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विज्ञान विषयः अध्याय-12 … विद्युत
Last Updated on March 1, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है? (H.P. 2009 Set-C, 2011 Set-C, 2015 Set-C)
उत्तर-विद्युत परिपथ एक ऐसा मार्ग है जिसमें विद्युतधारा को एकांक समय में किसी विशेष क्षेत्र से प्रवाहित समावेश के परिमाण द्वारा व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
(H.P. 2009, Set-B, 2010, Set-A, 2011 Set-B, C, 2013 Set-C, 2014 Set-C)
उत्तर-विद्युत धारा का S.I. मात्रक है एंपियर (A) और एक एंपियर विद्युत धारा की रचना प्रति सेकिंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह से होती है अर्थात् IA = 1 C/IS
प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलैक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर-एक इलैक्ट्रॉन पर विद्युत आवेश होता है = 1.6 x 10-19 C
तो एक कूलॉम में इलैक्ट्रॉन होंगे-
Q IC
n = ___ = _____________= 6.25×1018
e 1.6×10-19c
प्रश्न–
प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है? (H.P. Model Q. paper 2009, 2009, Set-C)
उत्तर-सैलों से बनी बैटरी विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर IV है?
उत्तर-किसी धारावाही विद्युत परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विद्युत् विभवांतर को हम उस कार्य द्वारा परिभाषित करते हैं जो एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में किया जाता है।
किया गया कार्य (w)
दो बिंदुओं के बीच विभवांतर (V) = _____________________________
आवेश (Q)
V = W/Q
प्रश्न 3. 6V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
(H.P. 2011, Set B)
उत्तर–
ऊर्जा = आवेश x वोल्टेज़
= 1×6 = 6 जूल।
प्रश्न–
प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
(H.P. 2009, Set A, 2010, Set-A, 2011, Set-A, 2012, Set-C, 2014 Set-A, 2015 Set-B, 2016 Ser-C)
उत्तर-एक चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है-
(i) उसकी लंबाई (L)। R ∝ l
1
(ii) उसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (A) R ∝ _______
A
(iii) चालक पदार्थ की प्रकृति।
प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर-विद्युत धारा मोटे तार में से आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार के प्रतिरोध की अपेक्षा कम है।
प्रश्न 3. मान लीजिए किसी वैद्युत् अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर-यदि एक विद्युत अवयव के दोनों सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में आधा कर देने पर उनमें प्रवाहित विद्युत धारा भी घटकर आधी हो जाती है। क्योंकि I = VR, विभवांतर के V/2 होने का विद्युत्धारा 1/2 हो जाएगी परंतु प्रतिरोध में कोई बदलाव नहीं होगा।
प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं? (H.P. 2009, Set B, 2013 Set-B)
उत्तर-विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर एक मिश्रधातु के बनाए जाते हैं। इसके अग्रलिखित कारण हैं-
(1) मिश्रधातु (Ni + Cr + Mn + Fe) का प्रतिरोध अधिक होता है।
(2) इसका गलनांक अधिक होता है।
(3) उच्च तापमान पर इसका ऑक्सीकरण नहीं होता।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए:
(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है? (H.P. 2015)
उत्तर-(a) आयरन मरकरी की अपेक्षा अच्छा विद्युत चालक है क्योंकि आयरन का अवरोध मरकरी की अपेक्षा कम होता है।
(b) चाँदी सर्वश्रेष्ठ चालक है क्योंकि इसका अवरोध न्यूनतम 1.60 x 10-8 Ωm है।
प्रश्न–
प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 27 के तीन सैलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुँजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
उत्तर–
प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा बोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर–
∵ तीनों प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। इसलिए कुल प्रतिरोधक होगा, R = 5- Ω + 8 Ω + 12 Ω = 25 Ω
V 6V
विद्युत परिपथ में विद्युत धारा, I =_____= _____ = =0.24 A.
R 25 Ω
12 Ω प्रतिरोध में विभवांतर होगा ;
V = Ix R = 0.24 x 12 = 2.88 V.
प्रश्न–
प्रश्न 1. जब (a) 1 Ω तथा 106 Ω (b) 1 Ω, 103 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे?
उत्तर-(a) जब 1 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो-
1 1 1 1 1 106 + 1
__ = __ + __ = ___ + _____ = __________
Rp R1 R2 1 106 106
106
S Rp = ___________ = < 1 Ω
106 +1
[अतः कुल प्रतिरोध इन दोनों में से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होगा।
(b) यदि 1 Ω, 108 Ω तथा 106 Ω वाले प्रतिरोध पार्श्वक्रम में हैं तो कुल प्रतिरोध होगा-
1 1 1 1
__ = __ + __ = ___
Rp R1 R2 R3
1 1 1 1 1 1 1
__ = ____ + ______ + ______ = _____ + _____ + _____
Rp 1Ω 108Ω 106 Ω 1 108 106
108 + 100 + 102 108 + 1 + 102
= __________________ = ________________
108 108
108
Rp = __________
1010 + 1
इसमें भी कुल प्रतिरोध वह लगभग 1Ω या 1Ω से कम होगा क्योंकि पार्श्वक्रम में लगाए हुए प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध उन सबमें से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होता है।
प्रश्न 2. 100Ω का एक विद्युत लैंप, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500Ω का एक जल फिल्टार 220v के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर- विद्युत् लैंप का प्रतिरोध = 100 Ω
विद्युत टोस्टर का प्रतिरोध = 50 Ω
विद्युत जल फिल्टर का प्रतिरोध = 500 Ω
1 1 1 1 1 1 1
__ = ____ + ______ + ______ = _____ + _____ + _____
Rp R1 R2 R3 100 50 500
5 + 10 +1 16
= ____________ = ______
500 500
500 125
Rp = ______ = ______ Ω
16 4
V 220
तीनों में से प्रवाहित विद्युत धारा, I = ______ = _________
Rp (12514)
= 7.04A
यदि विद्युत इस्तरी को उसी स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो उसमें से भी समान विद्युत धारा I प्रवाहित होगी।
125
इस्तरी का प्रतिरोध = Rp = ______ Ω = 31.25 Ω
4
तो विद्युत इस्तरी में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा = 7.04 A
प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्व क्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं? (H.P. 2009, Set C)
उत्तर–पार्श्वक्रम में संयोजित करने के लाभ होते हैं-
(1) प्रतिरोधों को पाश्र्वक्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युत धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
(2) ऐसा करने से सभी समांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की प्रैस, रेफ्रीजरेटर, रेडियो आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है।
प्रश्न 4.2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4 Ω, (b) 1 Ω हो?
उत्तर-(a) कुल प्रतिरोध 4Ω के लिए उपरोक्त तीन प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ना चाहिए-
3Ω को 6Ω को पार्श्व क्रम में जोड़ने पर
3×6
कुल प्रतिरोध → _______ = 2Ω
3+6
अब इस कुल प्रतिरोध को 2Ω वाले प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में लगाने पर-
अब कुल श्रेणीक्रम है = 2Ω + 2Ω = 4Ω.
(b) 1Ω का प्रतिरोध पाने के लिए 2Ω, 3Ω तथा 6Ω को पार्श्व क्रम में लगाना पड़ेगा। इससे कुल प्रतिरोध होगा-
1 1 1 1 1 1 1
__ = ____ + ______ + ______ = _____ + _____ + _____
Rp R1 R2 R3 2 3 6
1 3 + 2 + 1 6
__ = ____________ → Rp ______ = 1Ω
6 6
प्रश्न 5. 4Ω,8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर-(a) यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा-
Rs = 4Ω +8Ω + 12Ω + 24Ω = 48Ω.
(b) न्यूनतम प्रतिरोध पाने के लिए उपरोक्त चारों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में रखा जाएगा।
1 1 1 1 1 6 + 3 + 2 +1 12
__ = ____ + ______ + ______ = _____ = _________________ = ____
Rp 4 8 12 24 24 24
24
Rp = ____ = 2 Ω
12
प्रश्न–
प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
(H.P. 2009, Set C, 2015)
उत्तर-विद्युत हीटर की डोरी कॉपर के मोटे तार की बनी होती है, जिसका प्रतिरोध उसके अवयव की उपेक्षा बहुत कम होता है। इसलिए यदि इन दोनों में से समान विद्युत धारा प्रवाहित हो तो अवयव का तापन
(I2 RT) डोरी के तापन की अपेक्षा बहुत अधिक होगा, इस प्रकार अवयव अत्यधिक गर्म होकर उत्तप्त होता है परंतु डोरी उत्तप्त नहीं होती क्योंकि वह अधिक गर्म नहीं होती।
प्रश्न 2. एक घंटे में 50 W विभवांतर में 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर-Q = 96000 C, t= 1h = 60 x 60 = 3600s, V = 50 v
उत्पन्न ऊष्मा = QV, 96000C x 50 V = 48 x 105 जूल (J)
प्रश्न 3. 20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत्धारा लेती है। 30 s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित करें।
उत्तर- R= Ω, I = 5A, t =30 s
ऊष्मा परिकलन = I2 RT = (5)2 x 20 x 30 = 15000 J (जूल)
प्रश्न–
प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर-विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण विद्युत शक्ति द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 2. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत्धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर-I = 5 A, Vs 220 V, t – 2h = 2 x 60 x 60 = 7200 s
शक्ति P = IV = 220×5 = 1100 w
उपभुक्त ऊर्जा, W = vit = 220 x 5 x 7200 = 792000 J
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो RR’ अनुपात का मान क्या है?
(a) 1/25 (b) 1/5 (c) 5 5ec (d) 25
उत्तर-सभी टुकड़ों का प्रतिरोध = R/5
पाँच टुकड़ों को पार्यक्रम में संयोजित करने पर प्रतिरोध =
1 1 1 1 1 1
__ = ____ + ______ + ______ + _____ + _____
R’ R/5 R/5 R/5 R/5 R/5
1 5 5 5 5 5 25
__ = ____ + ______ + ______ + _____ = _____ =____
R’ R R R R R R
R
∴ __ = 25
R’
इस प्रकार (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत् परिपथ में विद्युत् शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) I2R (b) IR2
(c) VI (d) V2/R
उत्तर-विद्युत् शक्ति
P = V = (IR)R = I2R
V
=[_____]
R
केवल IR2 विद्युत् परिपथ में विद्युत् शक्ति को निरूपित नहीं करता।
इसलिए उत्तर होगा (b) IR2
प्रश्न 3. किसी विद्युत् बल्ब का अनुमंताक 220V; 100 w है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100 w (b) 75w
(c) 50 w (d) 25w
V2 (220)2
उत्तर-विद्युत् बल्ब का प्रतिरोध, R = ____ = ______ = 484 Ω
P 100
V2
110 v पर प्रचालित होने पर बल्ब द्वारा उपभुक्त शक्ति P1 = ____
R
(110)2 110×110
= ______ = __________ = 25 W
484 484
अतः सही उत्तर होगा (d) 25 W
प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत् परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2 (b) 2:1
(c) 1:4 (d) 4:1
उत्तर-क्योंकि सभी तारें एक ही प्रकार के चालक, लंबाई एवं मोटाई की हैं इसलिए सभी का प्रतिरोध समान होगा। इसे R मान सकते हैं।
दोनों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Ps = R + R = 2 R
1 1 1 2
दोनों को पार्यक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध ___ =____ + ____ = ____
RP R R R
V2
विद्युत् शक्ति, P = ___
R
V2
शक्ति (उत्पन्न ऊष्मा) श्रेणीक्रम में = Ps = ___
Rs
V2
पार्श्वक्रम में उत्पन्न ऊष्मा Pp= _____
Rp
Ps V2/Rs Rp Rp 1
__ = _________ + ______ + ______ + = _____
Pp V2/Rp R3 R3 4
∴ Ps: Pp : 1:4
इसलिए सही उत्तर है (c) 1:4
प्रश्न 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर-दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को दोनों बिंदुओं के बीच में पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।
प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6×10-8 Ω m है। 10 Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दो गुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर–
तार का व्यास, D = 0.5 mm = 0.5×103 m
कॉपर का प्रतिरोध, P = 1.6 x 10-8 Ω m
इच्छित प्रतिरोधकता, R = 10 Ω
Pl RA R( лD2/4) лRD2
= __, l = _______ = ______________ + ______
A P P 4P
лD2
[∴ A= лr2 = (D/2)2 = _____ ]
4
3.14x10x(0.5×10-3)2
L = _______________________ m = 122.7 m
4×1.6×10-8
प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत् धाराओं I के संगत मान निम्न दिए गए हैं।
(ऐम्पियर) 0.5 1. 0 2 .0 3.0 4.0
V (वोल्ट) 1.6 3.4 6.7 10.2 13.2
V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर–
For V=4 V (i.e., 9V-5V), I = 1.25 A (i.e., 2.65 A- 1.40 A).
V 4V
Therefore, R =____ = _________
I 1.25 A
= 3.2 Ω
प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत्धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर-V= 12 V, I = 2.5 mA = 2.5×10-3 A
V 12V
प्रतिरोधक का प्रतिरोध = R =___ = ____________ = 4800 Ω
I 2.3×10-3
प्रश्न 9.9V की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत्धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर-सभी प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं इसलिए
Rs = 0.2Ω + 0.3Ω + 0.4Ω + 0.5Ω + 12Ω = 13.4 Ω
V 9V
परिपथ में विद्युत्, I = ____ = _________ 0.67Ω.
Rs 13.4 Ω
श्रेणीक्रम में सभी प्रतिरोधकों में प्रवाहित विद्युत् समान होगी
इसलिए सभी 12 प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत् होगी = 0.67 A
प्रश्न 10. 176Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत् स्रोत से संयोजन से 5 A विद्युत्धारा प्रवाहित हो?
उत्तर-I = 5A N= 220 V
V 220V
परिपथ की प्रतिरोधकता, R =_____ = ________ = 44Ω
I 5A
प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध, r = 176 Ω
यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकता r को पार्यक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध हो
r
R = ___
n
176 176
or 44 = ______ or n = _____ = 4
n 44
प्रश्न 11. यह दर्शाइए कि आप 6 Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i)9 Ω, (ii) 2 Ω हो।
उत्तर-(i)6 Ω के तीन प्रतिरोधकों से 9 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए हमें दो प्रतिरोधकों को पार्यक्रम तथा अन्य को इनके श्रेणीक्रम में लगाना होगा।
(ii) 2 Ω प्रतिरोधकता प्राप्त करने के लिए हमें तीनों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में लगाना होगा।
प्रश्न 12. 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 W है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत्धारा 5 A है, तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ल पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
V2 (220)2
उत्तर-प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध, r = ____ = ______ = 4840 Ω
P 10
220 V
परिपथ की कुल प्रतिरोधकता, R = ________ = ______ = 44 Ω
5 V
मान लीजिए कि बल्बों की संख्या n है और प्रतिरोधकता R प्राप्त करने के लिए
r r 4840
R = __, or n = _______ = _________ = Ω = 110
n R 44 Ω
प्रश्न 13. किसी विद्युत् भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी है जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 Ω है तथा इन्हें पृथक्-पृथक् श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220 V विद्युत् लाइन से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत्धाराएँ क्या हैं?
उत्तर-(i) विभवांतर = 220V, प्रत्येक कुंडली का प्रतिरोध, r = 2 Ω
(ii) कुंडली A तथा B को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rs = r + r = 2r = 48 Ω
V 220
श्रेणीकृत कुंडलियों में प्रवाहित विद्युत्, Is = ____ = _____ = 4.58 A
Rs 48 Ω
r 24
(iii) कुंडली A तथा B को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rp = ____ = ______ = = 12 Ω
2 2
V 220 V
(iii) पार्श्वक्रमित कुंडलियों में प्रवाहित विद्युत् Ip = ____ = ______ = 18.3 A
Rp 12 Ω
प्रश्न 14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2 Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए : (i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1 Ω तथा 2 Ω श्रेणीक्रम संयोजन (ii) 4V बैटरी से संयोजित 12 Ω तथा 2 Ω का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर-(i) क्योंकि 6 V की बैटरी को 1 Ω तथा 2 Ω के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। इसलिए इसमें प्रवाहित विद्युत है-
6 V 6 V
I = ________________ = _____ = 2 A
1 Ω + 2 Ω 3 Ω
2 Ω प्रतिरोध में प्रयोग हुई शक्ति, P = I2 R = (2)2 x 2 = 8 W
(ii) 4V की बैटरी को 12 Ω तथा 2 Ω के प्रतिरोध के साथ संयोजित श्रेणी में जोड़ने पर उसमें प्रवाहित विभवांतर होगा, V = 4V
V2 (4)2
2 Ω के प्रतिरोध में प्रयोग की गई शक्ति, P = _____= _____ = 8 W
R 2
P1 8 W
इस प्रकार, ____ = ________ = 1
P2 8 W
प्रश्न 15. दो विद्युत् लैंप जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है विद्युत् मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत् आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत् मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर-
पहले लैंप की शक्ति (P) = 100 वाट
पहले लैंप की विभवांतर (V) = 220 वोल्ट
P1
पहले लैंप में प्रवाहित धारा (I1) = ____
V
100
= _______ ऐंपियर
220
V 220
पहले लैंप का प्रतिरोध (R1) = ______ = ____________
I1 100/200
220×200
= ___________ = 484 ओह्म
100
दूसरे लैंप की शक्ति (P) = 60 वाट
दूसरे लैंप का विभवांतर (V) = 220 वोल्ट
P2 60
दूसरे लैंप में प्रवाहित धारा (I2) = ______ = _____ ऐंपियर
V 220
V 220
पहले लैंप का प्रतिरोध (R2) = ______ = ________
I2 60/220
220×220 2420
= ___________ = __________ ओह्म
60 3
पार्श्वक्रम में परिणामी प्रतिरोध R निम्नलिखित होगा-
1 1 1 1 3
__ = _________ + ______ = ______ + = _______
R R1 R2 484 2420
5 + 3 8
= _______ = ________
2420 2420
2420
R = _______ ओह्म
8
V = 220 वोल्ट
V
में से ली जाने वाली धारा (I) = ____
R
220 220×8
= _______ = ________ __= 0.727 ऐंपियर
2420/8 2420
प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है : 250 W का TV सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिये चलाया जाता है?
उत्तर-250 W के TV सेट द्वारा 1 घंटे में उपभुक्त ऊर्जा,
= 250 W x 1h = 250 Wh
120 W के विद्युत हीटर द्वारा 10 मिनट में उपभुक्त ऊर्जा,
1
= 120 W x _____ h = 20 Wh
6
प्रश्न 17. 8 Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15 A विद्युत्धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर-I = 15A, R = 8 Ω, t = 2h
विद्युत शक्ति, P = I2R (15)2 x 8 = 1800 W
एवं 1800 J/S
प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए–
(a) विद्युत् लैंपों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंग्स्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(H.P. 2009, Set A, 2010 Set-A2011 Set-C, 2013 Set-A, 2014 Set-B, 2016 Set-4 (b)
विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं? (H.P. 2009 Set-B, 2013 Set-B, 2014 Set-B)
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2009 Set C, 2011, 2013 Set-C Set-A, 2015)
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा एल्यूमीनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
(H.P. 2012, Set-C, 2013-Set-B)
उत्तर-(a) टंगस्टन भी प्रतिरोधकता उच्च (5.2 x 10-8 ओम मीटर) है इसलिए यह विद्युत आवेश के कारण बिना बहुत अधिक गर्म हुए प्रकाश उत्पन्न कर सकता है। इसलिए प्रकाश देने वाले बल्बों में उनका प्रयोग किया जाता है। इसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक है और गलनांक 3300°C है। विद्युत धारा प्रवाहित करने से इसका तापमान 2700°C तक पहुँच जाता है।
(b) किसी मिश्रधातु की प्रतिरोधकता शुद्ध धातु की अपेक्षा अधिक होती है तथा तापमान के परिवर्तन के साथ मिश्रधातुओं की प्रतिरोधता कम बदलती है। उनका शीघ्र ऑक्सीकरण नहीं होता और वे उच्च तापमान को सह सका हैं। इन्हीं कारणों से टोस्टर और विद्युत प्रैस जैसे गर्म होने वाले उपकरणों में प्रयुक्त होने वाले चालकों में मिश्रधातुक का प्रयोग किया जाता है। उच्च प्रतिरोधकता इन्हें जलाने से बचा लेती है।
(c) घरों में विद्युत के लिए क्रमबद्ध व्यवस्था को संतोषप्रद नहीं माना जाता है। क्योंकि इससे विद्युत पथ का प्रवाह अलग-अलग जगह बंट जाता है और सभी में वोल्टेज़ बंट कर कम हो जाती है। ऐसी अवस्था में सारे घर के लिए बल पंखें आदि एक ही स्विच से चलेंगे। उन्हें स्वतंत्र रूप से नहीं जलाया-बुझाया जा सकता।
(d) तार की मोटाई के क्षेत्रफल से विद्युत् प्रवाह का सीधा संबंध होता है। यह प्रतिरोध का व्युत्क्रम होता है।
1
R ∝ _____
A
(e) कॉपर एवं एल्यूमीनियम के तारों का प्रतिरोध न्यूनतम है इसलिए इनका प्रयोग विद्युत् संचारण में किया जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. विद्युत ऊर्जा का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र की स्थापना करें।
उत्तर- विद्युत ऊर्जा का मान
हम जानते हैं कि
चालक में व्यय ऊर्जा (W)
विभवांतर (V) __________________________________
प्रवाहित आवेश (Q)
∴ व्यय ऊर्जा का मान = विभवांतर – प्रवाहित आवेश
अर्थात W = Q x V
यहां W = धारा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा।
V = तार के दो बिंदुओं में विभवांतर
Q = तार में प्रवाहित आवेश की मात्रा
स्पष्ट है कि विद्युत ऊर्जा का मान ज्ञात करने के लिए हमें (i) आवेश की मात्रा तथा (ii) विभवांतर ज्ञात होना चाहिए। परंतु व्यवहार में आवेश का मापना सुगम नहीं है। इसलिए विद्युत ऊर्जा की गणना के लिए अन्य सूत्र उपयोग करते हैं।
कुल प्रवाहित आवेश
हम जानते हैं कि विद्युत धारा =_________________________
कुल समय
अर्थात
Q
I = _______ या
t
Q = It
Q का मान (I) में प्रतिस्थापित करने पर
W = ItV या
W = V/t
इस सूत्र में v को वोल्टमीटर और I को एंपियर से जाना जा सकता है। यह ऊर्जा मापन का सही सूत्र है।
प्रश्न 2. किसी चालक (तार) से आवेश के प्रवाह के लिए इलैक्ट्रॉनों का प्रवाह किस प्रकार होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर–किसी चालक धातु की तार में परमाणु विराम अवस्था में होते हैं पर स्वतंत्र इलैक्ट्रॉन सभी दिशाओं में गति करते हैं। भिन्न-भिन्न दिशाओं में गति करने के कारण इलैक्ट्रॉनों का प्रवाह निश्चित दिशा में नहीं होता इसलिए कोई आवेश प्रवाहित नहीं होता।
जब इसी चालक या तार को बैटरी के साथ जोड़ दिया जाता है तो तार का एक सिरा धन और दूसरा ऋण बिंब कब बन जाता है। इलैक्ट्रॉन धन क्षेत्र की तरफ आकृष्ट होते हैं जिस कारण वे दाईं तरफ जाने लगते हैं। इलैक्ट्रॉनों की गाति बायें से दायें दिशा में होने के कारण आवेश बायें सदायें ओर बहने लगता है।
इसे इस प्रकार दिखाया जा सकता है-
प्रश्न 3. विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर-चालकों में विद्युत धारा गुज़ारने से ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह परिणाम सदा अच्छा नहीं होता क्योंकि हम से उपयोगी विद्युत ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है और इससे परिपथ के अवयवों में ताप बहुत अधिक बढ़ सकता है, लेकिन विद्युत धारा के नियंत्रित ऊष्मीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं~
- विद्युत बल्ब-विद्युत बल्ब में टंगस्टन की पतली तार का फिलामेंट लगाया जाता है जिसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है। इस का गलनांक (3380°C) भी काफ़ी अधिक होता है। जब इससे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह ऊष्मा के कारण तापदीप्त होकर प्रकाश उत्सर्जित करने लगता है। बल्बों में प्रायः नाइट्रोजन या ऑगर्न गैस भरी जाती है जिससे उसके फिलामेंट की आयु बढ़ जाती है।
- विद्युत तापीय सांधित्र-विद्युत चालित, इस्तरी, सोल्डरिंग आयरन, टोस्टर, तंदूर, हीटर, केतली, रॉड आदि ऐसे उपकरण हैं जो विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित हैं। इन्हें ऐसे पदार्थों से बनाया जाता है, जिनकी प्रतिरोधकता अति उच्च होती है। इनमें प्राय: नाइक्रोम नामक मिश्रधातु, (Ni = 67.5%, Cr = 15%, Fe = 15%, Mn = 2.5%) का उपयोग किया जाता है जिससे बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- विद्युत फ़्यूज़-विद्युत के परिपथों में फ़्यूज़ का प्रयोग बहुत सामान्य जाता है, जो उनकी सुरक्षा के लिए आति उपयोगी माना जाता है। इसे युक्ति के साथ श्रेणी क्रम में लगाया जाता है, जो अनावश्यक रूप से उच्च विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देता। यह निर्दिष्ट मान से अधिक माप की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर पिघल जाता है और परिणय टूट जाता है। घरेलू परिपथों में उपयोग होने वाले फ़्यूज की अनुमत विद्युत्-धारा 1A,2A, 3A,5A, 10A आदि होती है। इसमें विद्युत साधित्रों को होने वाली क्षति नहीं पहुँचते और परिपथ में लगने वाली आग नहीं लगती।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं? इसके मात्रक क्या हैं? (H.P. Dec. 2008, 2011 Set-B, 2015)
उत्तर-किसी निश्चित समय में धारा के द्वारा किया गया कुल कार्य विद्युत ऊर्जा कहलाता है।
W = P x t
मात्रक
- वाट सैकिंड-जो विद्युत ऊर्जा एक वाट शक्ति वाले परिपथ में एक सैकिंड में खर्च होती है।
- वाट घंटा-जो विद्युत् ऊर्जा एक वाट शक्ति वाले परिपथ में एक घंटे में खर्च होती है।
1 वाट घंटा = 1 वाट x 1 घंटा
= 1×3600 सैकिंड
= 3600 वाट सैकिंड
= 3600 जूल।
- किलोवाट घंटा (KWH)—जो विद्युत ऊर्जा एक किलोवाट शक्ति वाले परिपथ में एक घंटे में खर्च होती है। 1 किलोवाट घंटा = 1 किलोवाट x 1 घंटा
= 1000 वाट x 3600 सैकिंड
= 3600000 जूल
= 3.6×106 जूल
प्रश्न 2. विद्युत विभव का क्या अर्थ है? धन विभव तथा ऋण विभव का अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-विद्युत विभव-यह चालक की एक विशेष विद्युतीय अवस्था है जो हमें यह बताती है कि किसी दूसरी चालक के संपर्क में आने पर विद्युत आवेश का प्रवाह किस दिशा में होगा। किसी चालक का विभव पृथ्वी के सात मापा जाता है।
धन विभव-यदि धन आवेश वस्तु से पृथ्वी की ओर बहे या इलैक्ट्रॉन पृथ्वी से वस्तु की ओर प्रवाहित हो तो उस वस्तु के विभव को धन विभव कहते हैं।
प्रश्न 3. विद्युत प्रतिरोध का क्या अभिप्राय है ? इसके मात्रक बताओ। (H.P. Dec. 2008, 2011 Set-A)
उत्तर-विद्युत प्रतिरोध-चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।
यदि परिपथ की अन्य परिस्थितियां समान रहें तो प्रतिरोध बढ़ाने से विद्युत धारा कम हो जाती है तथा प्रतिरोध घटाने से विद्युत धारा बढ़ जाती है।
प्रतिरोध के मात्रक-प्रतिरोध का मान किसी चालक के दो सिरों के मध्य के विभवांतर और उसमें बह रही विदयुत धारा की मात्रा के अनुपात के बराबर होता है।
विभवांतर
प्रतिरोधक =______________
धारा
या ओहम है।
प्रश्न 4. पृथ्वी का विभव शून्य क्यों माना जाता है?
उत्तर-पृथ्वी का विभव शून्य माना जाता है क्योंकि यह एक बहुत अच्छी सुचालक है। इसका आकार बहुत बड़ा है। यदि पृथ्वी को थोड़ा-सा आवेश दे दें या इसमें से थोड़ा-सा आवेश ले लें तो इसके विभव पर कोई अंतर नहीं पड़ता। पृथ्वी के धरातल पर सभी बिंदु एक ही विभव पर माने जाते हैं।
प्रश्न 5. कूलॉम के नियम की व्याख्या कीजिए। (H.P. 2010, Set-A)
उत्तर-कूलॉम का नियम-दो आवेशों के बीच लगने वाला बल, उन आवेशों के परिमाण के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
व्याख्या-यदि q1 तथा q2 दो आवेश हों, जिनके बीच की दूरी ‘r’ हो तथा इनके बीच लगने वाला बल F हो, तो
F ∝ q1 x q2
1
F ∝ _____
r2
(i) और (ii) से
q1 x q2
F ∝ ________ अथवा
r2
q1 x q2
F = K. _________
r2
जहां ‘K’ समानुपातिकता स्थिरांक है।
दो आवेशों के बीच बल उनके केंद्रों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश होता है।
समान आवेशों के लिए यह बल प्रतिकर्षी (धनात्मक) होता है तथा विपरीत आवेशों के लिए यह बल आकर्षी ऋणात्मक) होता है।
प्रश्न 6. विद्युत उपकरणों के पार्श्वक्रम जोड़ने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-पावक्रम जोड़ने के लाभ-
(1) प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युत धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
(2) ऐसा करने से सभी समानांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की प्रैस, रेफ्रीजरेटर, रेडियो तथा टेलीविज़न आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है।
प्रश्न 7. प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ता है, यदि–
(i) तार की लंबाई बढ़ा दी जाए।
(ii) काट का क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाए।
उत्तर-(i) प्रतिरोध तार की लंबाई के सीधा समानुपाती होता है। इसलिए तार की लंबाई बढ़ाने पर प्रतिरोध अधिक जाता है।
(ii) मोटे तार का प्रतिरोध बारीक तार की अपेक्षा कम होता है। इसलिए यदि तार का क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाए अर्थात तार मोटी ली जाए तो प्रतिरोध कम हो जाता है।
प्रश्न 8. संयोजक तारें ताँबे की क्यों बनाई जाती हैं? वे तारें मोटी क्यों होती हैं?
उत्तर-तांबा विद्युत का चाँदी के बाद अधिकतम सुचालक है। इसका प्रतिरोध कम होने के कारण इसमें से विद्युत धारा सुगमता से प्रवाह कर सकती है। तारें मोटी रखी जाती हैं क्योंकि किसी तार का प्रतिरोध उसका मोटाई के विलोमानपाती होता है। जो तार जितनी अधिक मोटी होगी उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा। इसके परिणामस्वरूप विद्युत धारा अधिक सुगमता से प्रवाहित हो सकेगी।
प्रश्न 9. किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है? वर्णन कीजिए।
(H.P. 2010, Set-C, 2011 Set-A, 2012 Set-C, 2014 Set-A, 2015 Set-A, 2016 Set-B)
उत्तर-किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित तीन बातों पर निर्भर करता है-
- चालक की लंबाई-चालक की लंबाई जितनी ज्यादा होती है, उसका प्रतिरोध भी उतना ही ज्यादा होता है अर्थात चालक का प्रतिरोध चालक की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।
1
R a _____
a
- चालक की मोटाई (अनुप्रस्थ काट)-चालक की मोटाई जितनी ज्यादा होगी उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा अर्थात चालक का प्रतिरोध मोटाई के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
1
R= k x _____
a
- चालक की प्रकृति-भिन्न-भिन्न चालकों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है जो कि उनके विशिष्ट प्रतिरोध (K) पर निर्भर करता है।
अतः किसी चालक का प्रतिरोध-
1
R= k x _____
a
प्रश्न 10. ऐंपियर किसे कहते हैं? इसे विद्युत परिपथ में किस प्रकार जोड़ा जाता है?
उत्तर-विद्युत धारा को मापने के लिए जिस उपकरण का प्रयोग किया जाता है उसे ऐंपियर कहते हैं। इसे विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।
प्रश्न 11. ओम का नियम क्या है? आप ओम के नियम की प्रायोगिक पड़ताल कैसे करोगे?
(H.P. 2010, Set-B, 2011, Set-A, 2015 Set-B, 2016 Set-C)
उत्तर-ओम का नियम-किसी धातु के तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उस तार के सिरों के बीच विभवांतर के अनु क्रमानुपाती होती है, पर तार का ताप समान रहना चाहिए।
V ∝ I
V
अथवा _____ = नियतांक
I
= R
अथवा V = IR
R एक नियतांक है जिसे तार का प्रतिरोध कहते हैं।
प्रायोगिक पड़ताल–
एक चालक R लेते हैं तथा इसमें एक एमीटर A, एक बैटरी, कुंजी K तथा धारा नियंत्रक S से श्रेणीबद्ध रूप से इस प्रकार जोडते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। प्रतिरोध R के सिरों X तथा Y पर एक वोल्टमीटर V समानांतरबद्ध (In parallel) लगाते हैं।
कुंजी K लगाने से सारे परिपथ में विद्युतीय धारा प्रवाहित होने लग जाएगी। अब प्रतिरोध R में से प्रवाहित होने वाली धारा की प्रबलता एमीटर A से इसके सिरों पर लगे विभवांतर को वोल्टमीटर V से पढ़ते हैं। इनका अनुपात V/I मालूम करते हैं।
धारा नियंत्रक की सहायता से परिपथ के प्रतिरोध को अधिक या कम करके चालक के बीच की धारा तथा इसके सिरों पर आए विभवांतर को नोट करते जाते हैं तथा इस प्रकार कई प्रेक्षण करते हैं। हम देखते हैं कि प्रत्येक प्रेक्षण में विभवांतर तथा धारा का अनुपात V/I का मूल्य स्थिर आता है। इस प्रकार ओम का नियम सिद्ध हो जाता है।
क्योंकि यह स्थिरांक चालक का प्रतिरोध होता है इसलिए यह विधि चालक का प्रतिरोध निकालने के लिए प्रयोग की जा सकती है।
प्रश्न 12. श्रेणीक्रम तथा समांतर क्रम प्रतिरोधों का परिणामी प्रतिरोध कितना होता है? व्याख्या करो।
(H.P. 2010, Set-C)
अथवा
किसी चालक तार के प्रतिरोध की गणना करने के लिए जो सूत्र प्रयोग किया जाता है, उसे लिखिए। सूत्र के प्रयुक्त अक्षर क्या प्रकट करते हैं?
उत्तर-प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम में संयोजन (Resistances in Series)-जब भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तो परिणामी प्रतिरोध भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों के जोड़ के बराबर होता है।
जब चालकों को इस प्रकार जोड़ा जाए कि एक अंतिम सिरा दूसरे के पहले सिरे से तथा दूसरे का अंतिम सिरा तीसरे के पहले सिरे से तथा इसी प्रकार से ऐसे आयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं, ऐसे आयोजन में सभी चालकों में से बहने वाली विद्युत् धारा का मान समान होता है। मान लो प्रतिरोध R1, R2 तथा R3 श्रेणीक्रम में जोड़े गए हैं तो उनका कुल प्रतिरोध निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है-
R = R1 + R2 + R3
प्रतिरोधों का समांतर क्रम में संयोजन (Resistance in Parallel)-वह क्रम जिसमें सभी प्रतिरोधी के एक ओर के सिरे एक बिंदु तथा दूसरी ओर के सभी सिरे दूसरे बिंदु पर जुड़े होते हैं, इस प्रकार के आयोजन को समांतर क्रम आयोजन कहते हैं।
मान लो यदि तीन चालक जिनके प्रतिरोध क्रमशः R1, R2, R3, हों, को समांतर क्रम में जोड़ा जाए तो उनका कुल प्रतिरोध R निम्नलिखित सूत्र दवारा प्रदर्शित किया जाता है-
1 1 1 1
__ = __ + __ = ___
R R1 R2 R3
अर्थात प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने से उनका परिणामी प्रतिरोध विभिन्न प्रतिरोधों के विपरीत क्रम के जोड़ के बराबर जाता है। प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने के किसी भी चालक में विद्युत धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
प्रश्न 13. वोल्टमापी किसे कहते हैं? वोल्टमापी की रचना का वर्णन करो। इसके द्वारा दो बिंदुओं के बीच तथा दो ध्रुवों के बीच विभवांतर कैसे मापा जाता है?
उत्तर-वोल्टमापी (Voltmeter)-वह उपकरण जिसके द्वारा विभवांतर को मापा जाता है, उसे वोल्टमापी कहते हैं।
रचना-यह एक विद्युत मापी उपकरण होता है। यह वोल्टों में अंशांकित होता है। इस अंकित पैमाने पर V अक्षर लिखा होता है। संकेत के रूप में इसे वृत्त से जिसके अंदर V लिखा होता है, दिखाया जाता है। यह विद्युत के चुंबकीय प्रभाव पर कार्य वोल्टमापी करता है। इसके एक ध्रुव पर + का चिह्न तथा दूसरे ध्रुव पर – का चिह्न लगा होता है। वोल्टमापी (a) का धन ध्रुव बैटरी के धन ध्रुव के साथ तथा ऋण ध्रुव बैटरी के ऋण ध्रुव के साथ जोड़ा जाता है।
परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विभवांतर ज्ञात करना-परिपथ के जिन दो बिंदुओं के बीच विभवांतर करना ज्ञात होता है, उसके समांतर वोल्टमापी को चित्र के अनुसार जोड़ते हैं, इसके ऊपर वाले पेचों पर + तथा – के चिह्न लगे होते हैं। परिपथ में जोड़ते समय इसके धन पेच को बैटरी के (+) ध्रुव के साथ तथा इसके ऋण पेच को बैटरी ऋण के ध्रुव के साथ जोड़ा जाता है।
ध्रुवों के बीच का विभवांतर ज्ञात करना-विद्युत उद्गम के ध्रुवों के बीच का विभवांतर मापने के लिए इसके ध्रुवो को वोल्टमापी के साथ सीधा-सीधा जोड़ दिया जाता है। ऐसा करने से इसके ध्रुवों के बीच का विभवांतर पता चल जाता है।
प्रश्न 14. प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि किसी चालक के लिए प्रतिरोध का मान किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर-किसी धातु के बने चालक के लिए प्रतिरोध जिन बातों पर निर्भर करता है उसे निम्नलिखित प्रयोग द्वारा दर्शाया जा सकता है-
हम एक बैटरी, एमीटर, एक प्रतिरोधक तार और एक स्विच की सहायता से विद्युत परिपथ बनाते हैं। स्विच को दबा कर इसके परिपथ में से विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं। एमीटर से विद्युत् धारा का मान नोट करते हैं। अब इस तार के स्थान पर उतनी ही लंबाई और मोटाई की किसी धातु को तार द्वारा जोड़ते हैं तथा एमीटर द्वारा धारा का मान नोट करते हैं। हम देखते हैं कि विदयुत धारा का मान बदल जाता है। इस प्रयोग से यह सिद्ध होता है कि चालक का प्रतिरोध उसके स्वभाव पर निर्भर करता है। एक ही ताप पर समान लंबाई तथा मोटाई वाले भिन्न-भिन्न धातुओं के तारों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है।
अब पहले तार के व्यास के बराबर तथा उसी धातु से बनी एक ऐसी तार लेते हैं जिसकी लंबाई पहले तार से दुगुनी हो। इस तार को परिपथ में जोड़ते हैं। इसमें से विद्युत् धारा प्रवाहित करते हैं। हम देखते हैं कि यह माप पहले से आधा हो गया है या प्रतिरोध दुगुना हो गया है। इससे सिद्ध होता है कि प्रतिरोध लंबाई के समानुपाती होता है। यदि चालक का प्रतिरोध R और तार की लंबाई l हो तो
R a i
अब एक ही धातु की बनी दो तारें लेते हैं जिनकी लंबाई एक जैसी हो परंतु अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (Areas of cross-section) अलग-अलग हों। पहले कम अनुप्रस्थ वाले तार को परिपथ में जोड़ते हैं तथा बाद में अधिक अनुप्रस्थ वाले तार को परिपथ में जोड़ते हैं। हम देखते हैं कि तार में विद्युत धारा का मान पहले की अपेक्षा अधिक आता है। इससे स्पष्ट होता है कि दूसरे तार का प्रतिरोध पहले तार की अपेक्षा कम है। इससे सिद्ध होता है कि चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के विलोमानुपाती होता है। यदि चालक का प्रतिरोध R तथा तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल a है, तो-
1
R a ____
a
1 l
दोनों को जोड़ने पर- R a ____ अथवा R = K _____
a a
जहां पर K स्थिरांक है और इसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। इसका मान चालक के पदार्थ के स्वभाव पर निर्भर करता है।
प्रश्न 15. अतिचालकता (Super Conductivity) से क्या अर्थ है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
(H.P. 2010, Set-C)
उत्तर-अतिचालकता (Super Conductivity)-कुछ धातुओं का निम्न ताप पर प्रतिरोध लप्त हो जाने की घटना को अतिचालकता’ कहते हैं।
उदाहरण-जब पारे के तापमान को 4.12K तक कम किया गया तो पारे का प्रतिरोध लुप्त हो जाता है। इस तापमान पर पारा अति चालक बन जाता है। आज तक 23 धातुओं में यह गुण पाया जा चुका है। अतिचालकता का आविष्कार एक डच भौतिक शास्त्री, एच० कामरलिंग ओनेस ने किया।
प्रश्न 16. वैद्युत चालकता (Conductivity) क्या होती है? उन धातुओं के नाम लिखो जिनमें यह गुण सर्वाधिक उससे कम तथा सबसे कम पाया जाता है।
उत्तर-धातुओं द्वारा विद्युत धारा को अपने में से प्रवाहित होने देना वैद्युत चालकता कहलाता है। जो धातुएं विद्युत प्रवाह में बहुत कम प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं वे उच्च वैद्युत चालकता प्रकट करती हैं। चांदी तथा तांबा विद्युत धारा के सबसे अच्छे चालक हैं इनके पश्चात क्रमश: सोना, एल्यूमीनियम तथा टंग्सटन का स्थान है। सबसे अधिक प्रतिरोध करने वाले या सबसे कम चालकता वाले धातु सीसा तथा लोहा हैं।
प्रश्न 17. विद्युत चालकों और विसंवाहकों के चार-चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-(i) विद्युत चालक-तांबा, चांदी, ग्रेफाइट, अम्लीय जल।
(ii) विसंवाहक-रबड़, काँच, प्लास्टिक, पार्सीलीन।
प्रश्न 18. धारा पथ में सामान्य रूप से प्रयुक्त किए जाने वाले प्रतीकों को चिह्न सहित लिखिए।
उत्तर–
प्रश्न 19. फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम लिखें।
उत्तर-पहला नियम-‘निक्षेपित’ पदार्थ का द्रव्यमान परिपथ में प्रवाहित होने वाले आवेश Q के अनुक्रमानुपाती होता है।
दूसरा नियम–‘प्रवाहित’ आवेश की निश्चित मात्रा के लिए कैथोडों पर निक्षेपित तत्वों के द्रव्यमान उनके रासायनिक तुल्यांकों के अनुक्रमानुपाती होते हैं।
प्रश्न 20. फैराडे स्थिरांक की परिभाषा दीजिए। इसका मान क्या है?
उत्तर- एक ग्राम तुल्यांक भार प्राप्त करने के लिए विद्युत् अपघट्य से प्रवाहित कुल आवश्यक आवेश को फैराडे स्थिरांक कहते हैं। इसका मान 96500 कूलाम है।
प्रश्न 21. जूल का ऊष्मीय नियम क्या है?
उत्तर-जूल का ऊष्मीय नियम के अनुसार किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न ऊष्मा की मात्र अग्रलिखित आधारों पर निर्भर करती है-
(i) उत्पन्न उष्मा की मात्रा विद्युत् धारा के वर्ग के समानुपाती होती है, H a I2
(ii) उत्पन्न ऊष्मा चालक के प्रतिरोध R के समानुपाती होती है, H a R
(iii) उत्पन्न ऊष्मा चालक में प्रवाहित हो रही धारा के समय के समानुपाती होती है, H a t
∴ तीनों को मिलाने पर H a I2Rt
प्रश्न 22. रासायनिक तुल्यांक किसे कहते हैं?
उत्तर-किसी पदार्थ का रासायनिक तुल्यांक उसके परमाणु द्रव्यमान और संयोजकता में अनुपात होता है।
परमाणु द्रव्यमान
रासायनिक तुल्यांक (E) =_________________
संयोजकता
उदाहरण के लिए तांबे का परमाणु द्रव्यमान 63.67 है और संयोजकता 2 है।
∴ तांबा का रासायनिक तुल्यांक,
63.67
E = _________ = 31.83
2
प्रश्न 23. विद्युत अपघटन किसे कहते हैं?
उत्तर-यह प्रक्रम जिसमें विद्युत अपघट्य में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपघटन को जाता है और उसमें उपस्थित आयन विपरीत आवेश वाले इलेक्टॉड पर इकटठे होते हैं, उसे विद्युत अपघटन कहते हैं। प्रश्न 24. प्रबल विद्युत अपघट्य क्या होते हैं? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-जलीय या गलित अवस्था में कुछ पदार्थों से बहुत अधिक विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है। यह पूरी तरह अपघटित होकर बहुत अधिक संख्या में आयन बनाते हैं। इन पदार्थों को प्रबल विद्युत अपघट्य कहते हैं, जैसे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सोडियम हाइड्रोक्साइड, सोडियम क्लोराइड आदि।
प्रश्न 25. दुर्बल विद्युत अपघट्य क्या होते हैं? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-जलीय या गलित अवस्था में कुछ पदार्थों से बहुत कम विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है। यह बहुत कम अपघटित होते हैं और इसलिए थोड़े से आयन बनाते हैं। इन पदार्थों को दुर्बल विद्युत अपघट्य कहते हैं।
उदाहरण : एसिटिक एसिड, अमोनियम हाइड्रोक्साइड, कार्बोनिक अम्ल।
प्रश्न 26. विद्युत अनअपघट्य किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-वे पदार्थ जिनके विलयन या उनकी पिघली अवस्था विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वे अपघटित भागों में नहीं होते उन्हें विद्युत् अनअपघट्य (non-electrolytes) कहते हैं। जैसे–चीनी, यूरिया, एल्कोहल।
प्रश्न 27. प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि आसुत जल विद्युत का चालक नहीं होता।
उत्तर-किसी विद्युत रोधी होल्डर में कार्बन की दो साफ़ छड़ें इस प्रकार लगाइए कि वे एक-दूसरे का स्पर्श न करें। पानी आसुत से भरे बीकर में इन्हें डुबो कर इनसे 12 वोल्ट की धारा प्रवाहित कराएं। कुंजी को बंद करने पर भी बल्ब नहीं जलता जिससे प्रमाणित होता है कि आसुत जल विद्युत् का चालक नहीं है। यदि आसुत जल की जगह नमक का जलीय विलयन लिया जाए तो बल्ब जलने लगता है।
प्रश्न 28. किसी परिपथ में विद्युत्धारा बनाए रखने के लिए स्रोत को अपनी ऊर्जा खर्च करते रहना पड़ता है, यह ऊर्जा कहाँ चली जाती है? उदाहरण सहित समझाइए।
अथवा
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-विद्युत्धारा बनाए रखने में, खर्च हुई स्रोत की ऊर्जा का कुछ भाग उपयोग कार्य करने में उपयोग हो जाता है। स्रोत की ऊर्जा का शेष भाग उस ऊष्मा को उत्पन्न करने में व्यय होता है जो साधित्रों के ताप में वृद्धि करती है। इसका अनुभव हम अपने दैनिक जीवन में करते ही हैं। उदाहरण के लिए हम किसी विद्युत पंखे को लगातार काफी समय तक चलाते हैं तो यह गर्म हो जाता है। इसके विपरीत यदि विद्युत परिपथ विशुद्ध रूप से प्रतिरोधक है, तो स्रोत की ऊर्जा लगातार पूर्णरूप से ऊष्मा के रूप में क्षयित होती रहती है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं। इस प्रभाव का उपयोग विद्युत हीटर, विद्युत् इस्तरी जैसी युक्तियों में किया जाता है।
प्रश्न 29. विद्युत तापन का उपयोग प्रकाश उत्पन्न करने में होता है? उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर-विद्युत तापन का उपयोग बल्ब/ट्यूब में प्रकाश उत्पन्न करने में भी होता है। बल्ब के तंतु को उत्पन्न ऊष्मा को जितना संभव हो सके रोके रखना चाहिए ताकि वह अत्यंत तप्त होकर उत्पन्न करे। इसे इतने उच्च ताप पर पिघलना नहीं चाहिए। बल्ब के तंतुओं को बनाने के लिए टंग्स्टेन (गलनांक 3380 °C) का उपयोग किया जाता है जो उच्च गलनांक की एक प्रबल धातु है। विद्युत्रोधी औद्योगिकी का उपयोग करके तंतु को यथासंभव ताप विलगित बनाना चाहिए। बल्बों में रासायनिक दृष्टि से अक्रिय नाइट्रोजन तथा आर्गन गैस भरी जाती है जिससे उसे तंतु की आयु में वृद्धि हो जाती है। तंतु द्वारा उपभुक्त ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा के रूप में प्रकट होता है, परंतु इसका एक अल्प भाग विकरित प्रकाश के रूप में भी दृष्टिगोचर होता है।
प्रश्न 30. फ्यूज़ कैसे परिपथों तथा साधित्रों की सुरक्षा कैसे करता है?
उत्तर-जूल तापन का एक सामान्य उपयोग विद्युत परिपथों में प्रयोग किया जाने वाला फ्यूज़ है। यह परिपथों तथा साधित्रों की सुरक्षा करता है। फ्यूज़ को युक्ति के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता। फ्यूज़ किसी ऐसी धातु अथवा मिश्रधातु के तार का टुकड़ा होता है जिसका उचित गलनांक हों। उदाहरण के लिए एल्यूमीनियम, कॉपर, आयरन, लैड आदि। यदि परिपथ में किसी निर्दिष्ट मान से अधिक मान की विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज़ तार के ताप में विदयुत्धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज़ तार के ताप में वृद्धि होती है। इससे फ्यूज़ तार पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है। फ्यूज़ तार प्रायः धातु के सिरे वाले पोर्सेलेन अथवा इसी प्रकार के विद्युत्रोधी पदार्थ के कारिज में रखा जाता है। घरेलू परिपथों में उपयोग होने वाली फ्यूज़ की अनुमत विद्युत् धारा 1 A, 2 A, 3 A, 5 A, 10 A आदि होती है। उस विद्युत इस्तरी के परिपथ में, जो 1 kW की विद्युत शक्ति उस समय उपयोग करती है, जब उसे 220 V पर चलाते हैं तो 1000 W/220 V = 4.54 A की विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इस प्रकरण में 5A अनुमतांक का फ्यूज़ उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रश्न 31. निक्रोम किस-किस अवयव से बना मिश्रधातु है तथा निक्रोम तार के लिए VI ग्राफ बनाइए।
उत्तर-निक्रोम निकैल, क्रोमियम, मैंगनीज़ तथा आयरन की एक मिश्रधातु है।
निकल तार का VI ग्राफ-
निक्रोम तार के लिए V-I ग्राफ। सरल रेखीय ग्राफ यह दर्शाता है कि जैसे-जैसे तार में प्रवाहित विद्युत् धारा
बढ़ती है विभवांतर रैखितः बढ़ता है।
प्रश्न 32. धातुओं और मिश्रधातुओं तथा रबड़ जैसे विद्युत रोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता किस कोटि की होती है? ताप में परिवर्तन से इसमें क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर-धातुओं तथा मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता अत्यंत कम होती है जिसका परिसर 10-8 Ωm से 10-6Ωm है। ये विद्युत की अच्छी चालक हैं। रबड़ तथा काँच जैसे विद्युत्रोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता 1012 से 1017 Ωm कोटि की होती है। किसी पदार्थ का प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता दोनों ही ताप में परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते हैं।
प्रश्न 33. क्या कारण है कि मिश्रधातुओं का प्रयोग सामान्य वैद्युत तापन युक्तिओं के निर्माण में किया जाता है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-मिश्रधातुओं का उच्च ताप पर शीघ्र ही दहन नहीं होता। इसी कारण मिश्रधातुओं का उपयोग विद्युत-इस्तरी, टोस्टर आदि सामान्य वैद्युत् तापन युक्तियों के निर्माण में किया जाता है। वैद्युत बल्बों के तंतुओं के निर्माण में तो एकमात्र टंगस्टेन का ही उपयोग किया जाता है जबकि कॉपर तथा एल्यूमिनियम का उपयोग विद्युत संचरण के लिए उपयोग होने वाले तारों के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 34. 20°C पर धातुओं, मिश्रधातुओं तथा विद्युत्रोधी कुछ सामान्य पदार्थों की प्रतिरोधकता लिखिए।
उत्तर-20°C पर कुछ पदार्थों की वैद्युत प्रतिरोधकता
चालक सिल्वर 1.60×10-8
कॉपर 31.62 x 10-8 एल्यूमीनियम 12.53 x 10-8 टंग्स्टेन 5.20 x 10-8 निकेल 6.84 x 10-8 आयरन 10.0 x 10-8 क्रोमियम 12.9 x 10-8 मरकरी 94.0 x 10-8 मैंगनीज़ 1.84×10-6 मिश्रधातुएँ कांस्टेंटन 49×10-6 (Cu तथा Ni की मिश्रधातु) 44 x 10-6 (Cu, Mn तथा Ni की मिश्रधातु) 100 x10-6 निक्रोम (Ni, Cr, Mn तथा Fe की मिश्रधातु) विद्युतरोधी काँच 1010 – 1014 कठोर 1013-1016 ऐबोनाइट 1015 – 1017 डायमंड 1012 – 1013 कागज़ (शुष्क) 1012 |
प्रश्न 35. क्रांतिक ताप तथा अतिचालक किसे कहते हैं?
उत्तर-क्रांतिक ताप-क्रांतिक ताप वह ताप है जिस पर धातुओं का प्रतिरोध शून्य हो जाता है। पारे का क्रांतिक ताप 4.2K (लगभग -269°C) है।
अतिचालक-कुछ तत्त्वों तथा यौगिकों का विद्युत प्रतिरोध, क्रांतिक ताप पर शून्य हो जाता है। ऐसा व्यवहार प्रकट करने वाले पदार्थों को ‘अतिचालक’ कहते हैं।
प्रश्न 36. हम्फ्रे डेवी के द्वारा जिंक और तांबे की प्लेटों की विभिन्न बैटरियों से कौन-कौन से नए प्रयोग किए थे? इससे क्या लाभ हुआ था?
उत्तर-वोल्टीय सेल के विकास के बाद हम्फ्रे डेवी ने सोचा था कि यदि किसी सेल के ऋण ध्रुव को दूसरे सेल के धन ध्रुव से जोड़कर अनेक सेलों का संयोजन बनाया जाए, तो इस प्रकार प्राप्त सेलों के संयोजन का विद्युत वाहक बल, अलग-अलग सेलों के विद्युत् वाहक बलों के कुल योग के समान होगा।
उन्होंने जस्त और तांबे की प्लेटों के 60 जोड़ों की एक बैटरी तैयार की। उससे उत्पन्न उच्च विद्युत वाहक बल का उपयोग उच्च धारा प्राप्त करने के लिए किया। यह धारा लोहे की तार को गला सकती थी। बाद में डेवी 300 प्लेटों की बैटरी बनाने में सफल हुए थे। इस वे रासायनिक लवणों को अपघटित कर सके थे। सन् 1808 में उन्होंने प्लेटों के 2000 युग्मों का संयोजन किया। इससे उन्होंने ‘विद्युत आर्क भट्टी’ का निर्माण किया जिससे उन्हें बेरियम कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्त्वों को उनके यौगिकों से प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई थी।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. विद्युत आवेश किस से प्रवाहित होता है?
उत्तर-विद्युत आवेश किसी चालक में से प्रवाहित होता है।
प्रश्न 2. विद्युत परिपथ किसे कहते हैं? (H.P.2011, Set-A,C)
उत्तर-किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पथ को परिपथ कहते हैं।
प्रश्न 3. विद्युत धारा क्या है?
उत्तर-विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।
प्रश्न 4. विद्युत धारा की दिशा किसे माना जाता है?
उत्तर-आवेशों के प्रवाह की रचना इलेक्ट्रॉन करते हैं। धन आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा माना गया है और इसलिए धनावेश के प्रवाह की दिशा को ही विद्युत धारा की दिशा माना जाता है।
प्रश्न 5. विद्युत आवेश का मात्रक क्या है और वह किसके बराबर होता है?
उत्तर-विद्युत आवेश का SI मात्रक कूलॉम है जो लगभग 6 x 108 इलेक्ट्रॉनों में समाए आवेश के बराबर होता है।
प्रश्न 6. विद्युत के समान और असमान आवेश एक-दूसरे पर क्या प्रभाव डालते हैं?
उत्तर-विद्युत धारा में समान आवेश एक-दूसरे को परे धकेलते हैं पर असमान आवेश एक-दूसरे को आकृष्ट करते हैं।
प्रश्न 7. कूलॉम का नियम क्या है? (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-दो आवेशित वस्तुओं के बीच का विद्युत बल उनके गुणनफल का समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
q1 q2
F = k ______
r2
जहां k स्थिरांक है।
प्रश्न 8. कूलॉम का नियम किस अन्य नियम से बहुत मिलता-जुलता है?
उत्तर-गुरुत्वाकर्षण का नियम।
प्रश्न 9. क्या दो वस्तुओं को परस्पर रगड़ने से विद्युत-आवेश उत्पन्न होता है?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 10. विद्युत धारा का मात्रक क्या है?
(H.P. 2009 Set-B, 2010, 2011 Set-B, C, 2013 Set-C, 2014 Set-C)
उत्तर-एम्पियर।
प्रश्न 11. जिस पदार्थ से ऋणात्मक आवेश दूसरे के पास जाता है उस पर कौन-सा आवेश होता है?
उत्तर-धनात्मक आवेश।
प्रश्न 12. आवेश का सामान्य सिद्धांत क्या है?
उत्तर-आवेश तो संरक्षित है इसे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
प्रश्न 13. आवेश प्रक्रिया में धन आवेशित परमाणु भाग क्यों नहीं लेते?
उत्तर-परमाणुओं में धन आवेशित मज़बूती से नाभिक के साथ जुड़े होते हैं।
प्रश्न 14. विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या है? (H.P. 2013 Set-A, 2014 Set-A)
उत्तर-कूलॉम।
प्रश्न 15. पृथ्वी का विभव सदा कितना रहता है?
उत्तर-पृथ्वी का विभव सदा शून्य रहता है।
प्रश्न 16. प्रतिरोध का मात्रक लिखें। (H.P. 2011, Set-B)
उत्तर-ओह्म।
प्रश्न 17. विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा का सूत्र लिखो।
उत्तर-विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा = आवेश x विभवांतर।
प्रश्न 18. एक किलोवाट घंटा कितने जूल विद्युत ऊर्जा के समान होता है?
उत्तर-एक किलोवाट घंटा = 36 लाख जूल।
प्रश्न 19. अधिक प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए प्रतिरोधों को किस क्रम में जोड़ा जाता है?
उत्तर-श्रेणीक्रम में।
प्रश्न 20. 20, 5, 4 ओह्म के प्रतिरोध समांतर क्रम में जोड़े जाएं तो संयुक्त प्रतिरोध कितना होगा?
उत्तर-2 ओह्म।
प्रश्न 21. विभव किसे कहते हैं?
उत्तर-किसी चालक की वह अवस्था जो यह बताए कि इसे किसी दूसरे चालक के साथ संपर्क में लाने पर विद्युत आवेश का प्रवाह किस दिशा में होगा, विभव कहलाता है।
प्रश्न 22. यदि चालक तार की लंबाई दुगुनी कर दी जाए तो प्रतिरोध पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर-प्रतिरोध दुगुना हो जाएगा।
प्रश्न 23. विद्युत आवेश का प्रवाह कब रुकता है?
उत्तर-जब दोनों चालकों पर आवेश समान हो जाता है।
प्रश्न 24. यदि इलेक्ट्रॉन पृथ्वी से वस्तु की तरफ गति करें तो वस्तु को किस विभव पर माना जाता है? उत्तर-धन विभव पर।
प्रश्न 25. विभवांतर को मापने वाले यंत्र का नाम लिखें।
अथवा
उस युक्ति का नाम बताइए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
(H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-वोल्टमापी।
प्रश्न 26. वोल्टमापी का (+) ध्रुव बैटरी के किस ध्रुव से जोड़ा जाता है?
उत्तर-धनात्मक से।
प्रश्न 27. घरेलू विद्युत की वोल्टता कितनी रखी जाती है?
उत्तर-220 वोल्ट।
प्रश्न 28. ओम नियम का गणितीय रूप लिखें।
V विभवांतर
उत्तर- ______ = [ प्रतिरोध ____________ ]
I धारा
प्रश्न 29. किसी चालक का वह गुणं जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर-चालक का प्रतिरोध।
प्रश्न 30. यदि किसी चालक से एक कूलॉम आवेश प्रवाहित होने में एक जूल कार्य हो, तो उस चालक के सिरों के बीच विभवांतर कितना होगा?
उत्तर-एक वोल्ट।
प्रश्न 31. विद्युत्धारा के प्रवाह की दिशा दोनों चालकों की किस अवस्था पर निर्भर करती है?
उत्तर-विद्युतीय अवस्था पर।
प्रश्न 32. तीन चालक जिनका प्रतिरोध 25 ओह्म, 10 ओह्म और 5 ओम है, को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है, तो कुल प्रतिरोध क्या होगा?
उत्तर-कुल प्रतिरोध (R) = 25 + 10 + 5 = 40 ओह्म।
प्रश्न 33. शुष्क सैल का विभवांतर कितना होगा?
उत्तर-1.5 वोल्ट।
प्रश्न 34. विद्युत के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-शुष्क सैल, बैटरी, डाइनमो, पानी, कोयला आदि।
प्रश्न 35. किसी तार का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर-लंबाई, अनुप्रस्थ क्षेत्रफल तथा ताप पर।
प्रश्न 36. बल्ब का तंतु किस धातु का बना होता है? (H.P. 2011, Set-C)
उत्तर-टंगस्टन का।
प्रश्न 37. वोल्टता और धारा के मानक लिखो और इनके संकेत बताओ।
उत्तर-वोल्टता का मात्रक वोल्ट (V) है। धारा का मात्रक एंपीयर (A) है। वोल्टता को ‘V’ द्वारा तथा धारा को ‘I’ द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 38. अधिक विभवांतर प्राप्त करने के लिए सैलों को किस क्रम में जोड़ते हैं?
उत्तर-श्रेणीक्रम में।
प्रश्न 39 ओहम किसके बराबर होता है?
1 वोल्ट
उत्तर-1 ओह्म = _________
1 एंपीयर
प्रश्न 40. ओह्म का नियम किन परिस्थितियों में लागू होता है?
उत्तर-जब चालक का तापक्रम समान रहता है।
प्रश्न 41. प्रतिरोध को श्रेणीबद्ध जोड़ने से कुल प्रतिरोध किस सूत्र द्वारा प्रकट किया जाता है?
उत्तर-R= R1+ R2 + R3 +……
प्रश्न 42. प्रतिरोध को समानांतरबद्ध जोड़ने पर कुल प्रतिरोध किस सूत्र द्वारा प्रकट किया जाता है?
1 1 1 1
उत्तर-= ____ = ____ + ____ + ____ + …….
R R1 R2 R3
प्रश्न 43. वोल्टमापी विद्युत्धारा के कौन-से प्रभाव पर कार्य करता है?
उत्तर-चुंबकीय प्रभाव पर।
प्रश्न 44. बादलों के मध्य कितना विभवांतर होता है?
उत्तर-100 करोड़ वोल्ट।
प्रश्न 45. किसी चालक तार के प्रतिरोध की गणना कौन-से सूत्र द्वारा की जाती है?
l
उत्तर- ∠R = K ____
a
प्रश्न 46. सरकारी भवनों या मकानों पर रंगीन लड़ीदार बल्बों को किस प्रकार लगाकर रोशनी की जाती है?
उत्तर-रंगीन बल्बों को श्रेणीबद्ध और विभिन्न लड़ियों को समानांतरबद्ध जोड़ा जाता है।
प्रश्न 47. निम्नलिखित विद्युत उद्गमों के विभवांतर का मान लिखिए–
(i) शुष्क सैल (ii) घरेलू विद्युत (iii) बादलों के मध्य।
उत्तर-(i) 1.5 वोल्ट (ii) 220 वोल्ट (iii) 100 करोड वोल्ट।
प्रश्न 48. ओह्म के नियम से हमें किन-किन राशियों का ज्ञान होता है?
उत्तर-(i) परिपथ की धारा (ii) विभवांतर (iii) प्रतिरोध।
प्रश्न 49. जोड़ने वाली तारों पर रबड़ अथवा कपड़े का आवरण क्यों होता है?
अथवा
विद्युत तारों को रोधी क्यों बनाया जाता है?
उत्तर-अल्प-परिपथ (Short circuit) होने का भय न रहे।
प्रश्न 50. विद्युत्धारा को कम या अधिक करने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-धारा नियंत्रक।
प्रश्न 51. धन विभव की वस्तु को पृथ्वी से जोड़ने पर इलेक्ट्रॉन किस दिशा में प्रवाहित होंगे?
उत्तर-पृथ्वी से वस्तु की ओर।
प्रश्न 52. विद्युत प्रतिरोध का क्या अर्थ है?
उत्तर-विद्युत प्रतिरोध-चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।
प्रश्न 53. विभवांतर का सूत्र लिखिए।
चालक में व्यय ऊर्जा
उत्तर-विभवांतर = ____________________________
प्रवाहित आवेश
प्रश्न 54. तांबे तथा नाइक्रोम में से किसका प्रतिरोध अधिक होता है?
उत्तर-नाइक्रोम का प्रतिरोध अधिक होता है।
प्रश्न 55. प्रतिरोध का मात्रक क्या है? (H.P. 2011, Set-B, 2013 Set-A, B)
उत्तर- ओह्म Ω।
प्रश्न 56. तीन ऐसे चालकों के नाम लिखो जिसका प्रतिरोध कम हो?
उत्तर-(i) चांदी (ii) तांबा (iii) पीतल।
प्रश्न 57. तीन ऐसे चालकों के नाम लिखो जिसका प्रतिरोध अधिक हो?
उत्तर-(i) यूरेका (ii) कांसटेंटस (iii) नाइक्रोम।
प्रश्न 58. ओह्म (Ohm) के नियम की खोज सबसे पहले किसने और कब की थी?
उत्तर- ओह्म के नियम की खोज सबसे पहले ओम नामक वैज्ञानिक ने 1827 में की थी।
प्रश्न 59. विद्युत धारा किस यंत्र में नियंत्रित की जाती है?
उत्तर-ट्रांसफार्मर में।
प्रश्न 60. ओह्म के नियम का सूत्र लिखो।
V
उत्तर-– = ____ = R
I
प्रश्न 61. विद्युत शक्ति का मात्रक क्या है? (H.P. 2011 Set-A, 2014, Set-B)
उत्तर-वाट।
प्रश्न 62. तार पर रबड़ न चढ़ाने की क्या हानियाँ हैं?
उत्तर-ऊर्जा का अपव्यय तथा झटका लगने का भय।
प्रश्न 63. विद्युत उपकरणों को समांतर क्रम में जोड़ने से क्या लाभ होता है?
उत्तर-समान्तर क्रम में उपकरणों को जोड़ने से किसी भी उपकरण को स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।
प्रश्न 64. औद्योगिक और घरेलू कार्यों में प्रयुक्त विद्युत उपकरणों को प्रायः किस क्रम से जोड़ा जाता है? उत्तर-समांतर क्रम से।
प्रश्न 65. प्रतिरोधों का कोई उपयोग लिखिए।
उत्तर-धारा नियंत्रक में इसका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 66. प्रतिरोध के बढ़ने से विद्युत धारा पर क्या प्रभाव पडता है?
उत्तर-विद्युत धारा का मान कम हो जाता है।
प्रश्न 67. प्रतिरोध के घटने से विद्युत धारा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-विद्युत धारा का मान अधिक हो जाता है।
प्रश्न 68. ताप का दिए गए चालक के प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-यदि चालक का पदार्थ, लंबाई तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल वही रहे तब तापमान बढ़ने पर दिए गए चालक का प्रतिरोध भी बढ़ जाता है।
प्रश्न 69. विद्युत ऊर्जा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा के लिए सूत्र लिखो।
उत्तर-विद्युत ऊर्जा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा = आवेश x विभवांतर।
प्रश्न 70. विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर-किसी विद्युत परिपथ में दिए गए समय में विद्युत धारा द्वारा किए गए कार्य को विद्युत ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 71. किसी चालक में जिस दर से ऊर्जा खर्च होती है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर-चालक की विद्युत शक्ति।
प्रश्न 72. टॉर्चों तथा ट्रांजिस्टरों में कौन-से सैलों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-शुष्क सैलों का।
प्रश्न 73. विद्युत लैंप का फिलामेंट इतना अधिक तापक्रम होने के बावजूद भी क्यों नहीं जलता?
उत्तर-आर्गन तथा हीलियम जैसी निष्क्रिय गैसों के भर जाने के कारण।
प्रश्न 74. फ्यूज़ किस मिश्रधातु का बना होता है? इसकी क्या विशेषता होनी चाहिए?
उत्तर-फ्यूज़ सीसा और टिन से बनी मिश्र धातु का होता है। इसका गलनांक कम होना चाहिए।
प्रश्न 75. घरों में विद्युत दुर्घटना विद्युत परिपथ में किस कारण से होती है?
उत्तर-शार्ट सर्किट के कारण।
प्रश्न 76. विद्युत परिपथ को ठीक करने के लिए किस चीज़ से बने हुए दस्ताने पहनने चाहिए?
उत्तर-रबड़ के बने दस्ताने।
प्रश्न 77. वोल्टता के घटने-बढ़ने को क्या कहते हैं?
उत्तर-उच्चावचन।
प्रश्न 78. शॉर्ट सर्किट क्या होता है?
उत्तर-मुख्य तारों का सीधा संपर्क।
प्रश्न 79. जब फ्यूज उड़ जाता है तो क्या होता है?
उत्तर-परिपथ भंग हो जाता है।
प्रश्न 80. विद्युत को दूर स्थानों पर संचरण करते समय क्या ढंग अपनाया जाता है?
उत्तर-विद्युत धारा की वोल्टता बढ़ा दी जानी चाहिए।
प्रश्न 81. विद्युत धारा किस यंत्र द्वारा पैदा की जाती है?
उत्तर-जैनरेटर के द्वारा।
प्रश्न 82. शरीर के कोई भाग का मुख्य तारों से जुड़े किसी खुले तार को छू जाने पर क्या होता है?
उत्तर-शरीर को झटका लगता है।
प्रश्न 83. जब हमारे शरीर का कोई भाग विद्युत परिपथ के उच्च विभवांतर वाले किसी बिंदु के साथ छू जाता है तो उस घटना को क्या कहते हैं?
उत्तर-विद्युत शॉक।
प्रश्न 84. विद्युत शक्ति की व्यावहारिक इकाइयों के नाम बताओ।
अथवा
विद्युत शक्ति के मात्रकों के नाम बताओ।
उत्तर-वाट, किलोवाट तथा मैगावाट।
प्रश्न 85. हम कभी-कभी देखते हैं कि अचानक बल्ब सामान्य से कम अथवा तीव्र प्रकाश दे रहा है। इसका क्या कारण है?
उत्तर-वोल्टता का कम तथा अधिक होना।
प्रश्न 86. गतिशील पानी की ऊर्जा से बनाई जाने वाली विद्युत धारा को क्या कहते हैं?
उत्तर-प्रत्यावर्ती विद्युत धारा।
प्रश्न 87. विभवांतर किसे कहते हैं?
चालक में व्यय ऊर्जा (W)
उत्तर-विभवांतर (V) = ___________________________________
प्रवाहित आवेश (Q)
प्रश्न 88. विद्युत ऊर्जा से चलने वाले रेडियो की शक्ति कितनी होती है?
उत्तर-60W.
प्रश्न 89. इकाई समूह में किए गए कार्य को क्या कहते हैं?
उत्तर-शक्ति।
प्रश्न 90. एक किलोवाट कितने वाट के बराबर होता है?
उत्तर-1000 वाट।
प्रश्न 91. रेफ्रिजरेटर की शक्ति कितनी होती है?
उत्तर-300 W.
प्रश्न 92. विद्युत हीटर की शक्ति कितनी होती है?
उत्तर-1000 W.
प्रश्न 93. एक मेगावाट में कितने वाट तथा किलोवाट होते हैं?
उत्तर-10,00,000 (दस लाख) वाट तथा 1000 किलोवाट।
प्रश्न 94. विद्युत ऊर्जा को किस यंत्र द्वारा मापते हैं?
उत्तर-विद्युत् मीटर द्वारा।
प्रश्न 95. ऊर्जा उपकरणों का क्या उपयोग है?
उत्तर-ऊर्जा के एक रूप को दूसरे रूप में बदलना।
प्रश्न 96. किलोवाट प्रति घंटा इकाई को साधारण भाषा में क्या कहते हैं?
उत्तर-यूनिट।
प्रश्न 97. विद्युत धारा कितने प्रकार की होती है?
उत्तर-दो प्रकार की-(1) ए० सी० (2) डी० सी० (दिष्ट धारा)
प्रश्न 98. मोटर की बैटरी में कौन-सी धारा होती है?
उत्तर-डी० सी० धारा।
प्रश्न 99. दिष्ट धारा के मुख्य दो स्रोत क्या हैं?
उत्तर-शुष्क सैल, बैटरी आदि।
प्रश्न 100. प्रत्यावर्ती धारा का मुख्य स्रोत कौन-से हैं? (H.P. 2013 Set-C)
उत्तर-थर्मल पॉवर प्लांट, जलीय पॉवर प्लांट, नाभिकीय ऊर्जा से यंत्रों के जनित्र।
प्रश्न 101. विद्युत धारा का मान किस सूत्र से प्रकट किया जाता है?
प्रवाहित आवेश (Q)
उत्तर-सूत्र-विद्युत् धारा (I) = _______________________
समय
प्रश्न 102. एक किलोवाट घंटा कितने जूल विद्युत ऊर्जा के बराबर होता है?
उत्तर-36 लाख जूल।
प्रश्न 103. विद्युत ऊर्जा के मात्रक कौन-कौन से हैं? (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-वाट सेकिंड, वाट घंटा, किलोवाट घंटा।
प्रश्न 104. ऐसे पाँच उपकरणों के नाम लिखें जो विद्युत ऊर्जा से चलते हैं?
उत्तर-(1) बिजली के पंखे (2) रेडियो (3) टेलीविज़न (4) विद्युत-गाड़ी (Electric train) (5) विद्युत क्रेन।
प्रश्न 105. ऐसा उदाहरण दें जिनमें विद्युत ऊर्जा–
(i) प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित की जाती है।
(ii) ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित की जाती है।
(ii) ताप ऊर्जा में परिवर्तित की जाती है।
(iv) यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित की जाती है।
उत्तर-(i) विद्युत बल्ब (ii) रिसीवर (iii) हीटर (iv) विद्युत मोटर (पंखा)।
प्रश्न 106. विद्युत मीटर में लगी डिस्क में चक्रों की संख्या किन पर निर्भर करती है?
उत्तर-खर्च हुई शक्ति पर।
प्रश्न 107. सामान्यतः घर में प्रयोग की जाने वाली विद्युत प्रेस की शक्ति कितनी होती है?
उत्तर-500 W.
प्रश्न 108. विद्युत शॉक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-जब हमारे शरीर का कोई अंग बिजली की नंगी तार से छू जाता है, तो हमारे शरीर और पृथ्वी के बीच विभवांतर पैदा हो जाता है, जिससे हमें एक धक्का लगता है। इसे विद्युत शॉक कहते हैं।
प्रश्न 109. विद्युत शक्ति किसे कहते हैं? इसका सूत्र क्या है?
उत्तर-किसी चालक में जिस दर से विद्युत ऊर्जा खर्च होती है उसे चालक की विद्युत शक्ति कहते हैं।
कार्य (W)
सूत्र-विद्युत् शक्ति (P) = ______________
समय (t)
प्रश्न 110. विद्युत विभव का मात्रक क्या है? (H.P. 2010 Set-II, 2013 Set-A)
उत्तर-वोल्ट।
प्रश्न 111. प्रतिरोध का मात्रक क्या है? इसकी इकाई क्या है? (H.P. 2011 Set-B, 2013, Set-A, B)
उत्तर-चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। इसकी इकाई ओह्म (Ω) है।
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तरी
(Multiple Choice Questions)
- काँच की छड़ को रेश्मी कपड़े से रगड़ने पर क्या उत्पन्न होता है?
(A) ऋणात्मक आवेश (B) विभवांतर
(C) विभव (D) दिष्ट धारा।
- विभव की इकाई क्या है?
(A) एंपीयर (B) वोल्ट
(C) मीटर (D) ओह्म
- वोल्टेक सैल को किसने बनाया था?
(A) ए० वोल्टा (B) बी० बोल्टा
(C) सी० वोल्टा (D) डी० वोल्टा।
- प्रतिरोध का मात्रक क्या है?
(A) वोल्ट मीटर (B) वोल्ट
(C) ओह्म (D) मीटर।
- यदि R1, R2, एवं R3 तीन प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ा जाए तो कुल प्रतिरोध होगा।
- एक इलैक्ट्रॉन पर कितना आवेश होता है?
(A) 2.6 x 10-19 (B) 3.6 x 106
(C) 1.6 x 1019 (D) 1.6 x 10-19C.
- विद्युत्धारा क्या उत्पन्न करती है?
(A) बिजली (B) ठंडक
(C) ताप (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- टंगस्टन का गलनांक क्या है?
(A) 1380°C (B) 1380°F
(C) 3380°F (D) 3380°C.
- कार्य करने की दर को क्या कहते हैं?
(A) विभवांतर (B) विभव
(C) ताप (D) शक्ति।
- बल्ब में गैस भरने से उसके तंतु की आयु पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(A) घट जाती है (B) समान रहती है
(C) वृद्धि होती है (D) उपरोक्त सभी।
- फ्यूज को युक्ति के साथ कौन-से क्रम में जोड़ा जाता है?
(A) समांतर (B) श्रेणी
(C) दोनों में जोड़ा जा सकता है (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- किसी धात्विक वस्तु पर विद्यत के द्वारा दूसरी धातु की तह जमाने की विधि को क्या कहते हैं?
(A) विद्युत् परिपथ (B) जनित्र
(C) ट्रांसफार्मर (D) विद्युत लेपन।
- किसी विद्युतधारा के सतत तथा बंद पथ को कहते हैं-
(A) विद्युत परिपथ (B) विद्युत मार्ग
(C) विद्युत राह (D) विद्युत गमन।
- एकांक समय में किसी विशेष क्षेत्र में प्रवाहित आवेश के परिमाण द्वारा किसे व्यक्त किया जाता है?
(A) विद्युत भार (B) विद्युत पथ
(C) विद्युत गमन (D) विद्युत धारा।
- विद्युत आवेश का SI मात्रक है–
(A) वाट (B) किलोवाट
(C) कूलॉम (D) एम्पियर।
- विद्युत धारा को किस मात्रक के द्वारा व्यक्त किया जाता है?
(A) कूलॉम (B) एम्पियर
(C) वाट (D) किलोवाट।
- परिपथों की विद्युत धारा को किससे मापा जाता है?
(A) ऐमीटर (B) वोल्टमीटर
(C) गैल्वेनोमीटर (D) विद्युत मीटर।
- एक माइक्रो ऐम्पियर (IμA) को व्यक्त करते हैं–
(A) 10-3A (B) 10-6A
(C) 10-9A (D) 10-10A.
- ऐमीटर को परिपथ में सदा कैसे संयोजित किया जाता है?
(A) श्रेणी क्रम (B) पार्श्व क्रम
(C) इन दोनों में (D) इनमें से कोई नहीं।
- दो बिंदुओं के बीच विभवांतर कैसे प्रकट किया जाता है?
- विभवांतर को किस यंत्र से मापा जाता है?
(A) ऐमीटर (B) वोल्टमीटर
(C) गैलवेनोमीटर (D) विद्युत मीटर।
- 12V विभवांतर के दो बिंदुओं के बीच 2C आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है?
- ओह्म के नियम के अनुसार–
- प्रतिरोधकता का SI मात्रक क्या है?
(A) वोल्ट (B) Ω M
(C) ऐम्पियर (D) ओह्म।
- धातुओं और मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता होती है–
(A) 10-8 Ω M से 20-6 Ω M (B) 10-8 Ω M से 10-6 Ω OM
(C) 10-8 Ω M से 10-18 Ω M (D) 10-8 ΩM से 10-16 ΩM.
- मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता उसकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा होती है–
(A) कम (B) अधिक
(C) समान (D) कभी कम, कभी अधिक।
- टंगस्टन का गलनांक है–
(A) 3300°C (B) 3360°C
(C) 3380°C (D) 3390°C.
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो–
(i) ………. शक्ति का छोटा मात्रक है।
(ii) बल्ब में अक्रिय ………… तथा …………. गैस भरी जाती है।
(iii) पृथ्वी का विभव ………… माना जाता है।
(iv) यदि तार की लंबाई बढा दी जाए तो प्रतिरोध…………. जाएगा।
(v) संयोजक तारें …………… की बनाई जाती हैं।
(vi) ………….. एक ऐसा उपकरण है जिसके द्वारा विभवांतर को मापा जाता है।
(vii) विद्युत अपघटन के नियम ……………. ने दिए।
(viii) टंगस्टन का प्रतिरोध …………. ओह्म होता है।
(ix) शुष्क सैल का विभवांतर …………… वोल्ट होता है।
- निम्नलिखित में से सही जोड़े बनाइए–
(i) विभवांतर (i) टंग्स्ट
(ii) एक किलोवाट घंटा (ii) –269°C
(ii) बल्ब (iii) 1.5V
(iv) निक्रोम (iv) P x t
(v) 4.2k (v) 1000 W
(vi) विद्युत धारा (vi) वोल्टमापी
(vii) शुष्क सैल (vii) पोर्सेलीन
(viii) विद्युत ऊर्जा (viii) Ni, Cr, Mn a Fe
(ix) फ्यूज़ तार (ix) जैनरेटर
(x) 1kw (x) 36 लाख जूल।
- निम्नलिखित में से सही तथा ग़लत छाँटिए–
(i) किसी चालक में ऊष्मा उत्पन्न होना विद्युत्धारा का अवश्यंभावी परिणाम है।
(ii) विद्युत शक्ति की व्यापारिक इकाई वाट है।
(iii) विभवांतर को वोल्टमीटर में मापा जाता है।
(iv) जब तारों में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो स्रोत से मुक्त इलैक्ट्रॉन इनमें प्रवाहित होते हैं।
(v) प्रत्यावर्ती धारा वह धारा है जिसकी दिशा हमेशा एक सी रहती है।
(vi) आवेश को बनाया तो नहीं जा सकता परंतु उसे नष्ट करना संभव है।
(vii) 6V बैटरी से गुजरने वाले हर कूलाम आवेश को 3 जूल ऊर्जा दी जाती है।
(viii) विद्युत हीटर की डोरी कॉपर के मोटे तार से बनी होती है।
उत्तर–
- (A) ऋणात्मक आवेश 2. (B) वोल्ट 3. (A) ए० वोल्टा 4. (C) ओह्म
1 1 1 1
- __ = ____ + ______ + ______
R R1 R2 R3
- (D) 1.6 x 10-19C. 7. (C) ताप 8. (D) 3380°C
- (D) शक्ति 10. (C) वृद्धि होती है 11. (B) श्रेणी तथा ऑरगन
- (D) विद्युत लेपन 13. (A) विद्युत परिपथ 14. (D) विद्युत धारा
- (C) कूलॉम 16. (B) एम्पियर 17. (A) ऐमीटर
- (B) 10-6A 19. (A) श्रेणी क्रम
W
- (A) V=______
Q
- (B) वोल्टमीटर 22. (C) 24 J
V
- (A) I =______
R
- (B) ΩM 25. (B) 10-8Ω से 10-6Ω 26. (B) अधिक
- (C) 3380°C
- (i) वॉट (ii) नाइट्रोजन तथा ऑरगन (i) शून्य (iv) बढ़ (v) तांबे (vi) वोल्टमीटर (vii) फैराडे
(viii) 5.20 x 10-8 (ix) 1.5 29.(i)-(vi), (ii)-(x), (iii)-(i), (iv)-(viii), (v)-(ii), (vi)-(ix), (vii)-(iii), (viii)-(iv), (ix)-(vii) (x)-(v) 30. (i) ü (ii) x (iii) ü (iv) ü (v)x (vi)x (vii) x (viii) ü.