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‘गांधी जी भारत की आवाज थे, कोई कितना भी बड़ा विरोधी हो, उनको नकार नहीं सकता’
Last Updated on February 17, 2020 by Sintu Kumar
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तारीफ की है। भागवत ने सोमवार को जेएस राजपूत की पुस्तक ‘गांधी को समझने का यही समय’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गांधीजी की प्रासंगिकता तो रहती ही है। उनके विचारों को जानना पड़ेगा। आज उनके विचार का कार्बन कॉपी तो नहीं किया जा सकता। लेकिन उनके विचार समझने और अपने कामों में रचाने बसाने की जरूरत है। आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि गांधी जी भारत की आवाज थे। वह भारतीय दृष्टि के जीते जागते उदाहरण थे। गांधी जी की सत्यनिष्ठा अविवादित है। कोई कितना भी विरोधी हो, वो उन्हें नकार नहीं सकता है।
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उन्होंने कहा, ‘गांधी को अपने हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई। उन्होंने कई बार कहा कि मैं पक्का सनातनी हूं। सभी अपने अपने धर्म को मानो और शांति से रहो यही वो कहते थे। शुरू के दिनों में वो तकनीकी के विरोधी थे लेकिन बाद में उसमें परिवर्तन कर लिया। 1920 में डॉ हेडगवार ने कहा था कि गांधीजी के जीवन का अनुसरण करना चाहिए।’ मोहन भागवत ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि आज शंकाओं को पैदा करने वाले लोग हैं और शंकाओं के बीच में कहीं जाते हैं तो झगड़ा पैदा होता है। आज जब मैं घूमता हूं तो लगता है कि परिस्थिति निराशा की नहीं है। आज नहीं तो 20 साल बाद हम ये कह सकते हैं कि बापू आप चले गए थे। अब आकर आप आराम से रह सकते हैं। ये मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं।