-
Advertisement
Himachal में सुधरा शिक्षा का स्तर, Performance Grading Index में छठा रैंक
Last Updated on February 26, 2020 by
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है। ये हम नहीं बल्कि परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (Performance grading index) कह रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जारी हुए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2018-19 में हिमाचल ने 1000 में से 799 अंक लेकर देश भर में छठा रैंक (sixth rank) प्राप्त किया है। 2017-18 की रेंटिंग में हिमाचल (Himachal) का 14वां रैंक था। इस दौरान प्रदेश को 1000 में से 736 अंक मिले थे। शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी सुविधाएं, समान शिक्षा और गवर्नेंस प्रोसेस के मामले में हिमाचल ने देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
यह भी पढ़ें:हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने वेबसाइट पर Upload किए Admit Card, करें अपलोड
केंद्रीय मंत्रालय ने 70 बिंदुओं के पैमाने पर आधारित परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) रिपोर्ट को 2018 से तैयार करने की शुरुआत की है। मंत्रालय ने इन बिंदुओं के आधार पर सभी राज्यों से ऑनलाइन जानकारी मांगी थी। इस सूचना के आधार पर 2018-19 की रिपोर्ट तैयार हुई है। राज्यों की शिक्षा व्यवस्था के प्रदर्शन को सात ग्रेड में विभाजित किया था, जो कि शून्य से 1000 वेटेज पर आधारित था। लेवल वन और टू में कोई राज्य शामिल नहीं हो सका है।
किसी भी राज्य की परफॉर्मेंस 901-1000 नंबरों के मानकों को पूरी नहीं कर सकी। चंडीगढ़, गुजरात और केरल को लेवल थ्री 851-900 का वेटेज और ग्रेड एक प्लस की श्रेणी मिली है। महाराष्ट्र और दिल्ली को लेवल फोर 801-850 का वेटेज और ग्रेड एक की श्रेणी मिली है। हिमाचल, हरियाणा व पंजाब को 751-800 वेटेज के साथ ग्रेड दो मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षकों, प्राचार्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी, नियमित पर्यवेक्षण और निरीक्षण की कमी, शिक्षकों के अपर्याप्त प्रशिक्षण, वित्त की समय पर उपलब्धता के मुद्दे शिक्षा प्रणाली को विफल करने वाले कारक हैं।