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विज्ञान विषयः अध्याय-8……… जीव जनन कैसे करते हैं?
Last Updated on February 13, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. डी० एन० ए० प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है? (H.P. 2009, Set A, 2011, Set-C)
उत्तर-प्रजनन में डी० एन० ए० प्रतिकृति प्राणी के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है। यह स्पीशीज़ में पाई जाने वाली विभिन्न विशेषताओं के अस्तित्व को बना कर रखने में सहायक है। चाहे डी० एन० ए० प्रतिकृति की प्रणाली पूरी तरह से यथार्थ नहीं है पर फिर भी इसमें विभिन्नता बहुत धीमी गति से उत्पन्न होती है। इसमें नई विभिन्नता के साथ-साथ पुरानी पीढ़ियों की विभिन्नताएं संग्रहित रहती हैं इसलिए समष्टि के दो जीवों में विभिन्नताओं के पैटर्न भी काफी अलग होते हैं। इसके द्वारा दो या अधिक एकल जीवों का विभिन्नताओं के नए संयोजन उत्पन्न होते हैं क्योंकि इस प्रक्रम में दो विभिन्न जीव भाग लेते हैं। डी० एन० ए० का प्रतिकृति पीढ़ियों तक गुणों को आगे लेकर चलती है। इससे शारीरिक डिजाइन में समता बनी रहती है पर नई विभिन्नताओं के कारण इसमें परिवर्तन आते रहते हैं। इससे प्राणी का अस्तित्व बना रहता है चाहे उसमें कुछ अंतर आ जाता है। डी० एन० ए० आनुवंशिक गुणों का संदेश है जो जन्म से संतान को प्राप्त होता है। इसके केंद्रक में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना विद्यमान होती है। सूचना के बदल जाने पर प्रोटीन भी बदल जाएगी जिस कारण शारीरिक अधिकल्प में भी विविधता उत्पन्न हो जाती है। डी० एन० ए० प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन भी होता है। जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण डी० एन. ए० की प्रतिकृति में कुछ विभिन्नता उत्पन्न हो जाती है।
प्रश्न 2. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर-जीवों पर परितंत्र के स्थान पर निकेत का सीधा प्रभाव पड़ता है। किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जनन से है। जब निकेत में ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं जो जीवों के नियंत्रण से बाहर होते हैं जो उग्र परिवर्तन दिखाई देते हैं। इनके परिणामस्वरूप समष्टि का समूल विनाश संभव होता है। यदि समष्टि के जीवों में कुछ विभिन्नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना है। वैश्विक उष्मीकरण के कारण यदि जल का ताप अधिक बढ़ जाए तो शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं का नाश हो जाएगा पर गर्मी को सहन कर सकने वाले जीवाणु जीवित रहेंगे और वृद्धि करेंगे। इसलिए विभिन्नताएँ स्पीशीज की उत्तर जीविता बनाए रखने में उपयोगी हैं। विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है पर व्यष्टि के लिए यह आवश्यक नहीं है।
प्रश्न–
प्रश्न 1. द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है? (H.P. 2011, Set-A, 2015)
उत्तर-द्विखंडन से कोई एक कोशिका दो छोटे और लगभग समान भागों में बंट जाती है। द्विखंडन एक निर्धारित तल से होता है। लेकिन बहुखंडन में एक कोशिक जीव एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं। काला ज़ार के रोगाणु लेस मानियाँ में द्विखंडन होता है लेकिन मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम में बहुखंडन होता है।
प्रश्न 2. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है? (H.P. 2009, Set-B)
उत्तर-बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। नम सतह के संपर्क में आने पर वे वृद्धि करने लगते हैं।
प्रश्न 3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?
उत्तर-जटिल संरचना वाले जीवों में जनन भी जटिल होता है। पुनरुद्भवन एक प्रकार से परिवर्धन है जिसमें जीव के गुणों में अंतर नहीं आता। यह जनन के समान नहीं है। जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन के द्वारा किसी भी भाग को काट कर सामान्यतः वैसा जीव उत्पन्न नहीं कर सकते।
प्रश्न 4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
(H.P. 2009, Set C,2012 Set A,2015 Set-A)
उत्तर-प्रायः जो पौधे बीज उत्पन्न नहीं करते उनकी जड़, तना, पत्तियों आदि को उपयुक्त परिस्थितियों में विकसित करके नया पौधा प्राप्त कर लिया जाता है। प्रायः एकल पौधे इस क्षमता का उपयोग जनन-विधि के रूप में करते हैं। उन्हीं को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन किया जाता है।
प्रश्न 5. DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर-जनन की प्रक्रिया से वैसी ही समरूप संतान की प्राप्ति की जाती है जैसे जन्म देने वाले हों। DNA की प्रतिकृति के परिणामस्वरूप ही वंशानुगत गुणों से युक्त संतान प्राप्त होती है। इसीलिए DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है।
प्रश्न–
प्रश्न 1. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है? (H.P. Dec. 2008, 2011, Set-B, 2013 Set-C 2015-A) उत्तर-
परागण | निषेचन |
(1) वह क्रिया जिसमें परागकण स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं, परागण कहलाती है।
(2) यह जनन क्रिया का प्रथम चरण है। (3) परागण क्रिया दो प्रकार की होती है-स्व-परागण और पर-परागण। (4) परागकणों के स्थानांतरण के लिए वाहकों की आवश्यकता होती है। (5) अनेक परागकणों का नुकसान होता है। (6) इस क्रिया में विशेष लक्षणों की आवश्यकता होती है। (7) इस क्रिया के पूरा हो जाने पर निषेचन क्रिया पूरी होने की आशा होती है। |
(1) वह क्रिया जिसमें नर युग्मक और मादा युग्मक मिलकर युग्मनज बनाते हैं, निषेचन कहलाती है।
(2) यह जनन क्रिया का दूसरा चरण है। (3) निषेचन क्रिया भी दो प्रकार की होती है-बाह्य निषेचन एवं आंतरिक निषेचन। (4) इस क्रिया में वाहकों की कोई आवश्यकता नहीं होती। (5) इसमें परागकणों का नुकसान नहीं होता। (6) इस क्रिया में विशेष लक्षणों की आवश्यकता नहीं होती। (7) इस क्रिया के पश्चात् बीजों और फल बनने की संभावना हो जाती है। |
प्रश्न 2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है? (H.P. 2015)
उत्तर-शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि अपना स्राव शुक्र वाहिका में डालते हैं जिससे शुक्राणु एक तरल माध्यम में आ जाते हैं। इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है। साथ ही यह स्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है।
प्रश्न 3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर-(i) शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।
(ii) हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।
(iii) त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं।
(iv) वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।
(v) स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा भूरा होने लगता है।
(vi) रजोधर्म होने लगता है।
(vii) अंडाशय में अंड परिपक्व होने लगते हैं।
(viii) ध्वनि सुरीली हो जाती है।
(ix) विपरीत लिंग की ओर आकर्षण होने लगता है।
प्रश्न 4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2009, Set-A, 2012 Set-C)
उत्तर-गर्भस्थ भ्रूण को माँ के रुधिर से पोषण प्राप्त होता है। इसके लिए प्लेसेंटा की संरचना प्रकृति के द्वारा की गई है। वह एक तश्तरी नुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर से ऊतक के प्रवर्ध होते हैं। माँ के ऊतकों में रक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को ढांपते हैं। ये माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन और अन्य पदार्थ प्रदान करते हैं।
प्रश्न 5. यदि कोई महिला कॉपर-T का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन-संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर-नहीं, कॉपर-T किसी भी अवस्था में महिला की यौन-संचरित रोगों से रक्षा नहीं करेगा।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा (b) यीस्ट
(c) प्लाज्मोडियम (d) लेस्मानिया। (H.P. 2015)
उत्तर-(b) यीस्ट।
प्रश्न 2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय (b) गर्भाशय
(c) शुक्र वाहिका (d) डिंब वाहिनी।
उत्तर-(c) शुक्र वाहिका।
प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं–
(a) बाह्य दल (b) अंडाशय
(c) अंडप (d) परागकण। (H.P. 2015-A)
उत्तर-(d) परागकण।
प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन का क्या लाभ है?
(H.P.2009, Set B, 2011, Set-B, 2012 Set-A, 2013 Set-A, 2015)
उत्तर-लैंगिक जनन निम्नलिखित कारणों से अलैंगिक जनन की अपेक्षा लाभकारी है-
(i) लैंगिक जनन में नर और मादा से प्राप्त होने वाले नर युग्मक और मादा युग्मक के निषेचन से लैंगिक जनन होता। चूंकि ये दो भिन्न प्राणियों से प्राप्त होते हैं इसलिए संतान विशेषताओं की विविधता को प्रकट करते हैं।
(ii) लैंगिक जनन से गुणसूत्रों के नए जोड़े बनते हैं। इससे विकासवाद की दिशा को नए आयाम प्राप्त होते हैं। इससे जीवों में श्रेष्ठ गुणों के उत्पन्न होने के अवसर बढ़ते हैं।
प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं? (H.P. 2011, Set-C)
उत्तर-वृषण में नर जनन-कोशिका शुक्राणु का निर्माण होता है। टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन से उत्पादन एवं स्रावण में वृषण की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
प्रश्न 6. ऋतु स्त्राव क्यों होता है? (H.P. 2012, Set-B, 2013 Set-C, 2014 Set B, 2015)
अथवा
आर्तव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-यदि नारी शरीर में निषेचन नहीं हो, तो अंड कोशिका लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। अंडाशय हर महीने एक अंड का मोचन करता है और निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी हर महीने तैयारी करता है। इसलिए इसकी अंतः भित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है। यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है। लेकिन निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती। इसलिए यह पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में बाहर निकल जाती है। इस चक्र में लगभग एक मास का समय लगता है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है।
प्रश्न 7. पुष्प की अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाइए। (H.P. 2010, Set B, 2012 Set-B, 2015)
उत्तर-
प्रश्न 8. गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?
(H.P. 2010 Set-B, 2012 Set-B, 2013 Set-B, 2014 Set-C, 2015 Set-A)
उत्तर-बच्चों के जन्म को नियमित करने के लिए आवश्यक है कि मादा का निषेचन न हो। इसके लिए मुख्य गर्भ निरोधक विधियां अग्रलिखित हैं-
(i) रासायनिक विधि (H.P. 2013, Set-B) –अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते हैं। स्त्रियों के द्वारा गर्भ-निरोधक गोलियां प्रयुक्त की जाती हैं। झाग की गोली, जैली, विभिन्न प्रकार की क्रीमें आदि यह कार्य करती हैं।
(ii) शल्य-पुरुषों में नसबंदी (Vasectomy) तथा स्त्रियों में भी नसबंदी (Tubectomy) के द्वारा निषेचन रोका जाता है। पुरुषों की शल्य चिकित्सा में शुक्र वाहिनियों को काटकर बांध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते। स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बाँध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अंडे गर्भाशय में नहीं आ पाते।
(ii) भौतिक विधि (H.P. 2013, Set-C) –विभिन्न भौतिक विधियों से शुक्राणुओं को स्त्री के गर्भाशय में जाने से रोक दिया जाता है। लैंगिक संपर्क में निरोध आदि युक्तियों का प्रयोग इसी के अंतर्गत आता है। गर्भधारण को रोकने के लिए लूप या कॉपर-टी (Copper-T) को गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।
प्रश्न 9. एक कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है? (H.P. 2009, Set C)
उत्तर-एक कोशिक प्रायः विखंडन, मुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जनन करते हैं। उनमें केवल एक ही कोशिका होती है। वे सरलता से कोशिका विभाजन के द्वारा तेज़ी से जनन कर सकते हैं। बहुकोशिक जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है और यह मुख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।
प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर-किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु का बराबर का महत्त्व है। यदि जनन और मृत्यु दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है। एक समष्टि में जन्म दर और मृत्यु दर ही उसके आधार का निर्धारण करते हैं।
प्रश्न 11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर-गर्भनिरोधक युक्तियाँ मुख्य रूप से गर्भ रोकने के लिए ही अपनाई जाती हैं। इनसे बच्चों की आयु में अंतर बढ़ाने में भी सहयोग लिया जा सकता है। कंडोम के प्रयोग से यौन संबंधी कुछ रोगों के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. जनन के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या संक्षेप में कीजिए।
उत्तर-सजीवों में परिवर्धन का मुख्य कार्य जनन (Reproduction) है। जनन अलैंगिक या लैंगिक किसी भी विधि द्वारा हो सकता है।
अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)-अलैंगिक जनन में संतान एक जीव से उत्पन्न होती है। अलैंगिक जनन के मुख्य प्रकार हैं-द्विखंडन, बहुखंडन, मुकुलन, खंडन, बीजाणुओं द्वारा तथा कायिक प्रवर्धन।
जब पौधों के कोई कायिक भाग जैसे पत्ती. तना और जड नया पौधा पैदा करता है। तो इस क्रिया कायिक प्रवर्धन कहते हैं। कुछ पौधे जैसे अमरूद अथवा शकरकंद की अपस्थानिक जड़ों पर छोटी-छोटी कलियां होती हैं, जिनसे नये पौधे उत्पन्न होते हैं। ब्रायोफिलम की पत्तियों के किनारों पर खांचों में स्थित अपस्थानिक कलियां होती हैं, जिनसे नये पौधे उत्पन्न होते हैं। रोपण में ऐच्छिक पौधे की कलम को वृक्ष के स्कंध पर लगा देते हैं। कायिक प्रवर्धन की और भी बहुत-सी विधियां हैं, जैसे कलम, दाब कलम तथा ऊतक संवर्धन। कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधे अपने पैतृक पौधों के बिल्कुल समान होते हैं।
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)-लैंगिक जनन में नया जीव छोटे सक्रिय नर युग्मक और बड़े निष्क्रिय मादा युग्मक के संयोजन से बनता है। निम्न श्रेणी के जंतुओं जैसे हाइड्रा और केंचुआ में एक ही जीव नर और मादा दोनों युग्मकों को उत्पन्न करता है लेकिन मनुष्य में नर और मादा अलग-अलग होते हैं। एक कोशिकीय और बहुकोशिकीय दोनों प्रकार के जीवों में लैंगिक जनन होता है। लेकिन बहुकोशिकीय जंतुओं में यह अधिक सामान्य है।
एक पौधे के फूल में लैंगिक जनन होता है। पुंकेसर नर जनन अंग और स्त्रीकेसर मादा जनन अंग है। परागकण पुंकेसर के पराग कोश में पैदा होते हैं। परागकण दो नर युग्मक पैदा करता है। अंडाशय के अंदर अंडाणु होते हैं जिसके केंद्रक के अंदर मैगास्पोर होता है। मैगास्पोर से भ्रूण थैली का विकास होता है जिसमें मादा युग्मक होता है। परागण द्वारा परागकण स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुंचते हैं। निषेचन के बाद, अंडाशय परिपक्व होकर फल बन जाता है। बीजांड बीजों में और अंडाशय भित्ति फल भित्ति में बदल जाती है।
जंतुओं में लैंगिक जनन विभिन्न विधियों से होता है। लैंगिक जनन में भाग लेने वाले एक कोशिकीय जंतु समान अथवा असमान हो सकते हैं। बहुकोशिकीय जंतुओं में नर शुक्राणु और मादा अंडे पैदा करता है। परंतु उभयलिंगी जंतुओं में एक ही जीव दोनों शुक्राणु और अंडे पैदा करता है। निषेचन आंतरिक अथवा बाहरी हो सकता है जिसके फलस्वरूप युग्मनज बनता है। निषेचन के तुरंत बाद युग्मनज विकसित होना आरंभ कर देता है। मनुष्य में जनन अंग मादा में 12 से 15 वर्ष की आयु में तथा नर में 15 से 18 वर्ष की आयु में प्रायः क्रियाशील हो जाते हैं। जनन अंग कुछ हार्मोंस भी स्रावित करता है जो शरीर में परिवर्तन लाते हैं : मादा में वयस्क अवस्था में मासिक धर्म चक्र प्रत्येक 28 दिनों के बाद होता है। युग्मनज का गर्भाशय की दीवार में चिपक जाना मादा में गर्भधारण कहलाता है और मादा को गर्भवती कहते हैं। चिपकने से भ्रूण तथा मादा में एक संबंध स्थापित हो जाता है। इस जुड़ने के स्थान को प्लेसेंटा कहते हैं। विभिन विधियों से निषेचन पर नियंत्रण किया जा सकता है जो जनसंख्या वृद्धि को रोक सकता है।
प्रश्न 2. पौधों में कायिक जनन का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-पौधों में कायिक जनन मुख्य रूप से दो प्रकार से होता है-
(i) प्राकृतिक और (ii) कृत्रिम कायिक जनन।
(i) प्राकृतिक कायिक जनन-प्राकृतिक कायिक जनन निम्नवत् होता है-
(क) जड़ों द्वारा-कुछ पौधों की जड़ों, जैसे शकरकंद में कलिकाएं (आँक) मौजूद होती हैं। शकरकंद को भूमि में गाड़ देने से कलिकाओं के कोंपल फूटते हैं, जिससे नया पौधा बनता है।
(ख) तने द्वारा-कुछ तनों से भी आँक या कलिकाएं मौजूद होती हैं जैसे आलू, अदरक आदि। इनको भूमि में
आँकें वो देने से कलिकाओं से कोंपल निकल आती है।
(ग) पत्तियों द्वारा-ब्रायोफिलम, बिगोनिया आदि की पत्तियों से पर्ण-कलिकाएं निकल आती हैं, जो पत्तियों से
विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।
(ii) कृत्रिम कायिक जनन-यह मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार का होता है-
(क) लेयरिंग-कुछ पौधों की टहनियों को झुकाकर भूमि के भीतर मिट्टी में दबा देते हैं। कुछ दिन बाद मिट्टी दबी टहनी में से कोंपल फूट आते हैं।
उदाहरण-चमेली, अंगूर आदि।
(ख) कलम-गुलाब, गुड़हल, चमेली आदि की ऐसी शाखा काट लेते हैं जिनमें दो पर्व हों। इनको भूमि में गाड़ देने से पर्वों से अपस्थानिक जड़ें निकल आती हैं और कक्ष-कलिकाओं से कोंपल फूटने लगते हैं।
(ग) रोपण-इसमें एक वृक्ष की शाखा को काट कर उसमें ‘T’ के आकार का खांच बना लेते हैं, इसको स्टाक कहते हैं। अब उसी जाति को दूसरे वृक्ष की शाखा को काट कर स्टॉक के खांच के अनुरूप खांच बना लेते
हैं, इसको सिऑन कहते हैं। सिऑन को स्टॉक में फिट कर देते हैं। खांच के चारों ओर मिट्टी लगा कर बाँध देते। कुछ दिन बाद दोनों जुड़कर पौधा बन जाता है।
उदाहरण-गन्ना, आम, अमरूद, लीची आदि।
(घ) कलिका-इसमें एक वृक्ष की टहनी की छाल में ‘T’ की तरह खांच बना लेते हैं। किसी दूसरे चुने हुए पौधे की कलिका को लेकर स्टॉक के खांचे में घुसा देते हैं। इसको अच्छी तरह से बांधकर इसके ऊपर मिट्टी लपेट देते हैं। कुछ दिन बाद उस स्थान में कोंपल निकल आते हैं।
उदाहरण-नींबू, नारंगी आदि।
प्रश्न 3. फूल के विभिन्न भागों के चित्र बनाकर वर्णन करो। (H.P. Dec. 2008, 2010, Set-B2012 Set-A)
उत्तर-फूल-पुष्पी पौधों में फूल लैंगिक जनन में सहायता करता है। फूलों की सहायता से बीज बनते हैं। फूल में एक आधारी भाग होता है जिस पर फूल के सभी भाग लगे होते हैं। इसे पुष्पासन कहते हैं। फूल के मुख्य चार भाग होते हैं-
- बाह्य दलपुंज या हरी पत्तियाँ-यह फूल का सबसे बाहरी भाग होता है। यह हरी पत्तियों के रूप में होता है जिन्हें बाह्य दल कहते हैं। यह फूल की रक्षा करता है।
- दलपुंज या रंगीन पत्तियाँ-बाह्य दलपुंज के भीतरी भाग को दलपुंज कहते हैं। प्रत्येक अंग पंखुड़ी या दल कहलाता है। इसका रंग विभिन्न फूलों में अलग-अलग होता है। इनका कार्य कीटों को आकर्षित करके परागण में सहायता करना है।
- पुंकेसर-यह फल का बाहर से तीसरा भाग है। इसके प्रत्येक अंग को पुंकेसर कहते हैं। पुंकेसर के मुख्य दो भाग होते हैं-पराग सूत्र एवं पुतंतु। पराग सूत्र भोजी द्वारा पराग कोष से जुड़ा होता है। पराग कोष के अंदर परागकण होते हैं। ये निषेचन के बाद बीज बनाते हैं।
- स्त्रीकेसर-यह फूल का मादा भाग होता है। इसके प्रत्येक अंग को स्त्रीकेसर या गर्भ केसर कहते हैं। इसके तीन भाग होते हैं-(1) वर्तिकाग्र (2) वर्तिका (3) अंडाशय। अंडाशय के अंदर बीजाणु होते हैं।
प्रश्न 4. अलैंगिक जनन को स्पष्ट करते हुए बताओ कि अमीबा, मूंगे और स्पंज में अलैंगिक प्रजनन कैसे होता है?
उत्तर-अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)—इस जनन में नर और मादा नहीं होते। एक ही जीव नए जीव पैदा करके वंशवृद्धि करता है।
अमीबा में जनन-यह विभाजन द्वारा अपनी वंशवृद्धि करता है। पहले केंद्रक और फिर कोशिका द्रव्य दो भागों में बंट जाता है। केंद्रक का प्रत्येक भाग कोशिका द्रव्य के प्रत्येक भाग में चला जाता है। इसके बाद कोशिका बीच में से टूटती है और एक अमीबा से दो अमीबा बन जाते हैं।
स्पंज और मूंगे में-इनमें अलैंगिक जनन विखंडन द्वारा होता है। मूंगों का आकार बेडोल तथा शाखायुक्त होता है और यह समुद्र में रहते हैं। पानी या जंतुओं की हलचल से कई बार इनकी शाखाएं टूट कर अलग-अलग हो जाता हैं तथा स्वतंत्र रूप से बढ़ने लगती हैं।
प्रश्न 5. परागण से आरंभ करके पौधों में बीज बनने तक सभी अवस्थाएं बताइए।
उत्तर-परागकोश से परागकणों का वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण परागण कहलाता है। फूल के पुंकेसर में परागकोश होते हैं, जो परागकण उत्पन्न करते हैं। स्त्रीकेसर के तीन भाग होते हैं-अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र। परागण के बाद परागकण से एक नली निकलती है जिसे परागनली कहते हैं। पराग नली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक पराग नली में से होता हुआ बीजांड तक पहुँच जाता है। यह बीजांड के साथ संलयन करता है जिससे युग्मनज बनता है। दूसरा नर युग्मक दो ध्रुवीय केन्द्रकों से मिलकर प्राथमिक एंडोस्पर्म (भ्रूणकोष) केंद्रक बनाता है जिससे अंत में एंडोस्पर्म बनता है। इस प्रकार उच्चवर्गीय (एंजियोस्पर्मी) पौधे दोहरी निषेचन क्रिया प्रदर्शित करते हैं।
निषेचन के बाद फूल की पंखुड़ियां, पुंकेसर, वर्तिका तथा वर्तिकाग्र गिर जाते हैं। बाह्य दल सूख जाते हैं और अंडाशय पर लगे रहते हैं। अंडाशय शीघ्रता से वृद्धि करता है और इनमें स्थित कोशिकाएं विभाजित होकर वृद्धि करती हैं और बीज का बनना आरंभ हो जाता है। बीज में एक शिशु पौधा अथवा भ्रूण होता है। भ्रूण में एक छोटी जड़ (मूल जड़), एक छोटा प्ररोह (प्रांकुर) तथा बीजपत्र होते हैं। बीजपत्र में भोजन संचित रहता है।
(A) परागकोश की रचना (शीर्ष कटा हुआ) (B) निषेचन के समय जायांग की उदग्र काट
समयानुसार बीज सख्त होकर सूख जाता है। यह बीज प्रतिकूल परिस्थिति में जीवित रह सकता है। अंडाशय की दीवार भी सख्त हो सकती है और एक फली बन जाती है। निषेचन के बाद सारे अंडाशय को फल कहते हैं।
प्रश्न 6. बाहय निषेचन तथा आंतरिक निषेचन का क्या अर्थ है? परनिषेचन तथा स्वनिषेचन में क्या अंतर है?
उत्तर-जब नर और मादा अपने-अपने शुक्राणु तथा अंडे सारे शरीर से बाहर पानी में छोड़ देते हैं और शुक्राणु और अंडे का संयोग शरीर से बाहर होता है तो इस क्रिया को बाह्य निषेचन कहते हैं। जैसे मेंढक और मछलियों में। आंतरिक निषेचन में नर अपने शुक्राणु मादा के शरीर में विसर्जित करता है और शुक्राणु मादा के शरीर में अंडे से संयोग करता है। जैसे पक्षियों और स्तनधारियों में।
परनिषेचन और स्वनिषेचन–
परनिषेचन (Cross-Fertilization)– यह उन जीवों में होता है जहां नर और मादा अलग-अलग होते हैं। उभयलिंगी जंतुओं में यह हो सकता है यदि जनन अंग विभिन्न समय पर परिपक्व हों। इससे जीवों में विविधताएं आती हैं।
स्वनिषेचन (Self-Fertilization)– उभयलिंगी जीवों में जहां नर और मादा जनन अंग एक ही समय पर परिपक्व होते हैं, स्वनिषेचन होता है। इस विधि में पैतृक गुण पीढ़ी दर पीढ़ी कायम रहते हैं।
प्रश्न 7. अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-अलैंगिक जनन में जीव स्वयं गणित होते हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां निम्नलिखित हैं-
- द्विखंडन (Binary Fission) (H.P. 2012, Set-A, B)–द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रटोजोआ (अमीबा, पैरामीशियम आदि) में होती है जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहुकोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
- मुकुलन (Budding) (H.P. Dec. 2008, 2010, Set-C)–मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुँज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सोलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबेलिया पोलिप की अपेक्षा मैडूयूसी पैदा करते हैं।
- खंडन (Fragmentation)-स्पाइरोगायरा जैसे कुछ जीव पूर्ण विकसित होने के बाद साधारणतया दो या अधिक खंडों में टूट जाते हैं। ये खण्ड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं। खंडन चपटे कृमि, रिबन कृति और एनेलिडा संघ के प्राणियों में भी होता है।
- बहुखंडन (Multiple Fission)-कभी-कभी प्रतिकूल परिस्थितियों में कोशिका के चारों ओर एक संरक्षक परत या भित्ति बन जाती है। ऐसी अवस्था को पुटी (सिस्ट) कहते हैं। पुटी के अंदर कोशिका कई बार विभाजित हो जाती है जिससे बहुत-सी संतति कोशिकाएं बन जाती हैं। ऐसी प्रक्रिया को बहुखंडन कहते हैं। पुटी के फटने के बाद बहुत-सी कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं।
- कायिक प्रवर्धन (Vegetative Reproduction)-जब पौधे के किसी कायिक अंग जैसे पत्ता, तना अथवा जड़ से नया पौधा उगाया जा सकता हो तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 8. पुष्पधारी पौधों में परागण से भ्रूण निर्माण तक की क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-परागण की क्रिया के फलस्वरूप पराग के कण जायांग की वर्तिका पर पहुंचते हैं जहां वे वर्तिकाग्र पर स्थित चिपचिपे पदार्थ का अवशोषण करके फूल जाते हैं। परागकण की बाह्य भित्ति फट जाती है अंतः भित्ति पराग नलिक के रूप में अंकुरित होकर वर्तिका से होती हुई अंडाशय में पहुँचती है। यह अपने साथ दो नर युग्मक भी ले जाती है। एक नर युग्मक पराग नली से होता हुआ बीजांड से संयुक्त होकर युग्मनज बनाता है। इस प्रकार बीजांड का निषेचन हो जाता है। निषेचित बीजांड भ्रूण में विकसित होकर बीज बनाता है। प्रायः पुंकेसर, वर्तिका, वर्तिकाग्र, बाह्यदल, दल आदि सूख कर गिर जाते हैं। किसी-किसी पौधे में बाह्य दल लगे भी रहते हैं। अंडाशय फल में विकसित होने लगते हैं।
प्रश्न 9. मनुष्य में नर जनन तंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएं वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं। वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राशय पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है। चिपचिपे पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नाली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुंचते हैं। जहाँ से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड़ दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।
प्रश्न 10. नर मनुष्य के शुक्राणु की संरचना को समझाइए।
उत्तर-शुक्राणु स्वयं एक कोशिका होती है जो पूँछ की सहायता से गति करती है। शुक्राणु के तीन भाग होते हैं-
सिर (Head), (ii) मध्य भाग (Middle piece) (iii) पूँछ (Tail)।
(i) सिर (Head)-शुक्राणु का सिर लंबा एवं चम्मच के आकार का होता है। इसके अधिकांश भाग में अंडाकार केन्द्रक होता है। इसके अग्रभाग से एक नुकीला उभार निकला होता है जिसे एक्रोसोम कहते हैं।
(ii) मध्य भाग (Middle Piece)—यह अपेक्षाकृत छोटा होता है। इस भाग में दो सेंट्रिओल होते हैं। इनमें उपस्थित थाइटोकाँड्रिया शुक्राणु को गति करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
(ii) पूँछ (Tail)—यह अग्र तथा पश्च भाग में विभाजित होते हैं। यह अक्षीय तंतु की सहायता से गति करता है। इसका पिछला भाग झिल्ली द्वारा घिरा नहीं होता। इसे अंतिम सूत्र (End piece) कहते हैं।
प्रश्न 11. मनुष्य के मादा जनन तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर-मनुष्य के मादा जनन तंत्र के निम्नलिखित भाग हैं-
- अंडाशय (Ovary)-श्रोणीय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएं रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएं अंडे का निर्माण करती हैं।
ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में प्रजनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।
2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)—यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
3. गर्भाशय (Uterus)– यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है।
गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचन अंडे को परिवर्धन काल में- जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।
- योनि (Vagina)—यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।
- भग (Vulva)–योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।
प्रश्न 12. स्त्री में रजोधर्म चक्र का संक्षेप में वर्णन करिए।
उत्तर- स्त्री में रजोधर्म चक्र यवावस्था से शुरू होता है जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में, गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म आना या रजोधर्म चक्र कहते हैं। यह 3-5 दिनों तक चलता रहता है। अंडोत्सर्जन (Ovulation) रजोधर्म चक्र के मध्य अर्थात 15वें दिन होता है।
इसलिए रजोधर्म को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं। यह रुधिर, म्यूकस और मादा के गर्भाशय के दूसरे पदार्थों के डिसचार्ज का चक्र क्रम है। रजोधर्म के रुधिर में टूटी हुई गर्भाशय भित्ति, म्यूकस सफेद रुधिर कणिकाएँ और अनिषेचित अंडा होता है। रजोधर्म चक्र में गर्भाशय की म्यूकस अंडे के चिपकने के लिए उचित पैड तैयार करती है जब गर्भ धारण हो जाता है तो यह प्लेसैंटा में बदल जाती है। यदि गर्भ धारण नहीं होता तो म्यूकस टूट जाती है और रजोधर्म के रूप में डिसचार्ज हो जाती है।
प्रश्न 13. निषेचन क्रिया को चित्र सहित स्पष्ट कीजिए। द्विनिषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर-पुष्प के परागण के पश्चात् वर्तिकान पर स्थित परागकण से एक नली निकलती है जिसे पराग नली कहते हैं। परागकण इसी नली से विभाजित होकर नर युग्मक बनाता है। पराग नली आगे बढ़कर अंडाशय से जा मिलती है। पराग नली पर दो नर युग्मकों में से एक अंड कोशिका को निषेचित करता है जिससे युग्मनज बनता है। यह माइओसिस से कई बार विभाजित हो कर भ्रूण बना देता है। एक नर युग्मक भ्रूणकोश में स्थित अंड से संलयित हो जाता है इसे निषेचन कहते हैं। परागनली का दूसरा नर युग्मक दो ध्रुवीय केंद्रकों से संलयन करता है। इस क्रिया को त्रिसंलयन कहते हैं। इस संलयन क्रिया में तीन केंद्रक होते हैं-एक नर युग्मक का तथा दो ध्रुवीय केंद्रक। इसलिए भ्रूणकोश में दो निषेचन होते हैं। पहला युग्मक निषेचन और दूसरा त्रिसंलयन निषेचन। अतः इन्हें दोहरा निषेचन कहते हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. अलैंगिक जनन के विभिन्न प्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर-द्विखंडन, बहुखंडन, खंडन, मुकुलन, कायिक प्रवर्धन, बीजाणुओं के द्वारा।
प्रश्न 2. द्विखंडन तथा बहुखंडन में अंतर बताइए।
उत्तर–
द्विखंडन | बहुखंडन |
(1) एक जीव से दो जीव बन जाते हैं।
(2) यह अनुकूल परिस्थितियों में पूर्ण होता है। |
(1) एक जीव से दो से अधिक जीव बन जाते हैं।
(2) यह प्रतिकूल परिस्थितियों में पूर्ण होता है। |
प्रश्न 3. कायिक प्रवर्धन के दो लाभ बताइए। (H.P. 2010, Set-B, 2012 Set-A)
उत्तर-(1) सभी नये पौधे मातृ पौधे के समान होते हैं। इस प्रकार एक अच्छे गुणों वाले पौधे से कलम द्वारा उसके समान ही अनेक पौधे तैयार किये जाते हैं।
(2) फलों द्वारा उत्पन्न सभी बीज समान नहीं होते परंतु कायिक जनन द्वारा उत्पन्न पौधों में पूर्ण समानता होती हैं।
(3) कायिक जनन द्वारा नये पौधे थोड़े समय में ही प्राप्त हो जाते हैं।
(4) वे पौधे जो बीज दवारा सरलता से प्राप्त नहीं किए जा सकते, कायिक जनन दवारा प्राप्त किये जा सकते हैं। केला, अंगूर, संतरे आदि की खेती इस प्रकार की जाती है।
प्रश्न 4. प्राणियों में नर तथा मादा युग्मक का नाम बताइए।
उत्तर-(i) नर युग्मक-शुक्राणु (Sperm) (ii) मादा युग्मक-अंडाणु (Ovum /egg)।
प्रश्न 5. निषेचन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-नर युग्मक की मादा बीजांड के साथ परस्पर मिल जाने की प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं।
प्रश्न 6. लैंगिक प्रजनन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-नर और मादा के द्वारा उत्पन्न युग्मकों के परस्पर मिलने से बहुकोशीय जीव के उत्पन्न होने की प्रक्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
प्रश्न 7. बहुखंडन किसे कहते हैं?
उत्तर-जब कोई कोशिका अनेक संतति कोशिकाओं को उत्पन्न करती है तब उस प्रक्रिया को बहुखंडन कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि कभी-कभी कोशिका के चारों ओर बनी रक्षक भित्ति के अंदर कोई कोशिका बार-बार विभाजित होती है और अनेक संतति कोशिकाओं को बना देती है। मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के परजीव प्लाजमोडियम में ऐसा ही होता है।
प्रश्न 8. फफूंदी के प्रजनन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-फफूंदी एक प्रकार का निम्न श्रेणी का पौधा है जिसमें अलैंगिक प्रजनन होता है। इसमें विशेष प्रकार की बीजाणु नामक कोशिकाएँ होती हैं। प्रत्येक बीजाणु में एक केंद्रक और थोड़ा-सा जीव द्रव्य होता है। इसके चारों ओर एक कठोर भित्ति होती है। बीजाणु बहुत अधिक संख्या में बनते हैं। जीवाणु पकने पर अलग हो जाते हैं और चारों ओर बिखर जाते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में जीवाणु का अंकुरण होकर नया जीवधारी बन जाता है।
प्रश्न 9. पुनरुद्भवन (Regeneration) किसे कहते हैं? (H.P. 2010, Set-A, 2013 Set-A)
उत्तर-शरीर के कटे हुए किसी भाग में पूर्ण जीव बना लेने या उसे फिर से विकसित कर लेने की क्षमता को पुनर्जनन या पुनरुद्भवन कहते हैं। स्टार फिश कटी हुई भुजा को फिर से प्राप्त कर लेती है। स्पाइरोगायरा, हाइड्रा, प्लैनेरिया आदि इस विधि से जनन करते हैं।
प्रश्न 10. नर तथा मादा युग्मक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-शुक्राणु नर युग्मक होता है। यह चलनशील और सक्रिय होता है। शुक्राणु वृषण में शुक्राजनन द्वारा बनते हैं। मादा युग्मक एक प्रौढ़ अंडा होता है इसका आकार लगभग गोल होता है। इसका निर्माण अंडायुग्मन द्वारा होता है।
प्रश्न 11. विखंडन द्वारा जनन की विधि बताइए।
अथवा
अमीबा में विखंडन किस प्रकार होता है? (H.P. 2010, 2012 Set-A)
उत्तर-एक कोशिकीय जीव में कोशिका के परिपक्व हो जाने के बाद दो भागों में विभाजन हो जाता है। जिसमें पहले केंद्रक (Nucleus) विभाजित होकर दो केंद्रक बनाता है और बाद में कोशिका द्रव्य विभाजित होता है। इस प्रकार के जनन को विखंडन (Fission) कहते हैं। जब विभाजन के बाद दो नई कोशिका बनती हैं द्वि-विखंडन (Bine fission) कहलाता है। कभी-कभी केंद्रक बार-बार विभाजित होता है और प्रत्येक केंद्रक के साथ कोशिका द्रव्य अलग होकर अनेक नई कोशिका बनाता है यह क्रिया बहु विखंडन (Multiple fission) कहलाती है। उदाहरण- अमीबा, यीस्ट, पैरामिशयम इत्यादि।
प्रश्न 12. ऊतक संवर्धन किसे कहते हैं?
उत्तर-इस विधि में पौधे के ऊतक का एक टुकड़ा काट लेते हैं। एक बीकर में पोषक तत्वों से युक्त माध्यम लेकर उसमें उचित परिस्थितियों में ऊतक के टुकड़े को रख देते हैं। इस बीकर के अंदर उस ऊतक की वृद्धि एक असंगत पिंड की तरह होती है जिसे कैलस कहा जाता है। कैलस का थोड़ा-सा भाग एक अन्य माध्यम में रखा जाता है जिसमें पदपादक में विभेदन होता है। इस पदपादक को गमले या मिट्टी में रोपित कर देते हैं। इस प्रकार एक नया पौधा बनकर तैयार हो जाता है।
प्रश्न 13. लैंगिक प्रजनन का महत्त्व लिखिए। (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-लैंगिक प्रजनन के निम्नलिखित महत्त्व हैं-
(1) इसके कारण विभिन्नताएं उत्पन्न होती हैं, जो जीवों के अनुकूलन और विकास में सहायता करती हैं। (2) लैंगिक प्रजनन से बनी संततियों में नये गुणों के बनने की संभावनाएँ अधिक होती हैं।
(3) इसके प्रजनन में बनी संतानों में तीव्र अनुकूलन की क्षमता होती है।
प्रश्न 14. शुक्राणु जनन तथा अंडाणु जनन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
शुक्राणु जनन | अंडाणु जनन |
(1) शुक्राणु जनन वृषण में होने वाली क्रिया है।
(2) इसके एक प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से 4 शुक्राणु बनते हैं। (3) इसमें ध्रुवीय काय नहीं बनते। (4) इसमें अपेक्षाकृत कम समय लगता है। |
(1) यह अंडाशयों में होने वाली क्रिया है।
(2) इसमें एक प्राथमिक असाइट से एक अंडाणु बनता है। (3) इसमें ध्रुवीय काय बनते हैं। (4) इसमें ज्यादा समय लगता है। |
प्रश्न 15. राइजोपस में बीजाणु समासंघ से नए जीव किस प्रकार उत्पन्न होते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-अनेक सरल बहुकोशिक जीवों में विशिष्ट जनन संरचनाएँ पाई जाती हैं। नमी युक्त ब्रेड पर धागे के समान कुछ संरचनाएं विकसित होती हैं। वह राइजोपस का कवक जाल है। यह जनन के भाग नहीं हैं। इन उर्ध्व तंतुओं पर गोल सूक्ष्म गुच्छ (संरचनाएँ) जनन में भाग लेती हैं। यह गुच्छ बीजाणुधानी हैं जिसमें विशेष कोशिकाएँ अथवा बीजाणु होते हैं। यह बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगते हैं।
प्रश्न 16. बीज की संरचना कैसे होती है?
उत्तर-निषेचन के बाद युग्मनज में कई विभाजन होते है। बीजांड में भ्रूण विकसित होता है। बीजांड से एक कठोर आवरण बनता है और यह बीज में बदल जाता है। बीज ही फल बनता है। बीज बनने की क्रिया में फूल का बाह्य दल, पंखुड़ियां, पुंकेसर, वर्तिका, वर्तिकाग्र आदि सब मुरझा कर झड़ जाते हैं।
प्रश्न 17. हाइमिन क्या है?
उत्तर-हाइमिन एक पतली झिल्ली का योनि के बाहर डायफ्राम है, यह सुराख युक्त है जो केवल मासिक धर्म के वर्ण्य पदार्थ को बाहर जाने देता है।
प्रश्न 18. मासिक धर्म के बंद होने का क्या कारण है?
उत्तर-गर्भाशय में भ्रूण की उपस्थिति में प्लेसैंटा बनता है। प्लेसैन्टा ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन हार्मोन पैदा करता है जो मासिक धर्म को बंद कर देते हैं।
प्रश्न 19. पुटक प्रेरक हार्मोन (FSH) नर और मादा में क्या करता है?
उत्तर-FSH नर में शुक्राणु जनन को प्रेरित करता है जबकि मादा में अंडाशय पुटक (Ovarian Follicle) की वृद्धि करता है।
प्रश्न 20. बाह्य निषेचन क्या है?
उत्तर-शरीर के बाहर पानी में अंडे और शुक्राणु के संयोजन को बाह्य निषेचन कहते हैं। जैसे मेंढक में, जहाँ दोनों नर और मादा युग्मक इर्द-गिर्द के पानी में छोड़ देते हैं। शुक्राणु अंडे को पानी में निषेचित कर देता है।
प्रश्न 21. गर्भधारण किसे कहते हैं?
उत्तर-निषेचित अंडा बार-बार माइटोटिक विभाजन करता है जिससे कोशिकाओं का एक पुँज-सा बन जाता। जो अंडवाहिनी से गर्भाशय तक जाता है। यहाँ यह गर्भाशय की गर्भ दीवारों में धंस जाता है। इस क्रिया को गर्भाधारण करना कहते हैं।
प्रश्न 22. मैनोपॉज (Menopause) से क्या अभिप्राय है? (H.P. 2010, Set-A, 2015)
उत्तर-मादा में प्राकृतिक मासिक धर्म की क्रिया के बंद होने को मैनोपॉज कहते हैं। मानव मादा में यह 45-50 वर्ष की अवस्था में होता है। इस मैनोपॉज के बंद होने के पश्चात् स्त्री बच्चों को जन्म नहीं दे सकती।
प्रश्न 23. कायिक प्रवर्धन का क्या महत्त्व है?
अथवा
कायिक जनन के कार्य लिखिये। (H.P. 2010, Set-A 2015)
उत्तर-कायिक प्रवर्धन का महत्त्व–
(1) कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाये गये पौधे अपने जनक की बिल्कुल आनुवंशिक प्रतिलिपि होते हैं, जिनमें अपने पैतृक गुण होते हैं। आनुवंशिक तौर पर एक पौधे से कायिक प्रवर्धन द्वारा बनाई गई संख्या को क्लोन्ज कहते हैं।
(2) इसमें पौधों की संख्या में बहुत शीघ्र वृद्धि होती है।
(3) कायिक रूप से वृद्धि करने वाले पौधों में किसी एक विशेष अंग के रोगाणुओं से छुटकारा पाना आसान है।
(4) बहुत से प्रकरणों और कलम पर लगे फूल और फल अच्छी किस्म के होते हैं।
(5) दो पौधों के ऐच्छिक गुणों को कायिक प्रवर्धन की एक विशेष विधि रोपण द्वारा इकट्ठे करना संभव है।
प्रश्न 24. पत्तियों द्वारा कायिक प्रजनन कैसे होता है?
उत्तर-ब्रायोफिलम पत्तियों के कटावों में अपस्थानिक कलियाँ होती हैं। जब पत्ती नमी वाली मिट्टी में गिर जाता है तब इन अपस्थानिक कलियों से छोटे-छोटे पौधे बनते हैं। इस प्रकार यह पत्ती कायिक प्रवर्धन में सहायता करती है। बिगोनिया में भी पत्ती द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है। इसमें कलियाँ चोट के स्थान पर दिखाई देती हैं।
प्रश्न 25. दाब कलम से तुम्हारा क्या अभिप्राय है? यह विधि कायिक प्रवर्धन में कैसे सहायता करती है?
उत्तर-दाब कलम (Layering)-इस विधि में पौधे की किसी शाखा को झुका कर नम मिट्टी में दबा देते हैं। कुछ समय बाद इससे जड़ें निकल जाती हैं और इसके बाद नए पौधे बन जाते हैं। नये पौधे को इनके पैतृक पौधों से काटकर अलग कर देते हैं। नये पौधे वृद्धि करके पूर्ण विकसित पौधे बन जाते हैं।
प्रश्न 26. आप कैसे बताओगे कि आलू या अदरक के पौधे में कायिक जनन होता है?
उत्तर-आलू के कंद पर कुछ गड्ढे होते हैं जिन्हें आँख कहते हैं इसी प्रकार अदरक पर भी कलिकाओं के रूप में कुछ छोटे-छोटे दाने होते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में इन कलिकाओं से नए पौधे उग आते हैं।
प्रयोग-आलू या अदरक का एक कंद लेकर इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके रेत या लकड़ी के बुरादे और मिट्टी के मिश्रण में पानी मिलाकर गमले में बो दें। टुकड़े इस प्रकार के लें कि एक टुकड़े में कम-से-कम एक आँख अवश्य हो। कुछ दिनों बाद आप देखेंगे कि गमले के अंदर आलू के नए पौधे उग आए हैं। इससे सिद्ध होता है कि आलू या अदरक में कायिक जनन होता है।
प्रश्न 27. बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन क्रिया का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-विभाजन तो सामान्य कोशिका में ही संपन्न हो जाता है। किंतु कुछेक बहुकोशिकीय जीवों में अलैंगिक जनन के लिए विशिष्ट संरचना बनती है। यह संरचना बीजाणुधानी (Sporangium) कहलाती है। बीजाणुधानी में कोशिका विभाजन द्वारा अनेक बीजाणु (Spores) बनते हैं जो अनुकूल परिस्थितियों में नए जीवों में परिवर्तित होते हैं।
पौधे जिनमें बीज नहीं बनते अर्थात् बीज रहित पौधों में बीजाणुओं का निर्माण जनन की प्रमुख विधि हैं। बीजाणु एककोशिकीय, हल्के तथा बहुत छोटे होते हैं। ये कठोर आवरण में घिरे होते हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-
(1) चल बीजाणु तथा (2) अचल बीजाणु।
प्रश्न 28. चल बीजाणु तथा अचल बीजाणु में अंतर बताइए तथा प्रत्येक के सामान्य उदाहरण दीजिए। उत्तर-1. चल बीजाणु (Zoospores)-इन पर कशाभिक (Flagella) आदि पाए जाते हैं। जिनके द्वारा ये जल में तैर कर अनुकूल स्थानों पर पहुँच जाते हैं और नए पौधों में परिवर्धित हो जाते हैं। कुछ शैवालों और कवकों में इस प्रकार के बीजाणु बनते हैं।
- अचल बीजाणु (Non-motile Spores)—इनमें फ्लैजिमा आदि का अभाव होता है। इनकी भित्ति मोटी होती है। ये प्रतिकूल परिस्थितियों में नष्ट नहीं होते। ये अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरित होकर नए पौधे बनाते हैं।
अचल बीजाणु उत्पन्न करने वाले पौधों में कुकुरमुत्ता, मौस तथा फर्न अच्छे उदाहरण हैं।
प्रश्न 29. लैंगिक जनन के लिए आवश्यक अवस्थायें क्या हैं?
उत्तर- (1) नर तथा मादा जीवों का होना (2) दोनों जीवों के जननांगों का परिपक्व होना। (3) दोनों जीवों के युग्मकों (नर और मादा) का आपस में संयोजन।
प्रश्न 30. फूलों से पौधों को होने वाले चार लाभों का वर्णन करो।
उत्तर-फूलों से पौधों को लाभ-(1) फूल द्वारा पौधों में लैंगिक जनन होता है। (2) फूलों की सहायता से बीज बनते हैं। (3) फूलों द्वारा ही फल बनते हैं। (4) फूलों में पौधों के नर और मादा अंग स्थिर होते हैं।
प्रश्न 31. गन्ना और गुलाब किस विधि द्वारा उगाए जाते हैं? इस विधि के लाभ बताओ।
उत्तर-गन्ना और गुलाब कृत्रिम विधि द्वारा उगाए जाते हैं। इस विधि द्वारा पौधा पूर्ण रूप से अपने जनन पौधे के समान होता है तथा उनके गुण बनाए रखता है।
प्रश्न 32. जीव नश्वर होते हुए भी अनश्वर कहलाता है। क्यों ?
उत्तर-संसार में जो जीव उत्पन्न होता है वह एक दिन मरता अवश्य है। इस प्रकार वह नश्वर है। परंतु मरने में पहले वह प्रजनन द्वारा नए जीव उत्पन्न कर जाता है जिससे उसकी जाति नष्ट नहीं होती। अतः यह प्रजनन ही है जिसके कारण जीव जातियां नष्ट नहीं होती हैं और जीव नश्वर होते हुए भी अनश्वर बने होते हैं।
प्रश्न 33. क्या मनुष्य जाति का विलुप्त होना संभव है, यदि हाँ तो कैसे?
उत्तर-मनुष्य प्रजनन क्षमता से अनश्वर माना गया है फिर भी मनुष्य के विलुप्त होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। परमाणु और हाइड्रोजन बम मनुष्य द्वारा तैयार किए गए हैं जिनका प्रयोग किया जाए तो इनके प्रभाव से सभी जीव नष्ट हो सकते हैं। अतः मनुष्य की अपनी मूर्खता से ही मनुष्य जाति विलुप्त हो सकती है।
प्रश्न 34. जरायुज, अंडज, उत्भुज जंतुओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-जरायुज-शिशु को जन्म देने वाले जीवों को जरायुज कहते हैं।
अंडज-ऐसे जीवों को जो अंडा देते हैं और अंडों से बच्चे निकालते हैं, अंडज कहते हैं।
उत्भुज-ऐसे जीवों को जो बिना नर व मादा के बच्चों को जन्म देते हैं, उत्भुज कहलाते हैं। जैसे-हाइड्रा। प्रश्न 35. एकलिंगी और विलिंगी फूलों से क्या अभिप्राय है? (H.P. 2015)
उत्तर-एकलिंगी फूल-ऐसे फूल जिनमें नर तथा मादा जनन अंग अलग-अलग फूलों पर लगते हों अर्थात् एक फूल पर एक ही जनन अंग होता है, नर या मादा एकलिंगी फूल कहलाते हैं। जैसे-पपीता।
द्विलिंगी फूल-ऐसे फूल जिनमें नर तथा मादा जनन अंग एक ही फूल में उपस्थित हों, द्विलिंगी फूल कहलाते हैं, जैसे-टमाटर, बैंगन आदि।
प्रश्न 36. मानव अंडाशय के किन्हीं दो कार्यों को लिखिए।
उत्तर-(i) अंडाशय में मादा अंडाणु उत्पन्न होते हैं।
(ii) यह ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन हॉर्मोनों को स्त्रावित करता है।
प्रश्न 37. युग्मक संलयन क्या है?
उत्तर-नर युग्मक और मादा युग्मक के परस्पर संयोग को संगलन कहते हैं। इससे युग्मनज बनता है।
प्रश्न 38. स्त्रियों में निषेचन कहां होता है?
उत्तर-स्त्रियों में निषेचन डिंब वाहिनी (Fallopian Tube) में होता है।
प्रश्न 39. रजोनिवृत्ति (Menopause) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-मादा में लगभग 50 वर्ष की आयु में अंडाशय और गर्भाशय में होने वाली चक्रीय प्रक्रियाएं बंद हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप रजोधर्म रुक जाता है। इसी स्थिति को रजोनिवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 40. अमीबा में अलैंगिक जनन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर-अमीबा में जनन की सामान्य विधि विखंडन अथवा विभाजन पर आधारित है। इस प्रकार का प्रजनन एककोशिकीय जीवों में सामान्य होता है। इसमें जीवों का शरीर लगभग दो समान भागों में विभक्त हो जाता है। दोनों भागों में केंद्रक और जीव द्रव्य होता है। प्रत्येक भाग परिवर्तित होकर वयस्क जीव बन जाता है।
प्रश्न 41. यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरणों को समझाइए। (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-मुकुलन विधि का संबंध अलैंगिक जनन से है। इस विधि में एक कोशीय कवक यीस्ट की व्यवस्था कोशिका के ऊपर बल्ब की तरह छोटा-सा उभार प्रकट हो जाता है जो आकार में धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। इसे मुकुल कहते हैं। शरीर का केंद्रक दो भागों में बंट जाता है और उन में से एक केंद्रक मुकुल में आ जाता है। नए मुकुल से नया मुकुल बन सकता है। यह क्रिया कई बार दोहराई जा कर यीस्ट कोशिकाओं की एक चेन या कॉलोनी तैयार कर सकती है। मुकुल पैतृक जीव से अलग हो कर पूर्ण विकसित जीव बन जाता है।
प्रश्न 42. कायिक प्रवर्धन की विभिन्न विधियां कौन-कौन सी हैं? किसी एक विधि की व्याख्या उदाहरण साहित कीजिए।
उत्तर-कायिक प्रवर्धन अलैंगिक जनन की प्रक्रिया है। इसमें पौधे का कोई भी भाग नए पौधे के रूप में विकसित किया जा सकता है। तना, पत्ता, शाखा, जड़ आदि का इस में उपयोग किया जाता है।
जड़ों, काट, दाब, रोपण आदि के द्वारा नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं।
रोपण विधि-यह विधि उन पौधों में अपनाई जाती है जो जड़ें पैदा नहीं कर सकते अथवा कमज़ोर जड़ वाले होते हैं। रोपण वह विधि है जिसमें दो पौधों के भागों को इस प्रकार बाँधा जाता है ताकि वह पौधे
पर रह सकें। दो पौधों में से एक को मिट्टी में लगाया जाता है जिसे स्कंध कहते हैं। दूसरा भाग टहनी होती है जिस पर एक या अधिक कलियां होता हैं। इस को कलम कहते हैं। रोपण में दोनों आपसी रूप में एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। स्कंध पानी और खनिज के लिए और कलम कार्बनिक भोजन के लिए। केंबियम की प्रक्रिया के कारण कलम तथा स्कंद एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। इस विधि को अपनाने से हम ऐच्छिक गुणों वाले पौधे तथा फल प्राप्त कर सकते हैं। आम की बहुत-सी किस्में रोपण विधि से ही प्राप्त की जा सकती हैं।
प्रश्न 43. एक लिंगी तथा उभयलिंगी की परिभाषा एक-एक उदाहरण देते हुए लिखिए।
उत्तर-एक लिंगी–वे जीव जिनमें नर और मादा स्पष्ट रूप से अलग-अलग हों उन्हें एक लिंगी जीव कहते हैं उदाहरण-मनुष्य।
उभयलिंगी-जिन जीवों में नर और मादा लिंग एक साथ उपस्थित होते हैं उन्हें उभयलिंगी कहते हैं। उदाहरण-केंचुआ।
प्रश्न 44. किसी पुष्प के जननांगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-फूल में नर और मादा भाग होते हैं। नर जनन अंग को पुंकेसर तथा मादा जनन अंग को स्त्रीकेसर कहते हैं।
(i) पुंकेसर-इसमें पुतंतु होता है और इसके अग्र भाग पर परागकोश (Anther) होता है। इसमें परागकण उत्पन होते हैं।
(ii) स्त्रीकेसर-यह फूल का मादा भाग है। इसके प्रत्येक भाग को स्त्रीकेसर या गर्भ केसर कहते हैं। इस के तीन भाग होते हैं-वर्तिकाग्र, वर्तिका और अंडाशय। अंडाशय के अंदर बीजाणु होते हैं।
प्रश्न 45. परागण क्या है? पर-परागण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-परागकणों के स्त्रीकेसर की वर्तिकाग्र तक पहुंचने की क्रिया परागकण कहलाती है। परागण दो प्रकार का होता है-
- स्वपरागण। 2. पर-परागण।
- स्वपरागण-जब एक ही फूल के परागकण परिपक्व होकर उसी फूल के स्त्रीकेसर की वर्तिकान पर गिर जाते हैं तो यह क्रिया स्वपरागण कहलाती है। जैसे-बैंगन, टमाटर, सरसों।
- पर-परागण-जब एक फूल के परागकण वायु-कीट आदि द्वारा किसी दूसरे फूल के स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र पर गिर जाते हैं तो इस क्रिया को पर-परागण कहते हैं।
पर-परागण के आधार-पर-परागण अनेक प्रकार से होता है-
(i) वायु द्वारा-तेज़ हवा चलने से किसी फूल के परागकण दूसरे फूलों के वर्तिकान पर गिर जाते हैं। फसलों में परागण प्रायः इसी प्रकार से होता है।
(ii) कीट-पतंगों द्वारा-फूलों के रंग- सुगंध से आकृष्ट होकर भंवरे-तितलियां आदि उन पर बैठते हैं पखों, पांव आदि से परागकण चिपक जाते हैं। दूसरे फूलों पर बैठने से वे उनके वर्तिकान में गिर जाते हैं।
(i) पानी द्वारा-पानी में उगने वाले पौधों के परागकण पानी पर बहते हुए दूसरे फूलों का परागण करा देते हैं।
(iv) मनुष्य द्वारा-अच्छे बीज प्राप्त करने के लिए मनुष्य सोच-समझ कर अच्छे परागकणों को फूलों के मादा भागों से मिलाते हैं। इससे वे अच्छी उपज प्राप्त कर पाते हैं।
(v ) पक्षियों द्वारा-फूलों का रस प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयत्न में कुछ पक्षी अपनी चोंच से परागकणों
चिपका कर दूसरे फूलों में पहुंचा कर पर-परागण करा देते हैं।
प्रश्न 46. पौधों में दवि-निषेचन का वर्णन कीजिए।
उत्तर-किसी पौधे पर लगने वाले फूल की परागनली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक के साथ मादा अंडाणु का संलयन हो जाता है और भ्रूण बन जाता है, जिसे निषेचन कहते हैं। बचा हुआ दूसरा नर केंद्रक दो ध्रुवीय संरचनाओं के साथ संलयित होता है और तीन बार संलयन होता है, इसे दोहरा निषेचन कहते हैं। इससे एंडोस्पर्म की उत्पत्ति होती है।
प्रश्न 47. मानव में नर तथा मादा जनद (Gonads) क्या हैं? इन के कार्य इंगित कीजिए।
उत्तर-(i) नर-नर जनन अंग वृषण (testis) हैं। इनमें शुक्राणु उत्पन्न होते हैं जो संतान उत्पत्ति के लिए आवश्यक होते हैं। यह टेस्टोस्टरोन हॉर्मोन भी स्रावित करते हैं।
(ii) मादा-मादा के जनन अंग का नाम अंडाशय है। इस में मादा युग्मक, अंडाणु उत्पन्न होते हैं। यह ऐस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्ट्रोजन हॉर्मोन को स्रावित करता है।
प्रश्न 48. पुरुष तथा स्त्री के द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-(क) नर के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन–
(i) आवाज़ में भारीपन आ जाता है।
(ii) दाढ़ी और मूंछे उग जाती हैं।
(ii) जननांगों पर बाल उग आते हैं।
(ख) मादा के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन–
(i) जननांगों पर बाल उग आते हैं।
(ii) वक्षों का विकास हो जाता है। मांसलता आ जाती है।
(iii) रजोधर्म चक्र आरंभ हो जाता है।
प्रश्न 49. पुरुष तथा स्त्री में पाए जाने वाले एक-एक लैंगिक हॉर्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-नर लिंग हॉर्मोन = टेस्टोस्टरोन
मादा लिंग हॉर्मोन = एस्ट्रोजन।
प्रश्न 50. आर्तव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-मादा के अंडाशय में प्रति मास अंडाणु उत्पन्न होता है। जब निषेचन नहीं होता तब गर्भाशय का कोशिकीय अंतः स्तर गिर जाता है। इसमें रक्त वाहिकाएं विद्यमान होती हैं जिस कारण वह बाहर बहना आरंभ हो जाता है। यह योनि के रास्ते चार से सात दिन तक बहता रहता है। इस प्रक्रिया को रजोधर्म (Menstrution) अथवा आर्तव-चक्र कहते हैं। अंडाशय और गर्भाशय में होने वाली यह प्रक्रिया हर 28वें दिन बाद पुनः होती है। इसे रजोधर्म चक्र या आर्तव चक्र कहते हैं।
प्रश्न 51. रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर बताइए।
उत्तर–
रजोदर्शन
(Menarch) |
रजोनिवृत्ति
(Menopause) |
(i) मादा में लगभग 10-12 वर्ष की आय में प्रक्रिया आरंभ होती है।
(ii) हर 28 दिन बाद रक्त स्राव 4-7 दिन तक होता है। |
(i) अधेड़ अवस्था में लगभग 50 वर्ष की आयु में प्रक्रिया समाप्त होती है।
(ii) रक्त स्राव बंद हो जाता है। |
प्रश्न 52. अंडोत्सर्ग (Ovulation) क्या है?
उत्तर-मादा में परिपक्व अंडाशय हर 28 दिन बाद एक अंडा छोड़ता है। अंडा छोड़ने की इस प्रक्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।
प्रश्न 53. सही (T) या गलत (F) लिखिए–
(i) शुक्राणु तथा अंडाणु का संलयन निषेचन होता है।
(ii) स्त्रियों में आर्तव चक्र की अवधि 20 दिन होती है।
(ii) रजोधर्म का आरंभ रजोनिवृत्ति कहलाता है।
(iv) स्त्री की तुलना में परुष में यौवनारंभ किंचित विलंब से होता है।
उत्तर- (i) सही (T)
(ii) गलत (F)
(iii) गलत (F)
(iv) सही। (T)
प्रश्न 54. आर्तव चक्र के मध्य यदि मैथुन संपन्न हो तभी निषेचन संभव है। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-मादा के अंडाशय में अंडोत्सर्ग रजोधर्म चक्र के बीच में होता है। इसका समय चौदहवां दिन है। इसी ही निषेचन संभव होता है।
प्रश्न 55. बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर-बाह्य निषेचन-इस निषेचन में नर और मादा युग्मकों का संलयन मादा के शरीर के भीतर न होकर बाहर होता है। नर तथा मादा जब संभोग करते हैं तो अपने युग्मकों को जल में छोड़ देते हैं। शुक्राणु अंडाणु को पानी में ही निषेचित करते हैं। उदाहरण-मछली, मेंढक आदि।
आंतरिक निषेचन-निषेचन में नर तथा मादा युग्मकों का संलयन मादा के शरीर के भीतर होता है। मादा के जनन तंत्र में शुक्राणु छोड़ दिये जाते हैं और वहाँ पर उपस्थित अंडाणु को वे निषेचित करते हैं। उदाहरण-मनुष्य सहित सभी उच्चवर्गीय जंतु।
प्रश्न 56. लैंगिक संचरित रोगों को परिभाषित कीजिए और इनके दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर-यौन संबंधों से फैलने वाले रोगों को यौन संक्रमित रोग कहते हैं।
उदाहरण-(i) एड्स (AIDS)
(ii) उपदंश (Syphilis)
(iii) सुजाक (Gonorrhea)।
प्रश्न 57. फूलों पर कीटों के मँडराने का क्या कारण है?
उत्तर-फूलों पर कीटों के मँडराने के निम्नलिखित कारण हैं-
(1) कीट फूलों की सुंदरता के कारण उन पर मँडराते हैं।
(2) कीटों को फूलों से शहद तथा मकरंद प्राप्त होता है।
(3) कई फूल सुगंधित होते हैं जिनके कारण कीट उनकी ओर आकर्षित होते हैं।
प्रश्न 58. अंतर स्पष्ट कीजिए–
(I) परागण और निषेचन (H.P. 2011, Set-B) (II) स्वपरागण और परपरागण।
उत्तर-(I) परागण और निषेचन
परागण | निषेचन |
(1) वह क्रिया जिसमें परागकण स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं, परागण कहलाती है।
(2) यह जनन क्रिया का प्रथम चरण है। (3) परागण क्रिया दो प्रकार की होती है-स्व-परागण और पर-परागण। |
(1) वह क्रिया जिसमें नर युग्मक और मादा युग्मक मिलकर युग्मनज बनाते हैं, निषेचन कहलाती है।
(2) यह जनन क्रिया का दूसरा चरण है। (3) निषेचन क्रिया भी दो प्रकार की होती है-बाह्य निषेचन एवं आंतरिक निषेचन |
(II) स्वपरागण और परपरागण।
स्वपरागण | परपरागण |
(1) पौधे के उसी फूल या उसी पौधे के किसी अन्य फूल से पराग कण वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं।
(2) परागकणों के नष्ट होने की संभावना कम होती है। (3) इस क्रिया से बने बीज कमज़ोर होते हैं।
(4) इस क्रिया से नई जातियां उत्पन्न नहीं होती। |
(1) किसी दूसरे पौधे के फल से परागकण वर्तिकान पर पहुँचते हैं।
(2) परागकणों के नष्ट होने की संभावना सदा बनी रहती है। (3) इस क्रिया से उत्पन्न बीज अधिक स्वस्थ होते हैं। (4) इस क्रिया से नई जातियां उत्पन्न होती हैं। |
प्रश्न 59. अंडे और शुक्राणु में क्या अंतर है?
उत्तर–
प्रश्न 60. किसी एक बहुकोशिकीय जीव का नाम बताओ। एक कोशिकीय जीवों में जनन कैसे होता है?
उत्तर-अमीबा एककोशिकीय जीव है। एककोशिकीय जीवों में जनन लैंगिक तथा अलैंगिक दोनों विधियों से होता है। अमीबा में अलैंगिक विधि द्वारा तथा पैरामिशियम में लैंगिक और अलैंगिक दोनों विधियों द्वारा होता है।
प्रश्न 61. बहुकोशिकीय जीवों में जनन किस प्रकार होता है?
उत्तर-बहुकोशिकीय जीवों में जनन लैंगिक विधि से होता है। कुछ बहुकोशिकीय जीवों में जनन अलैंगिक विधि द्वारा होता है। लैंगिक जनन की क्रिया अंडों द्वारा होती है जिसमें मादा अंडे देती है। नर के शुक्राणु अंडे के साथ मिलकर उन्हें निषेचित कर देते हैं।
प्रश्न 62. किसी एक ऐसे एककोशिकीय जीव का उदाहरण दो जिसमें लैंगिक जनन होता है। वर्णन करो।
उत्तर-पैरामीशियम एक ऐसा बहकोशिकीय जीव है जिसमें लैंगिक जनन होता है। इसमें नर तथा मादा पैरामीशियम जनन क्रिया के दौरान कुछ समय के लिए एक-दूसरे से चिपक जाते हैं। इसके बाद वे अलग हो जाते हैं और उनका विभाजन हो जाता है जिससे संतान पैदा हो जाती है।
प्रश्न 63. क्या कारण है कि उच्च वर्ग के सभी जंतुओं में जनन के लिए दो अलग जीवों की आवश्यकता होती है जबकि उच्च पौधों में ऐसा नहीं होता?
उत्तर-इसका कारण यह है कि उच्च वर्ग के जंतुओं में नर तथा मादा जनन अंग अलग-अलग जीवों में होता है जबकि सभी पौधों में ऐसा नहीं होता क्योंकि पुष्पी पौधों में कई द्विलिंगी होते हैं अर्थात् नर और मादा जनन एक ही अंग एक ही पौधे पर होते हैं।
प्रश्न 64. लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर बताओ।
उत्तर-लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर-
लैंगिक जनन | अलैंगिक जनन |
(1) इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता पड़ती है।
(2) इस प्रकार का जनन उच्च श्रेणी के जीवों में होता है। (3) लैंगिक जनन निषेचन क्रिया के बाद जीव बनना आरंभ करता है। (4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण विकसित हो सकते हैं। (5) इस क्रिया में बीजाणु उत्पन्न नहीं होते। |
(1) इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता नहीं होती।
(2) यह निम्न श्रेणी के जीवों में होता है।
(3) अलैंगिक जीव में निषेचन क्रिया नहीं होती।
(4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण नहीं आ सकते। (5) इस क्रिया में एककोशिकीय बीजाणु (जैसे फफूंदी में) उत्पन्न हो सकते हैं। |
प्रश्न 65. नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं?
उत्तर-नर मानव में वृषण की स्थिति वृषण कोश में होती है जो उदर गुहिका के बाहर नीचे की ओर स्थित होता है। शुक्राणुओं के जनन के लिए निम्न ताप प्राप्ति के लिए ऐसा संभव होता है ताकि शुक्राणु देर तक सक्रिय रह सकें।
प्रश्न 66. अंडोत्सर्ग के भ्रूण तक की स्थितियों का रेखांकन कीजिए।
उत्तर- अंडा I शुक्राणु द्वारा निषेचन I दो कोशिकीय स्थिति
L
चार कोशिकीय स्थिति
L
आठ कोशिकीय स्थिति
भ्रूण JB जननिक J गैसटुला J JJJJBBBबाल्सटुला
प्रश्न 67. एड्स (AIDS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।BB
उत्तर-एड्स (AIDS)-एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो-डेफिशिएंसी सिंड्रोम) नामक रोग एक ऐसे विषाणु (Virus) के कारण होता है जो शरीर के प्रतिरक्षण संस्थान को निष्क्रिय करता है जिसके कारण शरीर को कोई भी रोग सरलता से लग सकता है। इस के वायरस का नाम HIV है। एड्स के रोगी उनके कमज़ोर शरीर पर हुए अन्य आक्रमण के कारण मरते हैं। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने से फैलता है परंतु कभी-कभी इसके विषाणु सीधे ही रक्त में पहुंच जाते हैं। ऐसा तब होता है जब रक्त आधान (खून चढ़ाना) द्वारा किया गया रक्त संक्रमित हो या टीका लगाने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग किया गया हो यह आनुवंशिक भी होता है। इस रोग से संक्रमित माताओं के बच्चों से भी यह रोग माता के रक्त द्वारा पहुँच जाता है इसके उपचार का कोई भी टीका या औषधि अब तक उपलब्ध नहीं है। इस रोग का अधिक प्रकोप अफ्रीका तथा पश्चिमी देशों में है। अज्ञान, ग़रीबी और अशिक्षा के कारण हमारा देश इस रोग के चंगुल में बहुत तेजी से आ रहा है।
प्रश्न 68. लैंगिक संचारित रोग (STD) क्या होते हैं? सुजाक तथा आतशक के लक्षण और उपचार लिखिए।
उत्तर-किसी यौन रोग से संक्रमित व्यक्ति से लैंगिक संसर्ग द्वारा किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक फैलने वाले रोगों को लैंगिक संचारित रोग कहते हैं।
(i) सुजाक (Gonorrhoea)-सुजाक नामक यौन रोग संक्रमित नर या मादा के साथ शारीरिक संबंधों से फैलता है। इसके रोगाणु कटी हुई त्वचा या घावों के द्वारा शरीर में प्रवेश कर यौन अंगों तक पहुंच जाता है। इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। लंबे समय तक बुखार, त्वचा में खुजली, जननांगों पर फुसियां निकलना आदि।
यह रोग सफलता से एंटी बायटिकों के द्वारा उपचारित हो सकता है।
(ii) आतशक (Syphilis)—यह यौन रोग ट्रैपीनेमा पैलीडम (Trepanema Pallidum) रोगाणु से फैलता है। इस रोग में जनन तंत्र, मूत्र नली आदि की झिल्ली प्रभावित होती है। इसका उपचार संभव है।
प्रश्न 69. पूरे नाम लिखिए–
DNA, RNA, AIDS, STD, HIV, WHO, NGO, OC, IUCD.
उत्तर–
DNA = Deoxyribo Nucleic Acid
RNA = Ribo Nucleic Acid
AIDS = Acquired Immuno Deficiency Syndrome
STD = Sexually Transmitted Disease
HIV = Human Immuno Deficiency Virus
WHO = World Health Organisation
NGO = Non Government Organisation
OC = Oral Contraceptives
IUCD = Intra Uterine Contraceptive Devices
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. जीव जनन क्यों करते हैं?
उत्तर-अपनी वंश वृद्धि तथा अस्तित्व बनाए रखने के लिए।
प्रश्न 2. विभिन्न जीव संदृश्य क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-अभिकल्प, आकार और आकृति समान होने के कारण।
प्रश्न 3. गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर-कोशिका के केंद्र में।
प्रश्न 4. किन अणुओं में अनुवंशिक गुण का संदेश होता है।
उत्तर-DNA में।
प्रश्न 5. DNA का पूरा नाम लिखिए। (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-डिऑक्सी राइबो न्यूक्लीक एसिड।
प्रश्न 6. DNA में किस संश्लेषण हेतु सूचना निहित होती है?
उत्तर-प्रोटीन संश्लेषण हेतु।
प्रश्न 7. जनन की मूल घटना क्या है?
उत्तर-DNA की प्रतिकृति बनाना।
प्रश्न 8. DNA की प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाएं किस का उपयोग करती हैं?
उत्तर-रासायनिक क्रियाओं का।
प्रश्न 9. एक कोशिका विभाजित होकर कितनी कोशिकाएं बनाती है?
उत्तर-दो कोशिकाएं।
प्रश्न 10. संतति कोशिका किस अवस्था में मर जाती है?
उत्तर-DNA प्रतिकृति की उग्र विभिन्नता की अवस्था में।
प्रश्न 11. किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध किस से है?
उत्तर-जनन से।
प्रश्न 12. निकेत में परिवर्तन के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-पृथ्वी का तापमान बढ़ना या घटना, जल स्तर में परिवर्तन, किसी उल्का पिंड का पृथ्वी से टकराना। प्रश्न 13. किस अवस्था में समष्टि का समूल विनाश संभव है?
उत्तर-निकेत में उग्र परिवर्तनों के कारण।
प्रश्न 14. वैश्विक उष्मीकरण के कारण कौन से जीवाण मर जाएंगे?
उत्तर-शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीवाणु।
प्रश्न 15. विभिन्नताएं किस लिए आवश्यक हैं?
उत्तर-स्पीशीज़ की उत्तरजीविता बनाए रखने के लिए।
प्रश्न 16. एक कोशिका जीवों में वंश वृद्धि कैसे होती है? (H.P. 2009, SetB)
उत्तर-कोशिका विभाजन या विखंडन द्वारा।
प्रश्न 17. अमीबा में कोशिका विभाजन किस तल से होता है?
उत्तर-किसी भी तल से।
प्रश्न 18. कालाजार के रोगाणु, लेसमानियां में कोशिका के सिरे पर कैसी सूक्ष्म रचना होती है?
उत्तर-कोड़े के समान सूक्ष्म संरचना होती है।
प्रश्न 19. लेसमानियां में विखंडन किस तल से होता है?
उत्तर-एक निर्धारित तल से।
प्रश्न 20. किन जीवों में एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजन होता है।
उत्तर-मलेरिया परजीवी, प्लैज्मोडियम जैसे एक कोशिका जीव।
प्रश्न 21. स्पाइरोगाइरा विकसित होकर किस में खंडित हो जाता है?
उत्तर-छोटे-छोटे टुकड़ों में।
प्रश्न 22. किन जीवों में जनन विधि अधिक जटिल होती है?
उत्तर-बहुकोशिक जीवों में।
प्रश्न 23. पुनरुद्भवन से किन दो जीवों का जनन होता है? (H.P. 2009, Set A)
उत्तर-हाइड्रा और प्लेनेरिया।
प्रश्न 24. ऊतक संवर्धन में नए पौधे किस से उगाए जाते हैं?
उत्तर-पौधे के ऊतक या उसकी कोशिकाओं को पौधे के शीर्ष के वर्धमान भाग से पृथक् करके।
प्रश्न 25. कैलस किसे कहते हैं?
उत्तर-ऊतक संवर्धन में जब कोशिकाएं विभाजित हो कर अनेक कोशिकाओं का छोटा समूह बनाती हैं तो उसे कैलस कहते हैं।
प्रश्न 26. ऊतक संवर्धन से प्रायः कैसे पौधों का संवर्धन किया जाता है?
उत्तर-सजावटी पौधों का।
प्रश्न 27. ब्रेड पर धागे के समान संरचनाएं किस की होती हैं?
उत्तर-राइजोपस के कवक जाल की।
प्रश्न 28. नर युग्मक किसे कहते हैं?
उत्तर-गतिशील जनन कोशिका को।
प्रश्न 29. मादा युग्मक किसे कहते हैं?
उत्तर-जिस जनन कोशिका में भोजन का भंडार संचित होता है।
प्रश्न 30. आवृत बीजी (एंजियोस्पर्म) में जननांग कहां अवस्थित होते हैं?
उत्तर-पुष्प में।
प्रश्न 31. पुष्प के जनन भाग कौन-से हैं?
उत्तर-पुंकेसर और स्त्रीकेसर।
प्रश्न 32. एकलिंगी पुष्प क दा उदाहरण लिाखए।
उत्तर-पपीता, तरबूज।
प्रश्न 33. उभयलिंगी पुष्प के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-गुड़हल, सरसों।
प्रश्न 34. पुष्प के प्रत्येक बीजांड में कितनी अंड-कोशिका होती है?
उत्तर-एक अंड कोशिका।
प्रश्न 35. जनन कोशिकाओं में निषेचन से क्या बनता है?
उत्तर-युग्मनज बनता है।
प्रश्न 36. परागकणों का स्थानांतरण किस से होता है?
उत्तर-वायु, जल और प्राणियों से।
प्रश्न 37. मानवों में कैसा जनन होता है?
उत्तर-लैंगिक जनन।
प्रश्न 38. लड़कियों में रजोधर्म होना तथा लड़कों की दाढ़ी-मूंछ किस अवस्था में निकलने लगती है?
उत्तर-किशोरावस्था में।
प्रश्न 39. यौवनारंभ (प्यूबरटी) किस अवधि को कहते हैं?
उत्तर-किशोरावस्था को।
प्रश्न 40. शुक्राणु उत्पादन का नियंत्रण कौन करता है?
उत्तर-टेस्टोस्टेरॉन।
प्रश्न 41. किसी लड़की के अंडाशय में हज़ारों अपरिपक्व अंड कब से होते हैं?
उत्तर-लड़की के जन्म के समय से ही।
प्रश्न 42. निषेचन के पश्चात् निषेचित अंड कहाँ स्थापित होता है?
उत्तर-गर्भाशय में।
प्रश्न 43. भ्रूण को पोषण कहाँ से मिलता है?
उत्तर-माँ के रुधिर से।
प्रश्न 44. विकासशील भ्रूण द्वारा अपशिष्ट पदार्थों का स्थानांतरण किस के द्वारा होता है?
उत्तर-मां के रुधिर से।
प्रश्न 45. नर तथा मादा युग्मकों के मिलाने की क्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर-नर तथा मादा युग्मकों को मिलाने की क्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
प्रश्न 46. जनन किसे कहते हैं?
उत्तर-जीवों में अपने जैसी सन्तान पैदा करके वंश में वृद्धि करने की क्रिया।
प्रश्न 47. जनन किन-किन ढंगों से होता है? उनके नाम लिखो।
उत्तर-(1) लैंगिक जनन (2) अलैंगिक जनन (3) कायिक जनन।
प्रश्न 48. तने या शाखा को कलम से उगने वाले पौधों के नाम बताओ।
उत्तर-गन्ना, गुलाब, मेहंदी।
प्रश्न 49. कृत्रिम वर्धन से कौन-से पौधे उगाए जाते हैं? चार उदाहरण दें?
उत्तर-अंगूर, गुलाब, अंजीर, शहतूत।
प्रश्न 50. कायिक जनन के तीन प्रकार बताएं।
उत्तर- (1) कलम या कटिंग (2) रोपण या ग्राफ्टिग और (3) दाब लगाना या लेयरिंग।
प्रश्न 51. कलम द्वारा उगाये जाने वाले पौधे के दो उदाहरण प्रस्तुत करें।
उत्तर-(1) गुलाब और (2) बोगनवेलिया।
प्रश्न 52. गुलाब के तने के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर भूमि में गाड़ दिये गये। कुछ दिनों बाद उनमें जड़ें निकल आती हैं। यह किस प्रकार के कायिक जनन को प्रकट करता है?
उत्तर-कलम या कटिंग।
प्रश्न 53. नींबू की एक शाखा को झुका कर उसके एक भाग को मिट्टी में दबा दिया जाए तो कुछ दिनों बाद उस शाखा में क्या परिवर्तन दृष्टिगोचर होंगे?
उत्तर-मिट्टी में दबे भाग से जड़ें निकल आयेंगी।
प्रश्न 54. उन दो पौधों के नाम दीजिए जिनमें दाब लगा कर नए पौधे तैयार किए जाते हैं?
उत्तर-(1) चमेली (2) मौंगरा।
प्रश्न 55. कायिक जनन के दो मुख्य महत्त्व लिखिए।
उत्तर- (1) थोड़े समय में फसल तैयार करना। (2) अच्छी किस्म के पौधे प्राप्त करना।
प्रश्न 56. मुकुल या कलिका किसे कहते हैं?
उत्तर-शरीर भित्ति से निकला हुआ छोटा प्रबंध जो कुछ समय पश्चात् शरीर से अलग होकर नये जीव को जन्म देता है।
प्रश्न 57. कलम एवं दाब लगाकर नये पौधे उत्पन्न करने के कौन-से दो मुख्य लाभ हैं?
उत्तर-(1) सभी नए पौधे मूल या मातृ पौधे के समान होते हैं।
(2) नए पौधे थोड़े ही समय में तैयार हो जाते हैं।
प्रश्न 58. अलैंगिक जनन के लिए पौधों में कौन-से चार उपाय हैं?
उत्तर- (1) द्विविभाजन (2) बहुविभाजन (3) चल बीजाणु (4) अचल बीजाणु।
प्रश्न 59. किन्हीं तीन पौधों के नाम बताओ जिनमें प्राकृतिक कायिक वर्धन होता है?
उत्तर-आलू, अरबी, केला।
प्रश्न 60. ऐसी अवस्था जिसमें वृक्ष के किसी भाग से पौधे तैयार किये जाते हैं, उसको क्या कहते हैं?
उत्तर- कृत्रिम कायिक जनन।
प्रश्न 61. किन्हीं तीन पौधों के नाम बताओ जिनमें कृत्रिम कायिक जनन होता है?
उत्तर-(1) अंगूर, (2) गुलाब (3) शहतूत।
प्रश्न 62. पुष्पी पौधों में लैंगिक जनन किसके द्वारा होता है?
उत्तर-फूल।
प्रश्न 63. फूल में पौधे के नर भाग का क्या नाम है?
उत्तर-पुंकेसर।
प्रश्न 64. फूल में मादा भाग का नाम बताओ।
उत्तर-स्त्रीकेसर।
प्रश्न 65. स्त्रीकेसर के नीचे वाले मोटे भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर-अंडाशय।
प्रश्न 66. बीजांड कहाँ लगते हैं?
उत्तर-अंडाशय के भीतर।
प्रश्न 67. परागण क्रिया क्या होती है?
उत्तर-पौधों में निषेचन क्रिया के पूर्व पराग कणों के स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं।
प्रश्न 68. निषेचन क्रिया के पश्चात् युग्मनज में क्या बनता है?
उत्तर-भ्रूण।
प्रश्न 69. संकर प्रजनन क्या होता है?
उत्तर-दो विभिन्न जातियों के नर तथा मादा द्वारा लैंगिक जनन संकर प्रजनन कहलाता है।
प्रश्न 70. प्राणियों में अलैंगिक अथवा कायिक जनन के मुख्य रूप क्या हैं?
उत्तर-द्विविभाजन, बहुविभाजन, खंडन और मुकुलन।
प्रश्न 71. एककोशिकी प्राणियों में अलैंगिक जनन की सामान्य विधि क्या है?
उत्तर-द्विभाजन।
प्रश्न 72. द्विविभाजन का एक उदाहरण दो। (H.P. 2009, Set-B, 2010 Set-A)
उत्तर-अमीबा।
प्रश्न 73. बहुविभाजन द्वारा जनन का एक उदाहरण दो। (H.P. 2009, Set C)
उत्तर-मलेरिया परजीवी (प्लाज्मोडियम)।
प्रश्न 74. हाइड्रा में अलैंगिक जनन की विधि का नाम बताओ।
उत्तर-मुकुलन।
प्रश्न 75. यदि हम हाइड्रा के कई टुकड़े कर दें तो प्रत्येक टुकड़ा कुछ समय बाद एक नया हाइड्रा बन जाए तो यह किस प्रकार का जनन है?
उत्तर-पुनरुद्भवन या रिजेनरेशन।
प्रश्न 76. युग्मक किसे कहते हैं?
उत्तर-नर और मादा जनन कोशिकाओं को।
प्रश्न 77. नर तथा मादा युग्मकों को क्या कहते हैं?
उत्तर-शुक्राणु तथा अंडाणु।
प्रश्न 78. उभयलिंगी जीव किन्हें कहते हैं?
उत्तर-जिन जीवों में नर और मादा दोनों युग्मक जब एक ही जीव द्वारा पैदा किए जाते हैं।
प्रश्न 79. एकलिंगी जीव क्या होते हैं?
उत्तर-जब जीव एक ही प्रकार अर्थात् नर अथवा मादा युग्मकों की उत्पत्ति करते हैं तब ये एकलिंगी कहलाते हैं।
प्रश्न 80. द्विलिंगी जन्तुओं के उदाहरण दें।
उत्तर- (1) हाइड्रा (2) केंचुआ।
प्रश्न 81. निषेचन क्रिया क्या है?
उत्तर-शुक्राणु तथा अंडाणु के संयुग्मन को।
प्रश्न 82. युग्मनज या जाइगोट किसे कहते हैं?
उत्तर-शुक्राणु और अंडाणु के संयुग्मन के फलस्वरूप बनने वाली रचना को कहते हैं।
प्रश्न 83. शिशु को जन्म देने वाले जीवों को क्या कहते हैं?
उत्तर-जेरायुज (Viviparous)।
प्रश्न 84. अंडे देने वाले जीव को क्या कहते हैं?
उत्तर-अंडज (Oviparous)।
प्रश्न 85. बिना नर-मादा के बच्चों को उत्पन्न करने वाले जंतुओं को क्या कहते हैं?
उत्तर-उत्तभुज।
प्रश्न 86. मूंगे और स्पंज अपनी वंश वृद्धि जनन की कौन-सी क्रिया द्वारा करते हैं?
उत्तर-अलैंगिक।
प्रश्न 87. स्पाइरोगायरा और अमीबा में किस प्रकार का जनन होता है?
उत्तर-अलैंगिक जनन होता है।
प्रश्न 88. जरायुज का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-गाय।
प्रश्न 89. अंडज का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-छिपकली।
प्रश्न 90. पौधों में लैंगिक जनन के अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-पौधों में लैंगिक जनन के अंग निम्नलिखित हैं-
- पुमँग-यह पौधे का नर जनन अंग है।
- जायांग-यह पौधे का मादा जनन अंग है।
प्रश्न 91. कायिक प्रवर्धन किसे कहते हैं?
उत्तर-जड़, तने और पत्ते द्वारा पौधे उगाने की कुछ विधियों को कायिक प्रवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 92. लैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-इसमें नर और मादा युग्मक मिलकर एक कोशिकीय युग्मनज बनाते हैं जिससे नये जीव का शरीर बनता है।
प्रश्न 93. दो प्रकार के परागण के नाम बताइए।
उत्तर-(1) स्वयं परागण (2) पर परागण।
प्रश्न 94. बहुखंडन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-बहुखंडन से बहुत से नये जीव एक पौधे से पैदा होते हैं।
प्रश्न 95. उस रचना का नाम बताइए जो जीव के विकास का आरंभिक बिंदु है?
उत्तर-युग्मनज।
प्रश्न 96. तीन जीवों के नाम बताइए जहाँ अलैंगिक जनन होता है?
उत्तर-अमीबा, पैरामिशियम और युग्लीना।
प्रश्न 97. स्त्रीकेसर के तीन भाग लिखिए।
उत्तर-अंडाशय, वर्तिका, वर्तिकाग्र।
प्रश्न 98. स्त्रीकेंसर के किस भाग में बीजांड होते हैं?
उत्तर-अंडाशय।
प्रश्न 99. फीटस किसे कहते हैं?
उत्तर-गर्भ धारण के दो या तीन महीने बाद विकसित हो रहे बच्चे को फीटस कहते हैं।
प्रश्न 100. पराग नलिका में कितने नर युग्मक बनते हैं?
उत्तर-दो।
प्रश्न 101. जब मादा किशोर अवस्था में आती है तो कौन-से सैकेंडरी लैंगिक लक्षण दिखाई देते हैं?
उत्तर-मादा में जननांगों और जांघों पर बाल उगने लगते हैं।
प्रश्न 102. वीर्य क्या है?
उत्तर-वीर्य में शुक्राणु और कुछ ग्रंथियों का स्राव होता है।
प्रश्न 103. नर एवं मादा में शारीरिक भिन्नता क्यों होती है?
उत्तर-नर एवं मादा में शारीरिक भिन्नता का प्रमुख कारण उनमें नर एवं मादा हार्मोंस ऐस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रॉन का पाया जाना होता है।
प्रश्न 104. शुक्राशय का एक कार्य लिखिए।
उत्तर-यह शुक्राणुओं का संग्रहण तथा पोषण करने के साथ उनके प्रचलन के लिए आधारभूत स्रावित करता है।
प्रश्न 105. जनन किसे कहते हैं? जनन के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-जनन जीवधारियों का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण है इस प्रक्रम में जीवधारी अपने ही समान दूसरी पीढ़ी को उत्पन्न करते हैं। जनन के कारण ही आज तक जीवन की निरंतरता बनी हुई है।
जीवों में जनन प्रायः दो प्रकार के होते हैं-(1) अलैंगिक जनन एवं (2) लैंगिक जनन।
प्रश्न 106. प्लेसेंटा किसे कहते हैं?
उत्तर-गर्भवती माँ के गर्भाशय की दीवार तथा भ्रूण की झिल्ली के संयोजन की एक नाल की रचना होती है जसे आँवल या गर्भनाल या प्लेसैंटा कहते हैं। प्लेसेंटा में पर्याप्त रुधिर कोशिकाएं होती हैं जिनके द्वारा माता का रुधिर भ्रूण या गर्भ के शरीर में आता जाता रहता है।
प्रश्न 107. प्लेसेंटा के कार्य लिखिए।
उत्तर-प्लेसेंटा एक गर्भवती माँ में उपस्थित होता है। प्लेसेंटा के द्वारा भ्रूण को आवश्यक भोजन, जल एवं
वायु आदि पदार्थ उपलब्ध होते हैं तथा भ्रूण के अपशिष्ट पदार्थ इसी के द्वारा माँ के शरीर में प्रवेश करते हैं वहाँ से उत्सर्जन द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
प्रश्न 108. प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से कितने शुक्राणु तथा 100 प्राथमिक असाइट से कितने अंडाणु पैदा होंगे?
उत्तर-100 प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से 400 शुक्राणु तथा 100 प्राथमिक असाइट से 100 अंडाणु पैदा होंगे। प्रश्न 109. नर मनुष्य के जनन अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-नर मनुष्य में मुख्यतः निम्नलिखित जनन अंग पाए जाते हैं-
(1) वृषण, (2) एपिडिडाइमिस, (3) शुक्रवाहनियाँ, (4) मूत्रमार्ग (5) शिशन (6) सहायक ग्रंथियाँ, (7) प्रोस्टेट ग्रंथि, (8) काउपर्स ग्रंथियां।
प्रश्न 110. 100 प्राइमरी असाइट से कितने अंडाणु उत्पन्न होंगे?
उत्तर-100.
प्रश्न 111. 100 प्राइमरी स्पर्मेटोसाइट से कितने शुक्राणु उत्पन्न होंगे? महाशा
उत्तर-400.
प्रश्न 112. शुक्राणु जनन में क्या होता है?
उत्तर -(1) माइटोसिस, (2) मिओसिस।
प्रश्न 113. शुक्राणु किस के द्वारा गति करता है?
उत्तर-पूँछ द्वारा।
प्रश्न 114. अंडाशय की ग्राफीय पुटिका से स्रावित हॉर्मोन कौन-सा है?
उत्तर-एस्ट्रोजन।
प्रश्न 115. कॉपर ल्यूटिम कहां होता है?
उत्तर-अण्डाशय।
प्रश्न 116. ग्रेफियन पुटिकाएं कहाँ होती हैं?
उत्तर-मनुष्य के अंडाशय।
प्रश्न 117. पुनर्जनन से उत्पन्न प्राणी का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-स्टारफिश।
प्रश्न 118. स्त्रियों का मूत्राशय खुलता है?
उत्तर-बेस्टीबूल में।
प्रश्न 119. मनुष्य के अंडाशय में डिंबाणु से मुक्त होने को क्या कहते हैं?
उत्तर-ओवूलेशन।
प्रश्न 120. नर वृषण शरीर से बाहर क्यों होते हैं?
उत्तर-शक्राणुओं को अधिक देर सक्रिय रखने के लिए कम तापमान की प्राप्ति हेतु।
प्रश्न 121. यौवन की आयु क्या होती है?
उत्तर-लड़कों में 13-14 वर्ष, लड़कियों में 10-12 वर्ष।
प्रश्न 122. मनुष्य में निषेचन कहाँ होता है?
उत्तर-डिंब वाहनी में।
प्रश्न 123. अंडोत्सर्ग कब होता है?
उत्तर-रजोधर्म के 12-14 दिन के बाद।
प्रश्न 124. मनुष्य की मादा में गर्भकाल कितना होता है?
उत्तर-लगभग नौ मास।
प्रश्न 125. नर और नारी में परिवार नियोजन के लिए की जाने वाली शल्य चिकित्सा में क्या अंतर है। उत्तर-नर में शुक्रवाहिनियाँ और नारी में अंडवाहिनी को काट कर बाँधा जाता है।
प्रश्न 126. IUCD क्या है? (H.P. 2011, See-C)
उत्तर-IUCD (इंटरायूटीरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) नारी गर्भाशय में लगाई जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भ निरोधक का कार्य करती है।
प्रश्न 127. यौन संक्रमित रोगों का मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर-मूत्र त्यागते समय मूत्रद्वार नली में जलन का अनुभव होता है।
प्रश्न 128. S.T.D. क्या है? (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-S.T.D. (Sexually Transmitted Disease) यौन संक्रमित रोग होते हैं।
प्रश्न 129. दो यौन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-गोलेरिया, सिफलिस।
प्रश्न 130. अनेक संचरणीय रोगों की रोकथाम किस के प्रयोग से संभव है?
उत्तर-कंडोम के प्रयोग से।
प्रश्न 131. हमारे देश में भ्रूम लिंग निर्धारण को क्या घोषित किया गया है?
उत्तर-एक कानूनी अपराध।
प्रश्न 132. मादा भ्रूण हत्या से हमारे देश में तेजी से क्या घट रहा है?
उत्तर-शिशु लिंग अनुपात।
प्रश्न 133. उस जीव का नाम बताइए जो द्विखंडन से जनन करता है। (H.P. 2010 Set-A, 2013 Set-A)
उत्तर-अमीबा।
प्रश्न 134. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
उत्तर-टेस्टीस्ट्रेरॉन नामक नर लैंगिक हॉर्मोन उत्पन्न करना।
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- जीव को संतति उत्पन्न करने के लिए क्या व्यय करना पड़ता है।
(A) पानी (B) ऊर्जा
(C) रक्त (D) उपरोक्त सभी।
- विभिन्न जीव इसलिए दृष्टिगोचर होते हैं, क्योंकि वे …….. करते हैं।
(A) ऊर्जा व्यय (B) संतति उत्पन्न
(C) जनन (D) उपरोक्त सभी।
- एककोशिक जीवों में किसके द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होती है?
(A) विखंडन (B) जनन
(C) बहुखंडन (D) उपरोक्त सभी।
- हाइड्रा जैसे कुछ प्राणी पुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग किसके लिए करते हैं?
(A) मुकुलन (B) पुनरुद्भवन
(C) बहुखंडन (D) उपरोक्त सभी।
- DNA में किसके हेतु सूचना निहित होती है?
(A) प्रोटीन संश्लेषण (B) प्रकाश संश्लेषण
(C) उपरोक्त दोनों (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- ब्रेड पर कौन-से कवक का जाल पाया जाता है?
(A) प्रोटोज़ोआ (B) वायरस
(C) राइज़ोपस (D) उपरोक्त सभी।
7.. निम्नलिखित में से कौन-सा पुष्प उभयलिंगी है?
(A) पपीता (B) तरबूज़
(C) गुड़हल (D) उपरोक्त सभी।
- किशोरावस्था की अवधि को क्या कहते हैं?
(A) प्यूबरटी (B) अंडोत्सर्ग
(C) आरोपण (D) निषेचन।
- निम्नलिखित में से कौन यौन संबंधी रोग है?
(A) HIV-AIDS (B) गोनेरिया
(C) सिफ़लिस (D) उपरोक्त सभी।
- दो विभिन्न पौधों के दो विभिन्न भागों को इकट्ठा करके उन्हें एक पौधे के समान बदलना क्या कहलाता है?
(A) मुकुलन (B) विखंडन
(C) लैंगिक जनन (D) रोपण।
- अंडाशय से अंडा छोड़ने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(A) अंडोत्सर्ग (B) आरोपण
(C) निषेचन (D) परागण।
- स्त्रियों में निषेचन कहाँ होता है?
(A) अंडाशय (B) पेट में
(C) डिंब वाहिनी (D) गर्भाशय।
- मादा में कितनी आयु में अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाली चक्रीय प्रक्रियाएं बंद हो जाती हैं।
(A) 19 वर्ष (B) 40 वर्ष
(C) 50 वर्ष (D) 100 वर्ष।
- नर का जननांग क्या है?
(A) अंडाशय (B) वृषण
(C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- कायिक जनन पौधों के निम्न भागों से हो सकता है–
(A) शाखा, जड़, फूल (B) शाखा, जड़, पत्ते
(C) शाखा, फूल, फल (D) शाखा, पत्ते, फूल।
- आनुवंशिक गुणों का संदेश किसमें होता है, जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है।
(A) DNA (B) प्रोटीन
(C) स्पीशीज़ (D) टेस्टोस्टेरॉन।
- जनन कोशिका में DNA का कितनी प्रतिकृतियां बनती हैं?
(A) एक (B) देा
(C) तीन (D) चार।
- किसी प्रजाति की समष्टि का संबंध किससे होता है?
(A) वृद्धि (B) परिवर्तन
(C) जनन (D) विकास।
- वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण ताप पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(A) बढ़ता है (B) समान रहता है
(C) घटता है (D) घटता-बढ़ता रहता है।
- द्विखंडन से जन्म होता है–
(A) अमीबा (B) हाइड्रा
(C) प्लेनेटिया (D) प्लैज्मोजियम।
- लेस्यानिया में वंश वृद्धि किस विधि से होती है?
(A) द्विखंडन (B) पुनरुद्भवन
(C) मुकुलन (D) कायिक।
- मुकुलन से वृद्धि करता है–
(A) हाइड्रा (B) प्लैज्योज्यिम
(C) अमीबा (D) युग्लीना।
- पपीता, तरबूज आदि है–
(A) एक लिंगी से (B) उभय लिंगी
(C) बहुलिंगी (D) इनमें से कोई नहीं।
- गुड़हल, सरसों आदि है–
(A) उभय लिंगी (B) एक लिंगी
(C) ये दोनों (D) इनमें से कोई नहीं।
- कौन-सा हॉर्मोन लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों को नियंत्रित करता है?
(A) टेस्टोस्टेरॉन (B) इंसुलिन
(C) एड्रीनलीय (D) एस्ट्रोजन।
- कौन-सा हॉर्मोन लड़कियों में यौवनावस्था के लक्षणों को नियंत्रित करता है?
(A) एस्ट्रोजन (B) टेस्टोस्टेरॉव
(C) कायरॉक्सिन (D) इंसुलिन।
- ऋतुस्राव की अवधि कितने दिनों की होती है?
(A) 2-3 (B) 2-6
(C) 2-8 (D) 2-12.
- अमीबा में जनन होता है–
(A) द्विखंडन (B) बहुखंडन
(C) मुकुलन (D) पुनरुद्भवन।
- नर में वृषण क्यों उदर गृह के बाहर वृषण कोष में होते हैं?
(A) सुरक्षा कारणों से
(B) क्योंकि शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक ताप शरीर के ताप से कम चाहिए
(C) उचित मात्रा में शुक्राणुओं का स्थानांतरण योनि में करने के लिए
(D) उपरोक्त कोई नहीं।
- डी० एन० ए० का विस्तृत नाम है–
(A) डिऑक्सी राइबोस न्यूक्लिक अम्ल (B) डिएल्कोहन न्यूक्लिक अम्ल
(C) डिऑक्सी न्यूक्लिक अम्ल (D) उपरोक्त सभी।
- मादा मानव में योनि मार्ग से हर माह रुधिर एवं म्यूकस के निष्कासित को कहते हैं–
(A) रजोधर्म (B) निषेचन
(C) लेस्मानीया (D) कुछ भी नहीं।
- मुकुलन किस जीव में देखी जा सकती है?
(A) ब्रायोफिलम (B) हाइड्रा
(C) ईस्ट (D) ऊपर के सभी।
- निम्न में से मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है। (H.P. 2014 Set-C)
(A) अंडाशय (B) गर्भाशय
(C) शुक्रवाहिका (D) डिबवाहिनी।
- पराग कोश में होते हैं– (H.P. 2014 Set-B)
(A) बाह्य दल (B) अंडाशय
(C) अंडज (D) परागकण।
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो–
(i) मादा के जननांग का नाम …………. है।
(ii) मादा में परिपक्व अंडाशय हर …………. बाद एक अंडा छोड़ता है।
(iii) शुक्राणु पूँछ की सहायता से ………… सकते हैं।
(iv) …………… जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण नहीं आ सकते।
(v) जनन की मूल घटना …………… की प्रतिकृति बनाना है।
(vi) गुणसूत्र …………. के केंद्र में पाए जाते हैं।
(vii) पुष्प के प्रत्येक बीजांड में …………. अंड कोशिका होती है।
(viii) शुक्राणु उत्पादन का नियंत्रण ………… करता है।
- निम्नलिखित में से सही जोड़े छाँटिए–
(i) प्लेनेरिया (i) कृत्रिम वर्धन
(ii) प्यूबरटी (ii) फूल में मादा भाग
(iii) अंगूर (iii) आलू, अरबी
(iv) निषेचित अंड (iv) द्विविभाजन
(v) कायिक वर्धन (v) छिपकली
(vi) स्त्रीकेसर (vi) पुनरुद्भवन
(vii) अमीबा (vii) मिओसिस
(viii) अंडज (viii) गर्भाशय
(ix) शुक्राणु जनन (ix) यौवनारभ।
- निम्नलिखित में से सही और गलत छाटिएँ–
(i) वीर्य में शुक्राणु और कुछ ग्रंथियों का स्राव होता है।
(ii) 100 फाइमरी असाइट में 100 अंडाणु उत्पन्न होंगे।
(iii) अंडोत्सर्ग रजोधर्म के 22-24 दिन के बाद होता है।
(iv) मनुष्य में निषेचन अंडाशय में होता है।
(v) स्त्रियों का मूत्राशय बेस्टीबूल में खुलता है।
(vi) फूल में नर भाग का नाम पुंकेसर है।
(vii) मानवों में लैंगिक जनन होता है।
(viii) स्पाइरोगाइरा विकसित होकर बड़े-बड़े टुकड़ों में खंडित हो जाता है।
उत्तर–
- (B) ऊर्जा 2. (C) जनन 3. (A) विखंडन 4. (A) मुकुलन
- (A) प्रोटीन संश्लेषण 6. (C) राइज़ोपस 7. (C) गुड़हल 8. (A) प्यूबरटी
- (D) उपरोक्त सभी 10. (D) रोपण 11. (A) अंडोत्सर्ग 12. (C) डिंब वाहिनी
- (C) 50 वर्ष 14. (B) वृषण 15. (B) शाखा, जड़, पत्ते 16. (A) DNA, ‘
- (B) दो, 18. (A) जनन, 19. (A) बढ़ता है, 20. (A) अमीबा,
- (A) द्विखंडन, 22. (A) हाइड्रा, 23. (A) एक लिंगी, 24. (A) उभय लिंगी,
- (A) टेस्टोस्टेरॉन, 26. (A) एस्ट्रोजन, 27. (C) 2-8. 28. (A) दविखंडन
- (B) क्योंकि शक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक ताप शरीर के ताप से कम चाहिए
- (A) डिऑक्सी राइबोस न्यूक्लिक अम्ल
- (A) रजोधर्म 32. (B) हाइड्रा। 33. (A) अंडाशय 34. (D) परागकण
- (i) अंडाशय (ii) 28 दिन (ii) तैर (iv) अलैंगिक (v) DNA (vi) कोशिका (vii) एक (viii) टेस्टोस्ट्रोन 36. (i)-(vi), (ii)-(ix), (ii)-(i), (iv)-(viii), (v)-(iii), (vi)-(ii), (vii)-(vi), (viii)-(v), 37. (vii) 35. (i) ü (ii) ü (iii) x (iv) x (v) ü (vi) ü (vii) ü (viii)x.