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Valentines Day Special : दो शरीर एक आत्मा हैं श्री राधा-कृष्ण, ये कहानी भी है सबूत
Last Updated on February 13, 2020 by
नई दिल्ली। भगवान श्री कृष्ण और राधा (Shree krishna and radha) के प्यार से तो हम सभी बाक़िफ़ हैं दोनों को दो शरीर में एक आत्मा भी माना जाता है । लेकिन आपने क्या ये कभी सोचा है कि राधा श्री कृष्ण कि पत्नी भी नहीं थीं लेकिन दोनों का नाम हमेशा साथ ही में लिया जाता है । आपने ये कहानी तो जरूर सुनी होगी जिसमें कहा जाता है कभी राधा का मुंह दूध से जल जाता है तो कभी श्रीकृष्ण को फफोले आ जाते हैं । ऐसी ही एक घटना है जिसे पढ़कर आप भी दोनों के प्यार को सराहेंगे ।
दरअसल, तीनों लोकों में राधा नाम की स्तुति सुनकर एक बार देवऋर्षि नारद चिंतित हो गए । इसी के समाधान के लिए वह श्रीकृष्ण के पास जा पहुंचे, वहां जाकर उन्होंने देखा कि श्रीकृष्ण सिरदर्द से कराह रहे थे । उन्हें काफी पीड़ा हो रही थी, उनकी ऐसी हालत देखकर नारद ने पूछा- भगवन, क्या इस वेदना का कोई उपचार नहीं है?
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इस पर श्रीकृष्ण ने कहा अगर मेरा कोई भक्त अपना चरणोदक पिला दे, तो यह दर्द शांत हो सकता है । यदि रुक्मिणी अपना चरणोदक पिला दे, तो शायद लाभ हो सकता है । श्रीकृष्ण की बात सुनकर नारद ने रुक्मिणी के पास जाकर सारा हाल कह सुनाया । लेकिन रुक्मिणी बोलीं- नहीं-नहीं, देवऋर्षि, मैं यह पाप नहीं कर सकती । इसके बाद नारद ने सारी बात कृष्ण के सामने रखी । तब श्रीकृष्ण ने उन्हें राधा के पास भेज दिया । राधा ने जैसे ही श्रीकृष्ण के दर्द के बारे में सुना तो तुरंत एक पात्र में जल लाकर उसमें अपने पैर डुबो दिए और नारद से बोलीं- देवऋर्षि इसे तत्काल कृष्ण के पास ले जाइए । मैं जानती हूं इससे मुझे घोर नर्क मिलेगा किंतु अपने प्रियतम के सुख के लिए मैं यह यातना भोगने को तैयार हूं। तब देवऋर्षि नारद (Devarishi Narada) समझ गए कि तीनों लोकों में राधा के प्रेम की स्तुति क्यों होती है ।
यानि सच्चा प्यार लाभ-हानि नहीं देखता । सच्चा प्यार किसी भी हालत में नहीं घबराता। सच्चे प्यार को किसी से डर नहीं लगता, वह बस अपनी राह पर आगे बढ़ता रहता है।