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विज्ञान विषयः अध्याय-5……… तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
Last Updated on February 4, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए। (H.P. 2009, Set A
उत्तर-डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक स्तंभ में भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए लीथियम (Li), सोडियम (Na) तथा पोटाशियम (K) एक डॉबेराइनर का त्रिक बनाते हैं। यदि Li को पहला तत्व मानें तो उससे आठवें स्थान पर Na आता है और यदि Na को पहला तत्व मानें तो उसके आठवें स्थान पर K आता है। इस प्रकार डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक स्तंभ में पाए जाते हैं।
प्रश्न 2. डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएं हैं? (H.P. 2011, Set-B, 2013 Set A, 2014 Set B, 2015)
उत्तर-डॉबेराइनर के वर्गीकरण की सबसे बड़ी सीमा यह थी कि इस नियम के अनुसार उस समय उपस्थित पाए जाने वाले सारे तत्वों का वर्गीकरण नहीं होता था। उदाहरण-तीन तत्व; नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) तथा ऑरसेनिक (As) के रासायनिक गुणधर्म समान हैं इसलिए इन्हें एक ही त्रिक का होना चाहिए जबकि N परमाणु द्रव्यमान (14.0 u), As का (74.9 u) तथा P का (31.0 u) है जिसके अनुसार यह एक त्रिक के तत्व नहीं हैं।
प्रश्न 3. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएं हैं? (H.P. 2011 Set II, 2014 Set II)
उत्तर-(i) अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व से नहीं मिलता।
(ii) न्यूलैंड्स के कल्पना की थी कि प्रकृति में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं और भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा। लेकिन, बाद में कई नये तत्व पाए गये जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।
(iii) अपनी सारणी में तत्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड्स ने दो तत्वों को एक साथ रख दिया था और कुछ असमान तत्वों को एक स्थान में रख दिया था जैसे कोबाल्ट तथा निकैल एक साथ में हैं। इन्हें एक साथ उसी स्तंभ में खा गया है जिसमें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन हैं चाहे इनके गुणधर्म उन तत्वों से भिन्न हैं। आयरन को कोबाल्ट और निकैल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है।
(iv) न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ठीक से लागू हो पाया है।
प्रश्न–
प्रश्न 1. मेंडलीफ के आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए–
K, C, A1, Si, Ba
उत्तर-(i) पोटैशियम (K) वर्ग IA का धातु है। इसकी संयोजकता 1 है। इसलिए इसके ऑक्साइड का सूत्र K2O
(ii) कार्बन (C) वर्ग IV A का तत्व है। इसकी संयोजकता 4 है तथा इसके ऑक्साइड का सूत्र CO2 है।
(iii) A1, वर्ग III A का तत्व है। इसकी संयोजकता 3 है। इसलिए इसके ऑक्साइड का सूत्र A12O3 है।
(iv) सिलिकॉन (Si) IVA वर्ग का तत्व है। इसकी संयोजकता 4 है। इसलिए इसकी ऑक्साइड का सूत्र SiO2 है।
(v) Ba वर्ग IIA का तत्व है। इसकी संयोजकता 2 है। इसलिए इसकी ऑक्साइड का सूत्र BaO है।
प्रश्न 2. गैलियम के अतिरिक्त, अब तक कौन-कौन से तत्वों का पता चला है जिसके लिए मैंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-जरमीनियम (Ge) तथा पोलोनियम (Po) वर्ग IVA के दो तत्व हैं। इन दोनों तत्वों के लिए भी मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था। मेंडलीफ ने इनके गुणधर्म पहले से ही बता दिए थे। जब बाद में इन तत्वों की खोज हुई तो इनके गुणधर्म लगभग वही थे जो मेंडलीफ ने दिए थे।
प्रश्न 3. मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया था?
उत्तर-मेंडलीफ ने अपनी सारणी में तत्वों को उनके मूल, गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
जब मेंडलीफ ने अपना कार्य प्रारंभ किया, तब तक 63 तत्व ज्ञात थे। उन्होंने तत्वों के परमाणु द्रव्यमान और उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों के बीच संबंधों का अध्ययन किया। रासायनिक गुणधर्मों के अंतगर्त मेंडलीफ ने तत्वों के ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन के साथ बनने वाले यौगिकों की ओर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन को इसलिए चुनाव किया क्योंकि वे अत्यंत सक्रिय हैं तथा अधिकांश तत्वों के साथ यौगिक बनाते हैं। तत्व से बनने वाले हाइड्राइड एवं ऑक्साइड के सूत्र को तत्वों के वर्गीकरण के लिए मूलभूत गुणधर्म माना गया। फिर उन्होंने 63 कार्ड लिए एवं प्रत्येक कार्ड पर अलग-अलग तत्वों के गुणधर्मों को लिखा। उन्होंने समान गुणधर्म वाले तत्वों को अलग कर दिया तथा इन पत्तों को पिन लगाकर दीवार पर लटका दिया। उन्होंने देखा कि अधिकांश तत्वों को आवर्त सारणी में स्थान मिल गया था तथा अपने परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में ये तत्व व्यवस्थित हो गये। यह भी देख गया कि समान भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म वाले विभिन्न तत्व एक निश्चित अंतर के बाद फिर आ जाते हैं। इसी आधार पर मेंडलीफ ने आवर्त सारणी बनाई।
प्रश्न 4. आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया?
(H.P. 2011, Set-C, 2014 Set C, 2015)
उत्तर-सभी तत्वों में से उत्कृष्ट गैसें जैसे-हीलियम (He), निऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr) तथा जीनॉन (Xe) सबसे अधिक अक्रियाशील है। इनके गुणधर्म किसी अन्य समूह के तत्वों के समान नहीं है। ये अन्य तत्वों में अभिक्रिया नहीं करते। इसलिए मैंडलीफ ने उन्हें अलग वर्ग में रखा जिसे उसने शून्य वर्ग कहा।
प्रश्न–
प्रश्न 1. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया?
उत्तर-मैंडलीफ की आवर्त सारणी परमाणु द्रव्यमान के सिद्धांत पर आधारित थी जबकि मोसले की आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु संख्या पर आधारित है। इस सारणी के द्वारा मैंडलीफ की सारणी के दोषों को दूर किया गया-
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में सभी समस्थानिकों को एक ही स्थान दिया गया है क्योंकि समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या तो सदा समान होती है इसलिए परमाणु संख्या भी एक समान ही होगी।
(ii) आरगॉन तथा पोटाशियम की परमाणु संख्या क्रमश: 18 और 19 हैं। तत्वों की बढ़ती परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित करने पर ऑरगान पहले आ जाता है और पोटाशियम का स्थान पीछे रह जाता है जबकि उनके परमाणु द्रव्यमान इसके विपरीत हैं। नई आवर्त सारणी में इस दोष को दूर किया गया है।
(iii) तत्वों, उत्कृष्ट गैसों और संक्रमण तत्वों को स्पष्ट रूप से अलग-अलग किया गया है।
(iv) आधुनिक आवर्त सारणी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति क्यों होती है।
प्रश्न 2. मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है?
उत्तर-आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार जिन तत्वों की बाहरी इलैक्ट्रॉनिक विन्यास समान होती है उनके गुणधर्म भी समान होते हैं। मैग्नीशियम के बाहरी कक्ष या कोश में दो इलैक्ट्रॉन हैं इसलिए वे सभी तत्व जिनके बाहरी कोश में 2 इलैक्ट्रॉन होंगे वह Mg के समान ही गुणधर्म प्रदर्शित करेंगे।
उदाहरण-कैल्सियम (Ca), परमाणु संख्या = 20
कक्ष में व्यवस्थित इलैक्ट्रॉन I 2, 8, 8, 2
मैग्नीशियम (Mg), परमाणु संख्या = 12
कक्ष में व्यवस्थित इलैक्ट्रॉन I 2, 8, 2
प्रश्न 3. निम्न के नाम बताइए–
(a) तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलैक्ट्रॉन उपस्थित हों।
(b) दो तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों।
(c) तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर-(a) तीन तत्व जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलैक्ट्रॉन उपस्थित है। उदाहरण है-
तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
K L M N
लीथियम (Li) 3 2 1
सोडियम (Na) 11 2 8 1
(H.P. 2009, Set A, 2011 Set B)
पोटैशियम (K) 19 2 8 8 1
(b) दो तत्व जिनके बाहरी कोश में 2 इलैक्ट्रॉन हैं। उदाहरण हैं-
तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
K L M N
बैरिलियम (Be) 4 2 2
मैग्नीशियम (Mg) (H.P. Model Q. Paper 2009, 2009 Set-B, 2011 Set-C)
12 2 8 2
कैल्सियम (Ca) 20 2 8 8 2
(c) ऐसे तीन तत्व जिनका बाहरी कक्ष/कोश पूर्ण हैं। उदाहरण हैं-
तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
K L M N
हीलिमय (He) 2 2
निऑन (Ne) 10 2 8
आर्गन (Ar) 18 2 8 8
प्रश्न 4. (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम यह सभी धातुएं जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर-(a) लीथियम, सोडियम तथा पोटैशियम की जल के साथ अभिक्रिया-
2Li + 2H2O I 2LiOH + H2
लीथियम जल लीथियम हाइड्रोक्साइड जल
2Na + 2H2O I 2NaOH + H2
सोडियम जल सोडियम हाइड्रोक्साइड हाइड्रोजन
2K + 2H2O I 2KOH + H2
पोटैशियम जल पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड हाइड्रोजन
इन तीनों धातुओं में बाहरी कोश में एक ही इलैक्ट्रॉन है।
(b) He तथा Ne दोनों ही उत्कष्ट गैसें हैं इसलिए ये अक्रियाशील हैं। इनके बाहरी कोश पूर्ण हैं। He के पास केवल K-कोश है और यह पूर्ण है पर दूसरी तरफ Ne के पास K तथा L-दो कोश हैं और ये दोनों भी पूर्ण हैं। K-कोश के पास दो तथा L-कोश के पास आठ इलैक्ट्रॉन हैं। इसलिए निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है।
प्रश्न 5. आधुनिक आवर्त सारणी के पहले दस तत्वों में कौन-से धातु हैं?
उत्तर-पहले दस तत्व हैं-
H, He, Li, Be, B, C, N, O, F तथा Ne
इन सब तत्वों में से धातु हैं-
Li तथा Be
प्रश्न 6. आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किसे तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है?
Ga, Ge, As, Se, Be.
उत्तर-पहले इनका वर्गीकरण बढ़ती हुई परमाणु संख्या के अनुसार करते हैं-
स्तंभ वर्ग 1 वर्ग2 वर्ग 13 वर्ग 14 वर्ग 15 वर्ग 16
1 ― ― ― ― ― ―
2 ― Be ― ― ― ―
3 ― ― ― ― ― ―
4 ― ― Ga Ge AS Se
हम जानते हैं कि धात्विक अभिलक्षण स्तंभ में बाएं से दाएं तरफ कम होता है तथा वर्ग में नीचे जाते समय बढ़ता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए Be तथा Ga का धात्विक अभिलक्षण ज्यादा लगता है। पर Ga जल्दी अपने इलैक्ट्रॉन दे सकता है इसलिए Ga, Be से ज्यादा धात्विक है।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. आवर्त सारणी में बाएं से दाएं जाने पर प्रवृत्तियों के बारे में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलैक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर-केवल कथन (c) गलत (असत्य) है क्योंकि आवर्त सारणी में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु की इलैक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता घटती है।
प्रश्न 2. तत्व X, XC12 सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है, जो एक ठोस है और जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व संभवत किस समूह के अंतर्गत होगा?
(a) Na (b) Mg (c) A1 (d) Si.
उत्तर-यदि तत्व X, XC12 सूत्र का क्लोराइड बनाता है तो X तत्व के संयोजक इलैक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी अर्थात उसके बाह्यतम कक्ष में संयोजकता इलैक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी। आवर्त सारणी के अनुसार केवल वर्ग 2 के तत्व Be, Mg, Ca, Sr, Ba एवं Ra की संयोजकता इलैक्ट्रॉन संख्या दो है। इसलिए तत्व X Mg (मैग्नीशियम) है। क्योंकि मैग्नीशियम एक धातु होते हुए भी एक आयनिक क्लोराइड बनाने की क्षमता रखता है। जिसका उच्च गलनांक हो। अतः कथन (b) सही है।
प्रश्न 3. किस तत्व में–
(a) दो कोश है तथा दोनों इलैक्ट्रॉनों से पूरित हैं।
(b) इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,2 है।
(c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलैक्ट्रॉन हैं?
(d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलैक्ट्रॉन हैं?
(e) दूसरे कोश में पहले कोश से दुगुने इलैक्ट्रॉन हैं?
उत्तर-(a) उत्कृष्ट गैसों के सभी शैल इलैक्ट्रॉन से भरे होते हैं। इसलिए दिया गया तत्व एक उत्कृष्ट तत्व गैस है। क्योंकि इसके दो पूर्णतः भरे शैल हैं इसलिए यह वर्ग में दो में हैं। इस प्रकार तत्व Ne (निऑन) यह तत्व है।
(b) इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 का जोड़ 12 जो इस तत्व का परमाणु अंक है और 12 परमाणु अंक वाला तत्व Mg (मैग्नीशियम) है। अतः दिया गया तत्व Mg (मैग्नीशियम) है।
(c) कुल तीन कोश में से बाह्य कोष में इलैक्ट्रॉन की संख्या 4 है। अतः तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है-2, 8, 4 विन्यास का जोड़ होगा 14, इस प्रकार 14 परमाणु अंक वाला तत्व है-Si (सिलिकॉन)।
(d) कुल दो कोश हैं बाह्य कोश में 3 इलैक्ट्रॉन हैं। इस प्रकार तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है-2, 3 तथा विन्यास जोड़ है-5 अतः इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 5 वाला तत्व है B (बोरॉन)।
(e) दूसरे कोश में पहले की अपेक्षा दुगुने इलैक्ट्रॉन हैं अतः तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है-2, 4 तथा विन्यास जोड़-6 इस प्रकार परमाणु संख्या 6 वाला तत्व है-C (कार्बन)।
प्रश्न 4. (a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
(H.P. 2013, Set-B)
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं? (H.P. 2013, Set-C)
उत्तर-(a) आवर्त सारणी में बोरॉन स्तंभ के सभी तत्व 13 से संबंध रखते हैं। इसलिए इन सबके बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या तीन (3) होगी। केवल बोरॉन (B) को छोड़कर क्योंकि यह एक अधातु है और शेष तत्व धातुएं हैं, जैसे-A1, Ga, In एवं Th
(b) फ्लुओरीन के स्तंभ में आने वाले सभी तत्व उत्कृष्ट तत्व हैं तथा वर्ग 17 से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके बाह्यतम कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या 7 होगी। यह सभी तत्व (F, C1, Br, I) अधातुएं हैं।
प्रश्न 5. एक परमाणु का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है।
(a) इस तत्व की परमाण-संख्या क्या है?
(b) निम्न में से किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी? ( परमाणु-संख्या कोष्ठक में दी गई है) N(7), F (9), P(15), Ar(18)
उत्तर-(a) तत्व की परमाणु संख्या/परमाणु अंक 2+8+7 = 17 है और यह तत्व क्लोरीन है।
(b) क्योंकि तत्व के बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या 7 है इसलिए यह उत्कृष्ट तत्वों के वर्ग 17 से संबंध रखता है। इस परिवार के अन्य तत्वों की परमाणु संख्या एवं इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है। तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
फ्लुओरिन (F) 9 2, 7
ब्रोमीन (Br) 35 2, 8, 18, 7
आयोडीन (I) 53 2, 8, 18, 18,7
इस प्रकार तत्व F परमाणु संख्या 9 के कारण उत्कृष्ट तत्वों के परिवार से संबंध रखता है। इसलिए यह तत्व क्लोरीन तत्व से रासायनिक रूप से समान होगा।
प्रश्न 6. आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है–
समूह 16 समूह 17
― ―
― A
― ―
B C
अब बताइए कि–
(a) A धातु है या अधातु।
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम?
(c) C का आकार B से बड़ा होगा या छोटा?
(d) तत्व A, किस प्रकार के आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा ?
उत्तर-(a) समूह 17 के तत्वों के बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या 7 है और सभी तत्व एक इलैक्ट्रॉन धारण करने की उच्च क्षमता रखते हैं। अतः सभी तत्व अधातु हैं।
(b) एक वर्ग में नीचे की ओर आने पर परमाणु आकार बढ़ता है। इसलिए नाभिक की बाह्यतम इलैक्ट्रॉन को खींचने की क्षमता कम हो जाती है। इस प्रकार अभिक्रियाशीलता एक वर्ग में नीचे आने पर कम हो जाती है। इसलिए तत्व C तत्व A से कम अभिक्रियाशील है।
(c) तत्व B एवं C समान अवर्तित (Period) से संबंध रखते हैं।
प्रश्न 7. नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व हैं। इन दोनों तत्वों का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों? (H.P. 2012, Set-B)
उत्तर-नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस की इलैक्ट्रॉनिक विन्यास हैं-
तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
K L M
N 7 2 5
P 15 2 8 5
ये दोनों तत्व आवर्त सारणी के बायीं से दायीं ओर स्थित हैं। इसलिए वे अधातु की श्रेणी में आते हैं। ये धातु नहीं है।
प्रश्न 8. तत्वों के इलैक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या संबंध है?
उत्तर-यदि तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात हो तो आवर्त सारणी में उसकी स्थिति को ज्ञात किया जा सकता है, इसके विपरीत यदि आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति का ज्ञान हो तो उसका इलैक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक तत्व का स्तंभ 3 एवं वर्ग 15 से संबंधित है तथा उसके बाह्यतम संयोजकता कक्ष में इलैक्ट्रॉन की संख्या 5 है क्योंकि यह तत्व स्तंभ 3 से संबंधित है, इसलिए इसका बाहयतम संयोजकता कक्ष M होगा तथा इसका इलैक्ट्रॉनिक विन्यास होगा-
K L M हो जैसा- K L M N क्योकि तत्व के संयोजकता इलैक्ट्रॉन 7 है। इसलिए यह वर्ग 17 से
2 8 5 2 8 18 7
संबंधित है। (10 + 7) क्योंकि संयोजकता कक्ष चौथा कक्ष है, इसलिए तत्व स्तंभ 4 से संबंधित है अर्थात यह तत्व ब्रोमीन (Br) है।
प्रश्न 9. आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु–संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान है?
उत्तर-आवर्त सारणी का एक तत्व जो अन्य 4 (चार) तत्वों से घिरा हो वह उन सबका केंद्रीय भाग कहलाएगा दिए गए तत्वों को यदि इस प्रकार लिखा जाए-
12
19 20 21
38
दिए गए ढांचे में तत्व कैल्सियम (परमाण द्रव्यमान -20) अन्य 4 तत्वों (परमाणु द्रव्यमान क्रमश: 12, 19, 21 एवं 38)। इस प्रकार एक ही वर्ग में आने वाले तत्वों के परमाणु द्रव्यमान है-12, 20 एवं 38, अतः केवल तत्व (परमाणु द्रव्यमान 12, 38) के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं।
प्रश्न 10. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए। उत्तर-मेंडलीफ की आवर्त सारणी की आवर्त सारणी के दीर्घ रूप से तुलना–
(i) आवर्त सारणी के दीर्घ रूप में तत्वों को उनके परमाणु अंकों के बढ़ते हए क्रम के आधार पर रखा गया है। मेंडलीफ की आवर्त सारणी (लघु रूप) में तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमानों के बढ़ते क्रम के आधार पर रखा गया है।
(ii) दीर्घ रूप में 16 लंबात्मक पंक्तियाँ हैं जबकि लघु रूप में 9 लंबात्मक पंक्तियां (vertical columns) या समूह (Groups) हैं।
(iii) दीर्घ रूप में आवर्ती (Periods) को बढ़ा दिया गया है और छोटे (लघु) आवर्तों को तोड़ दिया गया है जिससे कि संक्रमण या परिवर्ती तत्वों (Transition Elements) को दीर्घ आवर्तों में उनके उपयुक्त स्थान पर रखा जा सके।
लघु रूप में छोटे (लघु) आवर्तों को दो पंक्तियों में रखा गया है, इस प्रकार सामान्य या प्रतिनिधि तत्व (Normal or Representative Elements) और संक्रमण तत्व या परिवर्ती तत्व (Transition Elements) एक दूसरे में मिश्रित हो गए हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. मेंडलीफ का आवर्त नियम क्या है? इस नियम को उदाहरण देकर समझाएं मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ रखे थे। क्या मेंडलीफ का अनुमान नए तत्वों की खोज के साथ सत्य सिद्ध हुआ? यदि हां तो उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर-मेंडलीफ ने 63 कार्ड लिए और उन पर तत्वों के नाम एवं गुण लिखें। अब उसने उन तत्वों के बारे में ज्ञात सभी प्रमाणों की जांच की और समान गुण वाले तत्वों के कार्यों को पृथक करके उनको दीवार के साथ पिन से लगा दिया। यह कार्ड व्यवस्था (सारणी) कुछ -कुछ चित्र की भांति थी।
जब मेंडलीफ ने तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित किया तो प्रत्येक वर्ग में सभी तत्व बहुत गुणों में समान थे। प्रत्येक सातवें तत्व के बाद आने वाले तत्व का गुण पहले वाले तत्व के समान पाए गए। इस आधार तत्वों की व्यवस्था धात्वीय गुण, घनत्व किसी अन्य गुण पर आधारित व्यवस्था से अच्छी पाई गई। मेंडलीफ ने इस प्रवृत्ति पर आधारित आवर्त नियम को अभिव्यक्त किया। इस नियम के अनुसार तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।
I II III IV V VI VII VIII
R2O RO C2O3 RH4 RH3 RH2 RH RO4
RCI RCI2 RCI3 RO4 R2O3 RO3 R2O7
A B A B A B A B A B A B A B
उस समय तक सिर्फ 63 तत्व ज्ञात थे। अब उसने टाइटेनियम तत्व को एल्यूमीनियम के नीचे न रखकर, सिलिकान के नीचे उनके समान गुणों के आधार पर रखा। ऐसा करने पर एल्यूमीनियम के नीचे स्थान रिक्त रह गया। अब यदि आवर्त नियम सही है तो इसका अर्थ होगा कि यह रिक्त स्थान किसी ऐसे तत्व से भरना चाहिए जिसकी अभी तक खोज नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त, इस तत्व का परमाणु भाग 48 से कम होना चाहिए तथा इसका गुण बोरॉन एवं एल्यूमीनियम के समान होने चाहिए। मेंडलीफ का यह अनुमान जो आवर्त नियम पर आधारित था, गैलियम तत्व की खोज के साथ सत्य सिद्ध हो गया।
प्रश्न 2. आधुनिक आवर्त सारणी क्या है? यह दीर्घ सारणी मेंडलीफ की आवर्त सारणी से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-आधुनिक आवर्त सारणी-मेंडलीफ ने तत्वों को न केवल उनके गुणों के आधार पर ही वर्गीकरण करने का प्रयास किया, बल्कि किसी ऐसे आधार की खोज करने की कोशिश की जो किसी निश्चित तत्व के बहुत-से गुणों की भविष्यवाणी कर सके। परमाणु भार ही एक ऐसा गुण था जिसने उसकी पूर्ण रूप से सहायता की। चित्र में आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें 105 तत्वों को उचित स्थान दिया गया है।
(तत्वों का वर्गीकरण परमाणु क्रमांक के आधार पर)
179 प्रश्न 3. “दीर्घ आवर्त सारणी में विभिन्न तत्वों को व्यवस्थित करने का मूलाधार इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है।” इस कथन को सविस्तार समझाएं। प्रथम, द्वितीय और तृतीय आवर्त के तत्वों की इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर-इलैक्ट्रॉनिक विन्यास मूलाधार है-सारणी को 18 ऊर्ध्वाधर कॉलमों (Vertical Columns), जो 9 वर्गों (वर्गI से VII, VIII तथा 0) का प्रतिनिधित्व करते हैं और 7 क्षैतिज पंक्तियों-जिन्हें आवर्त (Periods) कहते हैं, में व्यवस्थित किया गया है। प्रथम आवर्त में केवल 2 तत्व हाइड्रोजन एवं हीलियम हैं। दूसरे तथा तीसरे आवर्त में आठ-आठ तत्व हैं। चौथे और पांचवें आवर्त में 18, 18 तत्व हैं, जबकि छठे आवर्त में 32 तत्त्व हैं। इन तत्वों में दुर्लभ मृदा धातु (Rare Earth Metals) के 14 तत्व भी हैं। सातवां आवर्त अभी अधूरा है। 2, 8, 8, 18, 18, 32 तत्वों का अनुक्रम यह प्रस्तावित करता है कि ये संख्याएं विभिन्न तत्वों के परमाणु के इलैक्ट्रॉनिक विन्यास को निरूपित करती हैं। परमाणु क्रमांक उदासीन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या के या इलैक्ट्रॉनों की संख्या के भी बराबर हैं।
प्रथम, द्वितीय और तृतीय आवर्त के तत्वों का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
आवर्त | तत्व | परमाणु क्रमांक | इलैक्ट्रॉनिक विन्यास |
प्रथम | H
He |
1
2 |
1
2 |
द्वितीय
|
Li
Be B C N O F Ne |
3
4 5 6 7 8 9 10 |
2,1
2,2 2,3 2,4 2,5 2,6 2,7 2,8 |
तृतीय |
Na (H.P. 2009, Set A)
Mg (H.P. 2009, Set B) A1 (H.P. 2009, Set C, 2011 Set-A) Si P S C1 Ar |
11
12 13
14 15 16 17 18 |
2,8,1
2,8,2 2,8,3
2,8,4 2,8,5 2,8,6 2,8,7 2,8,8 |
प्रश्न 4. निम्नलिखित का वर्णन करो–
(i) वर्ग (Group) (ii) आवर्त (Period) ।
उत्तर-(i) वर्ग (Group)-आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर कॉलमों (Vertical Columns) को वर्ग कहते हैं; I से VII, VIII तथा 0 वर्ग अंकित किए गए हैं। शून्य वर्ग दायें छोर पर स्थित है और वर्ग IA बायें छोर पर स्थित है। एक ही वर्ग सभी तत्वों के बाहयतम कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। इन इलैक्ट्रॉनों को संयोजी इलैक्ट्रॉन कहते हैं।
किसी परमाणु के रासायनिक गुण इसके संयोजी इलैक्ट्रॉनों पर निर्भर करते हैं। यही कारण है कि किसी वर्ग में उपस्थित सभी तत्वों के गुण समान होते हैं। वर्ग IA में स्थित तत्वों के परमाणुओं के इलैक्ट्रॉनिक विन्यास हैं : (H) (1), Li(2, 1), Na (2, 8, 1), K (2, 8, 8, 1) आदि। ये परमाणु बहुत ही कम ऊर्जा उपलब्ध होने पर भी एकमात्र संयोजी इलैक्ट्रॉन को सहज ही खो सकते हैं और धन आवेश युक्त आयन बना लेते हैं। इस प्रकार, वर्ग IA के तत्व अपनी रासायनिक अभिक्रियाओं में एक संयोजी (Monovalent) हैं और स्वभाव में आयनिक होते हैं। वर्ग IIA के तत्वों के बाह्यतम कोश में दो इलैक्ट्रॉन होते हैं। वर्ग IIA के तत्वों के परमाणु भी सहज ही अपने दोनों इलैक्ट्रॉनों को खो सकते है। अत: वे दो धन आवेश युक्त आयन बनाते हैं और द्विसंयोगी (Bivalent) हैं।
आवर्त सारणी के दूसरे छोर पर वर्ग VII A के तत्व हैं। जिनके इलैक्ट्रॉनिक विन्यास हैं F : (2,7), CI (2,8,7), Br (2, 8, 11, 7) आदि। ये परमाणु अपने संयोजी कोशों में 1 इलैक्ट्रॉन को आसानी से ग्रहण करके अपने कोशों को पूर्ण कर लेते हैं। इससे परमाणु ऋण आवेश युक्त आयन बनाते हैं। क्लोरीन (2,8,7) एक इलैक्ट्रॉन प्राप्त करके क्लोराइड आयन (2, 8, 8) बनाता है। अत: VII A के तत्व अपनी अभिक्रियाओं में सामान्यता आयनिक हैं और ऋण आवेश युक्त एक संयोजी (Monovalent) होते हैं। शून्य ग्रुप (0 Group) के तत्व अत्यधिक निष्क्रिय हैं तथा रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेते। इनके इलैक्ट्रॉनिक विन्यास हैं: He (2), Ne (2,8), Ar (2,8,8) इत्यादि। इनके ब्राह्यतम कोश पहले से ही पूर्णतया भरे होते हैं। उनके परमाणु में इलैक्ट्रॉनों को खोने अथवा ग्रहण करने की प्रवृत्ति नहीं होती है।
वर्गों के गुण-आवर्त सारणी की खड़ी पंक्तियों को वर्ग कहते हैं। एक वर्ग के तत्वों के सामान्य गुण इस प्रकार हैं-
- परमाणु संख्या का निश्चित अंतराल-एक ही वर्ग के तत्वों में परमाणु संख्याओं का निश्चित अंतराल होता है। ये अंतराल 2, 8, 8, 18, 18, 32 हैं। इन्हें प्राय: जादुई अंक भी कहा जाता है।
- इलैक्ट्रॉनी संरचना-एक वर्ग के सभी तत्वों के परमाणु के संयोजकता शैल में इलैक्ट्रॉनी वितरण समान होता है। उदाहरण स्वरूप IA वर्ग द्वारा प्रदर्शित प्रत्येक धातु के सबसे बाहरी अर्थात संयोजकता शैल में 1 इलैक्ट्रॉन होता है।
- संयोजकता-किसी तत्व की संयोजकता प्रायः संयोजी इलैक्ट्रॉनों की संख्या या संयोजी इलैक्ट्रॉनों की संख्या को 8 में से घटाने पर प्राप्त संख्या होती है। IA वर्ग के सभी तत्व 1 संयोजकता प्रस्तुत करते हैं। इनमें से प्रत्येक के परमाणु के संयोजकता शैल में 1 इलैक्ट्रॉन होता है।
IA वर्ग के तत्व | इलैक्ट्रॉनी संरचना | तत्व की संयोजकता |
लीथियम (Li)
सोडियम (Na) पोटाशियम (K) रूबीडियम (Rb) सीजियम (Cs) |
2,1
2, 8, 1 2, 8, 8, 1 2,8,, 18, 8, 16 2, 8, 18, 18, 8, 1 |
1
1 1 1 1 1 |
- परमाणु आकार-आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में नीचे की ओर जाते हुए परमाणु आकार बढ़ता है। परमाणु आकार में वृद्धि शैलों की संख्या में वृद्धि के कारण होती है। उदाहरणस्वरूप Li परमाणु में केवल 2 शैल होते हैं। जबकि Na परमाणु में 3 शैल होते हैं। इसलिए Na परमाणु का आकार बड़ा होता है। क्षारीय धातु परिवार के सदस्यों का परमाणु अर्धव्यास नीचे दिया गया है-
तत्व Li Na K Rb Cs
परमाणु अर्धव्यास 1.0 0.9 0.8 0.8 0.7
रासायनिक गुण-तत्वों के रासायनिक गुण उनके परमाणुओं के इलैक्ट्रॉनी संरचनाओं पर निर्भर करते हैं। संयोजकता शैल में विद्यमान इलैक्ट्रॉनों को संयोजकता इलैक्ट्रॉन भी कहते हैं। संयोजकता शैल में समान संख्या में संयोजकता इलैक्ट्रॉन रखने वाले तत्वों के रासायनिक गुण भी समान होते हैं। उदाहरणस्वरूप क्षारीय धातुओं के परमाणुओं के संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या एक है। इन सभी रासायनिक गुण एक समान होते हैं।
- धात्वीय प्रकृति-वर्ग में नीचे की ओर जाते हुए तत्वों को धात्वीय प्रकृति बढ़ती जाती है। इसलिए Li की अपेक्षा Na अधिक धात्वीय है। K और भी अधिक धात्वीय है।
(ii) आवर्त (Periods)- आवर्त सारणी में तत्वों की क्षैतिज पंक्तियों (Horizontal rows) को आवर्त कहा जाता है। प्रथम आवर्त में हाइड्रोजन तथा हीलियम हैं। दूसरे आवर्त में लीथियम, बेरिलियम, बोरॉन, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फ्लुओरीन तथा निऑन हैं। कुल मिलाकर 7 आवर्त हैं। प्रथम आवर्त के परमाणुओं में एक इलैक्ट्रॉन-कोश (K) होता है। दूसरे आवर्त के परमाणुओं में इलैक्ट्रॉनों के दो कोश (K तथा L) होते हैं। किसी आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर, संयोजी इलैक्ट्रॉन-कोश उत्तरोत्तर भरता जाता है। उदाहरणार्थ, प्रथम आवर्त में H (1), He (2)। दूसरे आवर्त में इलैक्ट्रॉनिक व्यवस्था इस प्रकार है : Li (2, 1), Be (2, 2), B (2, 3), C (2, 4), N (2, 5), 0 (2, 6), F (2, 7) तथा Ne (2, 8)। तीसरे आवर्त के तत्वों में तीन इलैक्ट्रॉन-कोश होते हैं। Na (2,8,1) जबकि चौथे आवर्त के तत्वों में चार इलैक्ट्रॉन-कोश होते हैं : Ca (2,8,8,2) इत्यादि। किसी निश्चित आवर्त में बाह्यतम अथवा संयोज कोश वर्ग IA से वर्ग (0) तक उत्तरोत्तर भरता जाता है। साथ ही परमाणु का नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है जबकि कोशों की संख्या वही रहती है। अतः संयोजी इलैक्ट्रॉन नाभिक की ओर अधिक आकर्षित होते हैं तथा परमाणवीय आकार प्रायः घटता जाता है।
यद्यपि वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाते हुए नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है, फिर भी बढ़ते हुए कोश के मुकाबले इसका प्रभाव घटता जाता है, इसलिए परमाणवीय आकार प्रायः बढ़ता जाता है। इस प्रकार सारणी में किसी तत्व का स्थान इसके इलैक्ट्रॉनिक विन्यास को निर्धारण करता है, जिससे इसके रासायनिक गुणों का भी पता चलता है।
किसी आवर्त में तत्वों के गुण किस प्रकार विकसित होते हैं अथवा बदलते हैं? किसी एक आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर धात्विक गुण कम होते जाते हैं तथा अधात्विक गुण बढ़ते जाते हैं। बायें छोर पर स्थित वर्ग IA तथा II JA के तत्व धातु हैं और जब हम मध्य तक पहुंचते हैं, जैसे वर्ग IV A में अधातु मिलते हैं।
आवर्त के गुण-आवर्त सारणी के वृहत रूप में 7 आवर्त हैं। एक आवर्त में व्यवस्थित तत्वों के गुण निम्नानुसार हैं-
- इलैक्ट्रॉनी संरचना –आवर्त सारणी के किसी भी आवर्त में दाईं ओर जाते हुए तत्वों के सबसे बाहरी शैल में संयोजकता इलैक्ट्रॉन क्रम से भरे जाते हैं। उदाहरणस्वरूप पहले आवर्त में पहला शैल भरा जाता है। दूसरे आवर्त में दूसरे शैल में इलैक्ट्रॉन भरे जाते हैं।
- प्रत्येक आवर्त में तत्वों की संख्या-प्रत्येक आवर्त में तत्वों की संख्या उस आवर्त में भरे जा रहे शैल में समा सकने वाले इलैक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर है। उदाहरणस्वरूप दूसरे शैल में 8 इलैक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं, इसलिए दूसरे आवर्त में तत्त्वों की संख्या 8 हैं।
दूसरे आवर्त में तत्व Liy Be B C N O F Ne
इलैक्ट्रॉनी संरचना 2,1 2,2 2,3 2,4 2,5 2,6 2,7 2,8
संयोजकता इलैक्ट्रॉन 1 2 3 4 5 6 7 8
- संयोजकता-किसी तत्व की संयोजकता उसके सबसे बाहरी शैल में विद्यमान संयोजकता, इलैक्ट्रॉन की संख्या या आठ में से संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की गिनती घटा कर प्राप्त होने वाली संख्या के बराबर होती है। दूसरे आवर्त में पहले चार तत्वों की संयोजकता, संयोजकता इलैक्टॉनों की गिनती के बराबर होती है। बाकी के तत्वों की संयोजकता 8 में से संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की गिनती को घटा कर प्राप्त की जा सकती है।
दूसरे आवर्त में तत्व Li Be B C N O F Ne
संयोजकता 1 2 3 4 3 2 1 Zero
- प्रकृति-किसी भी आवर्त में बाईं ओर व्यवस्थित तत्व धातुएं होती हैं, जबकि दाईं ओर अधातुएं। अतः एक आवर्त में दाईं ओर जाते हुए धात्वीय गुण कम होता जाता है और अधात्वीय गुण बढ़ता जाता है।
- रासायनिक गुण-किसी तत्व के रासायनिक गुण संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या से संबंधित हैं। ऐसे इलैक्ट्रॉनों की संख्या एक आवर्त में बदलती रहती है। एक आवर्त में रासायनिक गुण भी बदलते रहते हैं। वे एक समान नहीं होते।
प्रश्न 5. आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों और ऊर्ध्वाधर स्तंभों के क्रम को क्या कहते हैं? तत्वों के इस अंतिज तथा ऊर्ध्वाधर क्रम में गुणों की क्या क्रमबंधी है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए प्रत्येक के कम-सेकम दो-दो उदाहरण दो।
उत्तर-आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों (Horizontal Rows) को आवर्त (Periods) कहते हैं तथा ऊर्ध्वाधर स्तभों (Vertical Columns) को समूह (Groups) कहते हैं।
तत्वों के क्षैतिज क्रम (आवर्त) में गुणों की क्रमबंधी-
नशीलता आवर्त सारणी में बाएं से दाहिनी ओर चलने पर-
(i) परमाणु क्रमांक निरंतर बढ़ता है।
(ii) हाइड्रोजन के सापेक्ष संयोजकता 1 से 4 तक बढ़ती है और फिर एक तथा शून्य तक घटती है।
(iii) परमाणुओं में न्यूक्लीय आवेश में वृद्धि होने से तत्व के परमाणु का आकार घटता है।
(iv) संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या 1 से 8 तक बढ़ती है।
उदाहरण–
तत्व का संकेत Na Mg A1 Si P S C1 Ar
परमाणु क्रमांक 11 12 13 14 15 16 17 18
हाइड्रोजन की सापेक्ष 1 2 3 4 3 2 2 0
संयोजकता NaH MgH2 A1H3 SiH4 PH3 H2S HC1 −
परमाणु का आकार 1.9 A 1.6 Å 1.43 Å 1.32 Å 1.28 Å 1.27 Å 0.99 Å 1.9 Å
संयोजकता इलैक्ट्रॉन
की संख्या 1 2 3 4 5 6 7 8
तत्वों के ऊर्ध्वाधर क्रम (समूह) में गुणों का क्रमबद्ध अध्ययन–
आवर्त सारणी के समूह के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर तत्वों को भौतिक गुण नियमित रूप से बदलते जाते हैं-
(i) नए संयोजकता कक्ष बढ़ने के कारण परमाणु का आकार बढ़ता है।
(ii) ऑयनीकरण ऊर्जा घटती है।
(iii) परमाणु क्रमांक बढ़ता है।
(iv) विद्युत ऋणता घटती है।
(v) गलनांक तथा क्वथनांक घटते हैं।
उदाहरण–
तत्वों के संकेत परमाणु क्रमांक परमाणु क्रमांक विद्युत ऋणता आयनीकरण ऊर्जा
F 9 0.72Å 4.0 402 kcal / mole
C1 17 0.99 Å 3.0 300
Br 35 1.44 Å 2.8 273
12 53 1.33 Å 2.5 241
चित्र-ग्रुपों और आवर्तों में परमाणु आकार का क्रम
प्रश्न 6. मेंडलीफ के आवर्त नियम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-रूसी रसायनशास्त्री डिमित्री एनफानोफीच मेंडलीफ (Dimitri Invanovich Mendeleev) ने सन् 1869 में माना कि “तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होती हैं।” इसके अनुसार यदि विभिन्न तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते क्रमानुसार रखा जाए तो निश्चित अंतर के बाद समान गुणों वाले तत्व प्रकट होते हैं।
मेंडलीफ ने 63 कार्ड लिए और उन पर उस समय उपलब्ध 63 तत्वों के नाम एवं गुण लिखे। अब उसने उन तत्वों के बारे में ज्ञात सभी परमाणुओं की जांच की और समान गुण वाले तत्वों के कार्डों को पृथक् करके उनको दीवार पर एक साथ पिन से लगा दिया। यह कार्ड व्यवस्था (सारणी) कुछ-कुछ चित्र की भांति थी।
जब मेंडलीफ ने तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित किया तो प्रत्येक वर्ग के सभी तत्व बहुत गुणों में समान थे। प्रत्येक सातवें तत्व के बाद आने वाले तत्व के गुण पहले वाले तत्व के समान पाये गये। इस आधार पर तत्वों की व्यवस्था धात्वीय गुण, घनत्व अथवा किसी अन्य गुण पर आधारित व्यवस्था से अच्छी पाई गई। मेंडलीफ ने इस प्रवृत्ति पर आधारित आवर्त नियम को अभिव्यक्त किया। इस नियम के अनुसार तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती-फलन होते हैं।
उस समय तक सिर्फ 63 तत्व ज्ञात होते थे। अब उसने टाइटेनियम तत्व को एल्यूमीनियम के नीचे न रखकर, सिलिकन के नीचे उनके समान गुणों के आधार पर रखा। ऐसा करने पर एल्यूमीनियम के नीचे स्थान रिक्त रह गया। अब यदि आवर्त सही है तो इसका अर्थ होगा कि यह रिक्त स्थान किसी ऐसे तत्व से भरना चाहिए जिसकी अभी तक खोज नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त, इस तत्व का परमाणु भार 48 से कम होना चाहिए तथा गुण बोरॉन एवं एल्यूमीनियम के समान होने चाहिए। मेंडलीफ का यह अनुमान जो आवर्त नियम पर आधारित था, गैलियम तत्व की खोज के साथ सत्य सिद्ध हो गया।
प्रश्न 7. परमाणवीय त्रिज्या, आयतन ऊर्जा एवं इलैक्ट्रॉन बंधुता पदों की परिभाषा दीजिए। उन इकाइयों को दीजिए जिनमें उपरोक्त पदों को मापा जाता है। सामान्यतः वर्गों एवं आवर्गों में इनमें किस प्रकार से विभिन्नता प्रदर्शित होती है?
उत्तर-I. परमाणु त्रिज्या (Atomic radius)-किसी परमाणु के बाह्यतम कक्ष में उपस्थित इलैक्ट्रॉन की नाभिक के बीच की दूरी के बराबर अंतर को परमाणु त्रिज्या कहते हैं। किसी अणु में उपस्थित दो समान परमाणुओं के केंद्रकों के मध्य के अंतर के आधे को भी परमाणु त्रिज्या कहा जाता है। प्रायः परमाणु त्रिज्या आवर्त में बायें से दायें की ओर घटते जाते हैं। उदाहरण के लिए दूसरे आवर्त में लीथियम परमाणु सबसे बड़ा और फ्लोरीन सब से छोटा परमाणु है। जब बायें से दायें चलते हैं, प्रोटॉनों की संख्या परमाणु संख्या के कारण बढ़ती जाती है। इलैक्ट्रॉन भी बढ़ते हैं पर ये उसी कक्ष में ही जुड़ते हैं। नाभिकीय आवेश बढ़ने के कारण इलैक्ट्रॉन नाभिक की ओर तेजी से आकृष्ट होते हैं और नाभिक के निकट हो जाते हैं। इसलिए परमाणु का आकार छोटा हो जाता है। तीसरे वर्ग के परमाणु त्रिज्या इस प्रकार हैं-
तत्व Na Mg A1 Si P S C1
परमाणु संख्या 11 12 13 14 15 16 17
नाभिकीय आवेश +11 +12 +13 +14 +15 +16 +17
त्रिज्या (PM) 154 130 118 111 106 102 99
क्षारीय परमाणु तत्वों Li, Na, K आदि का आकार सबसे बड़ा है तो F, C1, Br, आदि हैलोजन परमाणुओं का आकार सबसे छोटा है। तीसरे आवर्त की परमाणु त्रिज्या इस प्रकार प्रदर्शित की जा सकती है-
इनकी इकाई A या pm. (Picometre) होती है।
- आयनन ऊर्जा (Ionisation Energy)– किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु के बाहरी कक्ष से एक इलैक्ट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक सबसे कम ऊर्जा की मात्रा को आयनन ऊर्जा कहा जाता है।
IE1
M (g) I M+ (g) + e–
IE2
M+ (g) I M2+ (g) + e–
IE3
M2+ (g) I M3+ (g) + e–
IE1, IE2, IE3 पहली, दूसरी और तीसरी आयनन ऊर्जा कहलाती है।
जैसे-
Li (g) I Li+ (g) + e– IE1 = 520 kg mo1-1
Li(g) I Li2+ (g) + e– IE2 = 7298 kJ mol-1
आयनन ऊर्जा को इलैक्ट्रॉन वोल्ट/परमाणु या kJ mo1-1 में मापते हैं। किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर यह घटती है और आवर्त में बायें से दायें जाने पर यह बढ़ती है।
III. इलैक्ट्रॉन बंधुता (Electron Affinity)—किसी तत्व के उदासीन परमाणु में एक अतिरिक्त इलैक्ट्रॉन के जुड़ जाने पर उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को इलैक्ट्रॉन बंधुता (Electron Affinity) कहते हैं।
परमाणु (g) + इलैक्ट्रॉन (g) I एनायन (g) + ऊर्जा
C1 (g) + e– (g) I C1– (g) + EA
इलैक्ट्रॉन बंधुता को kj/mo1e (kj mo1-1) में मापते हैं।
प्रश्न 8. मेंडलीफ की आवर्त सारणी की क्या उपलब्धियां हैं?
उत्तर-मेंडलीफ की आवर्त सारणी की उपलब्धियां-
आवर्त सारणी व्यवस्थित करते समय मेंडलीफ को सारणी में अधिक द्रव्यमान वाले तत्व को कभी-कभी कम द्रव्यमान वाले तत्व से पहले रखना पड़ा। उन्हें क्रम इसलिए उलटना पड़ा ताकि समान गुणधर्म वाले तत्वों को एक साथ खा जा सके। कोबाल्ट (परमाणु द्रव्यमान 58.9) सारणी में निकैल (परमाणु द्रवमान 58.7) से पहले है।
मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थानों को छोड़ दिया। इन रिक्त स्थानों को दोष के रूप में देखने के बजाय मेंडलीफ ने दृढ़तापूर्वक कुछ ऐसे तत्वों के अस्तित्व का अनुमान किया जो उस समय तक ज्ञात नहीं थे। इनका नामकरण उन्होंने उसी समूह में इससे पहले आने वाले तत्व के नाम में एका (संस्कृत शब्द) उपसर्ग लगाकर किया। जैसे बाद में ज्ञात होने वाले स्कैंडियम, गैलियम, जर्मेनियम के गुणधर्म क्रमशः एका- बोरॉन, एका-ऐलुमिनियम तथा एकासिलिकॉन के समान थे।
एका-ऐलुमिनियम तथा गैलियम के गुणधर्म
गुणधर्म | एका-ऐलुमिनियम | गैलियम |
परमाणु द्रव्यमान
ऑक्साइड का सूत्र क्लोराइड का सूत्र |
68
E2O3 EC13 |
69.7
Ga2O3 GaC13 |
इससे मेंडलीफ के आवर्त सारणी की शुद्धता तथा उपयोगिता के ठोस प्रमाण मिल गए। इसके अतरिक्ति मेंडलीफ के अनुमान की असाधारण सफलता के कारण वैज्ञानिकों ने उनकी आवर्त सारणी को न केवल स्वीकार किया अपितु उनको इस सिद्धांत की अवधारणा का सृजक भी माना। उत्कृष्ट गैसों जैसे, हीलियम (He), निऑन (Ne) एवं आर्गन (Ar) का पहले भी कई संदर्भ में उल्लेख किया गया। इन गैसों का पता देर से चला क्योंकि ये अक्रिय हैं तथा वायुमंडल में इनकी मात्रा बहुत कम है। मेंडलीफ की आवर्त सारणी की एक विशेषता यह भी थी कि जब इन गैसों का ज्ञान हुआ तब पिछली व्यवस्था को छेड़े बिना ही इन्हें नए समूह में स्थापित किया जा सका।
प्रश्न 9. मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी की तुलना कीजिए।
उत्तर–
मेंडलीफ की आवर्त सारणी | आधुनिक आवर्त सारणी |
1. तत्वों की सारणी में व्यवस्था बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के आधार पर की गई है।
2. मूल आवर्त सारणी में आठ उर्ध्वाधर वर्ग या समूह हैं। पहले से सातवें वर्ग तक प्रत्येक वर्ग दो उप वर्गों में विभाजित है। 3. उपवर्ग A और उपवर्ग B एक ही वर्ग के अंतर्गत हैं। 4. अन्य तत्वों के साथ ही संक्रमण तत्व व्यवस्थित थे। 5. लेंथेनाइड और एकटीनाइड अलग नहीं रखे गए थे। |
1. तत्वों की सारणी में व्यवस्था बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के आधार पर की गई है।
2. इसमें कुल 18 उर्ध्वाधर कालम हैं।
3. सभी वर्ग अलग-अलग स्थित हैं।
4. संक्रमण तत्व साथ-साथ एक ही स्थान पर व्यवस्थित हैं। 5. लेंथेनाइड और एकटीनाइड अलग व्यवस्थित हैं। |
प्रश्न 10. पहले समूह की क्षार धातुओं का सत्रहवें समूह की हैलोजन से तुलना कीजिए।
उत्तर–
पहला समूह | सत्रहवां समूह |
1. पहले वर्ग में लीथियम, सोडियम, पोटाशियम, रूबीडियम आदि तत्त्व विद्यमान हैं।
2. ये सभी धातुएं हैं। 3. इनके सबसे बाहरी कक्ष में 1 इलैक्टान है। तत्त्व परमाणु क्रमांक: इलैक्ट्रॉन-विन्यास Li 3 2,1 Na 11 2, 8, 1 K 19 2, 8, 8, 1 Rb 37 2, 8, 18, 8, 1 4. इनकी संयोजकता एक धनात्मक है। 5. पानी से क्रिया करके ये क्षार बनाते हैं। 6. अपने आवर्त में तत्व के परमाणु का आकार सबसे बड़ा है।| |
1. सत्रहवें समूह में फ्लोरीन, क्लोरीन. ब्रोमीन, आयोडीन आदि तत्त्व विद्यमान हैं।
2. ये सभी अधातुएं हैं। 3. इनके सबसे बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। तत्त्व परमाणु क्रमांक: इलैक्ट्रॉन-विन्यास F 9 2,7 C1 17 2, 8, 7 Br 35 2, 8, 18, 7 I 53 2, 8, 18, 18, 7 4. इनकी संयोजकता एक ऋणात्मक है। 5. पानी से क्रिया करके ये अम्ल बनाते हैं। 6. अपने आवर्त में तत्व के परमाणु का आकार सबसे छोटा है। |
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. तत्वों के वर्गीकरण के लिए मेंडलीफ का क्या आधार है?
उत्तर-मेंडलीफ ने तत्वों का वर्गीकरण एक नियम के आधार पर किया, जिसे आवर्त नियम कहते हैं। यह नियम हैं-
“तत्वों के गुण उनके परमाणु पुंजों के आवर्ती फलन (Periodic functions) हैं।”
मेंडलीफ ने तत्वों को उनके रासायनिक गुणों के आधार पर आवर्त सारणी के रूप में व्यवस्थित किया, जिसमें 3 वर्ग तथा 12 आवर्त थे। पहले 7 वर्गों को दो-दो उपवर्गों में बांटा गया। आठवें वर्ग के तीन उपवर्ग थे, जिसमें 9 तत्व रखे गए। इस वर्गीकरण में उसने तत्वों के गुणों की समानता पर अधिक बल दिया। मेंडलीफ परमाणु पुंजों के बढ़ते हुए क्रम का दृढ़तापूर्वक पालन नहीं कर पाया। अतः जब उसे कोई तत्व किसी निर्धारित स्थान पर ठीक प्रकार से व्यवस्थित होते हुए नहीं दिखाई दिया तो उसने उस स्थान को खाली छोड़ दिया।
प्रश्न 2. निम्न कथन का क्या भाव है ?
“तत्वों के गुण उनके परमाणु अंकों के आवर्ती फलन (Periodic functions) हैं।”
उत्तर-कथन-“तत्वों के गुण उनके परमाणुओं के आवर्ती फलन (functions) हैं।” आधुनिक आवर्त नियम कहलाता है।
आवर्तता या आवर्त फलन (Periodic function)– आवर्त फलन का अर्थ है कि जब तत्वों को एक विशेष समूह ऊर्ध्वाधर पंक्ति में उनके परमाणुओं के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, तो उनके गुणों की पुनरावृत्ति होती है। ऊर्ध्वाधर पंक्ति में रखे गए तत्वों के गुणों की 2, 8, 8, 18, 18, 32 परमाणु अंकों के लगातार अंतर से पुनरावृत्ति होती है। इन अंकों को जादू के अंक (Magic Numbers) कहते हैं।
तत्वों के गुण उनके परमाणु के विभिन्न ऊर्जा स्तरों में इलैक्ट्रॉनों के विभाजन मुख्यतः संयोजक ऊर्जा स्तर में इलैक्ट्रॉनों के विभाजन पर निर्भर करते हैं। उन परमाणुओं को, जिनके संयोजक ऊर्जा स्तर में इलैक्ट्रॉन विन्यास एक जैसा होता है, एक जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। जब तत्वों को आवर्त सारणी में उनके परमाणु अंकों के बढ़ते क्रम के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है तो तत्वों के संयोजकता ऊर्जा स्तर में समान इलैक्ट्रॉन विन्यास की मैजिक अंक 2, 8, 8, 18, 18 और 32 के बाद क्रमशः एक विशेष लंबात्मक पंक्ति (समूह) में पुनरावृत्ति होती है।
प्रश्न 3. आवर्त सारणी का आधुनिक रूप क्या है? कुछ ऐसे तथ्य बताओ जो वर्गीकरण के इस रूप से उचित संबंध रखते हैं।
उत्तर-आवर्त सारणी का आधुनिक रूप (Modern Form of Periodic Table)–बोहर ने ज्ञात तत्वों को परमाणु अंकों के बढ़ते क्रम में रखकर एक सारणी बनाई, जिसे आजकल आवर्त सारणी का दीर्घ रूप या आधुनिक रूप कहते हैं।
इस वर्गीकरण से उचित संबंध रखने वाले तथ्य–
(i) आवर्त सारणी का आधुनिक रूप परमाणु अंकों पर आधारित है जो परमाणु का अधिक मौलिक गुण है। (ii) इस सारणी में तत्वों का वर्गीकरण उनके इलैक्ट्रॉनिकी रूप पर आधारित है। समान गुणों वाले तत्व आवर्त सारणी के एक ही ग्रुप में रखे गए हैं क्योंकि उनके बाह्यतम ऊर्जा स्तर में इलैक्ट्रॉनिकी रूप-रेखा एक समान होती है।
प्रश्न 4. मेंडलीफ को आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-मेंडलीफ की आवर्त सारणी (Mendeleev’s Periodic Table)– मेंडलीफ ने तत्वों की जो सारणी बनाई, उसे मेंडलीफ की आवर्त सारणी कहते हैं, जिसका आधार परमाणु द्रव्यमान है।
आधुनिक आवर्त सारणी (Modern Periodic Table) – मेंडलीफ की आवर्त सारणी के संशोधन के बाद जो सारणी बनाई गई उसे आधुनिक आवर्त सारणी या आवर्त सारणी का दीर्घ रूप कहते हैं। इसका आधार परमाणु क्रमांक है।
प्रश्न 5. ग्रुप I के तत्वों और ग्रुप II के तत्वों की इलैक्ट्रॉनी रूप रेखाओं में मूल अंतर क्या है? इन ग्रुपों के तत्वों के तीन गुण बताओ।
उत्तर-इलैक्ट्रॉनी रूप रेखा-ग्रुप I A के तत्वों के बाह्यतम कक्ष में केवल एक इलैक्ट्रॉन होता है जबकि ग्रुप II A के तत्वों पर बाह्यतम कक्ष में 2 इलैक्ट्रॉन होते हैं। इसके अलावा सभी आंतरिक कक्ष पूर्ण होते हैं।
ग्रुप IA और IIA के तत्वों के सामान्य गुण–
(1) ग्रुप IA के तत्व + 1 संयोजकता और ग्रुप IIA के तत्व + 2 संयोजकता दर्शाते हैं।
(2) ग्रुप IA और IIA दोनों के तत्वों आयनिक यौगिक बनाते हैं।
(3) दोनों ग्रुप IA और IIA के तत्व क्षारीय ऑक्साइड बनाते हैं।
उदाहरण-एलुमीनियम की तुलना में बोरॉन की धन आयन बनाने की प्रवृत्ति कम होती है (ग्रुप III A) । बोरॉन की अपेक्षा एलुमीनियम से इलैक्ट्रॉन बाहर करना आसान होता है। एक ग्रुप में जब हम ऊपर से नीचे की तरफ जाते हैं, तो कक्षों की संख्या बढ़ती जाती है और इसके परिणामस्वरूप सबसे बाहरी और परिपथ (कक्ष) में इलैक्ट्रॉनों की दूरी नाभिक से बढ़ जाती है। इसमें कोई शंका नहीं। नाभिक में धन आवेशित प्रोटॉनों में वृद्धि होती है, जो परमाणु के सबसे बाहरी परिपथ में इलैक्ट्रॉनों पर नाभिक के आकर्षण में वृद्धि कर देता है। परंतु एक परिपथ की वृद्धि नाभिक चार्ज (आवेश) की वृद्धि के प्रभाव से अधिक प्रबल होती है। इसके परिणामस्वरूप इलैक्ट्रॉन बहुत दूरी पर होने के कारण नाभिक के निकटवर्ती इलैक्ट्रॉनों की तुलना में सरलता से बाहर निकाले जा सकते हैं। किसी तत्व में इलैक्ट्रॉन निकालने की अवस्था में इसको अधिक धन विद्युतीय बना देती है। अतः धात्वीय गुण बढ़ता है।
ग्रुप IVA परमाणु अंक स्वभाव
कार्बन (C) 6 अधातु
सिलिकॉन (Si) 14 उपधातु
जर्मेनियम (Gr) 32 उपधातु
टिन (Sn) 50 धातु
लैड (Pb) 82 धातु
प्रश्न 6. निम्नलिखित सारणी आवर्त सारणी के किसी आवर्त के तत्वों के काल्पनिक संकेतों द्वारा प्रदर्शित करती है।
वर्ग | I A | II A | III A | IV A | VA | VI A | VII A | VIII A |
तत्व | L | M | N | O | P | Q | R | S |
(i) किस तत्व का आकार सबसे अधिक है? (ii) कौन-सा तत्व सबसे अधिक क्रियाशील है?
(iii) कौन-सा तत्व सबसे कम क्रियाशील है? (iv) कौन-सा तत्व +2 आयन बनाता है?
(v) कौन-सा तत्व क्षारीय मृदा धातु है?
उत्तर- (i) L (ii) L
(iii) S (iv) M
(v) M
प्रश्न 7. आवर्त सारणी में देखे बिना निम्नलिखित सूची से एक ही वर्ग से संबंधित तत्वों को चुने।
(i) 3, 9, 12, 17 (ii) 21, 27, 33, 39 (ii) 6, 15, 30, 482
उत्तर-(1) 9, 17 (ii) 21,39 (iii) 30, 48.
प्रश्न 8. निम्नलिखित प्रत्येक जोड़े में से कौन-सा आकार में बड़ा है?
(i) No2 N2+ (ii) Be, Be– (iii) Li, C (iv) Li, N2 (vi) C1, Br (vi) Be, Mg.
उत्तर-(i) N2 (ii) Be– (iii) Li– (iv) N2
(v) Br (vi) Mg.
प्रश्न 9. रासायनिक दृष्टि से धातुएं इलैक्ट्रॉन खोकर धनात्मक चार्जित आयन बनाने की अपनी प्रवृत्ति से पहचानी जाती है और इन्हें धन विद्युतीय तत्व कहा जाता है। जबकि अधातुएं इलैक्ट्रॉन प्राप्त करने की प्रवृत्ति रखती हैं और उन्हें ऋण विद्युतीय तत्व कहा जाता है। निम्नलिखित तत्वों को धन विद्युतीय और ऋण विद्युतीय तत्वों में वर्गीकृत करो–
Ca, C1, A1, Br, K, F, Na, I
उत्तर–
धन विद्युतीय | Ca | A1 | K | Na |
ऋण विद्युतीय | C1 | Br | F | I |
प्रश्न 10. परमाणु संख्या 2, 14, 17, 19 वाले तत्वों की इलैक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए। वे किस आवर्त और किस वर्ग से संबंधित हैं?
उत्तर-संरचना नीचे सारणी रूप में दी गई है-
परमाणु संख्या | इलैक्ट्रॉनिक संरचना | वर्ग |
2
14 17 19 |
2
2, 8,4 2, 8,7 2, 8, 8, 1 |
IIA
IVA VII A I A |
प्रश्न 11. धनायन का आकार परमाणु से कम क्यों होता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-धनायन को धन आयन भी कहते हैं। यह परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलैक्ट्रॉन खो देने पर बनता है। इलैक्ट्रॉन खोने पर प्रायः शैलों की संख्या कम हो जाती है। इसलिए धनायन का आकार परमाणु के आकार से कम होता है। उदाहरणस्वरूप-
जाति | इलैक्टॉनिक वितरण | शैलों की संख्या | आकार |
Na परमाणु
Na+ आयन |
2,8,1
2,8 |
3
2 |
1.54 Å
0.95 Å |
प्रश्न 12. एक वर्ग से संबंधित तत्व समान गुण क्यों प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर-तत्वों के गुण संयोजकता शैल की इलैक्ट्रॉनिक संरचना से संबंधित होते हैं। एक समान संयोजकता, इलैक्ट्रॉन स्खने वाले तत्वों के गुण भी प्रायः समान होते हैं। एक वर्ग में स्थित तत्व इसलिए समान गुण प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि उनकी संयोजकता शैल संरचना समान होती है। आओ क्षारीय मृदा धातुओं की उदाहरण लें।
तत्व | परमाणु संख्या | इलैक्ट्रॉनिक संरचना |
बैरीलियम
मैग्नीशियम कैल्सियम |
4
12 20 |
2.2
2, 8, 2 2, 8, 8, 2 |
सभी तत्वों में 2 संयोजकता इलैक्ट्रॉन हैं। इसलिए इनके गुण भी एक समान होंगे।
प्रश्न 13. एक तत्व की परमाणु संख्या 18 है। यह निष्क्रिय गैसों के परिवार से संबंधित है। 17, 16, 19 और 20 परमाणु संख्या वाले किस परिवार से संबंधित होंगे?
उत्तर-निष्क्रिय गैसें शून्य वर्ग से संबंधित हैं। अन्य तत्वों के वर्ग नीचे दिए जा रहे हैं-
परमाणु संख्या | वर्ग |
17
16 19 20 |
VII A
VI A IA II A |
प्रश्न 14. एक वर्ग में धात्वीय गुण कैसे परिवर्तित होता है? उचित वर्ग की उदाहरण सहित व्याख्या करो।
उत्तर-किसी तत्व का धात्वीय गुण इसके इलैक्ट्रॉन खोने की प्रवृत्ति द्वारा निरूपित होता है। तत्व की इलैक्ट्रॉन खो देने की जितनी अधिक प्रवृत्ति होगी, उसका धात्विक गुण उतना ही अधिक होगा।
M I M+ + e–
वर्ग में ऊपर से नीचे जाते हुए इलैक्ट्रॉन खोने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। इसलिए वर्ग में नीचे जाते हुए धात्वीय गुण बढ़ता जाता है। अर्थात किसी वर्ग के शीर्ष (Top) पर उपस्थित तत्व उसी वर्ग के तल (Bottom) में उपस्थित तत्व की तुलना में कम क्षारीय होगा। इसलिए क्षार धातुओं में Na, Li की अपेक्षा अधिक धात्वीय है। इसी तरह K, Na की अपेक्षा अधिक धात्वीय है अर्थात धात्वीय स्वभाव रासायनिक रूप से उसकी इलैक्ट्रॉन खोकर धन आवेशित कण बनाने की प्रवृत्ति पर निर्भर करता है।
प्रश्न 15. Mg2+ आयन, O2-आयन से छोटा है, चाहे दोनों में इलैक्ट्रॉन की संख्या समान है। क्यों?
उत्तर-Mg2+ तथा O2- दोनों में 10-10 इलैक्ट्रॉन हैं। परंतु Mg (12) की परमाणु संख्या O (8) से अधिक है। इसलिए Mg2+ आयन में O2- आयन की अपेक्षा इकाई धन आवेशों की संख्या अधिक है। नाभिक की ओर इलैक्ट्रॉनों का आकर्षण Mg2+ आयन में O2- आयन की अपेक्षा अधिक है। इसलिए Mg2+ आयन का आकार छोटा है।
प्रश्न 16. एक वर्ग में निम्नलिखित में कैसे परिवर्तन होता है?
(i) परमाणु आकार (ii) शैलों की संख्या
(iii) धात्वीय गुण।
उत्तर-(i) परमाणु आकार-वर्ग में नीचे जाते हुए परमाणु आकार में वृद्धि होती जाती है।
(ii) शैलों की संख्या-एक वर्ग में नीचे जाते हुए शैलों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जाती है। उदाहरणस्वरूप लीथियम (Z = 3) में दो शैल (2, 1) तथा सोडियम (Z = 11) में तीन शैल (2, 8, 1) हैं।
(ii) धात्वीय गुण-एक वर्ग में नीचे जाते हुए धात्वीय गुण में सदा वृद्धि होती रहती है।
प्रश्न 17. (i) क्षारीय मृदा धातु परिवार के सदस्यों के नाम लिखो।
(ii) ये किस वर्ग से संबंधित हैं?
(ii) कौन-सा सदस्य रेडियो-एक्टिव है?
(iv) कौन-सा सदस्य अति लघु क्रियाशील है?
उत्तर-(i) ये निम्नलिखित धातु एं क्षारीय मृदा धातु परिवार से संबंधित हैं-
Be, Mg, Ca, Sr, Ba, Ra
(ii) ये II A वर्ग से संबंधित हैं।
(iii) रेडियम (Ra) रेडियो-एक्टिव धातु है।
(iv) इस परिवार की सबसे कम क्रियाशील सदस्य बैरीलियम (Be) है।
प्रश्न 18. निष्क्रिय गैसीय तत्वों की आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में क्या रखा गया है?
उत्तर-इस परिवार के सदस्यों को शून्य वर्ग में रखा गया है। वास्तव में ये सभी सदस्य 0 संयोजकता प्रदर्शित करते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये अन्य तत्वों के साथ संयोजित होने की प्रवृत्ति नहीं रखते। हीलियम के संयोजकता शैल (केवल एक ही शैल) में 2 इलैक्ट्रॉन हैं। अन्य परिवार से सदस्यों के संयोजकता शैल में आठ-आठ इलैक्ट्रॉन होते हैं। संयोजकता (8-संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या) के बराबर होती है। इसलिए ये शुन्य संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 19. तत्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या की अपेक्षा परमाणु संख्या को उत्तम आधार क्यों माना गया है?
उत्तर-तत्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है। नाभिक तत्व के केंद्र में स्थित है। इसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं, जिनका पुंज होता है। तत्व का नाभिक गुणों की व्याख्या नहीं करता। वास्तव में तत्वों के गुण इलैक्ट्रॉनिक वितरण से संबंधित हैं। इलैक्ट्रॉनिक वितरण परमाणु से संबंधित हैं। ज्यों-ज्यों परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलैक्ट्रॉनिक वितरण भी बदलता जाता है। इसलिए परमाणु तत्वों के वर्गीकरण का उत्तम आधार है।
प्रश्न 20. निम्नलिखित की परमाणु संख्या तथा इलैक्ट्रॉनिक वितरण दीजिए–
(i) तीसरी क्षार धातु (ii) दूसरी क्षारीय मृदा धातु
(ii) पहली हैलोजन (iv) दूसरी निष्क्रिय गैस।
उत्तर-(i) पोटाशियम (19) : 2, 8, 8, 1 (ii) मैग्नीशियम (12): 2, 8, 2
(iii) फलोरीन (9) 2 :7 (iv) नीऑन (10) : 2,8.
प्रश्न 21. परमाणु आकार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करो और इसके लिए उचित कारण भी दो।
(i) Na, K, Mg (ii) N, O, S
उत्तर-(i) परमाणु आकार आवर्त में दाईं ओर जाते हुए तथा वर्ग के नीचे की ओर जाते हुए बढ़ता है। Na और Mg एक ही आवर्त में संबंधित हैं जबकि K, Na के बाद उसी वर्ग में स्थित हैं।
अतः ठीक क्रम इस प्रकार है-
Na-Mg
Mg, Na, K |
K
(ii) इसका भी उपरोक्त अनुसार व्याख्या की जा सकती है। अर्थात परमाणु आकार आवर्त में दाईं ओर जाते हुए तथा का में नीचे की ओर जाते हुए बढ़ता है। ठीक क्रम इस प्रकार है : 0, N, S I
प्रश्न 22. LI + और Na+ में से किस आयन का आकार अधिक है और क्यों?
उत्तर-Li+ आयन का अर्धव्यास छोटा होगा। परमाणु अर्ध-व्यास वर्ग के नीचे की ओर बढ़ता है। क्योंकि
पास परमाणु पर निर्भर करता है, इसलिए अनायन के अर्ध-व्यास की वर्ग में वृद्धि होती है। इसलिए Li+ आयन का अर्धव्यास कम होगा।
प्रश्न 23. निम्नलिखित जोड़ों में से किस-किस का आकार बड़ा है?
(i) Na, Na+ (ii) Br, Br– (iii) Br, I
उत्तर-(i) Na, Na+ युग्म-Na परमाणु का आकार बड़ा होगा, क्योंकि धनायन अर्थात Na+ आयन परमाणु में से एक इलैक्ट्रॉन खोने पर बनता है।
(i) Br, Br– युग्म– Br का आकार बड़ा है, क्योंकि ऋणायन परमाणु अर्थात Br में एक इलैक्ट्रॉन प्राप्त करके बनता है।
(iii) Br, I युग्म-I का आकार बड़ा है, क्योंकि यह हैलोजन परिवार में Br के बाद आता है तथा परमाणु आकार का में नीचे जाते हुए बढ़ता जाता है।
प्रश्न 24. वर्ग IA के सदस्यों को क्षार धातुएं क्यों कहते हैं?
उत्तर-वर्ग IA के सदस्यों को क्षार धातुएं कहते हैं। वास्तव में ये पानी के साथ संयोजित होकर धातु हाइड्रोक्साइड अन्नाते हैं। हाइड्रोजन गैस भी उत्पन्न होती है। हाइड्रोक्साइडों को क्षार भी कहते हैं। सोडियम + पानी I सोडियम हाइड्रोक्साइड + हाइड्रोजन
(क्षार)
इसलिए IA वर्ग के सदस्यों को क्षार धातुएं कहते हैं।
प्रश्न 25. एक वर्ग में तत्व निश्चित अंतराल में अलग-अलग किए गए हैं। इनकी परमाणु संख्या 8, 18, 18, 32 है। इन अंतरालों को क्या कहते हैं? तत्वों के गुणों पर इन निश्चित अंतरालों का क्या प्रभाव पड़ता है? उत्तर-परमाणु संख्या 8, 8, 18, 18, 32 के अंतरालों को जादुई संख्याएं कहते हैं। लोग सोचते हैं कि परमाणु संख्याओं का यह अंतराल एक प्रकार का जादू पैदा करता है। परिणामस्वरूप एक वर्ग के तत्व एक समान गुण प्रदर्शित करते हैं, परंतु वास्तव में ऐसा कोई जादू नहीं होता। एक ही वर्ग में व्यवस्थित तत्वों के जो एक निश्चित अंतराल अलग होते हैं, संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। उदाहरणस्वरूप, क्षारीय मृदा धातुओं के परिवार (वर्ग IIA पर विचार करें।
सभी तीनों तत्वों के संयोजकता शैल में दो इलैक्ट्रॉन हैं, अतः उनके गुण एक समान हैं।
प्रश्न 26. किसी तत्व के गुणों का निर्धारण कैसे किया जा सकता है? कैल्सियम तत्व का उदाहरण दे कर स्पष्ट करें।
उत्तर-एक तत्व के गुणों का निर्धारण-किसी तत्व की आवर्त सारणी में स्थिति से उसके गुणों का निर्धारण सरलता से किया जा सकता है। तत्व का वर्ग उसकी इलैक्ट्रॉनी संरचना के बारे में बताता है। संरचना से तत्व की संयोजकता का पता चलता है। संयोजकता से तत्व की प्रकृति (धात्वीय या अधात्वीय) का पता चलता है। इससे या भी पता चलता है कि तत्व किसी प्रकार के यौगिक बना सकता है। अतः तत्व की इलैक्ट्रॉनी संरचना इसके गुण निर्धारित करने में सहायता करती है। उदाहरणस्वरूप, आओ परमाणु संख्या 20 वाले तत्व पर विचार करें। यह कैल्सियम है और IIA वर्ग से संबंधित है। यह एक हल्की धातु है तथा इसकी संयोजकता 2 है। यह तत्व आयनी यौगिक बना सकता है। यह तीसरे आवर्त का सदस्य है।
प्रश्न 27. तृतीय आवर्त से तत्वों की निम्नलिखित गुणों के आधार पर तुलना करें
(i) इलैक्ट्रॉन विन्यास (ii) परमाणु त्रिज्या (ii) तत्व का स्वभाव (iv) आबंधन की प्रकार (v) ऑक्साइड (vi) ऑक्साइड की प्रकृति।
उत्तर-तृतीय आवर्त के तत्वों के कुछ गुण-
प्रश्न 28. निम्नलिखित का कारण बताइए–
आर्गन का परमाणु क्लोरीन के परमाणु की अपेक्षा बड़ा है जबकि यह क्लोरीन के दाईं तरफ VIII-A वर्ग में स्थित है।
उत्तर-क्योंकि आर्ग (इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 8) के तीनों कोश इलैक्ट्रॉन से पूर्ण हैं। अत: यह तत्व बहुत स्थायी होगा जिसके कारण नाभिक और इलैक्ट्रॉन में आकर्षण भी कम होगा। इसके विपरीत क्लोरीन (इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7) का अंतिम कक्ष पूरा नहीं है, इसमें एक इलैक्ट्रॉन की कमी है। इसलिए इसके नाभिक तथा इलैक्ट्रॉन के मध्य आकर्षण अधिक होगा। अतः आर्गन की परमाणु त्रिज्या क्लोरीन की अपेक्षा अधिक होगी।
प्रश्न 29. आवर्तिता का क्या तात्पर्य है? क्या किसी एक समूह के तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं? इस कथन की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर-आवर्त सारणी में तत्वों के गुणों में दिखाई देने वाले समता-विषमता का अध्ययन करना आवर्ती गुण के नाम से जाना जाता है। ये गुण इलैक्ट्रॉन पर निर्भर करते हैं जो नाभिक के चारों ओर निरंतर गति करते हैं। कक्ष में समान संख्या वाले इलैक्ट्रॉन समान गुण प्रकट करते हैं। जिन तत्वों के सबसे बाहरी कक्ष में एक इलैक्ट्रॉन हैं वे सभी समान गुण दिखाते हैं। किसी निश्चित समय के बाद तत्वों के गुणों को दोहराया जाना ही आवर्तीकरण है। किसी भी वर्ग के सभी तत्वों के गुण समान होते हैं। जैसे सोडियम और लीथियम के सबसे बाहरी कक्ष में एक-एक इलैक्ट्रॉन है इसलिए इनके गुण परस्पर मिलते हैं।
प्रश्न 30. मेंडलीफ के वर्गीकरण की क्या सीमाएं हैं?
उत्तर- हाइड्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्षार धातुओं से मिलता-जुलता है। क्षार धातुओं की तरह हाइड्रोजन भी हैलोजन, ऑक्सीजन एवं सल्फर के साथ एक जैसे सूत्र वाले यौगिक तत्वों का आवर्त समीकरण बनाती है।
इसी प्रकार हैलोजन की भांति हाइड्रोजन भी द्विपरमाणुक अणु के रूप में पाई जाती है और धातुओं एवं अधातुओं के साथ सहसंयोजक यौगिक बनाती है।
हाइड्रोजन के यौगिक | सोडियम के यौगिक |
HC1
H2O H2S |
NaC1
Na2O Na2S |
आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को नियत स्थान नहीं दिया जा सकता है। यह मेंडलीफ की आवर्त सारणी की पहली कमी थी।
मेंडलीफ के तत्वों के आवर्त वर्गीकरण तैयार होने के पर्याप्त समय बाद समस्थानिकों का पता चला। किसी तत्व के समस्थानिकों के रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं लेकिन उनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न होते हैं।
सभी तत्वों के समस्थानिक मेंडलीफ के आवर्त नियम के लिए एक चुनौती थी। एक समस्या यह भी थी कि एक तत्व से दूसरे तत्व की ओर आगे बढ़ने पर परमाणु द्रव्यमान नियमित रूप से नहीं बढ़ते। इसलिए यह अनुमान लगाना कठिन हो गया कि दो तत्वों के बीच कितने तत्व खोजे जा सकते हैं, विशेषकर जब हम भारी तत्वों पर विचार करते है तो कठिनाई आती है।
प्रश्न 31. नीचे आवर्त सारणी का एक भाग दिया गया है-
Li Be B C N O F
Na Mg A1 Si P S N
बताइये–
(i) आकार में सबसे बड़ा और सबसे छोटा परमाणु किस तत्व का है?
(ii) सबसे अधिक धात्विक और सबसे अधिक अधात्विक तत्व कौन-सा है?
(ii) F और C1 में कौन अधिक अभिक्रियाशील है?
उत्तर- (i) आकार में सबसे बड़ा तत्व – Na
आकार में सबसे छोटा तत्व – F
(ii) सबसे अधिक धात्विक तत्व – Na
सबसे अधिक अधात्विक तत्व – F
(iii) F और C1 में F अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 32. इलैक्ट्रॉन एफौनिटी से क्या तात्पर्य है? यह वर्ग और आवर्त में किस प्रकार बदलती है?
उत्तर-किसी तत्व के द्वारा अपने बाह्यतम कक्ष में इलैक्ट्रॉन स्वीकृत करने की प्रवृत्ति को इलेक्ट्रान एफीनिटी कहते हैं।
एक वर्ग में यह परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या बढ़ने के साथ घटती है।
एक आवर्त में यह परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ बढ़ती है।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. अब तक कितने तत्वों का पता लग चुका है?
उत्तर-अब तक 114 तत्वों का पता लग चुका है।
प्रश्न 2. तत्व अलग-अलग गुणों को क्यों प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर-भिन्न-भिन्न परमाणुओं के कारण।
प्रश्न 3. तत्वों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर-तत्वों के गुणों के आधार पर।
प्रश्न 4. डाल्टन ने परमाणु द्रव्यमान के आधार पर सारणी कब तैयार की थी?
उत्तर-सन् 1803 में।
प्रश्न 5. डॉबेरीनर ने तत्वों का वर्गीकरण कब किया था?
उत्तर-सन् 1829 में।
प्रश्न 6. डॉबेरीनरकरण किस नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर-डॉबेरीनर का त्रिक (Dobereiners Triods)।
प्रश्न 7. डॉबेरीनर के त्रिक की क्या विशेषता है?
उत्तर-इसकी विशेषता है कि त्रिक के मध्य तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्वों के परमाणु भार का लगभग माध्य है।
प्रश्न 8. डॉबेरीनर के वर्गीकरण में क्या कमी थी? (H.P. 2014, Set-B)
उत्तर-इस वर्गीकरण के द्वारा उस समय ज्ञात सभी तत्वों को त्रिक के रूप में नहीं रखा जा सका था।
प्रश्न 9. इन तत्वों A, B, C में A और C के परमाणु भार क्रमशः 7, और 39 हैं। डॉबेरीनर के त्रिक के आधार पर B परमाणु भार ज्ञात करो।
उत्तर-B का पर० भार =7+39/2 =23.
प्रश्न 10. तीन तत्वों X, Y, Z में से X और Z के परमाणु भार 35.5 और 127 हैं। डॉबेरीनर के त्रिक के आधार पर Y का परमाणु भार ज्ञात करो।
उत्तर-Y का पर० भार =35.5+127/2=81.25.
प्रश्न 11. न्यूलैंड ने कब और कौन-सा नियम दिया था?
उत्तर-सन् 1866 में अष्टक नियम।
प्रश्न 12. अष्टक नियम कब दिया गया था ? अष्टक नियम की परिभाषा क्या है ?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2010 Set-A, 2011 Set-A)
उत्तर- न्यूलैंड ने सन 1886 में अष्टक नियम दिया था। जब तत्वों को उन के बढ़ते परमाणु भार के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है तो प्रत्येक आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणों के समान होते हैं।
प्रश्न 13. न्यूलैंड किन तत्वों को वर्गीकृत करने में सफल रहा था?
उत्तर-कम द्रव्यमान के तत्वों को।
प्रश्न 14. न्यूलैंड कितने द्रव्यमान तक के तत्वों का वर्गीकरण कर पाया था?
उत्तर-परमाणु द्रव्यमान 40 तक।
प्रश्न 15. मेंडलीफ ने आवर्त नियम कब दिया था?
उत्तर-सन् 1869 में।
प्रश्न 16. मेंडलीफ का आवर्त नियम लिखिए।
उत्तर-तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।
प्रश्न 17. मेंडलीफ ने अपनी सारणी किसे ध्यान में रखकर बनाई थी?
उत्तर-तत्वों के परमाणु द्रव्यमान की वृद्धि क्रम को ध्यान में रख कर।
प्रश्न 18. आवर्त सारणी में आवर्त (Periods) तथा वर्ग (group) किसे कहते हैं? ये कितने-कितने होते हैं?
(H.P. 2008, Model Q. Paper 2009, 2009 Set-B, C, 2010 Set-B, 2012 Set-A, 2015)
उत्तर-आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त और ऊर्ध्वाकार स्तंभों को वर्ग कहते हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में 18 वर्ग और 7 आवर्त होते हैं।
प्रश्न 19. लघु आवर्त (Short Periods) किसे कहते हैं?
उत्तर-पहले तीन आर्वतों को तत्वों की संख्या कम होने के कारण लघु आवर्त कहते हैं।
प्रश्न 20. दीर्घ आवर्त (Long Periods) किसे कहते हैं?
उत्तर-तत्वों की संख्या की अधिकता के कारण चौथे से सातवें तक आवर्तों को दीर्घ आवर्त कहते हैं।
प्रश्न 21. मेंडलीफ आवर्त सारणी में कुल कितने वर्ग हैं? (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-मेंडलीफ आवर्त सारणी में I से VIII तक तथा इसके बाद शून्य (0) समूह को मिला कर कुल नौ वर्ग हैं।
प्रश्न 22. मेंडलीफ आवर्त सारणी में संशोधन कब किया गया?
उत्तर-नये तत्वों तथा निष्क्रिय गैसों (Noble gases) की खोज के बाद।
प्रश्न 23. निष्क्रिय तत्व क्या है?
उत्तर-निष्क्रिय तत्व वे होते हैं, जो अन्य तत्वों से संयोजित होने के लिए सक्रिय नहीं होते। ऐसे तत्व के संयोजकता शैल अर्थात् सबसे बाहरी शैल में 8 इलैक्ट्रॉन विद्यमान होते हैं।
प्रश्न 24. आवर्त सारणी क्या है?
उत्तर-तत्वों का विधिवत वर्गीकरण आवर्त सारणी प्रस्तुत करती है। आधुनिक नियम के अनुसार किसी तत्व के गुण उसकी परमाणु संख्या का फलन है। .
प्रश्न 25. संयोजकता इलैक्ट्रॉन क्या हैं?
उत्तर-परमाणु के संयोजकता शैल में विद्यमान इलैक्ट्रॉनों की संख्या है।
प्रश्न 26. एक वर्ग में शैलों की संख्या में कैसे परिवर्तन होता है?
उत्तर-शैलों की संख्या-एक वर्ग में नीचे जाते हुए शैलों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जाती है। उदाहरणस्वरूप लीथियम (2 = 3) में दो शैल (2, 1) तथा सोडियम (2 = 11) में तीन शैल (2, 8, 1) हैं।
प्रश्न 27. वर्गों के गुण लिखिए।
उत्तर-(1) परमाणु की संख्या का निश्चित अंतराल (2) इलैक्ट्रॉनों की संरचना (3) संयोजकता (4) परमाणु आकार (5) रासायनिक गुण (6) धात्वीय प्रकृति।
प्रश्न 28. आवर्त सारणी का आधुनिक रूप क्या है?
उत्तर-बोहर के ज्ञात तत्वों को परमाणु अंकों के बढ़ते क्रम में रख कर एक सारणी बनाई, जिसे आजकल आवर्त सारणी का दीर्घ रूप या आधुनिक रूप कहते हैं।
प्रश्न 29. वर्ग IA के सदस्यों को क्षारीय धातुएं क्यों कहते हैं?
उत्तर-वास्तव में ये पानी के साथ संयोजित होकर धात्विक हाइड्रोक्साइड बनाते हैं। हाइड्रोक्साइडों को क्षार भी कहते हैं। इसलिए IA वर्ग के सभी सदस्यों को क्षारीय धातुएं कहते हैं।
प्रश्न 30. बृहत् आवर्त सारणी का आधार क्या है?
उत्तर-परमाणु संख्या और इलैक्ट्रॉन का वितरण।
प्रश्न 31. ब्रोमीन किस परिवार से संबंधित है?
उत्तर-यह हैलोजन परिवार से संबंधित है।
प्रश्न 32. IVA वर्ग के दूसरे सदस्य का नाम बताइए।
उत्तर-यह सिलिकॉन (Si) है।
प्रश्न 33. हैलोजन परिवार में कितने संयोजकता इलैक्टॉन होते हैं?
उत्तर-इसमें सात संयोजकता इलैक्ट्रॉन होते हैं।
प्रश्न 34. चौथे आवर्त में कितने तत्व विद्यमान होते हैं?
उत्तर-चौथे आवर्त में कुल 18 तत्व हैं।
प्रश्न 35. Mg2+ आयन में कितने इलैक्ट्रॉन विद्यमान हैं?
उत्तर-इसमें दस इलैक्ट्रॉन विद्यमान हैं।
प्रश्न 36. Na और Mg में से किसका आकार बड़ा है?
उत्तर-सोडियम (Na) का आकार मैग्नीशियम (Mg) से बड़ा होता है।
प्रश्न 37. नाइट्रोजन की संयोजकता क्या है?
उत्तर-इसकी संयोजकता तीन (3) है।
प्रश्न 38. Li और Na में से कौन अधिक सक्रिय है?
उत्तर-Na अधिक सक्रिय है।
प्रश्न 39. तत्व के कौन-से वर्ग को हैलोजन कहते हैं?
उत्तर-VII A वर्ग के तत्वों को हैलोजन कहते हैं।
प्रश्न 40. तीसरे आवर्त में अंतिम तत्व का नाम बताइए।
उत्तर-तीसरे आवर्त का अंतिम तत्व आर्गन है।
प्रश्न 41. Ca2+ आयन में कितने शैल हैं?
उत्तर-इसमें तीन (3) शैल हैं।
प्रश्न 42. आवर्त में फॉस्फोरस के बाद आने वाले तत्व का नाम बताइए।
उत्तर-इस तत्व का नाम सल्फर (S) है।
प्रश्न 43. नाइट्रोजन और फॉस्फोरस किस वर्ग से संबंधित हैं?
उत्तर-ये दोनों वर्ग VA से संबंधित हैं।
प्रश्न 44. Mg और A1 में कौन-सा अधिक धात्वीय है?
उत्तर-मैग्नीशियम (Mg) अधिक धात्वीय है।
प्रश्न 45. Be, Mg, C1, A1 में से कौन-सा उस वर्ग का सदस्य नहीं है?
उत्तर-A1
प्रश्न 46. तत्व A की द्रव्यमान संख्या 137 है तथा इसके परमाणु के नाभिक में 41 प्रोटॉन हैं। इसके समस्थानिक जिसकी द्रव्यमान संख्या 139 है, में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
उत्तर-न्यूट्रॉन की संख्या 98 होगी।
प्रश्न 47. निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के किस वर्ग में हैं?
उत्तर-सभी निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में हैं।
प्रश्न 48. दीर्घ आवर्त सारणी के क्या दोष हैं?
उत्तर-इसमें हाइड्रोजन की स्थिति निश्चित नहीं है तथा परमाणुओं में इलैक्ट्रॉनों का वितरण पदार्थ नहीं दिखाती ।
प्रश्न 49. धात्विक अभिलक्षण का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-किसी तत्व के धात्विक अभिलक्षण का तात्पर्य उस परमाणु के द्वारा इलैक्ट्रॉन निकालने की प्रवृत्ति है। यह धन आयन उत्पन्न करना है।
प्रश्न 50. तत्वों के धात्विक गुण में कब कमी आती है?
उत्तर-जब आवर्त में बायें से दायें को चलते हैं।
प्रश्न 51. परमाणु के आकार में कब कमी आती है?
उत्तर-जब नाभिक में बढ़ा धन आवेश इलैक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर आकृष्ट करता है तब परमाणु के आकार में कमी आती है।
प्रश्न 52. किस तत्व की आयनन ऊर्जा सबसे कम होती है?
उत्तर-हीलियम की।
प्रश्न 53. किस रासायनिक परिवार की आयनन ऊर्जा का मान सबसे अधिक होता है?
उत्तर-उत्कृष्ट गैसें (Noble Gases)।
प्रश्न 54. आयनन ऊर्जा कब बढ़ती है?
उत्तर-किसी आवर्त में बायें से दायें चलने पर तत्वों की आयनन ऊर्जा बढ़ती जाती है।
प्रश्न 55: निष्क्रिय गैसों में इलैक्ट्रॉन बंधुता शून्य क्यों होती है?
उत्तर-निष्क्रिय गैसों का विन्यास स्थायी है और ये कोई भी इलैक्ट्रॉन ग्रहण करने में अयोग्य है।
प्रश्न 56. वैद्युत् ऋणात्मकता किसे कहते हैं?
उत्तर-किसी परमाणु के द्वारा इलैक्ट्रॉन आकर्षित करने की प्रवृत्ति उसकी वैद्युत् ऋणात्मकता कहलाती है। प्रश्न 57. Li, Be, B, Na को बढ़ती आयनन ऊर्जा के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-Na < Li < B < Be.
प्रश्न 58. वैद्युत् ऋणात्मकता के कारण तत्व में क्या बढता है?
उत्तर-अधात्विकता।
प्रश्न 59. सबसे प्रबल और सबसे कम मान के वैद्युत ऋणात्मक तत्व कौन-से हैं?
उत्तर-क्लोरीन सबसे प्रबल और सोडियम सब से कम मान के वैद्युत ऋणात्मक तत्व हैं।
प्रश्न 60. किसी समूह में सबसे नीचे पाये जाने वाले तत्व में कौन-सा गुण अधिक होता है?
उत्तर-धात्विकता का गुण।
प्रश्न 61. परमाणु संख्या बढ़ने के साथ परमाणु आकार का क्या अंतर आता है?
उत्तर-परमाणु आकार बढ़ता है।
प्रश्न 62. Li+, Na+, K+ में किसकी आयनिक त्रिज्या सबसे कम है?
उत्तर-Li+.
प्रश्न 63. निम्नलिखित को बढ़ती आयनिक त्रिज्या के क्रम में व्यवस्थित कीजिए-(I) A13, Mg2+, Na+, O2-, F– (II) C1–, P3-, S2-, F–
उत्तर-(I) A13+ < Mg2+ < Na+ >F– <O2
(II) F–<C1-<S2-<P3-.
प्रश्न 64. C1, F, Br, I में इलैक्ट्रॉन बंधुता सबसे अधिक किसकी है?
उत्तर-C1 परमाणु की।
प्रश्न 65. Ne, Li, O, N में से किसकी इलैक्ट्रॉन बंधुता शून्य है और क्यों?
उत्तर-Ne की इलैक्ट्रॉन बंधुता शून्य है क्योंकि इसका विन्यास स्थायी है। एक ऊर्जा स्तर में अतिरिक्त इलैक्ट्रॉन जोड़ने की प्रवत्ति नहीं है।
प्रश्न 66. वैद्युत ऋणात्मकता किस अवस्था में सारणी में घटती है?
उत्तर-समूह में ऊपर से नीचे जाने पर।
प्रश्न 67. तीन तत्वों X, Y, Z की परमाणु संख्या क्रमश: 5,7 और 10 है। इनमें से अठारहवें, पंद्रहवें और तेरहवें वर्ग से संबंधित क्रमशः कौन-कौन सा तत्व है? ये तत्व किस आवर्त से संबंधित हैं?
उत्तर-Z तत्व, Y तत्व, X तत्व क्रमश: अठारहवें, पंद्रहवें तथा तेरहवें वर्ग से संबंधित हैं। ये तत्व दूसरे आवर्त से संबंधित हैं।
प्रश्न 68. Ca, Mg, Na, Be में से कौन-सा तत्व अन्य से मेल नहीं खाता?
उत्तर-सोडियम (Na) अन्य तत्वों से मेल नहीं खाता क्योंकि वह I वर्ग का तत्व है और शेष सभी वर्ग II के सदस्य हैं।
प्रश्न 69. एक तत्व A आवर्त सारणी के वर्ग 13 में स्थित है। इसके ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा?
उत्तर-A2O3.
प्रश्न 70. एक तत्व ‘X’ की आवर्त सारणी के वर्ग 14 तथा आवर्त 2 से संबंधित हैं, बताइए-(1) परमाणु ‘x’ में संयोजकता इलैक्ट्रॉन की संख्या, (II) ‘x’ की संयोजकता, (III) धातु या अधातु, (IV) तत्व का नाम।
उत्तर-(1) 4, (II), 4, (III) अधातु, (IV) कार्बन।
प्रश्न 71. दो तत्व ‘A’ और ‘B’ एक ही आवर्त में विद्यमान हैं। ‘A’ का परमाणु क्रमांक 19 तथा ‘B का परमाणु क्रमांक 35 है। किस तत्व का परमाणु आकार में बड़ा होगा?
उत्तर-‘A’ का परमाणु आकार बड़ा होगा क्योंकि आवर्त में परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ परमाणु आकार घटता है।
प्रश्न 72. कोई दो क्षारीय मृदा धातुएं लिखिए।
उत्तर-कैल्सियम, बेरियम।
प्रश्न 73. आवर्त सारणी के IA ग्रुप में तीन तत्व A, B, C की आयनिक त्रिज्याएं 1.33 Å, 0.95 Å तथा 0.60 Å हैं। इन्हें ग्रुप में बढ़ते परमाणु संख्या के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-C<B<A.
प्रश्न 74. प्रथम समूह के तत्व क्षारीय धातुएं क्यों कहलाती हैं?
उत्तर-प्रथम समूह के तत्व पानी के साथ क्रिया का क्षार उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 75. शून्य समूह के तत्वों को अक्रिय क्यों कहा जाता है?
उत्तर-वे सामान्य रूप में अन्य तत्वों से क्रिया नहीं करते।
प्रश्न 76. आवर्त सारणी के दीर्घ रूप में कौन-से तत्वों को रखा गया है?
उत्तर-आवर्त सारणी के तल में परमाणु संख्या 58 से 71 तक (लैंथीनाइड) तथा 90 से 103 तक (एकनाइड) के तत्वों की दो श्रेणियों में रखा गया है।
प्रश्न 77.धातुओं के ऑक्साइडों की क्या प्रकृति होती है?
उत्तर-क्षारीय प्रकृति।
प्रश्न 78. अधातुओं के ऑक्साइडों की क्या प्रकृति होती है?
उत्तर-अम्लीय प्रकृति।
प्रश्न 79. IA वर्ग के तत्वों को क्या सामान्य नाम दिया जाता है?
उत्तर-क्षार धातुएं।
प्रश्न 80. आवर्त सारणी में धातुओं की स्थिति क्या है?
उत्तर-वे आवर्त सारणी में बायीं ओर स्थित हैं।
प्रश्न 81. एक तत्व ‘A’ आवर्त सारणी के दूसरे ग्रुप में विद्यमान है। इसके हाइड्रोक्साइड तथा कार्बोनेट का सूत्र लिखिए।
उत्तर-A (OH)2, A CO3 .
प्रश्न 82. आधुनिक आवर्त सारणी में कितने वर्ग हैं? (H.P. 2009, Set-B)
उत्तर-7.
प्रश्न 83. आधुनिक आवर्त सारणी में कितने आवर्त होते हैं? (H.P.2009, Set-C)
उत्तर-18.
प्रश्न 84. किस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है? (H.P. 2010, Set-A, 2011 Set-B)
उत्तर-सोडियम।
प्रश्न 85. किस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है। (H.P. 2010, Set-B, 2011 Set-C)
उत्तर-मैग्नीशियम।
प्रश्न 86. किस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक्स विन्यास 2, 6 है? (H.P. 2010, Set-C)
उत्तर-ऑक्सीजन।
प्रश्न 87. Li और Na में से कौन अधिक सक्रिय है? (H.P. 2011, Set-B)
उत्तर-Na.
प्रश्न 88. Mg और A1 में कौन-सा अधिक धात्विक है? (H.P. 2011, Set-B)
उत्तर-Mg.
प्रश्न 89. Na और Mg में से किसका आकार बड़ा है? (H.P. 2011, Set-C)
उत्तर-Na.
प्रश्न 90. Cl–(ion) में इलैक्ट्रॉन की संख्या क्या होती है? (H.P. 2009 Set-A, 2011 Set-A, 2016 Set-B)
उत्तर-18.
प्रश्न 91. Na+ (ion) में इलैक्ट्रॉनों की संख्या क्या होती है? (H.P. 2009 Set-A, 2011 Set-B, 2016 Set-II)
उत्तर-10.
प्रश्न 92. K+(ion) में इलैक्ट्रॉनों की संख्या क्या होती है? (H.P. 2011 Set-C, 2014 Set-C)
उत्तर-18.
प्रश्न 93. ऐल्युमीनियम का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। (H.P. 2011 Set-I, 2016 Set-A)
उत्तर-2, 8, 3.
प्रश्न 94. Li और Na में से कौन अधिक सक्रिय है? (H.P. 2011 Set-III)
अथवा
Li और Na में से किसका आधार बड़ा है? (H.P. 2014 Set-II)
उत्तर-Na का।
प्रश्न 95. नाइट्रोजन (N = 7) तथा फॉस्फोरस (P = 15) का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। (H.P. 2012 Set-B)
उत्तर-N का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 5
P का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास = 2,8,5
प्रश्न 96. मैग्नीशियम का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। (H.P. 2016 Set-C)
उत्तर-2, 8, 1.
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- सोडियम का परमाणु द्रव्यमान क्या है?
(A) 31.0 (B) 49.0
(C) 14.0 (D) 74.9.
- कौन-से तत्व बाद प्रत्येक आठवें तत्व के गुणधर्म किस तत्व से नहीं मिलता?
(A) N (B) Ca
(C) Ne (D) Pb.
- न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत कैसे तत्वों के लिए ठीक से लागू हो पाया?
(A) भारी (B) कठोर
(C) हल्के (D) कोई नहीं।
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में ऊर्ध्व स्तंभ को क्या कहते हैं?
(A) आवर्त (B) ग्रुप
(C) रेखा (D) गोलाकार।
—————–
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को क्या कहते हैं?
(A) आवर्त (B) ग्रुप
(C) रेखा (D) गोलाकार।
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में किस तत्व को सही स्थान नहीं मिला?
(A) सोडियम (B) पोटैसियम
(C) नियॉन (D) हाइड्रोजन।
- हाइड्रोजन परमाणु की त्रिज्या कितनी है?
(A) 37km (B) 37m
(C) 37nm (D) 37pm.
- आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को कितने ऊर्ध्व स्तंभों में व्यवस्थित किया?
(A) 7 (B) 9
(C) 14 (D)18.
- समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का साइज़ कैसे प्रभावित होता है?
(A) घटता है (B) समान रहता है
(C) बढ़ता है (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- L-कोश, दूसरे आवर्त में कितने तत्व हैं?
(A) 4 (B) 8
(C) 12 (D) 16.
- आधुनिक आवर्त सारणी में आयरन (लोहा) के बाद कौन-सा तत्व आता है?
(A) Mo (B) Rh
(C) Co (D) B.
- Si (सिलिकॉन) निम्नलिखित में से क्या है?
(A) धातु (B) उपधातु
(C) अधातु (D) उपरोक्त सभी।
- उत्कृष्ट गैसों को आधुनिक आवर्त सारणी में कौन-से समूह में रखा गया है?
(A) सातवें (B) सतारहवें
(C) अठारहवें (D) पहले।
- F, C1, Br, I तथा At कौन-से समूह के तत्व हैं?
(A) 2 (B) 7
(C) 12 (D)17
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(i) …………. का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 हैं।
(ii) डॉबेराइनर ने तीन-तीन तत्व वाले कुछ समूहों को चुना एवं इन समूहों को ……कहा।
(iii) डॉबेराइनर ने सबसे पहले ………… को उत्प्रेरक के रूप में पहचाना।
(iv) सन् 1866 में अंग्रेज़ वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंडस ने ज्ञात तत्वों के………………..के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया।
(v) अष्टक का सिद्धांत केवल ……….. तक ही लागू होता था।
(vi) जब मेंडलीफ ने अपना कार्य आरंभ किया तब तक ……….. तत्व ज्ञात थे।
(vii) गैलियम के लिए क्लोराइड का सूत्र है ………
(viii) आधुनिक आवर्त सारणी में ……….. क्षैतिज पंक्तियां हैं।
(ix) आधुनिक आवर्त सारणी में टेढ़ी-मेढ़ी रेखा धातुओं को ……….. से अलग करती है।
- निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए–
(i) बोरोन (i) बाहरी कोश में उपस्थित इलैक्टॉन
(ii) आधुनिक आवर्त सारणी (ii) त्रिक
(iii) एका-ऐलुमिनियम (ii) क्षारीय
(iv) M-कोश (iv) 18 समूह
(v) हाइड्रोजन (v) उपधातु
(vi) संयोजकता (vi) 18
(vii) डाबेराइन (vii) परमाणु द्रव्यमान
(viii) मेंडलीफ (viii) त्रिज्या = 37 pm
(ix) धातुओं के ऑक्साइड (ix) E203.
- निम्नलिखित में सही या ग़लत छांटिए–
(i) अधातुओं के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं।
(ii) आधुओं के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं।
(iii) आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह तथा 9 क्षैतिज पंक्तियां हैं।
(iv) Na की परमाणु त्रिज्या 86 pm है।
(v) k कोश = 2, प्रथम आवर्त में दो तत्व हैं।
(vi) सन् 1913 में हेनरी मोज्ले ने बताया कि तत्व के परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उसका परमाणु-संख्या अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
(vii) हाइड्रोजन का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास क्षार धातुओं से मिलता है।
(viii) आज तक हमें 110 तत्वों की जानकारी है।
(ix) सन् 1800 तक केवल 30 तत्वों का पता चला था।
उत्तर–
- (C) 14.0 2. (B) Ca 3. (C) हल्के 4. (B) ग्रुप
- (A) आवर्त 6. (D) हाइड्रोजन 7. (A) 37pm 8. (D) 18
- (C) बढ़ता है 10. (B) 8 11. (C) Co 12. (B) उपधातु
13 (C) अठारहवें 14. (D) 17
- (i) मैग्नीशियम (ii) त्रिक (iii) प्लैटिनम (iv) परमाणु द्रव्यमान (v) कैल्सियम (vi) 63 (vii) GaC13 (viii) 7 (ix) अधातुओं
- (i)-(v), (ii)-(iv), (iii)-(ix), (iv)-(vi), (v)-(viii), (vi)-(i), (vii)-(ii), (viii)-(vii), (ix)-(iii).
- (i) x (ii) x (i) x (iv) ü (v) ü (vi) ü (vii) x (viii) x (ix) ü.