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हिमाचल के इस बाशिंदे ने ऐसे लड़ी Cancer से लड़ाई, बात याद आई तो आंख भर आई
Last Updated on February 18, 2020 by
आनी। घातक कैंसर (Cancer) का नाम सुनते ही परिवार डर गया था, ईलाज की चिंता सताने लगी थी। इसी चिंता में पूरा परिवार डूबा हुआ था, कई बार तो जिंदगी की उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन सरकार की एक योजना फरिश्ता बनकर आई, सरकार ने 5 लाख तक मुफ्त इलाज का वादा किया और अब मैं इस योजना से मुफ्त में इलाज करने के बाद कम से कम जिंदगी की उम्मीद करने लगा हूं। कोप्टू निवासी कलमू राम (Koptu resident Kalamu Ram) ये शब्द कहते हुए भावुक हो जाते हैं।
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कलमू राम को कुछ समय पहले घातक कैंसर ने जकड़ लिया था। उनका कहना है कि यदि सरकार ने 5 साल तक मुफ्त इलाज की योजना न चलाई होती तो शायद ही इस रोग से लड़ पाते। वह गरीब परिवार से संबंध रखते हैं, उनका एक बेटा है और आय के कोई खास साधन नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना (Himcare Scheme of Himachal Government) ने उनके जीवन में वरदान बनकर आई। कलमू राम न कहा कि वह कई बार योजना के तहत अपने रोग का इलाज करवा चुके हैं। यदि उन्हें अपनी जेब से ईलाज पर खर्च करना पड़ता तो शायद यह उनके लिए संभव नहीं था और वह जिंदगी की जंग हार जाते। ऐसे में सरकारी योजना ने उन्हें नई उम्मीद दी।
क्या हैं योजना के लाभ
चयनित परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक निशुल्क इलाज का प्रावधान है। हर परिवार से अधिकतम पांच सदस्य इस कैशलेस उपचार पैकेज का लाभ उठा सकते हैं। पांच से अधिक सदस्यों वाला परिवार अपने शेष सदस्यों को हर अतिरिक्त इकाई के लिए अधिकतम पांच सदस्यों के साथ एक अलग इकाई में नामांकित कर सकता है। इस स्कीम में लगभग 1800 उपचार प्रक्रियाओं कवर की जा रही है | जिसमे डे-केयर सर्जरी भी शामिल हैं। परिवार के सभी सदस्य इस योजना के तहत शामिल होने के पात्र है | इसमें कोई आयु सीमा निश्चित नहीं की गयी है | प्रदेश में 193 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें लाभार्थी नि:शुल्क इलाज प्राप्त कर सकते हैं।