C – C – C – C – Br
| | | | |
H H H H H
कार्बन के साथ ब्रोमीन का स्थान बदलने के कारण ब्रोमो पेंटेन विभिन्न संरचनात्मक समावयवता प्रदर्शित करता है।
Η Η Η Η Η H H H H H
| | | | | | | | | |
H- 5C – 4C – 3C – 2C – 1C – Br H- 5C- 4C- 3C- 2C- 1C- H
| | | | | | | | | |
H H H H H H H H Br H
- ब्रोमोपेंटेन 2. ब्रोमोपेंटेन
H H H H H
| | | | |
H- 5C- 4C- 3C- 2C- 1C- H
| | | | |
H H Br H H
3-ब्रोमोपेंटेन
(ii) बूटानोन
Η Η Η
| | |
H- 4C – 5C – 2C – 1C – H
| | | ||
H H O H
(iv) हेक्सानल
Η Η Η Η Η O
| | | | | //
H- 6C – 5C – 4C – 3C – 2C- 1C \
| | | | |
H H H H H H
प्रश्न 5. निम्नलिखित यौगिकों का नामांकन कैसे करेंगे? (H.P. 2011 Set-A)
(i) CH3 – CH2 – Br
H
|
(i) H- C = O
Η Η H Η
| | | | _
(iii) H- C – C – C – C – C= - H
| | | ||
H H O H
उत्तर-(i) CH3 – CH2 – Br को इथेन से प्राप्त किया जाता है। इसका अनुलग्न ब्रोमीन है। इसका उपसर्ग ब्रोमो है।
... इसका नाम है-
ब्रोमो+इथेन = ब्रोमोइथेन
(ii) H
|
H- C = O एलडीहाइड वर्ग है। इसका अनुलग्न al है।
... यह मेथानॉल है।
(iii) यौगिक में छह कार्बन परमाणु हैं। इसलिए यह हैक्सेन है। यौगिक असंतृप्त है और इसमें तीन बंध हैं और तीसरा बाद श्रृंखला में कार्बन परमाणु के पहले स्थान पर है।
इसलिए यौगिक 1- हैक्साइन है।
इसे हेक्साइन भी कह सकते हैं।
प्रश्न–
प्रश्न 1. एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर-दहन करने से कार्बन यौगिकों को सरलता से ऑक्सीकत किया जा सकता है। रासायनिक क्रिया से ऑक्सीकरण करके यह कार्य किया जा सकता है। एल्कोहल को कार्बोजाइलिक अम्ल में बदला जा सकता है।
O
|
CH3 – CH2 – OH + O2 → CH3 – C –OH + H2O
एथानॉल एथानोइक अम्ल
ऑक्सीकरण का कार्य एलकाइन KMnO4 या अम्लीकृत K2Cr2O7 से किया जा सकता है।
एल्कलाइन KMNO4 + ताप
CH3CH2OH → CH3COOH
या अम्लीकृत K2Cr2O7 + ताप
प्रश्न 2. ऑक्सीजन तथा एथायन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते है कि इथायन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
उत्तर-एथायन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो वायु की उपस्थिति में दहन करते समय पीले रंग की ज्वाला और ली धुआं उत्पन्न करता है। इस धुएं में कार्बन होता है। अपूर्ण दहन के कारण ऊष्मा ऊर्जा भी कम उत्पन्न होती है। इसलिए वेल्डिंग के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा की प्राप्ति के लिए ऑक्सीजन और इथायन का प्रयोग किया जाता
–
2HC =CH + 5O2 → 4CO2 + 2H2O+ ऊष्मा और प्रकाश
एथायन ऑक्सीजन
प्रश्न–
प्रश्न 1. प्रयोग द्वारा आप एल्कोहल एवं कार्बोसिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं?
(H.P. 2009, Set-A)
उत्तर-निम्नलिखित प्रयोग के द्वारा एल्कोहल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में अंतर किया जा सकता है-
- सोडियम कार्बोनेट परीक्षण-दो परखनलियां लो और उनमें अलग-अलग एल्कोहल और कार्बोक्सिलिक अम्ल की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो। दोनों में NaHCO3 का जलीय विलयन डालो। जो यौगिक CO2 गैस की उत्पत्ति के कारण बुलबुले उत्पन्न करता है उसमें कार्बोक्सिलिक अम्ल है।
CH3COOH + NaHCO3 → CH3 COONA + H2O + CO2
- क्षारीय पोटाशियम परमैंगनेट परीक्षण-दो परखनलियों में दोनों यौगिकों की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो और इनमें। क्षारकीय पोटाशियम परमैंगनेट की कुछ बूंदें डालो। इन्हें गर्म करो जो यौगिक क्षारकीय पोटाशियम परमैंगनेट विलयन के गुलाबी रंग को समाप्त कर देगा, वह निश्चित रूप से एल्कोहल होगा।
प्रश्न 2. ऑक्सीकारक एजेंट क्या हैं?
उत्तर-ऑक्सीकारक एजेंट वे पदार्थ हैं जो अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। उदाहरण के लिए क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट और अम्लीय पोटाशियम डाइक्रोमेट इथनॉल को इथानोइक अम्ल में बदल सकता है।
O
||
CH3 – CH2 OH + 2(O) → CH3 – C – OH + H2O
(इथानॉल) ऑक्सीकारक इथानोइक अम्ल
एजेंट
इथानॉल के एक अणु में ऑक्सीजन का एक परमाणु होता है जबकि इथानोइक अम्ल में ऑक्सीजन के दो परमाणु होते हैं। इथानॉल में ऑक्सीजन या एक परमाणु मिल जाता है और इथानोइक अम्ल बन जाता है। यह ऑक्सीजन या तो उसे क्षारकीय पोटाशियम परमैंगनेट या अम्लीय पोटाशियम डाइक्रोमेट से प्राप्त होता है। इसलिए ये दोनों पदार्थ ऑक्सीकारक एजेंट हैं।
प्रश्न-
प्रश्न 1. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं?
उत्तर-नहीं, डिटरजेंट कठोर जल के साथ झाग बनाता है। यह कठोर जल के साथ साबुन की तरह सफ़ेद तलछट तैयार नहीं करता है।
प्रश्न 2. लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यत: साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगडऩे की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर-साबुन या डिटरजेंट की लंबी हाइड्रोजन की पूंछ से ग्रीज़ या गंदगी जुड़ कर कपड़े की सतह और पानी पर। आ जाती है। इसके कारण जल का सतही तनाव कम हो जाता है और जल पर गंदगी की तह जम जाती है। इसे कपड़े से हटाने के लिए कपड़े को पत्थर पर पटकना पड़ता है, पीटना पड़ता है, ब्रुश से रगडऩा पड़ता है या वाशिंग मशीन में उसे रगडऩा पड़ता है।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. इथेन का आण्विक सूत्र – C2H6 है। इसमें :
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं (c) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 8 सहसंयोजक आबंध हैं (d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।
उत्तर-इथेन की संरचना है-
H H
| |
H- C – C- H
| |
H H
इसमें सात सहसंयोजक आबंध है।
... (b) विकल्प ठीक है।
प्रश्न 2. ब्यूटनोन चतुर्कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल (b) एल्डीहाइड
(c) कीटोन (d) एल्कोहल।
उत्तर- ब्यूटनोन की संरचना है-
H H O H O
| | || | ||
H- C- C- C- C- H या CH3 – CH2 – C – CH3
| | |
H H H
अत: क्रियात्मक समूह किटोन है।
O
||
-C-
अत: विकल्प (c) ठीक है।
प्रश्न 3. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही हो तो इसका मतलब है कि-
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर-जब ईंधन पूरी तरह से जलता नहीं है तब धुआं उत्पन्न होता है।
... विकल्प (b) ठीक है।
प्रश्न 4. CH3C1 में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाएं।
उत्तर-C, H और C1 की परमाणु संख्या क्रमश 6, 1 और 17 है।
इसलिए उन इलेक्ट्रॉनिक संरचना होगी-
कार्बन हाइड्रोजन क्लोरीन
K L K K L M
2 4 1 2 8 7
कार्बन को अष्टक बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन चाहिए, हाइड्रोजन को एक इलैक्ट्रान चाहिए और क्लोरीन को अष्टक बनाने के लिए एक इलेक्ट्रान की आवश्यकता है। कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्रदान करता है-तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साया एक क्लोरीन के।
ऐसा करने से कार्बन लगभग उत्कृष्ट गैस नियॉन की संरचना को प्राप्त कर लेता है, हाइड्रोजन हीलियम की और क्लोरीन आरगॉन की संरचना पा लेता है।
अत: क्लोरोमिथेन में तीन C-H और एक C-C1 सहसंयोजक आबंध बनाता है।
प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाएं-
(a) इथेनोइक अम्ल (b) H2S
(c) प्रोपेनोन (d) F2
उत्तर-(a) इथेनोइक अम्ल = CH3COOH
प्रश्न 6. समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए। (H.P. 2009, Set B)
उत्तर-यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यक समूह प्रतिस्थापित करता है उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं। इसके दो क्रमागत सदस्यों में CH2 ग्रुप का अंतर होता है, जैसे- एल्केन, सजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n + 2 है। इस श्रेणी के सदस्य मिथेन CH4 इथेन C2H6, प्रोपेन C3H8 बूटेन C4H10, पेंटेन C15H12, हैक्सेन C6H16 आदि हैं।
प्रश्न 7. भौतिक एवं रासायनिक गुण धर्मों के आधार पर इथेनॉल एक इथेनोइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर-भौतिक गुणधर्म-
- गंध-इथेनोइक अम्ल की तेज दम घोंटने वाली गंध होती है जबकि इथेनॉल की मधुर गंध होती है।
- गलनांक-इथेनॉल का गलनांक 156K होता है तो इथेनोइक अम्ल या 290K है।
- क्वथनांक-इथेनोइक अम्ल का क्वथनांक 391K है जबकि इथेनॉल का 351K
रासायनिक गुणधर्म-
- सोडियम से क्रिया-इथेनॉल सोडियम से क्रिया कर H2 गैस उत्पन्न करता है लेकिन इथेनोइक अम्ल सोडियम के क्रिया नहीं करता।
2Na + 2CH3 Ch2OH → 2CH3CH2O–Na+ + H2
- कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट से क्रिया-इथेनॉल सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट से क्रिया नहीं करता जबकि इथेनोइक अम्ल इनसे क्रिया कर CO2 गैस उत्पन्न करता है।
2CH3COOH + Na2 CO3 → 2CH3 COONa + H2O + CO2
CH3 COOH + Na HCO3 → CH3 COONa + H2O + CO2
प्रश्न 8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या इथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा? क्कश्व (H.P. 2009, Set A)
उत्तर-जब साबुन को जल में डाला जाता है तो इसके अणु के दो सिरे दो भिन्न गुणधर्मों को प्रकट करते हैं। जल में विलयशील हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोकार्बन में विलयशील हाइड्रोफोबिक। यह जल में घुलनशील नहीं होते। पानी में डालने से साबुन का आयनिक सिरा जल के अंदर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूंछ (दूसरा सिरा) जल के बाहर होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह बनने के कारण होता है जिसमें हाइड्रोफोबिक पूंछ बड़े समूह के भीतरी हिस्से में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा बड़े समूह की सतह पर होता है।
साबुन इथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में घुल जाता है इसलिए मिसेल का निर्माण नहीं करता।
प्रश्न 9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
(H.P. 2009, Set C)
उत्तर-जब कार्बन और इसके यौगिकों को अधिक वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है तो बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा और प्रकाश की उत्पत्ति होती है। इन्हें एक बार जला दिए जाने के बाद ये निरंतर जलते हते हैं। इन्हें अधिक ऊष्मा ऊर्जा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर मैल के निर्माण को समझाएं।
उत्तर-कठोर जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के ऑयन होते हैं। ये साबुन के अणुओं से जुड़ कर अघुलनशील पदार्थ (स्कम) बनाते हैं।
2C17H35 COONa + Ca2+ → (C14H35COO)2 Ca + 2Na+
सोडियम स्टीयरेट कैल्सियम सोडियम आयन
आयन कैल्सियम स्टीयरेट
(स्कम)
2C17H35COONa + Mg2+ → (C17H35COO)2 Mg + 2Na+
सोडियम स्टीयरेट मैग्नीशियम आयन मैग्नीशियम स्टीयरेट (सोडियम आयन)
प्रश्न 11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जांच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर-साबुन क्षारकीय प्रकृति का होता है इसलिए वह लाल लिटमस को नीला कर देगा। इसका नीले लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 12. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2015)
अथवा
जब वनस्पति तेल में से निकिल की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस गुजारी जाती है तो क्या होता है?
(H.P. 2010 Set-B)
उत्तर-असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का निकेल या पैलेडियम उत्प्रेरकों की उपस्थिति में हाइड्रोजन का मिलना और संतृप्त हाइड्रोकार्बन में बदलना हाइड्रोजनीकरण कहलाता है।
R\/ /\ R Ni, 473K R R
C=C + H2 → | |
R R R- C- C- R
अल्कीन | |
(असंतृप्त हाइड्रोकार्बन) R R
अल्केन
(संतृप्त हाइड्रोकार्बन)
औद्योगिक उपयोग-इस प्रक्रिया से वनस्पति तेलों को वनस्पति घी में बदला जाता है।
Ni, 473k
वनस्पति तेल + H2 → वनस्पति घी।
वनस्पति तेलों में कार्बन परमाणु के दोहरे बंध होते हैं। जब हाइड्रोजन गैस को निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में 473K पर उनसे गुजारा जाता है तो वे ठोस वसा में बदल जाते हैं।
प्रश्न 13. दिए गए हाइड्रोकार्बन-C2H6, C3H8,C3H6, CH2 एवं CH4 में किस में संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर-केवल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ही योग अभिक्रिया को करते हैं। इसलिए C2H6, C3H8,C3H6, CH2, CH4 में से केवल C3H6 और C2H2 ही योग अभिक्रिया करेंगे।
प्रश्न 14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए। (H.P. 2009, Set-B)
उत्तर-मक्खन में संतृप्त यौगिक होते हैं और खाना पकाने वाले तेलों में असंतृप्त यौगिक होते हैं। असंतृप्त यौगिक क्षारकीय पोटैशियम परमैंगनेट के गुलाबी रंग को उड़ा देते हैं। इसलिए खाना पकाने वाले तेल में कुछ बूंद क्षारकीय पोटैशियम परमैंगनेट घोल की डाली जाती है और उनका रंग उड़ जाता है पर मक्खन के साथ यही क्रिया करने से पोटैशियम परमैंगनेट का गुलाबी रंग नहीं उड़ता।
प्रश्न 15. साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रिया विधि समझाएं।
(H.P. Model Q Paper 2009, 2009, Set-C, 2010, Set-B, 2012, Set-A, 2013 Set-c, 2015)
उत्तर-साबुन सफाई करने की विशेष प्रणाली पर आधारित होते हैं। इनमें ऐसे अणु होते हैं जिसके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं। जल में घुलनशील एक सिरे को हाइड्रोफिलिक कहते हैं। हाइड्रोकार्बन में विलयशील दूसरे सिरे को हाइड्रोफोबिक कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने को ऐसे व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयोनिक सिरा जल के भीतर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूंछ (दूसरा छोर) जल के बाहर होता है। जल के अंदर इन अणुओं को विशिष्ट व्यवस्था होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन
सिरा जल के बाहर बना होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह (कलस्टर) बनने के कारण होता है। इस हाइड्रफोबिक पूंछ कलस्टर के भीतरी हिस्से में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा कलस्टर की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल के रूप में साबुन सफाई करने में सक्षम होता है। तैलीय मैल मिसेल के केंद्र में एकत्र हो जाते हैं। मिसेल, विलयन में कोलॉइड के रूप में बने रहते हैं तथा आयन-आयन विकर्षण के कारण वे अवक्षेपित नहीं होते। इस प्रकार मिसेल में तैरते मैल आसानी से हटाये जा सकते हैं। साबुन के मिसेल इससे प्रकाश को प्रकीर्णित कर सकते हैं। जिस कारण है कि साबुन का घोल बादल जैसा दिखता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. अपररूपता किसे कहते हैं? कार्बन के अपररूपों के नाम लिखो। क्या वे रासायनिक दृष्टि से समान हैं? उनके भौतिक गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर-अपररूपता-जिस गुण के कारण तत्व विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं, उसे अपररूपता कहते हैं तथा विभिन्न रूपों को तत्व के अपररूप कहते हैं।
कार्बन के अपररूप-
(1) हीरा (2) ग्रेफाइट।
रासायनिक दृष्टि से समानता-यदि दोनों अपररूपों की समान मात्रा को वायु में गर्म किया जाए तो दोनों समान मात्रा में ही कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं और शेष कुछ नहीं बचता। अत: इस प्रयोग से यह सिद्ध होता है कि दोनों अपररूप रासायनिक दृष्टि से समान हैं :
C + O2 → CO2
(हीरा या ग्रेफाइट)
हीरे तथा ग्रेफाइट के भौतिक गुणों की तुलना
गुण | ग्रेफाइट | हीरा |
देखने में
कठोरता ऊष्मीय चालकता वैद्युत् चालकता घनत्व (Kg/m3 में) शुद्धता गलनांक उपयोग |
पारदर्शक
अत्यधिक कठोर बहुत कम कुचालक 3.510 शुद्धतम 35000C आभूषण, ड्रिलिंग पेषण |
काला, चमकदार
मुलायम, स्पर्श में चिकना मध्यम सुचालक 2.250 हीरे से कम शुद्ध 30000C शुष्क सेल, विद्युत् आर्क, पेंसिल, लैड, स्नेहक |
प्रश्न 2. (a) सजातीय श्रेणी से आप क्या समझते हैं? सजातीय श्रेणी का उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
(b) मिथेन के प्रथम तीन सजातीयों के संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-(a) सजातीय श्रेणी-कार्बनिक यौगिकों को एक ही क्रियात्मक समूह वाले, रासायनिक दृष्टि से समान तथा एक ही सामान्य सूत्र से प्रकट किए जा सकने वाले यौगिकों के समूहों में बांटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक समूह को सजातीय श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी में रखे गए निकटतम दो सदस्यों के आण्विक सूत्रों में (-CH2) ग्रुप का अंतर होता है। एक सजातीय श्रेणी के प्रत्येक सदस्यों को सजात कहते हैं। एक ही सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को समान विधियों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण-एल्केन की सजातीय श्रेणी निम्न है-
सामान्य सूत्र-CnH2n+2
सदस्य
—————————————————————
| | | |
CH4 C2H6 C3H8 C4H10
मिथेन एथेन प्रोपेन ब्यूटेन
(b) मिथेन के प्रथम तीन सजातीय
H H
| |
(i) एथेन (C2H6) H- C- C- H
| |
H H
H H H
| | |
(ii) प्रोपेन (C3H8) H- C- C- C- H
| | |
H H H
H H H H
| | | |
(iii) ब्यूटेन (C4H10) H- C- C- C- C- H
| | | |
H H H H
प्रश्न 3. अल्केन किसे कहते हैं? इसके प्रमुख सदस्यों के गुण लिखिए। उन गुणों से क्या परिणाम निकलते हैं?
उत्तर-अल्केन-जिन हाइड्रोकार्बनों का संरचना सूत्र CnH2n+2 हो उन्हें अल्केन कहते हैं। इस प्रकार के परिवार के सदस्य मिलकर एक सजातीय श्रेणी बनाते हैं। मिथेन, एथेन, प्रोपेन तथा ब्यूटेन जैसे हाइड्रोकार्बन अनेक ऐसे कार्बनिक यौगिक बनाते हैं जिनके सम्मिलित रूप को अल्केन कहते हैं। इन यौगिकों में कार्बन तथा हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या एक सदस्य से दूसरे सदस्य में (-CH2) से परिवर्तित होती जाती है। जैसे मिथेन के किसी एक अणु में एक कार्बनहाइड्रोजन बंध (C – H) को कार्बन-कार्बन बंध (C–C) द्वारा प्रतिस्थापित कर दें तो सहसंयोजन बंधों में जुड़े दोनों कार्बन परमाणुओं में से प्रत्येक अब हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ सहसंयोजन बंध बनाते हैं जिससे एथेन का अणु निर्मित होता है।
अल्केन के गुण
नाम | आण्विक सूत्र | गलनांक | क्वथनांक | अवस्था | अणु
द्रव्यमान |
मिथेन
एथेन प्रोपेन ब्यूटेन पेंटेन हेक्सेन |
CH4 (H.P. 2011 Set-A)
C2H6 C3H8 C4H10 (H.P. 2011 Set-C) C5H12 (H.P. 2011 Set-B) C6H14 |
-1820C
-1820C -1880C -1380C -1300C -950C |
-1620C
-8860C -4220C -0.50C -36.30C -68.70C |
गैस
गैस गैस गैस गैस गैस/द्रव द्रव |
16
30 44 48 72 86 |
परिणाम-1. अल्केनों के भौतिक गुण उसके द्रव्यमान पर निर्भर करते हैं।
- पहले चार अल्केन कक्ष ताप पर गैस अवस्था में हैं तथा छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले अल्केन द्रव हैं।
- उच्च अणु द्रव्यमान वाले एल्केन ठोस हैं।
- अल्केनों का गलनांक तथा क्वथनांक अणु द्रव्यमान के बढऩे के साथ-साथ बढ़ता जाता है।
प्रश्न 4. समावयव से क्या अभिप्राय होता है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। (H.P. 2013 Set-II)
अथवा
ब्यूटेन के समावयव लिखिए।
उत्तर-समावयव (Isomers)-ऐसे यौगिक जिनका आण्विक सूत्र तो समान हो परंतु अणुओं की संरचनात्मक व्यवस्था भिन्न-भिन्न हो, उन्हें समावयव कहते हैं तथा इस घटना को समावयव कहते हैं। मिथेन, एथेन, प्रोपेन में कार्बन तथा हाइड्रोजन के परमाणुओं को पुन: व्यवस्थित करने पर भी संरचना में कोई परिवर्तन नहीं आता परंतु जब अल्केन के अणु में कार्बन की संख्या तीन से अधिक हो जाती है तो एक से अधिक व्यवस्थाएं संभव हो जाती हैं। इनमें से एक में कार्बन परमाण लंबी श्रृंखला बनाते हैं जबकि दूसरे में शाखाएं होती हैं। ब्यूटेन में शाखा युक्त श्रृंखला में कम-से-कम कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधित है। इस प्रकार अल्केनों को आइसो-अल्केन कहते हैं। शाखा रहित श्रृंखला में कोई भी कार्बन परमाणु दो से अधिक कार्बन परमाणुओं से बंधित नहीं होता है। इस प्रकार के अल्केनों को सामान्य (नार्मल) n– अल्केन कहते हैं। (H.P. 2013 Set-II)
ब्यूटेन के दो समावयव
H H H H H H H
| | | | | | |
H- C- C- C- C- H H- C- C- C- H
| | | | | | |
H H H H H | H
n-ब्यूटेन H- C- H
|
H
आइसो ब्यूटेन
(H.P. 2011 Set-III, 2013 Set-III, 2014 Set-III)
पेंटेन के समावयव
पेंटेन का रासायनिक सूत्र = C5H12
H
|
H H H H H H H H H H- C- H
| | | | | | | | | | | |
H- C- C- C- C- C- H H- C- C- C- C- H H- C– C– C- H
| | | | | | | | | | | |
H H H H H H | H H H | H
n-पेंटेन H- C- H H- C- H
| |
H H
आइसो-पेंटेन नियो-पेंटेन
प्रश्न 5. सजातीय सीरीज की परिभाषा दो। इसके प्रमुख गुण बताओ। ऐसी सजातीय सीरीज का नाम बताओ जो निम्नलिखित सामान्य सूत्रों द्वारा प्रदर्शित होती है-
CnH2n‑2, CnH2n+2
CnH2n, तथा CnH2n+1OH
प्रत्येक सीरिज के प्रथम सदस्य का संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-सजातीय सीरिज-कार्बनिक यौगिकों को एक ही क्रियात्मक समूह वाले, रासायनिक दृष्टि के समान तथा एक ही सामान्य सूत्र के निरूपित किए जा सकने वाले यौगिकों के समूहों में बांटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक समूह को सजातीय सीरिज कहते हैं। इस श्रेणी में रखे गए निकटतम दो सदस्यों को आण्विक सूत्रों में (-CH2) ग्रुप का अंतर होता है। एक सजातीय श्रेणी के प्रत्येक सदस्य को सजात कहते हैं।
सजातीय सीरिज के प्रमुख गुण-
- सजातीय सीरिज के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा दर्शाया जा सकता है।
- दो संलग्न सदस्यों में 1 कार्बन परमाणु तथा 2 हाइड्रोजन परमाणुओं का अंतर होता है।
- सजातीय सीरिज के सभी सदस्यों के रासायनिक गुण एक समान होते हैं।
- सजातीय सीरिज के सभी सदस्यों के भौतिक गुणों में थोड़ा-सा अंतर होता है।
- दो संलग्न सदस्यों के आण्विक द्रव्यमान में अंतर 14 a.m.u होता है।
सामान्य सूत्र | सजात सीरिज का नाम | प्रथम स्थायी सदस्य का संरचनात्मक सूत्र |
CnH2n-2
CnH2n+2
CnH2n
CnH2n+1OH |
अल्काइन
अल्केन
अल्कीन
अल्कोहल |
H-C Ξ C-H
H | H- C -H | H
H\ / H C = C H/ \ H
H | H- C -OH | H
|
प्रश्न 6. कार्बन यौगिकों की नाम पद्धति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-किसी समजातीय श्रेणी में यौगिकों के नामों का आधार बेसिक कार्बन की उन श्रृंखलाओं पर आधारित किया जाता है जिनको प्रकार्यक समूह की प्रकृति के अनुसार ‘पूर्वलग्न‘ ‘उपसर्ग‘ या ‘अनुलग्न‘ ‘प्रत्यय‘ के द्वारा संशोधित किया गया हो। जैसे एल्कोहलों के नाम हैं-मीथेनॉल, इथेनॉल, प्रोपेनॉल तथा बूटानॉल।
निम्नलिखित विधि से किसी कार्बन यौगिक का नामकरण किया जा सकता हैं-
(i) यौगिक में कार्बन परमाणुओं की संख्या ज्ञात करें। तीन कार्बन परमाणु वाले यौगिक का नाम प्रोपेन होगा।
(ii) प्रकार्यक समूह की उपस्थिति में इसको पूर्वलग्न अथवा अनुलग्न के साथ यौगिकों के नाम में दर्शाया जाता है। जैसे क्लोरो प्रोपेन, ब्रोमो प्रोपेन, प्रोपेनल, प्रोपेनन, प्रोपयन आदि।
(iii) यदि प्रकार्यक समूह का नाम पूर्वलग्न के आधार पर दिया जाना हो, तो कार्बन श्रृंखला के नाम से अंत का ‘e’ हटाकर, उसमें समुचित अनुलग्न लगाकर संशोधित करते हैं। जैसे, कीटोन समूह की तीन कार्बन वाली श्रृंखला को निम्नलिखित विधि से नाम दिया जाएगा : Propane – ‘e’ = propan + ‘one’ = propanone.
(iv) असंतृप्त कार्बन श्रृंखला में कार्बन श्रृंखला के नाम में दिया गया अंतिम को ‘ene’ या ‘yne’ से प्रतिस्थापित करते हैं। जैसे दोहरे बंध वाली तीन कार्बन की श्रृंखला प्रोपेन (propene) कहलाएगी तथा तिहरा बंध होने पर यह प्रोपायन (propyne) कहलाएगी।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. अभिलक्षणीय वर्गों की उपयोगिता सिद्ध कीजिए।
उत्तर-असंतृप्त हाइड्रोकार्बन निश्चित रूप से संतृप्त हाइड्रोकार्बनों की अपेक्षा अधिक सक्रिय होते हैं। इसका
मूल कारण उन में विद्यमान C = C तथा C Ξ C आबंध हैं। यदि C2H6 और C2H5OH का उदाहरण लिया जाए तो ये दोनों भौतिक और रासायनिक गुणों में एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न हैं। इथेन गैस है और एथानॉल सामान्य तापमान पर द्रव है। इथेन की विपरीत एथानॉल नींद उत्पन्न करता है। यह एंटीसेप्टिक का भी कार्य करता है। इथेन (C6H6) का एक हाइड्रोजन परमाणु हाइड्रोक्सिल ग्रुप के द्वारा विस्थापित कर दिया जाता है और वह C2H5OH बन जाता है। किसी कार्बनिक यौगिक में एक परमाणु या परमाणुओं का आपस में आबद्ध एक वर्ग ही अभिलक्षणीय वर्ग कहलाता है जो कार्बनिक यौगिक के गुणों में परिवर्तित कर देता है। इससे अनेक नए यौगिक बन जाते हैं जिनका जीवन के हर क्षेत्र में लाभ होता है। कुछ प्रमुख अभिलक्षणीय वर्ग हैं-
अभिलक्षणीय वर्ग का सूत्र | नाम | यौगिक का सूत्र | उदाहरण |
-OH
-CHO —COOH > C = O —X —NH2 —NO2 |
एल्कोहलिक
एल्डीहाइड कार्बोक्सिल कीटोन हैलोजन अमीनो नाइट्रो |
C2H5OH
HCHO CH3COOH H3C.CO.CH3 CH3–C1 CH3NH2 CH3NO2 |
एथानॉल
मीथानल एथानोइक अम्ल प्रोपेनन क्लोरोमीथेन मीथेनामीन नाइट्रोमीथेन |
प्रश्न 2. बहुत बड़ी संख्या में कार्बनिक यौगिक तैयार करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अतिरिक्त किन तत्वों का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-कार्बनिक यौगिकों की संख्या बहुत बड़ी है जो केवल हाइड्रोजन और कार्बन तत्वों के संयोग से संभव नहीं थी। इनके साथ नाइट्रोजन, गंधक, ऑक्सीजन, हैलोजन (C1, Br, I, F) आदि तत्वों का संयोग होता है तभी कार्बनिक यौगिकों की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है। ये परस्पर मिलकर अभिलक्षणीय वर्गों के आधार पर नये यौगिक बनाते हैं।
प्रश्न 3. कार्बन तत्व एक अद्वितीय तत्व है। कैसे?
उत्तर-सभी ज्ञात परमाणुओं में से केवल कार्बन परमाणुओं में ही यह क्षमता है कि वे आपस में मिल कर लंबी श्रृंखला बनाते हैं। प्रत्येक ऐसी लंबी श्रृंखला कार्बन परमाणु को इस प्रकार का सरल आधार प्रदान करती है जिसमें अन्य परमाणु विभिन्न विधियों द्वारा जुड़ सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप कार्बन तत्व द्वारा अत्यधिक किस्मों के यौगिक बनाए जा सकते हैं।
प्रश्न 4. हीरे की संरचना समझाइए और बताइए कि हीरा इतना कठोर क्यों है?
उत्तर-हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु नियमित चतुष्फलक के केंद्र में स्थित रहता है तथा यह सहसंयोजक बंध द्वारा उन चार कार्बन परमाणुओं से बंधित रहता है जो चतुष्फलक के चारों कोनों पर स्थित होते हैं। इस प्रकार कार्बन परमाणु के समस्त बंध योग्य इलेक्ट्रॉन बंधित रहते हैं तथा कोई भी इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र नहीं होता।
इस प्रकार के प्रबल बंधित चतुष्फलक अवस्था के कारण एक तीन आयामी सुदृढ़ संरचना बन जाती है जिसके परिणामस्वरूप हीरा सबसे कठोर तत्व है तथा इसका घनत्व अति उच्च है।
प्रश्न 5. ग्रेफाइट की संरचना लिखिए तथा यह बताइये कि ग्रेफाइट इतना मुलायम क्यों है?
उत्तर-ग्रेफाइट की संरचना-ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन पड़ोसी कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है तथा षट्कोणीय जाल की परतें बनाता है। हीरे की तुलना में ग्रेफाइट में कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी अधिक होती है। ऊपर नीचे की परतों की इस दूरी के कारण विपरीत परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंध बनने की संभावना समाप्त हो जाती है जिससे चौथा इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रह जाता है। ग्रेफाइट की ये परतें एक-दूसरे के ऊपर आसानी से फिसल सकती हैं, जिसके कारण ग्रेफाइट में स्नेहक गुण होते हैं तथा यह स्पर्श करने में मुलायम तथा चिकना लगता है।
प्रश्न 6. हीरे तथा ग्रेफाइट के उपयोग लिखिए।
उत्तर-हीरे के उपयोग-
(i) हीरा सबसे कठोर पदार्थ है इसलिए इसका उपयोग दूसरे पदार्थों को काटने के लिए किया जाता है।
(ii) इसकी अद्वितीय चमक के कारण इसका उपयोग आभूषणों को बनाने में किया जाता है।
(iii) इसका उपयोग पृथ्वी की चट्टानों में छिद्र करने हेतु किया जाता है।
(iv) नुकीले किनारे वाले हीरे शल्य चिकित्सकों को आंखों से मोतिया बिंद हटाने के लिए उत्तम औजार प्रदान करते हैं।
(v) ऊष्मीय विकिरणों के लिए इसकी असाधारण संवेदनशीलता तथा हानिप्रद विकिरणों को तुरंत हटा देने की क्षमता इसमें होती है जिसके कारण इसको अति यथार्थ तापमापी बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
ग्रेफाइट के उपयोग-(i) यह विद्युत का सुचालक है, इसलिए इसका उपयोग शुष्क सैल, विद्युत आर्क में इलेक्ट्रोड के रूप में होता है।
(ii) इससे पेंसिल, काला रंग, काला पेंट बनाए जाते हैं।
(iii) इसके स्नेहक गुण के कारण इसका उपयोग उच्च ताप पर मशीनों को चिकना रखने में होता है।
(iv) इसके उच्च गलनांक के कारण ग्रेफाइट की बनी कू्रसीबल कुछ धातुओं को पिघलाने हेतु उपयोग होती है।
प्रश्न 7. हीरे के अत्यधिक चमकने के कारण बताइए।
उत्तर-हीरा एक पारदर्शक पदार्थ है जिसका अपवर्तन गुणांक बहुत अधिक होता है। इसमें से गुजरने वाली प्रकाश किरणों का मार्ग से विचलन बहुत अधिक होता है। इसके अनेक प्रतिच्छेदी तलों के अनुरूप उच्चकोटि का विचलन होता है। जब इन प्रतिच्छेदी तलों को पॉलिश कर दिया जाए तो यह हीरे को एक विशेष प्रकार की चमक प्रदान करते हैं जिससे हीरा अत्यधिक चमकता है।
प्रश्न 8. प्राकृतिक तथा कृत्रिम विधि से हीरे किस प्रकार बनते हैं?
उत्तर-प्रकृति में हीरे पृथ्वी में लगभग 150km की गहराई पर उपस्थित कार्बन से बनते हैं जहां 70000 वायुमंडलीय दाब तथा लगभग 15000C है। इस प्रकार बने हुए हीरे कई बार विशिष्ट किंबरलाइट चट्टान के साथ सतह पर आ जाते हैं।
कृत्रिम रूप से इसे कुछ विशेष उत्प्रेरकों की उपस्थिति में अत्यधिक उच्च दाब पर ग्रेफाइट को गर्म करने पर हीरे में बदला जा सकता है।
प्रश्न 9. हीरे के चार भौतिक गुण लिखो। (H.P. 2010)
उत्तर-(i) हीरा एक पारदर्शक पदार्थ है।
(ii) हीरा कठोरतम पदार्थ है।
(iii) हीरे का घनत्व 3,519 3,519 kg/m3 है।
(iv) हीरे का अपवर्तनांक 2.45 है।
प्रश्न 10. हीरे का प्रयोग आभूषणों में क्यों किया जाता है? कारण बताओ।
उत्तर-हीरे का अपवर्तन गुणांक 2.45 है जो संसार में सबसे अधिक है। इतने उच्च अपवर्तनांक के कारण ही यह बहुत अधिक चमकता है। इसका क्रांतिक कोण (critical angle) 240 है। यह काफी कम है। इसी कारण से इससे गुजरने वाली प्रकाश किरणों का अपने मार्ग से विचलन बहुत अधिक होता है। इसलिए इसे थोड़ा बहुत हिलाने डुलाने पर ही इसके भीतर रंगों का सुंदर दृश्य उत्पन्न हो जाता है। इसके अनेक तलों के अनुरूप उच्च कोटि का विदलन (clevage) होता है। जब इन तलों को पॉलिश कर दिया जाता है तो वह इसको अद्वितीय चमक उत्पन्न करता है। इसी कारण हीरे का प्रयोग आभूषणों में किया जाता है।
प्रश्न 11. हीरे का प्रयोग परिशुद्ध तापमापी में क्यों किया जाता है?
उत्तर-हीरा ताप का अति-सूक्ष्मग्राही है। इस गुण के कारण हीरे का प्रयोग परिशुद्ध तापमापी में किया जाता है।
प्रश्न 12. ग्रेफाइट के भौतिक गुण लिखिए।
उत्तर-(i) ग्रेफाइट एक चमकदार काला पदार्थ है।
(ii) ग्रेफाइट मुलायम तथा चिकना लगता है।
(iii) यह विद्युत का सुचालक है।
(iv) इसका घनत्व 2250 kg/m3 है।
(v) इसका गलनांक 37000C है।
प्रश्न 13. क्या कारण है कि ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है?
उत्तर-ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा रहता है तथा जिस कारण इसमें षट्कोणीय जाल की परतें बनाते हैं। इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच दूरी अधिक होती है। परतों के मध्य इस दूरी के कारण विपरीत परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों के बनने की संभावना समाप्त हो जाती है और चौथा संयोजक इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र छूट जाता है। इसीलिए ग्रेफाइट में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह आसानी से हो जाता है और ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक हो जाता है।
प्रश्न 14. सजातीय श्रेणी (Homologus Series) से आप क्या समझते हैं? सजातीय श्रेणी का एक उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
(H.P. 2009, Set-B, 2013 Set-A)
उत्तर-कार्बनिक यौगिकों की ऐसी श्रेणी जिसमें सदस्यों के रासायनिक गुण समान हों तथा जिन्हें एक सामान्य आण्विक सूत्र से प्रकट किया जा सके, उन्हें समजातीय श्रेणी कहते हैं। इसके दो क्रमागत सदस्यों में CH2 ग्रुप का अंतर होता है, जैसे-एल्केन, सजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n+2 है। इस श्रेणी के सदस्य मिथेन CH4, इथेन C2H6, प्रोपेन C3H8, ब्यूटेन C4H10, पेंटेन C5H12, हैक्सेन C6H4 आदि हैं।
प्रश्न 15. सजातीय श्रेणी के लक्षण लिखो।
उत्तर-(i) किसी भी सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र के द्वारा प्रकट किया जा सकता है। जैसे एल्केन सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही सामान्य सूत्र CnH2n+2 द्वारा प्रकट किया जाता है।
(ii) किसी भी सजातीय श्रेणी के दो साथ-साथ वाले सदस्यों में (—CH2) ग्रुप का अंतर होता है।
(iii) किसी भी सजातीय श्रेणी के सभी सदस्य एक जैसे रासायनिक गुण प्रकट करते हैं।
(iv) किसी भी सजातीय श्रेणी के सदस्यों के भौतिक गुणों में अणु भार बढऩे के साथ-साथ क्रमिक परिवर्तन होता है।
(v) किसी भी सजातीय श्रेणी के सदस्यों को एक सी विधियों द्वारा तैयार किया जा सकता है।
प्रश्न 16. उन पदार्थों को जिनमें 60 कार्बन परमाणु एक-दूसरे से जुडक़र अणु बनाते हैं, फुलरीन क्यों कहते हैं?
उत्तर-जिन पदार्थों में 60 कार्बन परमाणु एक-दूसरे से जुडक़र अणु बनाते हैं उन्हें फुलरीन कहते हैं। अमेरिकी वास्तुकार बकमिंसटर फुलर ने त्रिविमीय ज्यामिति वाले गुंबदों की रचना की है जिन्हें दृढ़ता प्रदान करने के लिए पंचकोणीय और षट्कोणीय व्यवस्था का उपयोग किया गया है। फुलरीन अणुओं की संरचना इन गुंबदों से मिलती-जुलती प्रतीत होती है। इसलिए उनके नाम पर इन्हें फुलरीन कहते हैं।
प्रश्न 17. भविष्य में फुलरीन के कुछ संभावित उपयोग लिखिए।
उत्तर-भविष्य में फुलरीन के संभावित उपयोग अतिचालक, अर्धचालक, स्नेहक, उत्प्रेरक, विद्युत की तारों तथा प्लास्टिक को प्रबचित करने के लिए तंतुओं को बनाने में होंगे। यह खोज भी की जा रही है कि इन पर आधारित यौगिकों से एड्स के वायरस की रोकथाम की जा सके।
प्रश्न 18. फुलरीन प्रयोगशाला में कैसे बनाए जा सकते हैं?
उत्तर-प्रयोगशाला में ग्रेफाइट की वाष्प को हीलियम गैस में अत्यधिक उच्च ताप तक गर्म तथा संपीडि़त कर फुलरीन बनाए जा सकते हैं।
प्रश्न 19. हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इसका प्राकृतिक स्रोत क्या है तथा इसे कैसे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-हाइड्रोजन और कार्बन से बने यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। कार्बन परमाणुओं की लंबी श्रृंखलाएं बनाने के असाधारण गुण के कारण इनकी संख्या बहुत अधिक है। हाइड्रोकार्बन का प्राकृतिक स्रोत पेट्रोलियम है। कच्चे तेल के रूप में पृथ्वी में यह विशेष प्रकार की छिद्रयुक्त चट्टानों के बीच में भंडारित होता है। पेट्रोलियम को इन भंडारों से निकालने के लिए कुएं खोदे जाते हैं तथा फिर उस मजबूत चट्टान के ऊपर छिद्र किया जाता है जो इसको बाहर की ओर बहने से रोक सकती है।
प्रश्न 20. कार्बन की आवर्त सारणी की स्थिति की व्याख्या करो।
उत्तर-कार्बन एक अधातु है जिसका परमाणु भार 12 तथा परमाणु क्रमांक 6 है। इसके परमाणु के बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन हैं जिस कारण इसकी संयोजकता 4 है। कार्बन को आवर्त सारणी के वर्ग IV में रखा गया है।
प्रश्न 21. बहुलकता से क्या अभिप्राय होता है? इससे प्राप्त होने वाले उत्पादन का नाम और उपयोग लिखिये।
अथवा
बहुलकता की परिभाषा दो। एथीन अणुओं में किस प्रकार संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर-बहुलकता (Polymerisation)-एथीन एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो स्वयं से ही संकलन अभिक्रिया करती है, इसी अभिक्रिया को बहुलकता कहते हैं। इस प्रकार प्राप्त उत्पादन में हजारों एथीन अणुओं की अनेक श्रृंखलाएं होती हैं जिसको पोलीथीन कहते हैं।
n (H2C = CH2) → (H2C = CH2)n जहां n एक पूर्णांक धन संख्या है। पोलीथीन का उपयोग पैकिंग में तथा डिब्बे बनाने में तथा अन्य घरेलू एवं औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है।
प्रश्न 22. एल्कोहाल किसे कहते हैं? इन्हें कैसे प्राप्त करते हैं? दो उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर-ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के सरल यौगिक होते हैं। किसी एल्केन के एक हाइड्रोजन परमाणु को हाइड्रोक्सिल (–OH) ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित करने पर एल्कोहल प्राप्त होते हैं।
एल्कोहल का सामान्य सूत्र (CnH2n + 2) OH होता है।
उदाहरण-(1) मिथेन (CH4) में हाइड्रोजन परमाणु को हाइड्रोक्सिल (–OH) ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित करने में मिथानॉल (CH3OH) से प्राप्त होता है।
(2) एथेन द्वारा एथेनाल (C2H5OH) प्राप्त होता है।
प्रश्न 23. (a) कृत्रिम एथेनॉल को किस विधि द्वारा बनाया जाता है?
(b) एथेनॉल के गुण लिखिए।
उत्तर-(a) कृत्रिम एथेनॉल को बनाने के लिए फॉस्फोरिक अम्ल की उपस्थिति में एथेन की जल के साथ क्रिया की जाती है।
H3PO4
C2H4 + H2O → C2H5OH
एथीन फॉस्फोरिक अम्ल एथेनॉल
(b) एथेनॉल के गुण-(1) यह वायु में नीली लौ के साथ जलती है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड तथा पानी बनता है।
C2H5OH + 3O2 → 2CO2 + 3H3O
(2) ऑक्सीजन या पोटेशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7) के साथ क्रिया करके एथेनॉल, एथेनाइक अम्ल उत्पन्न करता है।
C2H5OH + O2 → CH3 COOH+ H2O
(3) यह सोडियम धातु से क्रिया करती है।
2C2H5OH + 2Ma → 2C2H5 ONa + H2
(सोडियम ऐथाक्साइड)
(4) यह सांद्र H2CO4 की उपस्थिति में ग्लैशल ऐसिटिक अम्ल के साथ क्रिया करती है। जब इस मिश्रण को जल तापन पात्र पर गर्म करके हिमशीत सोडियम कार्बोनेट के विलयन पर डालते हैं तो मधुर गंध उत्पन्न होती है।
C2H5OH + 3O2 + CH3 COOH → CH3COOC2H5 + H2O
एथेनॉल ऐसिटिक अम्ल एथिल एसिटेट
प्रश्न 24. एथेनॉल के भौतिक गुण लिखिए।
उत्तर-(i) यह एक विशिष्ट गंधवाला रंगहीन द्रव है।
(ii) इसका क्वथनांक 351K तथा गलनांक 156K है।
(iii) यह सभी अनुपातों में जल में विलेय है।
(iv) इसका लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं होता क्योंकि यह उदासीन है।
प्रश्न 25. प्राणियों पर ऐल्कोहॉल का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-एथेनॉल की अधिक मात्रा के सेवन से उपापचयी क्रियाएं धीमी हो जाती हैं। इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की क्रियाशीलता धीमी पड़ जाती है जिसके परिणामस्वरूप समन्वय (Coordination) की कमी, मानसिक दुविधा, उनींदापन, सामान्य अंतर्बोध तथा भावशून्यता उत्पन्न हो जाते हैं। मनुष्य की सोचने समझने, निर्णय लेने की क्षमता एवं मांसपेशियों की गतिशीलता बुरी तरह प्रभावित होती है।
प्रश्न 26. एल्कोहॉल प्रयोग करने के हानिकारक प्रभाव लिखिए।
उत्तर-1. यह एक (आदत डालने वाला) पदार्थ है।
- यह तंत्रिका तंत्र की संवेदनशीलता को दुष्प्रभावित करता है।
- एल्कोहॉल पीकर गाड़ी चलाने पर व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता और दुर्घटना कर सकता है।
प्रश्न 27. मेथेनॉल को पीने से मृत्यु क्यों हो जाती है?
उत्तर-मेथेनॉल (CH3OH) की थोड़ी-सी मात्रा पीने से मृत्यु हो सकती है। यह यकृत में ऑक्सीकृत होकर मथेनैल बन जाता है। मेथेनैल यकृत की कोशिकाओं के घटकों के साथ शीघ्र अभिक्रिया करता है जिस कारण प्रोटोप्लाज्म उसी प्रकार स्कंदित हो जाता है जिस प्रकार अंडा पक कर स्कंदित हो जाता है। मेथेनॉल के प्रयोग से व्यक्ति अंधा हो सकता है।
प्रश्न 28. जब वनस्पति तेल में से निकिल की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस गुजारी जाती है तो क्या होता है? (H.P 2010 Set-B)
उत्तर-वनस्पति तेलों में द्वि-बंध होता है और उनमें संकलन क्रिया संभव है। जब उत्प्रेरक के रूप में निकिल की उपस्थिति में ये तेल हाइड्रोजन अभिक्रिया करते हैं तो वे वनस्पति घी के रूप में बदल जाते हैं तो कक्ष ताप पर घी अथवा मक्खन की तरह ठोस होते हैं।
निकिल
वनस्पति तेल + H2 → वनस्पति घी
उत्प्रेरक
प्रश्न 29. एल्कोहल किसे कहते हैं? इस श्रेणी के प्रथम चार सदस्यों के नाम तथा अणु सूत्र लिखो।
उत्तर-ये कार्बनिक यौगिक जिनके एक कार्बन परमाणु के साथ हाइड्राक्सिल समूह (–OH) जुड़ा रहता है उन्हें एल्कोहल कहते हैं। इनका सामान्य सूत्र CHN2n+1OH है। इस श्रेणी के चार सदस्य निम्नलिखित हैं-
सामान्य नाम | रासायनिक नाम | सूत्र |
(1) मेथिल एल्कोहल
(2) एथिल एल्कोहल (3) प्रोपाइल एल्कोहल (4) ब्यूटाइल एल्कोहल |
मेथेनॉल
एथानॉल प्रोपेनॉल ब्यूटेनॉल |
CH3OH
C2H5OH C3H7OH C4H9OH |
प्रश्न 30. एल्कोहल के सामान्य गुण लिखो।
उत्तर-(i) अधिकांश सामान्य एल्कोहल द्रव्य हैं।
(ii) ये वाष्पशील हैं तथा आसानी से जलते हैं।
(iii) ये सोडियम के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन बनाते हैं।
(iv) ये एल्कोहल विद्युत संचालन नहीं करते।
प्रश्न 31. एल्कोहल के परीक्षण दीजिए।
उत्तर-(i) एस्टर टैस्ट (Ester Test)-जब एल्कोहल को एसिटिक अम्ल के साथ, गंधक के अम्ल की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो मधुर सुगंध वाला ‘एस्टर‘ बनता है।
(ii) सोडियम टैस्ट (Sodium Test) सोडियम धातु के साथ क्रिया करके एल्कोहल सदा हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
प्रश्न 32 मिथाइल एल्कोहल किस प्रकार तैयार किया जाता है?
उत्तर-मिथाइल एल्कोहल को वुड एल्कोहल या वुड स्प्रिट भी कहते हैं। इसे लकड़ी के भंजन से प्राप्त किया गया या। इसे तैयार करने के लिए लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है। मिथाइल एल्कोहल एक उत्पाद के रूप में प्राप्त हो जाता है। आजकल इसे जल गैस तथा हाइड्रोजन के मिश्रण को 3000C तक गर्म करने से प्राप्त किया जाता है।
ZnO+CrO3
CO + H2 + H2 → CH3OH
जल गैस 300°C
प्रश्न 33. मिथाइल एल्कोहल के उपयोग लिखिए।
उत्तर-(i) विकृत स्प्रिट बनाने के लिए।
(ii) स्प्रिट लैंपों में।
(iii) लकड़ी को पॉलिश करने के विलायक रूप में।
(iv) कृत्रिम रेशों तथा सुगंधित पदार्थ तैयार करने में।
प्रश्न 34. विकृत स्प्रिट (Denatured Spirit) किसे कहते हैं? इसके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-मिथाइल एल्कोहल में इथाइल एल्कोहल को मिलाने से बना यौगिक विकृत स्प्रिट कहलाता है।
उपयोग-(i) इसका प्रयोग स्प्रिट लैंपों में होता है।
(ii) फर्नीचर को पॉलिश करने में काम आता है।
प्रश्न 35. मिथाइल-एल्कोहल के भौतिक गुण लिखो।
उत्तर-मिथाइल-एल्कोहल के भौतिक गुण-
(i) यह रंगहीन तरल है।
(ii) यह जहरीला है।
(iii) यह पूर्ण दहन के कारण दीप्त ज्वाला के साथ जलता है।
(iv) इसका क्वथनांक 65°C है।
प्रश्न 36. इथाइल एल्कोहल के भौतिक गुण लिखो।
उत्तर-(i) यह एक रंगहीन तरल पदार्थ है।
(ii) यह अत्यधिक ज्वलनशील है।
(iii) 20°C पर इसका घनत्व 0.789 है।
(iv) इसका क्वथनांक 78.3°C है।
प्रश्न 37. इथाइल एल्कोहल का परीक्षण किस प्रकार करोगे?
उत्तर-आयोडोफार्म परीक्षण (Idoform Test)-जब इथाइल एल्कोहल को आयोडीन तथा कास्टिक सोडे के साथ गर्म किया जाता है तो पीले रंग की रवेदार आयोडोफार्म बनती है जिसकी विशेष सुगंध होती है।
प्रश्न 38. प्रतिहिम किसे कहते हैं? इसका उपयोग कहां होता है?
उत्तर-पानी तथा एल्कोहल के मिश्रण को प्रतिहिम (Antifraze) कहते हैं। इसका हिमांक पानी के हिमांक से काफी कम होता है इसलिए इसका प्रयोग वाहनों के रेडिएटरों में होता है।
प्रश्न 39. इथाइल एल्कोहल के उपयोग लिखिए।
उत्तर-(i) इसका उपयोग बीयर, व्हिस्की तथा अन्य शराबों को बनाने में किया जाता है।
(ii) प्रतिहिम बनाने में प्रयोग किया जाता है।
(iii) पारदर्शी साबुन तैयार करने में प्रयुक्त किया जाता है।
(iv) घावों तथा सिरिंजों को रोगाणु रहित करने में प्रयोग किया जाता है।
(v) ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है।
(vi) कार्बनिक यौगिकों के लिए विलायक का कार्य करता है।
(vii) एस्टर बनाये जाते हैं।
प्रश्न 40. कार्बनिक अम्ल किसे कहते हैं? इन्हें किस प्रकार तैयार किया जाता है?
उत्तर-जिन अम्लों में कार्बोक्सिलिक ग्रुप (–COOH होता है, उन्हें कार्बनिक अम्ल कहते हैं जैसे HCOOH, CH3COOH, C2H5COOH आदि।
इन्हें एल्कोहल के ऑक्सीकरण से बनाया जाता है।
K2Cr2O7 + H2SO4
C2H5OH + 2(O) → CH3COOH + H2O
प्रश्न 41. कार्बनिक अम्लों के उपयोग लिखिए।
उत्तर-(i) ठंडे पेय पदार्थों के निर्माण में इनका प्रयोग किया जाता है।
(ii) इनका उपयोग हल्के अम्लों के रूप में किया जाता है।
(iii) खाद्य पदार्थों में इनका प्रयोग होता है।
(iv) साबुन उद्योग में ये काम आते हैं।
(v) इनसे औषधियां तैयार की जाती हैं।
प्रश्न 42. कार्बनिक अम्लों (Hydroxye Acids) का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-(i) ये अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
(ii) ये अम्ल सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) के घोल के साथ तीव्र क्रिया करके CO2 उत्पन्न करते हैं।
(iii) ये अम्ल सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर फलों के समान मीठी सुगंध वाले ‘एस्टर‘ बनाते हैं।
प्रश्न 43. कार्बनिक अम्लों (Hydroxyl Acids) के भौतिक गुण लिखो।
उत्तर-(i) भौतिक अवस्था (Physical State)-पहले दस कार्बनिक अम्ल रंगहीन तरल हैं। लेकिन उच्चतर कार्बनिक अम्ल ठोस है।
(ii) गंध (Smell)-प्रथम तीन कार्बनिक अम्ल की गंध तीखी (Pungent smell) होती है।
(iii) घुलनशीलता (Solubility)-पहले चार अम्ल पानी में सरलता से घुल जाते हैं। लेकिन आण्विक द्रव्यमान बढऩे के साथ-साथ पानी में घुलनशीलता कम होती रहती है।
(iv) घनत्व (Density)-आण्विक द्रव्यमान बढऩे के साथ-साथ घनत्व घटता रहता है।
(v) प्रकृति (Nature)-इनकी प्रकृति ‘अम्लीय‘ है। इसलिए ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
प्रश्न 44. एस्टर किसे कहते हैं? इन्हें किस प्रकार बनाया जाता है? इनके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-एस्टर (Ester)-जिन कार्बनिक यौगिकों का अभिलक्षकीय ग्रुप —COO— होता है, एस्टर कहलाते हैं। इनके निर्माण के लिए कार्बनिक अम्लों की सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एल्कोहल से क्रिया कराई जाती है।
उत्प्रेरक
CH3OOH + C2 H5OH → CH3COOC2H5 + H2O
(एसिटिक अम्ल) (एथेनॉल) एस्टर
उपयोग-इनकी गंध फलों के समान होती है इसलिए इनका उपयोग ठंडे पेयों, आइसक्रीम, मिठाइयों तथा परफ्यूमों में होता है। ये फलों में भी पाए जाते हैं।
प्रश्न 45. साबुनीकरण किसे कहते हैं? प्रयोगशाला में साबुन किस प्रकार बनाते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर-साबुनीकरण (Saponification)-जब वसा या तेल को NaOH के साथ गर्म किया जाता है तो वसा या तेल के अणु विघटित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं जिसके फलस्वरूप साबुन बनता है।
प्रयोगशाला में साबुन की तैयारी-प्रयोगशाला में साबुन तैयार करने के लिए निम्नलिखित सामग्री चाहिए-
(i) वनस्पति तेल (जैसे, कैस्टर तेल, कॉटन सीड तेल)
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड (कास्टिक सोडा)
(iii) सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक)।
विधि-एक बीकर में 20 ml कैस्टर तेल ताजिए और उसमें 20%, 40 ml सोडियम हाइड्रोक्साइड का घोल डालिए। इस मिश्रण को धीरे-धीरे उबलने तक गर्म किया जाता है और इसे पांच से दस मिनट तक उबाला जाता है। अब बीकर में 5 ग्राम खाने वाला नमक लिए और पदार्थ को ठंडा होने दीजिए। ठंडा करने पर बीकर में साबुन बनता है जिसे तब हटा लिया जाता है।
प्रश्न 46. साबुन के अणु में कौन-कौन से घटक होते हैं? वे घटक किस प्रकार कपड़ों को साफ करने में सहायता करते हैं?
उत्तर-साबुन के अणु में दो घटकों का संयोग होता है। पहला घटक हाइड्रोकार्बन तथा दूसरा घटक COONa ग्रुप के अंतर्गत आता है।
हाइड्रोकार्बन जल को प्रतिकीर्णत करते हैं। वे जल भीरू होते हैं। किसी कपड़े में लगी धूल या चिकनाई साबुन के अणु हाइड्रोकार्बन घटक के अणु से जुड़ जाती है तथा —COONa घटक जल के अणु की ओर आकर्षित होता है तथा कपड़े की सतह में से धूल के कण को अपनी ओर खींच लेता है जिससे कपड़ा साफ हो जाता है।
जब साबुन को जल में घोला जाता है तो यह मिसेल बनाता है। मिसेल में साबुन के अणु क्षारीय रूप में व्यवस्थित रहते हैं जिनमें हाइड्रोकार्बन घटक केंद्र की ओर रहता है तथा पानी को आकर्षित करने वाला घटक बाहर की ओर रहता है। कपड़े की तह पर लगी धूल या चिकनाई के गुण साबुन द्वारा गीले हो जाते हैं और फिर इन मिसेलों के बीच धन कर कपड़े से दूर हो जाते हैं। परिणामस्वरूप कपड़ा साफ हो जाता है।
प्रश्न 47. अपमार्जक किसे कहते हैं? संश्लिष्ट अपमार्जक की संरचना बताइए। इसका प्रमुख लाभ लिखिए।
(H.P. 2011 Set-B 2013 Set-A)
उत्तर-अपमार्जक (Detergent)-सफाई के लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को अपमार्जक कहते हैं। बहुत पहले से अपमार्जक के रूप में साबुन का प्रयोग होता रहा है परंतु आजकल संश्लिष्ट अपमार्जक अधिक लोकप्रिय हो गए हैं। संश्लिष्ट अपमार्जक में दो सिरों वाले अणु होते हैं जिनका एक सिरा जल को आकर्षित करता है जो प्राय: सल्फेट (-SO4) या सल्फोनेट (SO3Na ग्रुप द्वारा बना होता है। दूसरा सिरा जल को प्रतिकर्षित करता है जो हाइड्रोकार्बन युक्त होता है।
संश्लिष्ट अपमार्जक कठोर जल में भी पर्याप्त मात्रा में झाग बनाते हैं। ये कठोर जल के साथ अघुलनशील कैल्सियम या मैग्नेशियम के लवण नहीं बनाते।
प्रश्न 48. वाशिंग पाऊडर में सामान्यत: क्या-क्या मिलाया जाता है तथा क्यों?
उत्तर-वाशिंग पाऊडर-वाशिंग पाऊडरों में उनके कुल भार का लगभग 15-30% भाग अपमार्जक तथा बाकी हिस्सा अन्य रसायनों से बना होता है जो वाशिंग पाऊडर को मनचाहा गुण प्रदान करते हैं। वाशिंग पाऊडर में अपमार्जक के अतिरिक्त मिलाए जाने वाले रसायन निम्नलिखित हैं-
(1) सोडियम सल्फेट तथा सोडियम सिलिकेट-ये वाशिंग पाऊडर को शुष्क रखते हैं।
(2) सोडियम ट्राइपॉली सल्फेट या सोडियम कार्बोनेट-ये वाशिंग पाऊडर की क्षारीयता को बनाए रखते हैं तथा धूल के कण को हटाने के लिए आवश्यक होते हैं।
(3) कार्बोक्सी मेथिल सेलुलोस (CMC)—इनसे धूल पानी पर तैरती रहती है।
(4) सोडियम परबोरेट (दुर्बल ब्लीचिंग पदार्थ) वस्त्रों में सफेदी उत्पन्न करने के लिए मिलाया जाता है।
प्रश्न 49. संश्लिष्ट अपमार्जकों का प्रयोग पर्यावरण संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है। कारण लिखिए।
उत्तर-संश्लिष्ट अपमार्जकों की उपस्थिति में जलीय सूक्ष्म जीवाणुओं का अपघटन सरलता से नहीं हो पाता जिससे वे जल में लंबे समय तक विद्यमान रहते हैं जिसके परिणामस्वरूप ऐसा जल जलीय जीवों के लिए उपयुक्त नहीं रहता। जैसे-फॉस्फेट युक्त अपमार्जक में शैवाल (काई) अत्यधिक वृद्धि करते हैं जिससे पानी में मछलियों या अन्य जीवों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। सामान्य अपमार्जक द्वारा यह समस्या उत्पन्न नहीं होती क्योंकि सामान्य हाइड्रोकार्बनों द्वारा बने अपमार्जक आसानी से विघटित हो जाते हैं जिनसे पर्यावरण पर कोई दूषित प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रश्न 50. आप प्रयोगशाला में एस्टर कैसे तैयार करोगे? इस क्रिया का समीकरण लिखिए। इस अभिक्रिया में काम आने वाले एसिड तथा एल्कोहल के आई0 यू0 पी0 सी0 नाम लिखिए।
उत्तर-जब एल्कोहल को कार्बोक्सिलिक एसिड के साथ सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो एस्टर बनता है।
सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड
CH3COOH + C2H5OH → CH3COOC2H5 + H2O
एथेनाल
एथेनोइक एसिड ईथाइल एथोनेट
(एस्टर)
प्रश्न 51. एथिल एल्कोहल तथा ऐसिटिक एसिड के आई0 यू0 पी0 ए0 सी0 नाम बताओ। इस उत्पादन का नाम लिखो जो सांद्रित सल्फ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में एथिल एल्कोहल तथा एसिटिक एसिड क्रिया करके बनाते हैं। इस क्रिया का रासायनिक समीकरण लिखो।
उत्तर-
यौगिक IUPAC नाम
(i) एथिल एल्कोहल एथेनॉल
(ii) एसिटिक एसिड एथेनोइक एसिड
रासायनिक समीकरण-
सांद्र H2SO4
C2H5OH + CH3COOH → CH3COOHC2H5 + H2O
एथिल ऐसिटिक ऐथिल एसीटेट जल
एल्कोहॉल एसिड (एस्टर)
प्रश्न 52. आप कैसे बनाओगे-
(अ) इथाइल एल्कोहल एथीन (Ethene) से और (ब) एसिटिक अम्ल इथाइल एल्कोहल से अभिक्रिया दीजिए।
उत्तर-(अ) इथाइल एल्कोहल बनाने के लिए एथीन तथा जल को फॉस्फोरिक अम्ल की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
H3PO4
C2H4 + H2O → C2H5OH
(एथीन) (जल) (इथाइल एल्कोहल)
(ब) इथाइल एल्कोहल के ऑक्सीकरण से एसिटिक अम्ल बनता है।
K2Cr2O7+H2SO4
C2H5OH + 2(O) → C2H5OH
(इथाइल एल्कोहल) ∆ (एसिटिक अम्ल)
प्रश्न 53. संश्लिष्ट अपमार्जक किस प्रकार बनाए जाते हैं?
उत्तर-संश्लिष्ट अपमार्जक बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं की आवश्यकता होती है-
(i) पेट्रोलियम तथा कोयले में प्राप्त लंबी श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन
(ii) सांद्र गंधक का अम्ल
(iii) सोडियम हाइड्रोक्साइड।
विधि-हाइड्रोकार्बनों की गंधक के सांद्र अम्ल से क्रिया करके हाइड्रोकार्बन सल्फ्यूरिक अम्ल बनाया जाता है। इसकी सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) से क्रिया की जाती है जिससे संश्लिष्ट अपमार्जक प्राप्त होता है। भार के अनुसार वाशिंग पाउडर में 15 से 30 प्रतिशत तक अपमार्जक होते हैं। शेष भाग विभिन्न प्रकार के रसायनों का होता है जो इसे तरह-तरह के गुण प्रदान कर देते हैं।
प्रश्न 54. वाशिंग पाऊडर के घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर-वाशिंग पाऊडर में निम्नलिखित घटक हैं-
(i) संश्लिष्ट अपमार्जक (15 से 30%)
(ii) सोडियम सल्फेट तथा सोडियम सिलिकेट
(iii) सोडियम ट्राइपॉलीफॉस्फेट या सोडियम कार्बोनेट
(iv) सोडियम परबोरेट।
प्रश्न 55. साबुन और अपमार्जकों में अंतर लिखिए। (H.P. 2010, Set-c, 2011 Set-B, 2015)
उत्तर-
साबुन (Soap) | अपमार्जक (Deterent) |
(1) साबुन लंबी श्रृंखला वाले वसा अम्लों का सोडियम लवण होता है।
(2) साबुन कठोर जल के साथ झाग उत्पन्न नहीं करता। (3) साबुन को वनस्पति तेल या जंतु वसा से बनाया जाता है। (4) साबुन जल प्रदूषण नहीं फैलाता। |
(1) संश्लिष्ट अपमार्जक, लंबी श्रृंखला वाले ‘बेंजीन लवण होता है। सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण‘ या लंबी श्रेणी वाले ‘एल्काइल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण होता है।
(2) अपमार्जक कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करता है। (3) संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रोकार्बन से बनते हैं। (4) अपमार्जक जल प्रदूषण फैलाता है। |
प्रश्न 56. एल्कोहल पीने से मानवीय शरीर पर पडऩे वाले हानिकारक प्रभाव लिखिए।
उत्तर-(1) एल्कोहल आदत डालने वाला रासायनिक यौगिक है।
(2) इसके प्रभाव से मस्तिष्क प्रभावित होता है। इसे पीने से व्यक्ति होश खो बैठता है।
(3) इससे यकृत खराब हो जाता है।
(4) यह व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन सकती है।
प्रश्न 57. विभिन्न औद्योगिक एल्कोहलों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-1. पूर्ण एल्कोहल (Absolute Alcohol)—यह एथानॉल का 100 % शुद्ध रूप है। इसे इथानॉल के प्रभाजी आसवन से प्राप्त किया जाता है जिसे कार्बोहाइड्रेट्स के किण्वन से उत्पन्न किया जाता है।
- विकृतिकृत एल्कोहल (Denatured Alcohol)– यह 95त्न एथानॉल है जिसका उद्योगों में प्रयोग होता है। इससे कॉपर सल्फेट, पाइरीडीन, मीथानॉल आदि मिला कर इसे विषैला बना दिया जाता है ताकि इसका प्रयोग पीने में न किया जा सके।
- शक्ति एल्कोहल (Power Alcohol)– यह बैंजीन, ईथर आदि में 20% एथानॉल और 50% गैसोलीन का मिश्रण है जिसे पेट्रोल बचाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
- पेय एल्कोहल (Alcoholic Beverages)– नशे के रूप में एल्कोहल का प्रयोग किया जाता है। यह रम व्हिस्की, ब्रांडी, जिन, आदि भिन्न नामों से बेची जाती है।
प्रश्न 58. एथेनाइक अम्ल के वाणिज्यकीय उत्पादन की एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-एथेनोइक अम्ल (Acetic Acid) को किण्वन क्रिया से व्यापारिक स्तर पर तैयार किया जाता है। एथानॉल की एसिटोबैक्टर नामक जीवाणुओं की उपस्थिति में किण्वन क्रिया कराई जाती है। ऑक्सीकरण क्रिया होती है एथेनोइक अम्ल प्राप्त कर लिया जाता है।
एसिटोबैक्ट
CH3CH2OH + O2 → CH3COOH + H2O
एथानॉल एथेनोइक एसिड
(सिरका)
प्रश्न 59. एथेनाइक अम्ल की रासायनिक विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-एथेनाइक कुछ धातुओं तथा धातु कार्बोनेट तथा हाइड्रोक्साइड बाइकार्बोनेट से क्रिया करता है।
(i) सोडियम से क्रिया–
2CH3 COOH + 2Na → 2CH3COONa + H2
सोडियम एथेनोएट
(i) सोडियम हाइड्रोक्साइड और पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड से क्रिया-
H + HO |
CH3 COO Na → CH3COONa + H2O
सोडियम एथेनोएट
H + HO |
CH3 COO K → CH3COOK + H2O
पोटेशियम एथेनोएट
(iii) कार्बोनेट एवं हाइड्रोजन कार्बोनेट से क्रिया-कार्बोनेट और हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ क्रिया करके यह लवण जल एवं कार्बनडाइ ऑक्साइड उत्पन्न करते हैं।
2CH3COOH + Na2CO3 → CH3COONa + H2O + CO2
एथेनोइक सोडियम सोडियम जल कार्बनडाइ
अम्ल कार्बोनेट एथेनोएट ऑक्साइड
CH3COOH + Na HCO3 → CH3COONa + H2O + CO2
एथेनोइक सोडियम हाइड्रोजन सोडियम जल कार्बनडाइ
अम्ल कार्बोनेट एथेनोएट ऑक्साइड
प्रश्न 60. जिस प्रक्रिया में एथेनॉइक अम्ल एवं एथानॉल परस्पर अभिकृत होकर एक उत्पाद प्रदान करता है, उस अभिक्रिया का नाम दीजिए। इस अभिक्रिया में प्राप्त उत्पाद का सामान्य नाम क्या है?
उत्तर-जब एथेनोइक अम्ल के साथ सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एथनॉल क्रिया करता है तो एस्टर प्राप्त होता है। इस क्रिया को एस्टरीकरण (Esterification) कहते हैं।
CH3COOH + C2H5OH → CH3COO C2H5 + H2O
प्रश्न 61. एथेनोइक अम्ल के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-(i) एथेनॉइक अम्ल रंग, रेयॉन, प्लास्टिक, रबड़ और रेशम उद्योगों में प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) इसे सिरका तथा अचार के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
(iii) इसे सफेदा (white lead 2PbCO3.Pb(OH)2 बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 62. एथेनोइक अम्ल के विकार्बोक्सिलीकरण की रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर-
CaO
CH3COONa + → CH4 + Na2CO3
प्रश्न 63. रासायनिक संरचना के आधार पर साबुन एवं अपमार्जक में विभेद कीजिए।
(H.P. 2010, 2011 Set-C)
उत्तर-
साबुन | अपमार्जक |
(1) ये सोडियम या पोटाशियम के उच्च वसीय अम्लों के लवणों से बनते हैं जिनके वसीय अम्लों में 16 से 18 कार्बन परमाणु होते हैं।
(2) इसकी रासायनिक संरचना C15H31 COOna, C17H35COONa आदि है। (3) इसका अणु ⇜⇝COONa होता है। 7 |
ये लंबी श्रृंखला वाले ‘बेंजीन सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण‘ या लंबी श्रेणी वाले ‘ऐल्फाइल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण‘ होता है। इनकी रासायनिक संरचना
C12H25 – O – SO3–Na+आदि है। C12H25OSO3– Na+ आदि है। इसका अणुद्व ⇜⇝ होता है। |
प्रश्न 64. साबुन उद्योग के उपोत्पाद का नाम बताइए। यह किस प्रकार निर्मित होता है?
उत्तर- साबुन उद्योग का उपोत्पाद ग्लिसरॉल है। जब तेल या वसा को सोडियम हाइड्रोक्साइड के घोल से क्रिया कराई जाती है तब यह अम्ल के सोडियम लवण और ग्लिसरॉल में बदल जाता है।
CH2OCOC17H35 CH2OH
| |
CHOCOC17H35 + 3NaOH→ CHOH + 3C17H35COONa
| |
CH2OCOC17H35 CH2OH
(ग्लिसरॉल) (ग्लिसरॉल)
प्रश्न 65. कारण सहित समझाइए कि क्यों साबुन कठोर जल में शोधन अभिकर्मक का कार्य प्रभावी रूप से संपन्न नहीं करता है?
उत्तर-साबुन कठोर पानी में सफाई करने में प्रभावी नहीं होते क्योंकि कठोर पानी में कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवण घुले होते हैं। जब साबुन को कठोर पानी में डाला जाता है तब कठोर पानी में कैल्सियम और मैग्नीशियम आयन साबुन से क्रिया करते हैं और वसीय अम्लों के कैल्सियम और मैग्नीशियम लवणों को बनाते हैं-
2C17H35COONa + MgC12 → (C17H35COO)2Mg + 2NaC1
सोडियम स्टीयरेट (भारी पानी से) (मैग्नीशियम स्टीयरेट)
(साबुन)
2C17H35COONa + CaC12 → (C17H35COO)2Ca + 2NaC1
(साबुन) (कैल्सियम स्टीयरेट)
इसलिए साबुन का बहुत बड़ा भाग व्यर्थ हो जाता है यदि कठोर पानी का प्रयोग किया जाए।
स्पष्ट ही कठोर पानी के प्रयोग से साबुन कैल्सियम और मैग्नीशियम लवणों के अघुलनशील तलछट तैयार करते हैं। जो कपड़ों से चिपके रहते हैं। ये कपड़े की सफाई करने में बाधा बनते हैं और कपड़े पूरी तरह से साफ नहीं हो पाते।
प्रश्न 66. दो उदाहरणों सहित अभिलक्षकीय समूह की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-अभिलक्षकीय समूह एक या एक से अधिक परमाणुओं का वह समूह है जो किसी कार्बनिक यौगिक के गुणों का निर्धारण करता है-
उदाहरण–
अभिलक्षकीय ग्रुप | नाम | उदाहरण |
–OH
–COOH (H.P. 2009, Set A, C) |
हाइड्रोक्सिल/एल्कोहलिक
कार्बोक्सिल ग्रुप |
CH3OH
CH3COOH |
प्रश्न 67. निम्न यौगिकों में विद्यमान अभिलक्षकीय समूहों के नाम दीजिए :
(i) CH3CH2CH2OH
(ii) CH3CH2CH2COOH
(iii) CH3-CH2-CHO
(iv) CH3COCH2CH2CH3
उत्तर(i) CH3CH2CH2OH = हाइड्रोक्सिल/एल्कोहलिक ग्रुप
(ii) CH3CH2CH2COOH = कार्बोक्सिल ग्रुप
(iii) CH3-CH2-CHO = एल्डीहाइड ग्रुप
(iv) CH3COCH2CH2CH3 = कीटोन ग्रुप
प्रश्न 68. किण्वन प्रक्रम द्वारा एथानॉल के विरचन का वर्णन कीजिए।
उत्तर-साधारण ताप पर किसी जैव-रासायनिक उत्प्रेरक की उपस्थिति में किण्वन क्रिया की जाती है जिसमें शर्करा अणुओं का एल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तन होता है। ये उत्प्रेरक ‘एंजाइम’ कहलाते हैं, जिनका शाब्दिक अर्थ ‘यीस्ट’ या ‘खमीर के अंदर’ होता है।
एथानॉल को एंजाइमों की उपस्थिति में शक्कर या स्टार्च के किण्वन द्वारा बनाया जाता है। किसी पात्र में अंगूर के रस या शर्करा के विलयन में खमीर डाल कर इसे 20°—30°C ताप पर रखा जाता है। किण्वन द्वारा शक्कर या स्टार्च के अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं जिससे कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। इस कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर जाने दिया जाता है परंतु वायु को पात्र में नहीं जाने दिया जाता। इस किण्वन प्रक्रिया के दौरान एथेनॉल का जल में तनु घोल बन जाता है। एथेनॉल को पृथक करके आसवन विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है।
रासायनिक अभिक्रिया–
इनवर्टेस
C12H22O11 + H2O → 4C2H5OH + 4CO2
चीनी (खमीर) एथेनॉल
(मोलैसेज में उपस्थित)
प्रश्न 69. एंजाइम क्या होते हैं? उस एंजाइम का नाम दीजिए जो इक्षुशर्करा (गन्ना) को किण्वन प्रक्रम द्वारा एथानॉल में परिवर्तित कर देता है।
उत्तर-वे उत्प्रेरक जो जैव रासायनिक परिवर्तन के लिए आवश्यक होते हैं, उन्हें एंजाइम कहते हैं। गन्ने के किण्वन से एथेनॉल प्राप्त करने के लिए इनवर्टेज (Invertase) और जाइमेज (Zymase) नामक एंजाइमों की आवश्यकता होती है। ये एंजाइम यीस्ट को मिलाने से प्राप्त हो जाते हैं।
प्रश्न 70. किण्वन प्रक्रिया के समय कौन-सी गैस उत्पन्न होती है?
उत्तर-किण्वन क्रिया के दौरान ष्टह्र. गैस उत्पन्न होती है।
प्रश्न 71. निम्न में से कौन-सी अभिक्रिया एथीन की जल-योजना प्रदर्शित करती है?
(i) CH2 = CH2 + Br2 (aq) → Br CH2–CH2Br
O3
(ii) CH2 = CH2 → 2HCHO + H2O
(ii) H2/Pd
उत्तर-निम्नलिखित रासायनिक क्रिया इथीन के हाइड्रोजन को प्रकट करती है-
H2SO4
CH2 = CH2 + H2O → CH3–CH2OH
प्रश्न 72. विकृतिकृत एल्कोहल का क्या तात्पर्य है? इसको कैसे बनाया जाता है?
उत्तर-विकृत एल्कोहल (Denatured Alcohol) को मीथालेटिड एल्कोहल भी कहते हैं। यह 95% एथानॉल होता है। एथानॉल का औद्योगिक और व्यावसायिक रूप में बहुत अधिक प्रयोग होता है इसलिए सरकार इस पर नाम मात्र का टैक्स लगाती है। यह बहुत सस्ता होता है इसलिए लोग इसे व्यसन के रूप में प्रयोग करने के लिए सस्ता प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें मीथानॉल, पायरीडीन, कॉपर सल्फेट आदि विषैले पदार्थ मिला कर बाजार में विक्रय के लिए भेजा जाता है ताकि लोग इसे न पी सकें। ईथाइल एल्कोहल में विषैले पदार्थ मिलाने की प्रक्रिया को एल्कोहल का विकतिकरण कहते हैं और ऐसे एल्कोहल को विकृत एल्कोहल कहा जाता है।
प्रश्न 73. किस प्रकार से मेथेनॉल से वाणिज्यकीय स्तर पर एथेनोइक अम्ल प्राप्त करते हैं?
उत्तर-व्यासायिक क्षेत्र में मेथेनॉल से इथेनोइक अम्ल तैयार करने की विधि का विकास किया गया है। इस क्रिया में मेथेनॉल और कार्बन मोनोऑक्साइड को आयोडीन-रोहडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में मिलाया जाता है।
I2–RH
CH3OH + CO → CH3COOH
(मीथानॉल) (इथेनोइक अम्ल)
प्रश्न 74. निम्न पदों की व्याख्या कीजिए :
(i) एस्टरीकरण
(ii) साबुनीकरण
(iii) डिकार्बोक्सिीलेशन एवं
(iv) बहुलीकरण।
उत्तर-(i) एस्टरीकरण (Esterification)
एल्कोहलों के सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में कार्बनिक अम्लों की क्रिया से एस्टर के निर्माण की विधि को एस्टरीकरण कहते हैं।
विधि-एक परखनली में इथाइल एल्कोहल को एसिटिक अम्ल में मिलाओ। इसमें कुछ बूंदें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की डालो और परखनली को हल्के गर्म पानी के टब में रख दो। शीघ्र ही सारे कमरे में एस्टर की सुगंधी भर जाएगी।
CH3COOH + C2H5OH → CH3COOC2H
यह क्रिया एस्टरीकरण का उदाहरण है। एस्टरों का उपयोग आइसक्रीम, ठंडे पेय, दवाइयां, सौंदर्य प्रसाधन आदि में किया जाता है।
(ii) साबुनीकरण (Saponification)
वसा को विघटित करने की प्रक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।
साबुनीकरण का कार्य वनस्पति या जंतु वसा में कास्टिक सोडा का 40% विलयन डाल कर गर्म करने से हो जाता है। वसा तथा क्षार अभिक्रिया करके साबुन तथा ग्लिसरॉल बनाते हैं।
C15H31COOH2 CH2OH
| |
C15H31COOCH + 3NaOH → CHOH + 3C15H31COONa
| |
C15H31COOCH2 CH2OH
ग्लिसरॉल सोडियम पामीटेट (साबुन)
जलीय विलयन से साबुन को अवक्षेपित करने के लिए इसमें नमक का संतृप्त घोल डाला जाता है। ठंडा होने पर साबुन जम कर ऊपर की सतह पर आ जाता है। इसे ऊपर से निकाल लिया जाता है और इसमें मनचाहा रंग और सुगंध मिला कर विभिन्न प्रकार के आकार दे दिए जाते हैं।
(iii) डीकार्बोक्सीलेशन (Decarboxylation)
एथेनोइक अम्ल के सोडियम या पोटाशियम लवण को सोडियम हाइड्रोक्साइड और कैल्सियम ऑक्साइड के 3:1 मिश्रण के साथ गर्म करने से मीथेन उत्पन्न होती है।
CaO
CH3COONa + NaOH → CH4 + Na2CO3
(मीथेन)
यह मीथेन गैस को बनाने की उपयोगी विधि है। चूंकि इसमें CO2 का एक अणु हट जाता है। इसलिए इस क्रिया को डीकार्बोक्सीलेशन (Decarboxylation) कहते हैं।
(iv) बहुलीकरण (Polymerization)
जब विशेष ताप और दाब की उपस्थिति में छोटे-छोटे अणु आपस में जुडक़र एक बड़ा अणु बनाते हैं तो इस क्रिया को बहुलीकरण कहते हैं। छोटे अणु को ‘एकलक’ और बड़े अणु को ‘बहुलक’ कहते हैं।
उदाहरण-एथीन के छोटे-छोटे अणु 2000 वायुमंडलीय दाब तथा 200°C तक गर्म करने पर आपस में मिलकर पॉलीथीन बनाते हैं।
2000 atm
n (H2C = CH2) → (H2C = CH2)n
200°C
प्रश्न 75. निम्न पदार्थों के साथ एथेनोइक अम्ल से अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरण लिखिए :
(i) सोडियम
(ii) सोडियम कार्बोनेट
(iii) सांद्र H2SO4 की उपस्थिति में एथानॉल एवं
(iv) सोडा लाइम।
उत्तर-(i) CH3 COOH + 2 Na 2CH3 COONa + H2
(ii) 2 CH3 COOH + Na2 CO3 → 2 CH3 COONa + CO2 + H2O
Conc. H2SO4
(iii) CH3 COOH + C2 H5 OH → CH3 COOC2 H5 + H2O
(iv) CH3 COOH + NaOH → CH3 COO Na + H2O
CaO
CH3 COO Na + NaOH → CH4 + Na2 CO3
प्रश्न 76. बहुलक को कैसे वर्गीकृत करते हैं?
उत्तर-बहुलक दो प्रकार के होते हैं-प्राकृतिक और संश्लिष्ट।
- प्राकृतिक बहुलक-जो बहुलक पेड़-पौधों और जंतु जगत से प्राप्त होते हैं उन्हें प्राकृतिक ब रबड़, स्टार्च, सेलुलोस, प्रोटीन आदि प्राकृतिक बहुलक हैं।
- संश्लिष्ट बहुलक-जो बहुलक प्रयोगशाला में मानवीय प्रयत्नों से तैयार किए जाते हैं उन्हें संश्लिष्ट बहुलक कहते हैं। इन्हें मानव निर्मित बहुलक भी कहते हैं। पॉलीथीन, पोलीविनाइल क्लोराइड, नायलॉन, टेफ्लॉन, बैकेलाइट, टैरीलीन, संश्लिष्ट रबड़ आदि संश्लिष्ट बहुलकों से कुछ उदाहरण हैं।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. हमारे द्वारा प्रयुक्त भोजन, कपड़े, दवाओं, पुस्तकों आदि में कौन-सा तत्व अनिवार्य रूप से विद्यमान है?
उत्तर-कार्बन।
प्रश्न 2. सभी सजीव रचनाएं किस तत्व पर निर्भर करती हैं?
उत्तर-कार्बन।
प्रश्न 3. भूपर्पटी में खनिजों के रूप में कार्बन की प्रतिशत मात्रा कितनी है?
उत्तर-केवल 0.02%
प्रश्न 4. वायुमंडल में CO2 कितने प्रतिशत है?
उत्तर-0.003%.
प्रश्न 5. अधिकांश कार्बन यौगिक किस स्तर के विद्युत संवाहक हैं?
उत्तर-वे अच्छे विद्युत संवाहक नहीं हैं।
प्रश्न 6. कार्बन यौगिकों के संयोजन से किस आयन की उत्पत्ति होती है?
उत्तर-किसी आयन की उत्पत्ति नहीं होती।
प्रश्न 7. कार्बन की परमाणविक संख्या कितनी है?
उत्तर-छह।
प्रश्न 8. कार्बन के सबसे बाहरी कक्ष में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
उत्तर-चार।
प्रश्न 9. कार्बन को चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने या कम करने की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-नोबल गैस की संरचना को प्राप्त करने के लिए।
प्रश्न 10. कार्बन चार इलेक्ट्रॉन कैसे प्राप्त कर सकता है?
उत्तर-C4- ऋणायन बनाकर।
प्रश्न 11. कार्बन चार इलेक्ट्रॉन कैसे कम कर सकता है?
उत्तर-C4+ धनायन बनाकर।
प्रश्न 12. कार्बन इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी अपने किस कक्षा से करता है?
उत्तर-बाहरी कक्षा से।
प्रश्न 13. इलेक्ट्रॉन के सहभाजी युगल हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच कौन-सा बंध बनाते हैं?
उत्तर-एकल बंध।
प्रश्न 14. दो परमाणुओं के बीच एकल बंध को कैसे व्यक्त करते हैं?
उत्तर-एक रेखा के द्वारा।
प्रश्न 15. नाइट्रोजन की परमाणु संख्या कितनी होती है?
उत्तर-सात।
प्रश्न 16. अष्टक बनाने के लिए नाइट्रोजन का प्रत्येक परमाणु कितने इलेक्ट्रॉन देता है?
उत्तर-तीन।
प्रश्न 17. ईंधन के रूप में किस गैस का सबसे अधिक उपयोग होता है? (H.P. 2011 Set-A)
उत्तर-मीथेन गैस का।
प्रश्न 18. मीथेन किन दो ईंधन गैसों की प्रमुख घटक है?
उत्तर-बायोगैस, सी0 एन0 जी0।
प्रश्न 19. CNG का पूरा नाम लिखिए। (H.P. 2010 Set-B)
उत्तर-कंप्रेस्ड नेचुरल गैस।
प्रश्न 20. दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युगल की साझेदारी के द्वारा बनने वाले बंध क्या कहलाते हैं?
उत्तर-सहसंयोजी बंध।
प्रश्न 21. सहसंयोजी बंध वाले अणुओं में भीतर कैसा बंधन होता है?
उत्तर-प्रबल बंधन।
प्रश्न 22. सहसंयोजी बंध वाले अणुओं का अंतरा अणुक बल कैसा होता है?
उत्तर-मंद।
प्रश्न 23. हीरा और ग्रेफाइट किससे बने होते हैं?
उत्तर-कार्बन के अणुओं से।
प्रश्न 24. हीरे की संरचना कैसी होती है?
उत्तर-प्रबल त्रिआयामी संरचना।
प्रश्न 25. ग्रेफाइट की संरचना कैसी होती है? (H.P. 2010)
उत्तर-षट्कोणीय।
प्रश्न 26. हीरे और ग्रेफाइट के कौन-से गुणधर्म एक समान होते हैं?
उत्तर-रासायनिक गुणधर्म।
प्रश्न 27. हीरे और ग्रेफाइट के कौन-से गुणधर्म अत्यधिक भिन्न होते हैं?
उत्तर-भौतिक गुण धर्म।
प्रश्न 28. विद्युत का सुचालक कौन है-हीरा या ग्रेफाइट?
उत्तर-ग्रेफाइट।
प्रश्न 29. सर्वाधिक कठोर पदार्थ कौन-सा है?
उत्तर-हीरा।
प्रश्न 30. ग्रेफाइट छूने में कैसा लगता है?
उत्तर-चिकना तथा सर्पणशील।
प्रश्न 31. कार्बन डाइऑक्साइड के दो उपयोग लिखिए। (H.P. 2011 Set-A)
उत्तर-(i) आग बुझाने में (ii) शुष्क बर्फ बनाने में।
प्रश्न 32. संश्लिष्ट हीरे आकार में कैसे होते हैं?
उत्तर-आकार में छोटे होते हैं।
प्रश्न 33. फुलरेंस क्या है?
उत्तर-कार्बन अपरूप की एक श्रेणी।
प्रश्न 34. सबसे पहले किस फुलरेंस को पहचाना गया था?
उत्तर-C-60.
प्रश्न 35. C–60 में कार्बन परमाणु किस रूप में व्यवस्थित होते हैं?
उत्तर- फुटबॉल के रूप में।
प्रश्न 36. फुलरेंस दिखने में कैसे लगते हैं?
उत्तर-अमेरिकी आर्किटेक्ट बकमिंसटर फुलर द्वारा डिजाइन दिए गए जियोडेसिक गुंबद के समान।
प्रश्न 37. फुलरेन का नामकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर-अमेरिकी आर्किटेक्ट बकमिंसटर फुलर के नाम के आधार पर।
प्रश्न 38. किस तत्व में बड़ी मात्रा में यौगिक तैयार करने का गुण विद्यमान है?
उत्तर-कार्बन।
प्रश्न 39. कार्बन की संयोजकता के समान दो अन्य तत्त्वों के नाम लिखो जो कार्बन के वर्ग में आते हैं?
उत्तर-कार्बन की संयोजकता चार है। इस वर्ग में सिलिकॉन और जर्मेनियम तत्व आते हैं।
प्रश्न 40. हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-वे यौगिक जिनमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन निश्चित रूप से विद्यमान होते हैं। सरलतम रूप = CH3 (मिथेन)।
प्रश्न 41. हाइड्रोकार्बनों में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अतिरिक्त विद्यमान चार अन्य तत्वों के नाम लिखिए जो इन यौगिकों में हो सकते हैं।
उत्तर-नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, हैलोजनज।
प्रश्न 42. हाइड्रोकार्बन का सरलतम रूप कौन-सा है?
उत्तर-मिथेन (CH2)।
प्रश्न 43. कार्बन यौगिकों की लगभग संख्या कितनी है?
उत्तर-लगभग तीन मिलियन।
प्रश्न 44. कार्बन में बृहद संख्या में यौगिक बचाने की क्षमता किस कारण आई है?
उत्तर-सहसंयोजी बंध की प्रकृति के कारण।
प्रश्न 45. श्रृंखला किसे कहते हैं?
उत्तर-कार्बन के अन्य परमाणुओं के साथ बंध बनाने की अद्भुत क्षमता को श्रृंखलन कहते हैं।
प्रश्न 46. कार्बन के परमाणु किस-किस प्रकार के बंध में जुड़ सकते हैं?
उत्तर-एकल, युगल, तिहरे और अंगूठी के आकार में।
प्रश्न 47. कार्बन के संतृप्त यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर-जब कार्बन परमाणु केवल एकल बंध से जुड़े होते हैं।
प्रश्न 48. असंतृप्त यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर-जब कार्बन परमाणुओं के बीच युगल या तिहरे बंध हों।
प्रश्न 49. कार्बन में श्रृंखलन का जैसा गुण-धर्म पाया जाता है वैसा गुण धर्म और किस तत्व में पाया जाता है?
उत्तर-किसी भी तत्व में नहीं।
प्रश्न 50. कार्बन-कार्बन बंध कैसा होता है?
उत्तर-यह अत्यधिक तीव्र और स्थायी होता है।
प्रश्न 51. किन्हीं पांच तत्वों के नाम लिखिए जो कार्बन के साथ मिलकर यौगिक बनाते हैं।
उत्तर-ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन।
प्रश्न 52. कार्बन के द्वारा बनाए जाने वाले मजबूत बंधों का कारण है-इसका छोटा आकार या बड़ा आकार?
उत्तर-छोटा आकार।
प्रश्न 53. किन का अध्ययन ऑर्गेनिक रसायन के अंतर्गत नहीं किया जाता?
उत्तर-कार्बन, कार्बोनेट, बाइकार्बोनेट लवणों का।
प्रश्न 54. ईथेन तथा पेन्टेन का सूत्र लिखिए।
उत्तर-CH2H6.C5H12
(ईथेन) (पेंटेन)
प्रश्न 55. ईथेन का संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
Η Η
| |
H- C – C – C
| |
H H
प्रश्न 56. ईथेन की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना लिखिए।
उत्तर-
प्रश्न 57. प्रोपेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-सूत्र C3H8
Η Η H
| | |
H- C – C – C- H
| | |
H H H
प्रश्न 58. कौन-से कार्बन यौगिक अधिक अभिक्रियात्मक होत है?
उत्तर-संतृप्त कार्बन यौगिक।
प्रश्न 59. ब्यूटेन का सूत्र लिखिए।
उत्तर-C4H10
प्रश्न 60. C4H10 (ब्यूटेन) की दो संरचनाएं बनाइए। (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-
प्रश्न 61. संरचनात्मक यौगिक कौन-से होते हैं?
उत्तर-जिनका समान आण्विक सूत्र हो पर संरचनात्मक सूत्र भिन्न हो।
प्रश्न 62. साइक्लोहैक्सेन का आण्विक और संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-सूत्र = C6H12
प्रश्न 63. बेंजीन तथा ब्यूटानोन की संरचना लिखिए। (H.P. 2009 Set-B)
उत्तर-बेंजीन (C6H6)
ब्यूटानोन (C4H8O)
संरचना
प्रश्न 64. हेटरोएटम किसे कहते हैं?
उत्तर-हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में वे तत्व जो एक या अधिक हाइड्रोजन को इस प्रकार प्रतिस्थापित करते हैं कि कार्बन की संयोजकता संतुष्ट रहती है, उन्हें हेटरोएटम कहते हैं।
प्रश्न 65. जब हेटरोएटम से यौगिक के विशिष्ट गुणधर्म मिलते हैं तो उसे क्या कहते हैं?
उत्तर-क्रियात्मक समूह।
प्रश्न 66. समजातीय श्रेणी किसे कहते हैं?
उत्तर-यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यक समूह प्रतिस्थापित करता है, उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं।
प्रश्न 67. एल्केन्स, एल्कीन्स और एल्काइन्स के सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर-
एल्केन्स = CnH2n+2
एल्कीन्स = Cn22n
एल्काइन्स = CnH2n-2
प्रश्न 68. समजातीय श्रेणी में क्या बढ़ता है?
उत्तर-आण्विक द्रव्यमान।
प्रश्न 69. आण्विक द्रव्यमान बढऩे से किस में वृद्धि होती है?
उत्तर-गलनांक और क्वथनांक में वृद्धि होती है।
प्रश्न 70. कार्बन अपने अपरूपों में दहन करके क्या उत्पन्न करता है?
उत्तर-ताप, प्रकाश और कार्बन डाइऑक्साइड।
प्रश्न 71. संतृप्त हाइड्रोकार्बन किस ज्वाला से जलते हैं?
उत्तर-स्वच्छ ज्वाला से।
प्रश्न 72. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन किस ज्वाला से जलते हैं?
उत्तर-धुनें वाली पीली ज्वाला से।
प्रश्न 73. कोयले और पेट्रोलियम जैसे ईंधनों में कुछ मात्रा में कौन-से तत्व होते हैं जो प्रदूषण का कारण बनते हैं?
उत्तर-सल्फर और नाइट्रोजन।
प्रश्न 74. ज्वाला किस कारण उत्पन्न होती है?
उत्तर-केवल गैसीय पदार्थों के जलने से।
प्रश्न 75. लकड़ी या तारकोल में ज्वाला किस कारण प्रकट होती है?
उत्तर-वाष्पशील पदार्थों के वाष्पीकत होने के कारण।
प्रश्न 76. अपूर्ण दहन से क्या उत्पन्न होता है?
उत्तर-कज्जल।
प्रश्न 77. कोयले और पैट्रोलियम का निर्माण किससे हुआ था?
उत्तर-पेड़-पौधों, समुद्री पौधों तथा जीवों पर विभिन्न जैविक और भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण, जो पृथ्वी की परतों के नीचे लाखों वर्षों तक हुई।
प्रश्न 78. एल्कोहल को कार्बोज़ाइलिक अम्ल में किससे बदला जाता है?
उत्तर-ऑक्सीजन से।
प्रश्न 79. ऑक्सीकरण कारक किसे कहते हैं?
उत्तर-जिन पदार्थों में ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है उन्हें ऑक्सीकरण कारक कहते हैं।
प्रश्न 80. कौन-से उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हाइड्रोजन जोडक़र संतृप्त हाइड्रोकार्बन देते हैं।
उत्तर-पैलेडियम या निकेल।
प्रश्न 81. क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट अम्ल क्या हैं?
उत्तर-ऑक्सीकरण कारक।
प्रश्न 82. वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण में किस उत्प्रेरक का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-निकेल उत्प्रेरक का।
प्रश्न 83. वनस्पति तेलों में किसकी लंबी श्रृंखलाएं होती हैं?
उत्तर-असंतृप्त कार्बन की।
प्रश्न 84. CH3OH का अगला सजातीय लिखिए।
उत्तर- CH3OH का अगला सजातीय C2H5OH है जिसे एथेनॉल कहते हैं।
प्रश्न 85. एथेनॉल की ऑक्सीजन से अभिक्रिया लिखो।
उत्तर-CH5OH + O2 I CH3COOH + H2O
प्रश्न 86. एल्केनाइक अम्ल के पहले तीन सदस्यों के नाम, सूत्र और प्रकार्यात्मक समूह का नाम लिखिए।
(H.P. 2009, Set-B)
उत्तर-HCOOH मेथैनोइक अम्ल
CH3COOH ऐथेनोइक अम्ल।
C2H5COOH प्रोपेनाइक अम्ल
प्रकार्यात्मक समूह = कार्बोक्सिलिक अम्ल (- COOH)
प्रश्न 87. एसिटिक अम्ल, प्रोपेनॉयिक अम्ल तथा एथिल एल्कोहल के सूत्र तथा प्रकार्यात्मक समूह लिखो।
(H.P Model Q Paper 2009, 2009 Set-A,C, 2011 Set-A, 2013 Set-A B)
उत्तर-सूत्र : CH3COOH सूत्र : C2H5OH
H OH H H H H H O
| | | | | | | ||
H- C- C- = O H- C- C- OH H- C- C- C- C- OH
| | | | | |
H H H H H H
ऐसिटिक अम्ल एथिल ऐल्कोहल प्रोपेनॉयिक अम्ल
प्रकार्यात्मक समूह=कार्बोक्सिलिक अम्ल प्रकार्यात्मक समूह=इथेनॉल प्रकार्यात्मक समूह=प्रकार्यात्मक अम्ल
प्रश्न 88. किसी एस्टर का संरचनात्मक सूत्र है–
H O H H H
| || | | |
H- C- C- O- C- C- C- H
| | | |
H H H H
अम्ल तथा एल्कोहल का सूत्र लिखिए जिनसे इसको बनाया गया है।
उत्तर-एसिटिक एसिड (CH3COOH) तथा प्रोपाइल एल्कोहल (C3H7OH) की रासायनिक क्रिया से यह ऐस्टर बनता है।
प्रश्न 89. मिथाइल एल्कोहल तथा केरोसीन के मिश्रण के घटक प्रभाजी आसवन में किस क्रम में पृथक् होंगे? पानी, मिथाइल एल्कोहल तथा केरोसीन के क्वथनांक क्रमश: 100° C, 60°C तथा 270°C हैं।
उत्तर-प्रभाजी आसवन (Fractional distillation) द्वारा प्राप्त हुए घटक मिथाइल एल्कोहल, पानी तथा कैरोसीन के क्रम में होंगे।
प्रश्न 90. फार्मिक एसिड का आई0 यू0 पी0 ए0 सी0 नाम तथा संरचनात्मक सूत्र लिखो।
उत्तर-फार्मिक एसिड का संरचनात्मक सूत्र-
O
||
H- C- OH है।
इसका IUPAC नाम मीथेनाइक अम्ल है।
प्रश्न 91. एसिटिक एसिड का संरचनात्मक सूत्र लिखो और इसका आई0 यू0 पी0 ए0 सी0 नाम बताओ।
उत्तर-एसिटिक एसिड का सरचनात्मक सूत्र-
H OH
| |
H- C- C- = O
|
H
इसका आई0 यू0 पी0 ए0 सी0 नाम एथेनोइक एसिड है।
प्रश्न 92. कार्बन का परमाणु भार कितना है?
उत्तर-12.
प्रश्न 93. क्या कारण है कार्बन यौगिकों की संख्या अन्य सभी तत्वों के यौगिकों की सम्मिलित संख्या से भी अधिक है?
उत्तर-इसका कारण यह है कि रासायनिक रूप से कार्बन अद्वितीय (unique) है। इसमें लंबी श्रृंखलाएं बनाने का गुण है जिस कारण यह अन्य तत्वों से सरलता से जुड़ जाती है।
प्रश्न 94. हाइड्रोकार्बन के एक प्राकृतिक स्रोत का नाम लिखो।
उत्तर-पेट्रोलियम।
प्रश्न 95. संकलन (additive) अभिक्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर-संकलन एक ऐसी अभिक्रिया है जिसमें एक असंतुष्ट हाइड्रोकार्बन किसी अन्य पदार्थ से मिलकर केवल एक यौगिक उत्पन्न करता है।
प्रश्न 96. संकलन अभिक्रिया (additive reaction) का एक उदाहरण दो।
उत्तर-
CH2 CH2Br
|| +Br I |
CH2 CH2Br
प्रश्न 97. बहुलकता (Polymerisation) की परिभाषा लिखो।
उत्तर-बहुलकता या बहुलकीकरण वह क्रिया है जिसमें अनेक छोटे-छोटे अणु आपस में जुड़ कर बड़ा अणु बना देते हैं।
प्रश्न 98. बहुलकता (या बहुलकीकरण) का एक उदाहरण दो।
उत्तर-एथिलीन से पॉलीथीन का बनना बहुलकीकरण का एक सरल उदाहरण है।
उच्च दाब
n (H2 C = CH2) I (- CH2 – CH2-)n
(एथिलीन) उच्च ताप (पॉलीथीन)
(एकलक) (बहुलक)
प्रश्न 99. किण्वन (fermentation) क्या है?
उत्तर-किण्वन वह क्रिया है जिसमें शक्कर तथा स्टार्च के अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं और साथ में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
प्रश्न 100. एसिटिक अम्ल का सामान्य नाम क्या है?
उत्तर-एसिटिक अम्ल का सामान्य नाम ‘सिरका’ है।
प्रश्न 101 प्रतिहिम (antifreeze) किसे कहते हैं?
उत्तर-एल्कोहल तथा जल के मिश्रण को ‘प्रतिहिम’ कहते हैं।
प्रश्न 102. प्रतिहिम का प्रयोग कहां किया जाता है?
उत्तर-प्रतिहिम का प्रयोग ठंडे देशों में वाहनों के रेडिएटरों में होता है।
प्रश्न 103. वसा अम्ल (fatty acids) क्या हैं?
उत्तर-ऐसे कार्बनिक अम्ल जिनके अणु में 16 से अधिक कार्बन परमाणु होते हैं, ठोस होते हैं तथा ‘वसा अम्ल’ कहलाते हैं।
प्रश्न 104. वसा अम्लों का उपयोग कहां किया जाता है?
उत्तर-वसा अम्लों का उपयोग हल्के अम्लों के रूप में, खाद्य पदार्थों के रूप में, ठंडे पेयों, औषधियों, साबुन आदि में होता है।
प्रश्न 105. एस्टर क्या हैं?
उत्तर-ऐसे यौगिक जिनमें अभिलक्षकीय ग्रुप (functional group) -COO- होता है, ‘एस्टर’ कहलाते हैं।
प्रश्न 106. एस्टरों का उपयोग कहां किया जाता है?
उत्तर-एस्टरों का उपयोग ठंडे पेयों, आइसक्रीम, मिठाइयां तथा सौंदर्यवद्र्धक प्रसाधनों में होता है।
प्रश्न 107. साबुन कैसे बनता है?
उत्तर-साबुन, तेल अथवा वसा से बनता है जो वसा अम्ल या ग्लिसरॉल के एस्टर होते हैं।
प्रश्न 108. ग्लिसरॉल क्या है?
उत्तर-ग्लिसरॉल एक एल्कोहल है जिसमें तीन हाइड्रोक्सिल (-OH) ग्रुप होते हैं।
प्रश्न 109. साबुनीकरण (Saponification) किसे कहते हैं?
उत्तर-वसा को विघटित करने की क्रिया को ‘साबुनीकरण’ कहते हैं।
प्रश्न 110. साबन बनाते समय नमक क्यों डाला जाता है?
उत्तर-नमक साबुन की घुलनशीलता को कम करता है।
प्रश्न 111. ग्लिसरॉल का उपयोग कहां किया जाता है?
उत्तर-ग्लिसरॉल का उपयोग औषधियां, विस्फोटक पदार्थ, रंग-रोगन आदि में किया जाता है।
प्रश्न 112. साबुन पानी में घुल कर क्या बनाता है?
उत्तर-साबुन पानी में घुल कर मिसेल (Micelless) बनाता है।
प्रश्न 113. अपमार्जक किस से बनते हैं?
उत्तर-अपमार्जक पेट्रोलियम से प्राप्त हाइडो-कार्बनों से बनते हैं।
प्रश्न 114. वाशिंग पाऊडर को शुष्क रखने हेतु इसमें क्या मिलाया जाता है?
उत्तर-सोडियम सल्फेट तथा सोडियम सिलिकेट।
प्रश्न 115. सामान्य रूप से एल्कोहल शब्द किस एल्कोहल के लिए प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर-इथाइल एल्कोहल (C2H5OH) के लिए।
प्रश्न 116. एल्कोहल के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-एल्कोहल औषधियों, रंग-रोगन, अपमार्जक आदि को बनाने के अतिरिक्त अच्छे विलायक के रूप में काम आता है। यह अच्छा एंटीसैप्टिक भी है।
प्रश्न 117. एल्कोहल किस की किण्वन क्रिया से तैयार किया जाता है?
उत्तर-एल्कोहल चीनी उद्योग से प्राप्त मौलेशिज की किण्वन क्रिया से तैयार किया जाता है।
प्रश्न 118. चीनी उद्योग से प्राप्त मौलेशिज में किण्वन क्रिया के लिए क्या मिलाना आवश्यक होता है?
उत्तर-इसमें यीस्ट मिलाना पड़ता है जिससे इन्वटैस और जईमेस नामक एंजाइम प्राप्त हो जाते हैं।
प्रश्न 119. किण्वन क्रिया किस तापमान पर होती है?
उत्तर-किण्वन क्रिया 20-30° C पर होती है।
प्रश्न 120. एसिटलडीहाइड से एल्कोहल बनाने के लिए किस उत्प्रेरक का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-निकिल (Ni), प्लाटीनम (Pt) या पैलेडियम (Pd) का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 121.रैक्टीफाइड स्पिरिट किसे कहते हैं?
उत्तर-95% एथानॉल और 5% पानी के घोल को रैक्टीफाइड स्पिस्टि कहते हैं।
प्रश्न 122. इथाइल एल्कोहल के ऑक्सीकरण से क्या प्राप्त होता है?
उत्तर-इथाइल एल्कोहल के ऑक्सीकरण से एथानोयिक अम्ल प्राप्त होता है।
प्रश्न 123. कार्बोनायल यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर-एल्डीहाइड और कीटोन वर्ग को कार्बोनायल यौगिक कहते हैं क्योंकि इनमें कार्बोनायल वर्ग
(-CO या – C = O) विद्यमान होता है।
प्रश्न 124. जलीय गैस से मीथानल किस प्रकार तैयार किया जाता है?
उत्तर-जलीय गैस से मीथानल विद्युत् विच्छेदन से तैयार किया जाता है।
CO + H2 I HCOH
विच्छेदन
प्रश्न 125. मीथानल का ऑक्सीकरण क्या प्रदान करता है?
उत्तर-मीथानल का ऑक्सीकरण मीथानोइक अम्ल प्रदान करता है।
प्रश्न 126. कीटोन का सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर-Cn H2n+1 CO Cm C 2m+1
प्रश्न 127. एल्डीहाइड वर्ग का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर- Cn H2n+1 CHO
प्रश्न 128. डाइमीथायल कीटोन, डाइइथायल कीटोन, इथाइल मीथाइल कीटोन तथा मीथाइल n– प्रोपाइल कीटोन के सूत्र लिखिए।
उत्तर-(i) डाइमीथायल कीटोन = CH3 CO CH3
(ii) डाइइथायल कीटोन = CH3 CH2 CO CH2 CH3
(iii) इथाइल मीथाइल कीटोन = CH3 CO CH2 CH3
(iv) मीथाइल n– प्रोपाइल कीटोन = CH3 CO CH2 CH2 CH3.
प्रश्न 129. एथानोइक अम्ल का सामान्य प्रचलित नाम लिखिए।
उत्तर-एसिटिक अम्ल या सिरका।
प्रश्न 130. कार्बोक्सलिक अम्ल का सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर-Cn H2n+1 COOH
प्रश्न 131. जंतु वसा में कौन-से वसायुक्त अम्ल होते हैं?
उत्तर-संतृप्त वसायुक्त अम्ल।
प्रश्न 132. भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का।
प्रश्न 133. हाइड्रोकार्बन को कौन क्लोरीन में जोड़ता है?
उत्तर-सूर्य का प्रकाश।
प्रश्न 134. प्रतिस्थायी अभिक्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर-क्लोरीन का हाइड्रोजन के परमाणुओं के विस्थापन को प्रतिस्थायी अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 135. सोडियम से अभिक्रिया करके एल्कोहल किस गैस को उत्पन्न करता है?
उत्तर-हाइड्रोजन गैस।
प्रश्न 136. इथेनॉल के लिए निर्जलीकरण एजेंट का काम कौन करता है?
उत्तर-सल्फ्यूरिक अम्ल।
प्रश्न 137. इथेनॉल के प्रयोग से कौन-सी प्रक्रिया धीमी हो जाती है?
उत्तर-चय-उपाचय प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे केंद्रीय तंत्रिका प्रणाली कमजोर हो जाती है।
प्रश्न 138. गन्ने के खमीरीकरण से क्या तैयार किया जाता है?
उत्तर-इथेनॉल।
प्रश्न 139. एल्कोहल पेट्रोल में मिलाकर किस रूप में प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर-स्वच्छ ईंधन।
प्रश्न 140. सिरका किसे कहते हैं?
उत्तर-एसिटिक अम्ल के 3-4% विलयन को।
प्रश्न 141. शुद्ध इथेनोइक अम्ल का गलनांक क्या है?
उत्तर-290K.
प्रश्न 142. साबुन के अणु किसके लवण होते हैं?
उत्तर-सोडियम और पोटैशियम के।
प्रश्न 143. जल किस कारण कठोर बनता है?
उत्तर-कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवणों के कार्बोनेट, सल्फेट और क्लोराइड के कारण।
प्रश्न 144. डिटरजेंट की लंबी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला में क्या होते हैं?
उत्तर-अमोनियम और सल्फेट लवण।
प्रश्न 145. सामान्यत: डिटरजेंट का उपयोग किनके उत्पाद में किया जाता है?
उत्तर-शैंपू और कपड़े धोने के उत्पादों में।
प्रश्न 146. हेक्सेनल की संरचना चित्रित कीजिए। (H.P. 2009, Sec-C)
उत्तर–
H H H H H O
| | | | |
H- C- C- C- C- C- C //
| | | | | \
H
प्रश्न 147. पेंटेन का रासायनिक सूत्र लिखिए। (H.P. 2010, Sect–C, 2011 Set-A)
उत्तर-C5H12
प्रश्न 148. जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हृड्ड,ष्श, से क्रिया करता है तो कौन-सी गैस बनती है?
(H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-CO2
प्रश्न 149. सरल हाइड्रोकार्बन का नाम तथा सूत्र लिखिए। (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-मीथेन, CH4
प्रश्न 150. सिरके में उपस्थित अम्ल का नाम तथा सूत्र लिखिए। (H.P. 2016 Set-I)
उत्तर-एसिटिक अम्ल (CH3COOH)
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर क्या बनाया है?
(A) ऋणायन (B) धनायन (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- मेथेन का गलनांक क्या है?
(A) 290 k (B) 209 k (C) 156k (D) 90 k
- क्लोरीन की परमाणु संख्या क्या है?
(A) 9 (B) 12 (C) 17 (D)19
4.ऑक्सीजन के परमाणु के L कोष में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
(A) 2 (B) 4 (C) 6 (D) 8.
- दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनने वाले आबंध क्या कहलाते हैं?
(A) सह-संयोजी (B) सर्वतोमुखी (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- कार्बन की संयोजकता कितनी होती है?
(A) 4 (B) 3 (C) 2 (D) 1.
- ब्यूटेन का रासायनिक सूत्र क्या है?
(A) CH4 (B) C2H6 (C) C3H8 (D) C4H10
- बेंजीन का रासायनिक सूत्र क्या है?
(A) C4H4 (B) C2H2 (C) C6H6 (D)C8H8
- ऐल्कोहॉल का पूर्व लग्न क्या है?
(A) –al (b) –O1 (c) –ene (d) -one.
- ऐसीटिक अम्ल के कितने प्रतिशत विलयन को सिरका कहा जाता है?
(A) 2 – 3% (B) 3 – 4% (C) 8 – 10% (D) 13 – 14%.
- साबुन एवं अपमार्जक की प्रक्रिया अणुओं में किस समूह की उपस्थिति पर आधारित है?
(A) जलरागी (B) जलविरागी (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- अधिक मात्रा में एथनॉल का सेवन करने पर क्या कमजोर जो जाता है?
(A) यकृत (B) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (C) आंखें (D) दांत।
- मेथेनैल कौन-सी तंत्रिका को प्रभावित करता है?
(A) केंद्रीय तंत्रिका (B) चाक्षुष तंत्रिका (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- शुद्ध एथनॉइक अम्ल का गलनांक कितना होता है?
(A) 260 k (B) 270 k (c) 280 k (D) 290 k.
- शुद्ध एथनॉइक अम्ल का दूसरा नाम क्या है?
(A) ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल (B) सिरका (C) सल्फ्यूरिक अम्ल (D) उपरोक्त सभी।
- भूपर्पटी में खनिजों के रूप में कार्बन कितने प्रतिशत उपस्थित हैं?
(A) 0.02% (B) 0.05% (C) 0.07% (D) 0.09%.
- आयनिक यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक होते हैं-
(A) निम्न (B) उच्च (C) मध्यम (D) अति निम्न।
- क्लोरोफॉर्म का क्रमश: गलनांक और क्वथनांक है-
(A) 290 k, 391k (B) 209k, 334k (C) 156k, 351k (D) 90k, 111k.
- ईंधन के रूप में किस कार्बन यौगिक का सबसे अधिक उपयोग होता है?
(A) मीथेन (B) इथेन (C) प्रोपेन (D) ब्यूटेन।
- ग्रेफाइट विद्युत का ………. है।
(A) सुचालक (B) कुचालक (C) अद्र्धचालक (D) इनमें से कोई नहीं।
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) कुछ देशों में एल्कोहॉल में मिलाकर…………….. उसे स्वच्छ ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
(ii) साबुन के अणु ऐसे होते हैं जिनके दोनों सिरों के विभिन्न ………होते हैं।
NaOH
(iii) CH3COOC2H5 I …………. CH3COOH
सूर्य का प्रकाश
(iv) CH4 + C12 I ………… + HC1
(v) कोयले तथा पेट्रोलियम को ………… ईंधन कहते हैं।
(vi) प्रत्येक तत्व के द्वारा उत्पन्न दीप्त ज्वाला का रंग उस तत्व का ……….. गुण होता है।
(vii) तीन कार्बन परमाणु वाले यौगिक का नाम …………. होता है।
(viii) 1828 में ………… ने अमोनिया सायनेट से यूरिया बनाया।
- निम्नलिखित में सही जोड़े बनाइए-
(i) CHC13 (i) धनायन
H
//
(ii) त्रि-आबंध (ii) -C
\ O
(iii) हेक्सेन (iii) –one
(iv) C4+ (iv) मोलेसस
(v) ऐल्डीहाइड (v) CnH2n
(vi) कीटोन (vi) ब्रोमो
(v) एल्कीन (v) C6H14
(vi) Br (vi) 156 k
(vii) गन्ने का रस (vii) असंतृप्त यौगिक
- निम्नलिखित में से सही या गलत छांटिए-
(i) मेथेनॉल की थोड़ी सी भी मात्रा लेने से मृत्यु हो सकती है।
(ii) वायुमंडल में 0.03%, CO2 उपस्थित है।
(iii) कलोरीन की परमाणु संख्या 19 है।
(iv) मीथेन का सूत्र C2H5 है।
(v) एक-या अधिक त्रि-आबंध वाले ‘ऐल्काइन’ कहलाते हैं।
(vi) कार्बोक्सिलिक अम्ल का फॉर्मूला –C1 है।
(v) C + O2 I CO2 + जल।
(viii) बर्तनों के तले काले होने का अर्थ है कि वायु छिद्र अवरुद्ध हैं और दहन अपूर्ण है।
उत्तर–
- (A) ऋणायन 2. (D) 90k 3. (C) 17 4. (C) 6
- (A) सह-संयोजी 6. (A) 4 7. (D) C4H10 8 8. (C) C6H6
- (B)-O1 10. (B) 3-4% 11. (C) उपरोक्त दोनों 12. (B) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र
- (B) चाक्षुष तंत्रिका 14. (D) 290 k 15. (A) ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल 16. (A) 0.02%
- (B) उच्च, 18. (B) 209K, 334K, 19. (A) मीथेन, 20. (A) सुचालक,
- (i) पेट्रोल (ii) गुणधर्म (iii) C2H5OH (iv) CH3C1 (v) जीवाश्मी (vi) अभिलाक्षणिक (vii) प्रोपेन (viii) फ्रेडरिक वोहलर
- (i)-(viii), (ii)-(ix), (iii)-(vii), (iv)-(i), (v)-(ii), (vi)-(iii), (vii)-(v), (viii)-(vi), (ix)-(iv)
- (i) ü (i) ü (iii)x (iv)x (v) ü (vi) x (vii)x (viii) ü.